Tag Archives: अगले सोमवार को पुन:यह क्रिया दोहराएँ तथा सूखे पत्तों को मंदिर तथा बहते जल मे

बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र

बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र

बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र की साधना-सिद्धि को विशेषकर जादू-टोने वाला प्रयोग माना जाता है। अत्याधुनिक रहन-सहन, जीवनशैली और ज्ञान-विज्ञान के तकनीकि विकास के दौर में भी इसके प्रति मान्यता और विश्वास में कोई कमी नहीं आई है। इसके जरिए तमाम तरह की घरेलू समस्याओं से लेकर व्यक्तिग समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। जैसे विवाह की समस्या हो, प्रेम-संबंध में रूकावटें पैदा हो जाए, या फिर सेहत संबंधी परेशानी आ जाए या आर्थिक तंगी पीछा नहीं छोड़ रही हो। इनसे छुटकारा पाने के वैदिक, धार्मिक अनुष्ठानों के अतिरिक्त तंत्र-मंत्र के प्रयोग भी फलदायी साबित होते हैं।

बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र
बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र

विचलित मन, भटकाता हुआ दिल-दिमाग और किसी की शत्रुता से अनावश्यक आ जाने वली परेशानियों को तंत्रिक साधना मुक्ति दिलवाता है। तांत्रिक साधना कोई कपोल-कल्पित प्रयोग नहीं होता, बल्कि यह मनुष्य के भीतर व्याप्त ब्रह्मांडीय ऊर्जा के स्रोत को रचनात्मक दृष्टिकोण प्रदान करने का एक तकनीकी उपाय करने वाला अचूक जरिया है। एक नजर डालते हैं कुछ विशिष्ट प्रयोगों के बारे में, जिन्हें स्वयं या तांत्रिक की मदद से पूर्ण किया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में तांत्रिक साधना का बहुत प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में तारापीठ है, जहां सिद्धि और साधानाओं के लिए संतों, संन्यासियों का जमावड़ा लगा रहता है। इस पीठ के मंदिर में तारा मां की पत्थर की बनी मूर्ति स्थापित है। मंदिर से कुछ दूरी पर मीलों तक फैला हुआ महाश्मशान है।

पत्नी या प्रेमिका का वशीकरण

रूठी हुई पत्नी या प्रेमिका को बंगाली तंत्र-मंत्र के वशीकरण प्रयोग से मनाया जा सकता है। इसी तरह कोई पुरुष अगर चाहे तो  मतभेद या कलह की शिकार हो चुकी पत्नी या प्रेमिका को कसी भी माह के कृष्ण पक्ष की पहली तिथि से तांत्रिक प्रयोग शुरू कर अपनी ओर वशीभूत कर सकता है। इसका मंत्र इस प्रकार बताया गया हैः-

काली चिड़िया चिंग चिंग बोले,

काली बनकर जाए।

अमुक को वश में करवाए,

ना करवाई तो यति हनुमंत की आन!!

इस मंत्र जाप से साधना करने वाले पुरुष को चाहिए कि वे इसके लिए एकांत कमरे में उत्तर या पूर्व की ओर मुंहकर आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने एक दीपक या अगरबत्ती को जला लें। उसके बाद  मंत्र का पाठ 108 बार करे। इस प्रक्रिया को सप्तमी तिथि तक दुहराएं तथा अमुक शब्द के स्थान पर अपनी पत्नी या प्रेमिका का नाम उच्चारित करें।

अगले दिन यानि अष्टमी को हवन-सामग्री से उसी मंत्र द्वारा 108 बार हवन करें। इस तरह से पूर्ण हुई साधना के बाद अवसर देखते हुए खाने की किसी वस्तु पर मंत्र को सात बार पढ़ने और फूंक मारने के बाद प्रेमिका या पत्नी को खिला दें। इसका तत्काल असर होगा। परंतु ध्यान रहे कि यह प्रयोग केवल मनचाही स्त्री सम्मोहन के लिए है, न कि पुरुष के लिए। वैसे इसके प्रयोग से प्रेम-विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है।

बंगाल का बगलामुखी तंत्र-साधना

तांत्रिक साधनाओं में बंगाल के बगलामुखी तंत्र साधना से वशीकरण, मारण, उच्चाटन आदि जैसी क्रियाएं संपन्न की जा सकती हैं। इसका प्रयोग सामन्यतः दुश्मन को हानि पहुंचाने के लिए किया जाता है। इस साधना से यदि हारी हुई बाजी जीती जा सकती है, तो मुकदमे में सफलता भी हासिल किया जा सकता है। इसमें जरा भी संदेह नहीं कि इससे बहारी या परिवार का ही किसी सदस्य की शत्रुता से छुटकारा पाना संभव हो सकता है। इस साधना को काफी सतर्कता से किया जाता है। जैसे ब्रह्मचर्य का पालन, स्त्री स्पर्श और इस बारे में किसी तरह की चर्चा की मनाही मुख्य है।

पीले वस्त्र में पीले आसन पर उत्तर दिश की ओर मुंह कर बैठ की जाने वाली साधना के समय अपने गुरु का ध्यान करना आवश्यक है। मंत्र का जाप शुक्ल पक्ष में करना चाहिए। वैसे इसके लिए नवरात्रि सबसे उपयुक्त माना गया है। रात में दस से प्रातः 4 बजे तक किए जाने वाले 36 अक्षर के प्रभावशाली मंत्र जाप से पहले विनियोग, आवाहन् और ध्यान के मंत्र उच्चारित किए जाते हैं। उसके बाद ही बगलामुखी मंत्र का विधि-विधान के साथ एक लाख बार जाप किया जाता है। अत्यधिक सिद्धि क लिए पांच लाख बार जाप भी किया जा सकता है।  मंत्र हैः-

ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानांवाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलयबुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा!!

धनागमन आमंत्रण मंत्र

धन के अधिपति अर्थात राजा कुबेर हैं। ऐसी मान्यता सदियों से चली आ रही है कि पृथ्वी की संपूर्ण धन-संपदा के एकमात्र स्वामी कुबेर ही हैं। वे भगवान शिव के परम प्रिय भक्त रहे हैं। कुबेर की साधना कर धनागमन को आमंत्रित किया जाता है। उन्हें प्रसन्न करने का जो विधान बताया गया है, जो दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा से संभव हो पाता है। इस दिन कुबेर के मंत्र ‘‘ऊँ श्रींऊँ ह्रीं श्रींऊँ ह्रीं क्लीं वित्तेश्वरायः नमः’’ का 1008 बार पाठ किया जाता है। इसी दिन पश्चिम बंगाल और असम में बंगाली समाज के लोग मां काली की भी पूजा करते हैं। उनके द्वारा काली की पूजा विधिवत तांत्रिक अनुष्ठान के द्वारा की जाती है। उनका विशेष मंत्र इस प्रकार हैः-

ऊँ क्रिं क्रिं दक्षिणकालीकायेय नमः

बंगाली टोने-टोटके: मन में असुरक्षा की भावना को दूर करने में सहायक होते हैं टोटके। इनमें कुछ सामान्य प्रयोग वाले होते हैं, जबकि कुछ के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया जाता है। बंगाली टोने-टोटके में भी भी ऐसा कुछ किया जाता है, जिसका सकरात्मक प्रभाव व्यक्ति को समस्याओं से मुक्ति दिलवाता है।   कुछ टोटके इस प्रकार प्रयोग में लाए जाते हैंः-

  • टोने-टोटके को शनिवार, रविवार या मंगलवार को किए जाते हैं, लेकिन दीपावली, होली और ग्रहण के मौके पर करने के अच्छे परिणाम आते हैं। दीपावली के दिन पीपल के पांच पत्तों को ताड़ लाएं और उसे रात में मता महालक्ष्मी का पूजन के बाद पत्तों पर दूध से बना मीठा व्यंजन या पनीर को पीपल के पेड़ को अर्पित कर देने से मनोकामना पूर्ण होती है।
  • दीपावली के दिन अपने पूर्वजों को याद कर उनका दिन में तर्पण करने के बाद किसी भूखे गरीब व्यक्ति को भोजन करवाने से अटके हुए कार्य पूरे हो जाएंगे।
  • वर-वधू के बीच आपसी मतभेद को दूर करने और सुखी जीवन के लिए साबुत काले उड़द में हरी मेहंदी मिलाकर उनकी दिशा में स्थित घर की ओर फेंक दें।
  • श्री महालक्ष्मी के चित्र या मूर्ति के सामने नौ बत्तियों के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। ऐसा करते ही धनलाभ होगा।
  • शुभ कार्य में आने वाली बाधा आने या देरी होने की स्थिति में रविवार को भैरों जी के मंदिर में सिंदूर का चोला चढ़ाकर बटुक भैरव का स्तोत्र का पाठ करें। उसके बाद गायों, काऔं और काले कुत्तों को उनका आहार खिलाएं।
  • किसी की नजर उतारने के लिए यह टोटका अपनाएं। आधपकी रोटी पर तेल या घी लगाकर उसपर तीन सूखी मिर्च और एक चुटकी नमक डाल दें। उसे नजर लगे व्यक्ति के ऊपर से सातबार उतारें और किसी चैराहे पर रख दें।

चावल के एक दाने से वशीकरण तांत्रिक उपाय

चावल के एक दाने से वशीकरण तांत्रिक उपाय

हिंदू धर्म में चावल का बहुत महत्व है चावल का इस्तेमाल घर में पूजा यज्ञ आदि अनुष्ठानों में किया जाता है चावल को अक्षत भी कहा जाता है चावल के माध्यम से सफल वशीकरण होता है इसके द्वारा किया गया वशीकरण अत्यंत प्रभावशाली होता है तथा इसका प्रयोग सभी प्रकार की ऐच्छिक तथा अनैच्छिक कार्यो को किया जाता है। प्राचीन काल से ही चावल का इस्तेमाल धार्मिक कर्मकांडों में होता आ रहा है तथा सभी प्रकार की पूजा  में चावल का इस्तेमाल होता आया है तथा भारत में चावल की कई किसमे पाई जाती हैं चावल का उपयोग भोजन के रूप के साथ-साथ कई प्रकार की तांत्रिक तथा वशीकरण सम्मोहन आदि विधियों में भी किया जाता है इसके द्वारा किया गया तांत्रिक अनुष्ठान पूर्णता सिद्ध होता है।

चावल के एक दाने से वशीकरण तांत्रिक उपाय
चावल के एक दाने से वशीकरण तांत्रिक उपाय

 वशीकरण विधि

चावल से एक तीव्र वशीकरण होता है चावल के द्वारा किया गया वशीकरण  सिद्ध होता है और मनवांछित फल प्रदान करता है चावल से वशीकरण करने के लिए सबसे पहले आपको सुबह स्नान कर स्वच्छ होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर आसन लगा कर बैठ जाना होगा तथा इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि आप अपना आसन किसी एकांत स्थान पर लगाएं जहां पर आपको यह क्रिया करते समय कोई देख ना पाए तत्पश्चात आपको एक कोरे कागज का टुकड़ा लेकर उसमें उस व्यक्ति का नाम लिखना है जिसको आप अपने वश में करना चाहते हैं तथा बाद में शमशान की राख उस कागज में डाल देनी है उसके बाद चावल को अपने दाहिने हाथ में पकड़कर १०८ बार मंत्र जाप करना होगा उसके पश्चात मंत्र पढ़कर दाहिने हाथ में फूंक मारे  और चावल को कागज के ऊपर रख दे  चावल और शमशान की राख को कागज में लपेट देना होगा एवं उसके बाद कागज को गुलाब जल की बोतल में डाल कर किसी अनजान जगह पर किसी पीपल के पेड़ के नीचे गाड़ देना होगा ऐसा करने से इच्छुक व्यक्ति आपके वश में हो जाएगा तथा आपके समस्त इच्छाओं का पालन करेगा यह वशीकरण प्रयोग तीव्र वशीकरण करता है इसके द्वारा किया गया प्रयोग कभी असफल नहीं होता है।

वशीकरण मंत्र

ॐ हीँ  कात्यायन्य स्वाह:

ह्ण श्री  कात्यायन्य स्वाहा

सावधानियां

वशीकरण प्रयोग किसी को नुकसान पहुंचाने तथा द्वेष की भावना को मन में लेकर नहीं करना चाहिए ऐसा करने से प्रयोग   सफल नहीं होता  तथा आपको उचित फल नहीं देता वशीकरण प्रयोग किसी एकांत स्थान पर ही करना चाहिए एवं मंत्रों का स्पष्ट उच्चारण करना चाहिए।

चावल के एक दाने से वशीकरण

चावल के मात्र एक दाने से सफल वशीकरण होता है इसके लिए इसके लिए आपको सर्वप्रथम एक सफेद कागज लेकर उसमें उस व्यक्ति का नाम लिखना है तथा उसकी उम्र एवं उसके माता-पिता का नाम लिखना होगा तथा चावल के दाने को बाए हाथ में लेकर २१ बार मंत्र का जाप करना होगा एवं एक दीपक अपने समक्ष जलाना होगा बाद में उस दीपक के ऊपर से ५ फेरे लेने होंगे और मां कामाख्या देवी का नाम लेते हुए दीपक के ऊपर से कागज घुमाना होगा दीपक के ऊपर से  घुमाने  के बाद चावल के दाने पर सिंदूर लगाएं और फिर से दीपक के ऊपर से ५ बार घुमाएं फिर कागज को अपने पास रख ले और उससे चावल उठा कर  उसमे श्मशान की राख लगाएं  आप किसी शमशान राख प्राप्त कर सकते है  इसके बाद कागज को गंगाजल की शीशी में डालना होगा ध्यान रहे यह टोटका आप को रात्रि १२ बजे के पश्चात ही करना होगा शीशी को किसी श्मशान घाट में लेकर किसी पेड़ के नीचे दबाना होगा आप पाएंगे कि जिस व्यक्ति के लिए आपने यह वशीकरण उपाय किया है वह आपकी तरफ खिंचा चला आएगा तथा आपकी समस्त इच्छाओं को पूर्ण करने लगेगा ध्यान रहे इस क्रिया को  ईर्ष्यावश तथा द्वेष की भावना से नहीं करना चाहिए ऐसा करने से यह सिद्ध नहीं होती अपितु आपको इसके दुष्परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।

मंत्र

ॐ हुं ॐ हुं ही

ॐ हो ही हा नमः

चावल के अचूक टोटके

:-  यदि प्रति सोमवार के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर किसी शिवलिंग पर आधा किलो चावल या १ किलो चावल का ढेर लगा कर उसका आसन बना कर बैठ जाए और भगवान शिव की पूजा करें तथा पूजन संपन्न होने के बाद शिवलिंग पर एक मुट्ठी चावल अर्पित करें तथा बचे हुए चावल को मंदिर में दान करें या जरूरतमंद व्यक्ति को दे दें ऐसा ५ सोमवार करें आपकी धन से संबंधित सभी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी तथा धन की वर्षा होने लगेगी

:- यदि आपके घर में किसी तरह की समस्या है यह वास्तुदोष है जिसको दूर करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त के दिन या किसी पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्वच्छ होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर तथा लाल कपड़े का आसन लगाकर बैठ जाए और   खंडित दाने चावल के  ले  चावल को पीले रंग के होने चाहिए चावल को पीला रंगने हेतु हल्दी का प्रयोग करें तथा उनको लाल कपड़े में बांध लें और माता लक्ष्मी की विधि पूर्वक चौकी बनाए उस पर लाल कपड़ा बांधे और वह उस चावल को रख दें इसके बाद निर्माण नियमपूर्वक महालक्ष्मी का पूजन करें पूजन के बाद लाल कपड़े में बधे चावल अपने पर्स में रख ले या तिजोरी पर रख ले ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है तथा धन से संबंधित सभी समस्या समाप्त हो जाती हैं और आपका रुका हुआ धन शीघ्र वापस आने का योग बनता है,।

:- यदि आप चावल का सेवन करते हैं तो आपको यह जानना अति आवश्यक है की  आप चावल का किस तरह प्रयोग करें कि आपके घर में धन वर्षा हो चावल को भोजन के रूप में प्रयोग कभी भी सूर्य अस्त के बाद ना करें तथा रात में भोजन में दही जैसी चीज नहीं खानी चाहिए ऐसा कहते हैं कि ऐसे करने से लक्ष्मी जी का अपमान होता है  और  धन की कमी सताने लगती है एवं चावल को भोजन की थाली में बाई ओर रखना चाहिए चावल को थाली में कभी झूठा नहीं छोड़ना चाहिए ऐसा करने से धन की हानि होती है तथा अन्नपूर्णा का  अपमान होता है ।