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सियार सिंगी से अचूक वशीकरण

Siyar Singhi Vashikaran- किसी लड़की को वश में करना है या लड़के को वश में करना है। कभी बॉस को तो कभी किसी रिश्तेदार को जो गलत फायदा उठा रहा है या उठा चूका है। अतः यहाँ एक वशीकरण प्रयोग दे रहा हूँ जो बेहद कारगर है और विभिन्न रूपों में प्रयोग किया जा सकता है। इसका असर दीर्घकालिक रहता है अतः एक बार यदि सही से किया गया तो बार बार करने की जरुरत नहीं पड़ती। ये अकेला प्रयोग कईयों के बराबर है। सियार सिंगी से अचूक वशीकरण

इसके लिए किसी भी शुभ मुहूर्त , नवरात्री या किसी भी शनिवार को रात्रि 10 बजे के बाद स्वच्छ वस्त्र पहने और लाल या काले ऊनि आसन का प्रयोग करें। एक लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं उसपर माता चामुंडा का एक विग्रह या चित्र स्थापित करें। इसके सामने एक प्लेट में छह कोण वाले दो सितारे बनायें जिनके मध्य में एक बिंदी लगायें और उनपर सियार सिंगी की जोड़ी अर्थात नर व मादा सिंगी रखें।  सामने भूमि पर रोली / कुमकुम से एक छह कोण वाला सितारा बनायें और उसके बीच बिंदी लगायें । उसपर एक लोटा जल भरकर रखें व् लोटे के ऊपर तिल के तेल का दीपक स्थापित करें। दीपक में दो लौंग डाल दें। गुग्गुल या चमेली की धुप जलाएं।

अब माता के विग्रह पर एक पुष्प की सहायता से जल के छीटें दें फिर गोरोचन से तिलक कर तिल और अक्षत छिडकें। फिर चमेली या केवड़ा का इत्र माँ के कानों पर लगायें फिर पुष्प और केसर की बर्फी अर्पित करें।

अब सियार सिंगी के पास अपना और जिसका वाशिकरण करना है उसका चित्र रखें। नर सिंगी के साथ स्त्री का और मादा के साथ पुरुष का चित्र रखें। अब दोनों सिंगी की भी इसी प्रकार पूजा करें गोरोचन की बिंदी लगायें इत्र लगायें और मिठाई अर्पित करें। तत्पश्चात हाथ में दो लौंग और दो इलायची लेकर माता से अपनी मनोकामना कहें कि मैं …….. को अपने वश में करना चाहता/ चाहती हूँ और उसके लिए आपका ये अनुष्ठान कर रहा/ रही हूँ और माता के चरणों में अर्पित करें। फिर दो दो लॉन्ग और इलायची हाथ में लेकर सियार सिंगी से कहें की अब तुम मेरे पास हो और मेरे लिए अमुक व्यक्ति को मेरे वश में करो और दोनों सिंगियों पर लौंग व इलायची चढ़ा दें।

अब सिंगी पर किये गए तिलक से ही फोटो पर भी तिलक करें। यदि पुरुष को करना हो तो मादा सिंगी से लेकर पुरुष के चित्र पर तिलक करें और स्त्री को करना हो तो पुरीष सिंगी से लेकर स्त्री के चित्र को तिलक करें।

प्रयोग की जाने वाली वाली वस्तुएं जैसे इत्र और गोरोचन माता के चरणों में ही चौकी पर रखें।अब काले हकीक़ या रुद्राक्ष की माला से निम्न मंत्र का 5 माला जप करें। इस प्रकार 21 दिन तक 5 माला रोज पूजन व जप करें।

ॐ नमो भगवते रुद्राणी चमुन्डानी घोराणी सर्व पुरुष क्षोभणी सर्व शत्रु विद्रावणी। ॐ आं क्रौम ह्रीं जों ह्रीं मोहय मोहय क्षोभय क्षोभय …………… मम वशी कुरुं वशी कुरुं क्रीं श्रीं ह्रीं क्रीं स्वाहा।

चढ़ाई गयी मिठाई और फूल , अक्षत, तिल को किसी पार्क या पेड़ की जड़ में चीटियों के बिल के आगे डाल दें । अन्य सभी सामग्री को सुरक्षित रखें।

प्रयोग के बाद जो वस्त्र आपने चौकी पे बिछाया था उसी में दोनों सिंगियाँ फोटो समेत लपेट कर हिफाज़त से रख दें। दोनों फोटो का मुख्य भाग एक दुसरे की ओर मुहँ कर रखें। और सिंगियाँ ऊपर से रख दें।

माता को चढ़ाये गए लौंग इलाची, सिंगी पर चढ़ाये लोंग इलायची, और इत्र गोरोचन ।

जिस लोटे पर दीपक रखा था उसमे से तेल की कुछ मात्रा रिस कर लोटे के जल में चली जाती है और ऊपर तैरती है उसे प्रतिदिन किसी चम्मच की सहायता से एक बड़ी कांच की शीशी में एकत्रित कर लें यदि साथ में पानी की भी कुछ मात्रा आ जाये तो कोई बात नहीं, इसमें मंत्र जप पश्चात प्रतिदिन 3 फूंक मारें। 21 दिन के प्रयोग का तेल एकत्रित करने के बाद तेल की मोटि परत ऊपर तेरने लगेगी उसे ही सावधानी पूर्वक एक छोटी शीशी में निकाल लें और पानी किसी फूलदार पौधे की जड़ में डाल दें।

दीपक में डाली गयी लोंग भी जल कर भस्म बन जाएगी सूखी हो या तेल युक्त एक डिब्बी में एकत्र ले। इस तेल और भस्म को भी रोज एकत्रित करते रहें और अगले दिन जप के समय चौकी पे रखें।

21 दिन का प्रयोग पूर्ण होने के पश्चात वह व्यक्ति स्वयं आपसे संपर्क करेगा , आकर मिलेगा या मिलने बुलाएगा। जब तक वो संपर्क न करे या न मिले तब तक एक माला जप नियमित रूप से करते रहें।

-इस प्रयोग के साथ आपके पास वशीकरण हेतु निम्न चीजें तैयार होंगी-

1. सिंगी पर चढ़ी लौंग इलायची: इसे पीस के चूर्ण बना लें और जब भी उस व्यक्ति से मुलाकात हो चुप चाप मंत्र जपते हुए उस पर छिड़क दें।

2. माता पर चढ़ाये लौंग इलायची: यदि उस व्यक्ति के साथ कुछ खाने पिने का मौका मिले तो साबुत या चूर्ण के रूप में उसमे मिला दें जैसे दल सब्जी खीर चाय कोफ़ी पान आदि।

3. ऊपर सिद्ध किया गया तेल जब भी मौका मिले अभीष्ट व्यक्ति के सर में चुपचाप मंत्र पढ़ते हुए लगा दें।

4. जब भी मिलने का मौका हो इत्र लगा के ही उसके सामने जाएँ और उसे भी किसी बहाने से कान या कपड़ों में लगा दें।

5. इसी प्रकार गोरोचन का हो सके तो तिलक कर दें या उसके कपड़ों गर्दन और सर पर छिड़क दें।

सभी चीजों का प्रयोग एक साथ न करें धीरे धीरे क्रमानुसार करें। इस प्रकार दीर्घकालिक असर बना रहेगा।
कुछ ध्यान रखने योग्य बातें:-

1. प्रयोग की जाने वाली सामग्री जैसे सियार सिंगी, गोरोचन और इत्र असली होने चाहिए।

2. गोरोचन व् इत्र की मात्रा इतनी होनी चाहिए की पूरे 21 दिन चले व् उसके बाद भी प्रयोग हेतु बचा रहे।

3. सामग्रियों का प्रयोग अभीष्ट व्यक्ति पर उचित मात्रा में करें। बेहद कम प्रयोग करने से असर कम होगा और ज्यादा प्रयोग करने से जल्दी ख़त्म हो जाएँगी।

4. ये प्रयोग उन्ही लोगों पर असर करेगा जिन्हें आप और जो आपको भली भांति जानते हों चाहे मित्र हों या शत्रु। अंजान लोगों पे असर नहीं करेगा।

5. ये प्रयोग बहुत जल्दी जल्दी भिन्न भिन्न लोगों पर करने से आपके दिमाग पर उल्टा असर पड़ेगा जिससे आप चेतना खो सकते हैं।

6. ऊपर लिखे क्रम में करना जरुरी नहीं है किसी भी क्रम में इन वस्तुओं का प्रयोग किया जा सकता है।

खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

काली हल्दी के प्रयोगकाली हल्दी के तांत्रिक उपायकाली हल्दी वशीकरण तंत्र- काली हल्दी एक दुर्लभ तांत्रिक प्रयोग की वस्तु है. काली हल्दी के टोटके बहुत ही चमत्कारिक प्रभाव उत्पन्न करते हैं. काली हल्दी अपने आप में ही बहुत ही चमत्कारिक औषधी है. काली हल्दी का मुख्य प्रयोग तांत्रिक उपायों में ही है  तथा इसको घरेलु कार्यों में उपयोग नही किया जाता. इसके तांत्रिक, ज्योतिषिक और आयुर्वेदिक उपाय अपने आप में एक मिसाल हैं. काली हल्दी को माँ काली की पूजा में पूजन सामग्री के रूप में भी उपयोग किया जाता है. इसके प्रयोग से घर में बुरी शक्तियों का प्रवेश संभव नही हो पाता|

खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके
खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

काली हल्दी के उपाय करने से पहले काली हल्दी की पहचान करना बहुत ज़रूरी होता है. आप काली हल्दी के पौधे को देखकर इसकी पहचान कर सकते हैं. इसकी पत्तियां लम्बी होती है और उनके बीचों-बीच एक काली लकीर होती है. आप काली हल्दी को किसी पंसारी की दुकान से प्राप्त कर सकते हैं. काली हल्दी अपने तांत्रिक प्रयोगों के कारण बहुत प्रसिद्ध है. काली हल्दी से किया गया कोई भी टोटका या उपाय निश्चित ही अपना असर दिखता है. इसलिए जो भी व्यक्ति इसका प्रयोग करता है उसे इसके परिणामों के बारे में एकदम निश्चिंत हो जाना चाहिए.

छोटे बच्चे को अगर नज़र लग जाती है तो आप काले कपड़ा लेकर उसमें काली हल्दी बाँध दें. अब इसे बच्चे के सिर से 7 बार उतारा देकर नदी में बहा दें. इस प्रयोग से बच्चे पर से बुरी नज़र का साया हट जाएगा. घर में अगर कोई सदस्य बीमार है तो आप काली हल्दी का ये प्रयोग ज़रूर करें. आप दो आटें के पेड़े बनाकर उसमें गुड़, चने की दाल और पीसी हुई काली हल्दी दबाकर बीमार व्यक्ति के शरीर से 7 बार उतारा दें और किसी गाय को खिला दें. इस काली हल्दी के टोटके को लगातार 3 गुरुवार करने से बीमारी से मुक्ति मिल जाएगी.

काली हल्दी के प्रयोग

कई लोग अपने जीवन में बहुत सारा धन अर्जित करते हैं लेकिन फिर भी धन उनके घर में टिक नही पाता है. अगर आपके घर में भी ये समस्या है तो आपको ये उपाय करना चाहिए. आप शुल्क पक्ष के पहले शुक्रवार के दिन नागकेशर, सिंदूर और काली हल्दी किसी चांदी की डिबिया में रखकर माँ लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करा के अपनी तिजोरी में रख दें. ये प्रयोग करने से आपके घर में पैसा टिकने लगेगा. काली हल्दी के टोटके गृह दोष की समस्या से निपटने के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं. गुरु या शनि की बुरी स्थिति से निपटने के लिए जातक को शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से प्रतिदिन काली हल्दी पीस कर उससे तिलक करना चाहिए. इससे गृह दोष को मिटेगा ही आपके लिए धन की बचत के अवसर भी खुल जायेंगे.

अगर आपके व्यापार में पर्याप्त मेहनत करने पर भी आपको सफलता नही मिल रही है तो आप शुक्ल पक्ष में पहले गुरुवार के दिन 11 सिद्ध किये गोमती चक्र, चांदी का एक सिक्का, काली हल्दी और 11 अभिमंत्रित कौड़ियों को एक पीले रंग के कपड़े में बांध लें. अब आप इसके सम्मुख बैठकर ‘ ओम नमो भगवते वासुदेव नम:’ इस मन्त्र का 108 बार उच्चारण करें. मन्त्र का उच्चारण पूरा होने पर इस पोटली को अपने ऑफिस या व्यवसाय की जगह पर रख दें. इस काली हल्दी के टोटके से आपका व्यापार तेज़ गति से तरक्की करने लगेगा. धन की प्राप्ति के लिए आप दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजा में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का पीले कपड़ों में रखें. इस उपाय से आप पर माँ लक्ष्मी की कृपा वर्षभर बनी रहेगी.

काली हल्दी के तांत्रिक उपाय

अगर आपके कारखाने में मशीने बार-बार ख़राब हो रही हैं तो आप केसर और काली हल्दी को गंगा जल छिड़क कर लेप तैयार कर लें. इस लेप से मशीनों के ऊपर स्वस्तिक का चिन्ह बना दें. ऐसा करने से आपको इस समस्या से मुक्ति मिल जायेगी. मिर्गी या पागलपन से पीड़ित व्यक्ति का इलाज़ करने के लिए काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोभान की धूप दें. अब कटोरी में से के टुकड़ा हल्दी का लेकर उसे एक धागे में पिरोकर मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति के गले में टांग दें. कटोरी की हल्दी को पीसकर चूर्ण बना लें और इसे पानी में डालकर मरीज को पिलाते रहें. इस उपाय से मिर्गी से रोगी को राहत मिलती है. इस प्रयोग को किसी शुभ मुहूर्त में करने से मिर्गी, अनिंद्रा और मानसिक रोगों से राहत मिलती है.

अगर आप चाहते हैं कि आपको अपूर्व मात्रा में धन प्राप्त हो तो आप काली हल्दी के टोटके के अंतर्गत ये उपाय गुरु पुष्य नक्षत्र में ज़रूर करें. आप एक लाल कपड़ा लें और इसमें काली हल्दी, कुछ सिक्के और सिंदूर रखकर लपेट दें. इस इस कपड़े को अपनी तिजोरी के भीतर रख दें. इस प्रयोग को करने पर आपको अपने धन में आश्चर्यजनक वृद्धि देखने को मिलेगी. काली हल्दी को वशीकरण तंत्र में भी प्रयोग किया जाता है. किसी भी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काली हल्दी में अपनी कनिष्ठा उंगली से रक्त निकाल कर उसमे मिला दें और उसका तिलक करें. इस तरह से तिलक लगाने वाले व्यक्ति के शरीर में अद्भुत आकर्षण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है.

काली हल्‍दी के टोटके

अगर आप किसी स्त्री या पुरुष जिससे आप प्यार करते हैं उसे आकर्षित करना चाहते हैं तो काली हल्दी के टोटके के अंतर्गत ये प्रयोग ज़रूर करें. आप काली हल्दी, सफ़ेद चन्दन, श्वेतार्क, गोरोचन, मूल, हरसिंगार की जड़ और पान को लेकर पत्थर पर अच्छे से पीस लें. अब इसके लेप को किसी डिबिया में भरकर रख लें. जब भी आप किसी व्यक्ति पर वशीकरण करना चाहते हो, उसके सम्मुख इस लेप से तिलक लगाकर जाएँ. इस टोटके से उस व्यक्ति पर आपका वशीकरण हो जायेगा और वह आपके अनुरूप कार्य करने लगेगा.

घर को बुरी नज़र, बाधा, टोनों, टोटकों के प्रभाव से बचाने के लिए हनुमान मंदिर से लायी गयी हवन की विभूति, काली हल्दी, रक्त चन्दन, श्वेतार्क मूल आदि मिलाकर एक लेप तैयार कर लें. अब इस लेप से घर के मुख्य द्वार और बाकी सभी द्वार पर स्वस्तिक का चिन्ह बना दें. इस उपाय को करने से आपका घर हर तरह की बुरी नज़र से बचा रहेगा. काली हल्दी के उपाय हर तरह की बाधाओं से रक्षा करने तथा मनोकामना पूर्ति में सहायक होता है. आप काली हल्दी के टोटके इश्तेमाल करके अपने आर्थिक, मानसिक, शारीरिक समस्याओं का समाधान कर सकते हैं इसके अलावा घर में सुख-सम्रद्धि के लिए भी इसका प्रयोग आपको बहुत अच्छा परिणाम देगा.

पति पत्नी के बीच झगड़े मुक्ति टोटके

पति पत्नी के बीच झगड़े मुक्ति टोटके

हर कोई अपने परिवार को खुश और संतुष्ट देखना चाहता है। परिवार की खुशी पति और पत्नी के बीच प्यार पर आधारित है। जब पति-पत्नी के बीच झगड़ें शुरू होते है तो, यह केवल परिवार की समस्याओं को ही प्रभावित नहीं करता, बल्कि व्यक्ति के पेशेवर और सामाजिक जीवन को भी प्रभावित कर सकता हैं। जब भी परिवार के जीवन में खलल,समस्या और मतभेद शुरू हो , तब पति और पत्नी को एक-दूसरे को दोष देने के बजाय समस्याओं को हल करने की एवं उसको समझने की कोशिश करनी चाहिए। अगर पति-पत्नी अपनी कोशिशो के साथ ज्योतिषीय उपचार, का उपयोग करेंगे तो उनके प्रयासों के साथ साथ वे जल्द ही सभी कठिनाइयों को दूर करने के लिए सक्षम हो जाएगे।

पति पत्नी के बीच झगड़े मुक्ति टोटके
पति पत्नी के बीच झगड़े मुक्ति टोटके

परिवार विवाद का समाधान

अगर पति और पत्नीकुछ समस्याओं से संघर्ष कर रहे हैं, तो उन्हेंउनके विरोध को हल करने के लिए”तयाश्री महामृत्युंजय ” मंत्र जाप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है: “ऊँ हौं जूं स: अथवा ऊँ जूं स: और ऊँ नम: शिवाय”! दोनों व्यक्ति इन  दो मंत्रों को किसी भी शुक्ल पक्ष के पहले सोमवार पर जाप कर सकते हैं। यदि व्यक्ति इस मंत्र को भगवान शिव जी के मंदिर में जप करेगे तो शुभ परिणाम प्राप्त करेंगे। अगर आप शिव मंदिर में मंत्र जाप करने में सक्षम नहीं हैं, तो आप इस मंत्र का एकांत में जाप कर सकते हैं। अगर पति इस मंत्र का उचार करे यह परिवार के लिए ज्यादा अच्छा होगा। यह मंत्र जाप कम से कम 21 दिनों के लिए अनिवार्य है।

स्नेह और प्यार बढ़ाने के लिए उपचार–

कभी कभी प्यार और विवाहित जीवन के स्नेहप्रभावित हो जाते है , और दोनों पति और पत्नी एक दूसरे की बुरी आदतों को महत्व देने लगते है | यह सुखी विवाहित जीवन के लिए एक अच्छा संकेत नहीं है। क्योंकि जब भी विवाहित जीवन में ऐसी स्थिति पैदा होती है, यह विरोध और विवाद के लिए नेतृत्व कर सकते हैं। पत्नी को इस स्थिति पर काबू पाने और उनके बीच प्यार बढ़ाने के लिए यह उपाय करना चाहिए। विशिष्ट परिस्थितियों में, इस उपाय को पति द्वारा किया जा सकता है।

  • इस उपाय को करने के लिए किसी विशेष तरीके की आवश्यकता नहीं है। इस उपाय को रात 9 से 12 के बीच में किया जाता है।पूर्व दिशा की ओर एक शांतिपूर्ण जगह में इस मंत्र का जाप करे। 5 से 11 बार इस मंत्र का जाप करे । आप शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन पर इस मंत्र का उच्चारण शुरू कर सकते हैं। इस मंत्र का जाप 21 या 31 दिनों के लिए करना होगा। इस मंत्र से आप और आपके पति या पत्नी के बीच प्यार बढ़ाने में मदद मिलेगी। मंत्र इस प्रकार है:

“ऊँ महायक्षिणी मम पति वशमानय कुरु कुरु स्वाहा”!

यह मंत्र पति और पत्नी के वैवाहिक जीवन में प्यार और सुख में वृद्धि करने के लिए बहुत शुभ है। इसलिए सभी उपचार पूरी आस्था और भक्ति के साथ कीजिए। जबकि इन उपचारो से, पति या पत्नी के कारण जो अपने विवाहित जीवन में विरोध और मतभेद उत्पन्न हुए है उन्हें अपनी गलती नहीं दोहराने के लिए एक संकल्प लेना चाहिए।

  • अपने घर की फर्श को प्रतिदिन नमक के पानी से साफ़ कीजिए | इससे कहा जाता है की जितना साफ़ घर रहेगा उतनी ही सफाई रिश्ते में आएगी|
  • गुरुवार या शुक्रवार की मध्यरात्रि (12 बजे) पर पति की छोटी (पति की चोटी के कुछ बाल काट लें) से कुछ बाल काट लें और उन्हें जहां पति उन्हें देख नहीं सकते हैं ऐसे स्थान पर रखें। ऐसा करने से, आपके पति के व्यवहार में कुछ सुधार आएगा, और फिर वह आप का पालन करना शुरू कर देंगे। और कुछ दिनों के बाद इन बालो को घर से बाहर फेंक दीजिए।
  • (ॐ महायक्षिणी पति मेम वश्यम कुरु कुरु स्वाहा) पत्नी अपने नियम के अनुसार उपरोक्त मंत्र दीपावली की रात या ग्रह (दोनों सौर चंद्र) के दौरान सशक्त बनाना चाहिए ताकि इसके बाद इस रिश्ते के मुद्दों को मिलनसार और एक दूसरे के बीच प्यार को बढ़ावा देने के लिए उपयोग करना चाहिए।
  • एक और उपाय यह है कि पट और पत्नी गौरी शंकर रूद्राक्ष पहने, एक ही रूद्राक्ष पहनने से रिश्ते में वृद्धि होगी और जुनून भी बढेगा।
  • पत्नी को अपने पति के दाहिने तरफ सोना चाहिए और एक ही तकिये का उपयोग करना चाहिए |
  • आपके चयनकक्ष का रंग हरा एवं गुलाबी होना चाहिए | गाड़े रंग का इस्तेमाल ना करे |माना जाता है की जितना हल्का रंग आपके कक्ष का होगा उतनी ही गहराई आपके रिश्ते में होगी|
  • पति और पत्नी पीले रंग के फूल हर शुक्रवार को ख़रीदे और याद रहे की गुलाब के फूल ही ख़रीदे एवं उसको अपने चयनकक्ष में रखे|
  • अपने कक्ष की दीवार पर भगवान की तस्वीर ना लगाए और उसकी जगह बहते हुए पानी की तस्वीर लगाए|
  • अपने और अपने पति के एक नियमित रूप से इस्तमाल किये जाने वाले कपडे को सुहागिन स्वीपर को दान करें। इस उपाय का उपयोग त्वरित परिणाम दिखाएगा। इस उपाय को करने के बाद पति और पत्नी के बीच संबंध मजबूत हो जाएगे और कोई भी इस उपाय में कटौती कर सकते हैं।
  • एक और अधिक उपाय यहाँ है जिसके द्वारा आपके संबंध पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो जाएगी। किसी भी सोमवार को मां दुर्गा के एक मंदिर में लिए जाए और पूजा अर्चना कीजिए। शुद्ध घी और केसर का दीप जलाए,चंदन की अगरबत्ती जलाए, भगवान को सिन्दूर अर्पित कीजिए। और उसके बाद सिंदूर वापस अपने घर के लिए ले लो और नियमित रूप से इसका उपयोग करो। यह उपाय करने से आपका रिश्ता बेहतर हो जाएगा।
  • अंतिम औरबहुत प्रभावी पति पत्नी प्रेम समस्या उपाय है और आप के लिए लाभदायक भी है। किसी भी शुक्रवार को शाम में स्नान ले और हल्के कपड़े पहने। पूजाघर के स्थान पर विधीअनुसार पूजा कीजिए। अबआपको रोटी बनानी है अगर यह उपाय पत्नी कर रही है तो उसे यहचपाती बनानी होगी।और अगर पति इस उपाय को कर रहा है, तो वह अपनी पत्नी से चपाती ले। चपाती पर घी, पनीर ,चीनी और दालचीनी डालले। अब रोटी को हाथ में पकड़ अपने शरीर का एक चक्कर, अब यह करने के बाद एक गाय को खिला दे। आप देखेंगे इस उपाय को करने के बाद तुरंत परिणाम मिलेगा और अपने रिश्ते में कोई समस्या नहीं होगी।

इन निम्नलिखित उपायों से पति – पत्नी के बीच की कड़वाहट और सकारात्मक उर्जाए सभी समाप्त हो जाएगी और आप एक मंगलमय जीवन अपने जीवन साथी के साथ जिएगे |

लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज

लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज

 लाल किताब “ सामुद्रिक शास्त्र के ऊपर आधारित यह किताब हमारे और आपके लिए बहुत ही उपयोगी है | इस में दिए गए सिद्ध टोटके बहुत ही प्रभावशाली है | अतः आज हम आप के लिए लाल किताब के सिद्ध टोटके लेकर आए हैं |

पर ध्यान रहे – लाल किताब के सिद्ध टोटके अपनाने के पहले आपको  निम्नलिखित शर्तों को मानना पड़ेगा –

१) लाल किताब में दिए गए सभी टोटके या उपाय दिन के समय यानी सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के पहले करें |

२) जो भी उपाय आरंभ करें तो उसे बिना पूरा किए ना छोड़े |

३) सात्विकता व सदाचार का ध्यान रहे |

४)  मन में श्रद्धा रखें |

लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज
लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज

लाल किताब के सिद्ध टोटके

१) अगर आपको कोई परेशानी हो तो आप यह टोटका अपना सकते हैं – रात को सोते वक्त एक तांबे के पात्र में जल भरे और लाल चंदन अल्प मात्रा में मिला दें | अब पानी से भरे हुए इस पात्र को अपने सिरहाने रखें | प्रात काल स्नानोपरान्त इस जल से तुलसी का पौधा सीचें | धीरे-धीरे आपकी परेशानी आपसे दूर होगी |

२) आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए हर शुक्रवार के दिन पाँच बाल कन्याओं को खीर खिलाएं | साथ में मिश्री भी दें | इस विधि को लगातार २१ शुक्रवार तक करें |

३)  अगर बुखार पीछा नहीं छोड़ रहा हो और दवाईयां भी बेअसर हो रही हो तो जड़ ले  आक की | अब इसे  किसी कपड़े में बांधकर रोगी के कान से बांध दें |  बुखार पीछा छोड़ देगा |

४)  यदि आपको अपने काम धंधे में हानि का सामना करना पड़ रहा है तो आप यह करे- कच्चा कोयला  ले अपने  वजन के समान अनुपात में | अब इसे  जल में  प्रवाहित कर दें |

५) हर शनिवार के दिन शनिदेव को  सरसों का तेल अर्पित करें |

७) प्रतिदिन  हनुमान जी की पूजा करें | हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का  पाठ करें |

८)  किसी गरीब को एक बार जरूर दान करे अपनी पहनी हुई एक जोड़ी चप्पल | यह लाल किताब द्वारा बताया गया एक अत्यंत ही सरल टोटका है जो आपकी मानसिक परेशानी को दूर करेगा |

९) नौकरी टिकाने के लिए आप  हर मंगलवार को  बुदिंया( मीठे) मंदिर में चढ़ाएं | उसके बाद लड़कियों में  वितरित कर दे | इस क्रिया को आप लगातार चार मंगलवार तक करें |

१०) अपने प्रमोशन के लिए प्रत्येक दिन सुबह-सुबह  घास पर चले नंगे  पैर से |

१२) बृहस्पतिवार को  पीले रंग की वस्तु  दान करने से भी प्रमोशन संबंधी बाधाएं दूर होती है |

लाल किताब के वशीकरण टोटके

१) एक अत्यंत प्रभावशाली वशीकरण मंत्र है “शाबर मोहिनी मंत्र “ ..इस के द्वारा किया गया प्रयोग किसी को भी आपके वश में कर सकता है | मंत्र है -‘मोहिनी मोहिनी मैं करा मोहिनी मेरा नाम ,श्राजा मोहा प्रजा मोहा मोहा शहर ग्राम | त्रिंजन बैठी नार मोहा चैकि बैठी को, स्तर बहत्तर जिस गली मैं  जावा सौ मित्र सौ वैरी को | बजे मंत्र फुरे बाचा, देखा महामोहिनी इल्म का तमाशा || इस मंत्र का जाप करते वक्त लाल रंग के वस्त्र पहने |  कुश का आसन बिछाकर उसके ऊपर बैठ जाएं |अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर रखें | अपने सामने एक लाल रंग का कपड़ा बिछाएं | उसके ऊपर भैरवी देवी की स्थापना करें | देवि का सोलह श्रृंगार करें |  दीपक जलाएं तिल के तेल का | सात तरह के मिठाई का भोग लगाएं | साथ ही साथ इत्र की शीशी, मीठा पान और एक छोटी इलायची भी देवी के समीप रखें | अब ऊपर दिए गए मंत्र का जाप करें पाँच माला | जाप पूरा हो जाने के बाद बिछाए हुए लाल कपड़े में सभी सामग्रियों को बाँध कर (इलायची नहीं) बहते हुए जल की धारा में प्रभावित करें अथवा किसी सुने स्थान पर रख दें | अब इस अभिमंत्रित इलायची को आप उस व्यक्ति को खिला दे जिससे आप अपने वश में करना चाहते हैं | इलायची खिलाने के पहले भी शाबर मंत्र का उच्चारण करें सात बार | अभीष्ट फल की प्राप्ति निश्चय ही होगी |

लाल किताब के सिद्ध टोटके फॉर हस्बैं

१)  इस वर्ग का अत्यन्त सफल टोटका है – पत्नी लोहे अथवा स्टील का एक ताला खरीदें शुक्रवार के दिन | खरीदते वक्त वह ठीक तरीके से बंद हो रहा है या नहीं  इस  विषय की जांच दुकानदार को ना करने दे,खुद ही करें | अब  उसी रात  शुक्रवार को  सोते वक्त उसके उस ताले को अपने  पास रखें | दूसरे दिन शनिवार को उस  ताले  को  बिना खोले हुए किसी धार्मिक स्थल या मंदिर पर  रख दे | किसी अन्य द्वारा  जब वह ताला खोला जाएगा तो उसके खोलते ही  उस स्त्री का पति जिसने ताला रखा था, वशीकरण से प्रभावित हो जाएगा |

२) “ओम क्रीं वांछितं मे वशमनाय स्वाहा”  इस मंत्र का जाप करने से पर स्त्री – मोह में फंसे हुए पति को वापस वश में किया जा सकता है | जाप शुक्ल पक्ष वाले पहले रविवार के दिन आरंभ किया जाना चाहिए | इसके लिए सबसे पहले प्रातः स्नानोपरान्त  गणेशजी की पूजन करें | गुरु स्मरण करते हुए भैरव की पूजा करें | फिर केसर से एक थाली में स्वास्तिक बनाए | अब इसके ऊपर पवित्र कर शंख तथा मोती रखें | इसकी पूजा करें | जिसको वश में करना है उसका नाम लेकर प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करें १०८ बार | यह क्रिया बिना रुके १ महीने तक लगातार होनी चाहिए |

लाल किताब के सिद्ध टोटके फॉर लव मैरिज

१) प्रेम के प्रतीक भगवान कृष्ण की आराधना करें | प्रति शुक्रवार को राधा- कृष्ण की युगल जोड़ी के समक्ष नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें १०८ बार | तीन माह तक ऐसा करें | आपको फल की प्राप्ति निश्चय ही होगी | मंत्र है- “केशवी  केशवाराध्या किशोरी केशवस्तुता, रूद्र रूपा रूद्र मूर्ति: रूद्राणी रूद्र देवता |”

२) “कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा” .. इस मंत्र का जाप भी प्रेम विवाह में सहायक है |

३) ” ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः” .. शिव का यहां मंत्र भी प्रेम विवाह में अत्यन्त लाभदायक है | किसी भी सोमवार को रूद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करे | जाप संख्या होनी चाहिए पाँच माला | जाप पूर्ण होने के पश्चात पांच नारियल अर्पित करें भगवान शिव को |

४) ” ओम लक्ष्मी नारायणाय नमः”… शुक्ल पक्ष में आने वाले गुरुवार से इस मंत्र का जाप प्रारंभ करें | जाप हर गुरुवार को लक्ष्मी नारायण की तस्वीर के सामने करें | जाप में स्फटिक की माला व्यवहार करें | जाप संख्या होनी चाहिए १०८ बार |

फिटकरी से स्त्री वशीकरण

फिटकरी से स्त्री वशीकरण

अंग्रेजी में फिटकरी को ऐलम कहा जाता है| यह चतुर्फल्कीय क्रिस्टल होता है| दरअसल यह पोटेशियम सल्फेट और एलुमिनिक सल्फेट का द्विलण है| दैनिक जीवन में यह अत्यंत उपयोगी है| कई लोग इसे आफ्टर शेव की तरह इस्तेमाल करते हैं| इससे दूषित पानी को भी साफ़ किया जा सकता है| इसके फायदों की लम्बी सूची बनायी जा सकती है| सक्षेप में कुछ का विवरण इस प्रकार है –

फिटकरी से स्त्री वशीकरण
फिटकरी से स्त्री वशीकरण

-पनीर बनाने के लिए दूध फाड़ना हो तो फिटकरी इस्तेमाल करें| पनीर स्वादिष्ट और मुलायम बनेगा|

-मसूढ़ों से खून आता हो तो फिटकरी मिले पानी से कुल्ला करें|

-चेहरे पर झुर्रियां आ रही हो तो फिटकरी को पानी में भिंगोकर अपने चेहरे पर लगाएं| बाद में साफ़ पानी से धों ले| कुछ दिनों में झुर्रियां मिट जाएंगी|

-अगर कोई जहरीला कीड़ा काट ले तो फिटकरी के चूर्ण में पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं और उसे जख्म पर लगा दें| तत्काल राहत मिलती है|

-अगर सर में जूं हो गया हो तो फिटकरी मिले पानी से सर धोएं| जूएँ चली जाएंगी|

फिटकरी के अचूक टोटके

डी दैनिक जीवन की समस्या दूर करने के लिए भी फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है| यह बात अजीब भले ही लगे लेकिन ऐसे कई टोटके हैं जिसमें फिटकरी का उपयोग किया जाता है और वे अत्यंत प्रभावशाली माने जाते है|

  • सोते समय कई लोग डर जाते हैं, बुरे सपने आते हैं या फिर अनजाने भय के शिकार हो जाते है| ऐसी समस्या हो तो किसी काले कपडे में फिटकरी बांधकर सिरहाने रख दें| यह समस्या दूर हो जाएगी | अगर बच्चा नींद में चमकता हो या डरता हो तो किसी मंगलवार को सिरहाने में एक टुकडा फिटकरी का रख दें| उसका चमकना, रोना दूर हो जाएगा|
  • अगर व्यवसाय मंदा चल रहा हो, घाटा हो रहा हो तो दूकान या फैक्टी के मुख्यद्वार पर काले कपडे में फिटकरी बाँध कर लटका दें| व्यापार में बरकत होगी|
  • परिवार में खूब झगड़े हो रहे हों, हमेशा कलह होती हो तो गृह स्वामी रात में अपने पलंग के नीचे एक लोटा जल रखें, उस जल में एक टुकडा फिटकरी भी रखें| सुबह वह जल सूर्यदेव को अर्पित कर दें| सूर्य देव को जल चढ़ाते समय अपनी समस्या उनसे कहें| गृह कलह दूर हो जाएगी|
  • घर का वातावरण यदि अवसादपूर्ण लगता हो तो बाथरूम और शौचालय में एक कटोरी में फिटकरी रख कर छोड़ दें| थोड़े-थोड़े दिनों पर फिटकरी बदलते रहें| ऐसा करने से घर की नकारत्मक ऊर्जा दूर होती है|
  • कभी कभी घर में ऐसी जगह खिड़कियाँ खुलती है जहां से देखने पर खंडहर, विराना, बरसो से बंद मकान शमशान या कब्रिस्तान नजर आता है| ऐसे घर में हमेशा नकारात्मक वातावरण होता है| इस वास्तु दोष को दूर करने के लिए बरामदे या बालकनी में एक कांच की प्लेट में फिटकरी के कुछ दाने लेकर रख दें| ऐसा करने से दूसरी तरफ से आने वाली बुरी हवा घर में प्रवेश नहीं कर पाती| वैसे भी अगर ज्ञात हो कि घर या दफ्तर में किसी प्रकार का वास्तु दोष है तो किसी कोने में फिटकरी का टुकडा रख दें| ऐसा करने से वास्तुदोष दूर हो जाता है|
  • अगर ऐसा लगता हो कि घर का कोई सदस्य किसी बुरी नज़र आ शिकार है तो फिटकरी लेकर सात बार उसार लें और फिर जला दें| फिटकरी के जलते ही नज़र दोष उतर जाएगा|
  • अगर धन की समस्या हो तो नित्य रात फिटकरी से दांत साफ़ करें व स्नान के पानी में फिटकरी डालकर नहाएं|
  • अगर बिजनेस ठीक नहीं चल रहा हो तो फिटकरी का पांच टुकडा, छः नीले रंग का कोई भी फूल और एक बेल्ट (कमर में बाँधने वाला) देवी दुर्गा को चढ़ा दें| अगले दिन बेल्ट किसी कन्या को दान कर दें| नीला फूल बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें| और फिटकरी अपनी जेब में किसी रुमाल में बांधकर रखें| कारोबार सम्वन्धी बात करते समय जेब में रखें| यदि नौकरी के लिए साक्षात्कार देने जा रहे हो तब भी यह उपाय कर सकते हैं|
  • अगर आपके घर में कोई वाहन है और बार बार दुर्घटना हो रही हो तो लटजीरा की जड़, कोयले का एक टुकडा तथा फिटकरी का एक टुकडा नए काले कपडे में बाँध लें| अब इसे लेकर सात बार अपने वाहन का परिक्रमा करें| अंत में वह पोटली अपनी गाडी में कही रख दें| वह बार बार दुर्घटना ग्रस्त नहीं होगी न जल्दी खराब होगी|
  • कई बार लाख चाहने के बाद भी कर्ज से मुक्ति नहीं मिल पाती| इस परिस्थिति में फिटकरी का छोटा सा टुकडा और सिन्दूर लेकर किसी पान के पत्ते पर रखें और मोड़ दें| अब किसी बुधवार को पीपल के पेड़ के नीचे उसे पत्थर के नीचे दबा दें| ऐसा निरंतर तीन बुधवार करें| ऐसा करने से धन आवागमन होता है और कर्ज से मुक्ति को संभव बनाता है|

फिटकरी से वशीकरण कैसे करें

आपको जानकार हैरानी होगी कि फिटकरी से वशीकरण भी किया जा सकता है| जिसका वशीकरण करना हो उसकी एक तस्वीर हासिल करें|  अब एक सफ़ेद रुमाल लें और उसपर जिसे वश में करना हो उसका नाम काली स्याही से लिखें| अब उस रुमाल में एक फिटकरी का टुकडा बाँध दें और निम्नलिखित मंत्र का जाप करें –

ओम नमो चामुंडे जय जय वश्य माले जय जय सातवा नमः स्वाहा|

इस मंत्र का जाप १११ बार करें| इसके बाद सफ़ेद रुमाल में बंधी फिटकरी उस तस्वीर पर सात बार घुमा दें| अंत में वह पोटली कभी सुनसान स्थान पर भूमि में गाड़ दें| ऐसा करते ही वह इंसान वश  में आ जाएगा|

अब फिटकरी एक है लेकिन इसके गुण अनेक है| यह आपको तय करना है कि इसका इस्तेमाल क्या करें|

सबसे आसान वशीकरण टोटके

सबसे आसान वशीकरण टोटके

सबसे आसान वशीकरण टोटके, प्राचीन काल से लोग वशीकरण का प्रयोग करके अपने जीवन को सुखमय बना रहे हैं| वशीकरण का प्रयोग करते हुए कई लोगों की शिकायत रहती है कि वशीकरण के टोटके बहुत ही कठिन होते हैं| कई मामलों में यह बात सही भी है| लेकिन ऐसा भी नही है कि वशीकरण के इन टोटकों को आम आदमी नही कर सकता| बेसक इनका प्रयोग थोड़ी सावधानी से कोई भी बड़ी आसानी से कर सकता है|

सबसे आसान वशीकरण टोटके यहाँ दिए जा रहे हैं| वशीकरण के टोटके के अंतर्गत आप किसी स्त्री पुरुष या प्रेमी प्रेमिका को अपने वश में कर सकते हैं| आप नौकरी, व्यापार-धंधे में भी इनके प्रयोग से सफलता पा सकते हैं|

यदि आप यह चाहते हैं कि आप सिर्फ नाम लेकर किसी का वशीकरण कर लें और इसके लिए आपको ज्यादा कोई जटिल विधि न करनी पड़े तो आपको सबसे आसान वशीकरण टोटके या मंत्र का प्रयोग करना चाहिए| इसके अंतर्गत आप नाम और मंत्र की सहायता से किसी भी व्यक्ति को अपने काबू में कर सकते हैं|

सबसे आसान वशीकरण टोटके
सबसे आसान वशीकरण टोटके

इस मंत्र का उच्चारण उस व्यक्ति जिसे आप वश में करना चाहते हो उसका नाम लेकर करें| इस सबसे आसान वशीकरण टोटके को शुक्रवार के दिन करें| शुक्रवार के दिन सुबह स्थान आदि से निपटने के बाद स्वच्छ कपड़े पहन लें| अब यहाँ दिए गए वशीकरण मंत्र का उच्चारण करें|

यह वशीकरण मंत्र इस प्रकार है – ओम हारीम कुरूम पिशाचिनी अमुक म वशियम भवन्ति|

इस मंत्र में अमुक के स्थान पर उस स्त्री या पुरुष का नाम आपको लिखना है जिसका आप वशीकरण करना चाहते हैं| इस विधि से मंत्र का उच्चारण लगातार 7 शुक्रवार करने से आपको इसका लाभ मिलने लगेगा| वह स्त्री या पुरुष जिसे आप आकर्षित करना चाहते हैं वह आपका होकर रहेगा|

क्या आप जानना चाहते हैं कि दो मिनिट में ही पड़ोसन का वशीकरण किया जाये तो आपको यहाँ आसन टोटका दिया जा रहा है| इस सबसे आसान वशीकरण टोटके को करने के लिए आप अपनी पड़ोसन की एक फोटो ले लें| इस पर एक मोली बाँध दें|

अब 3 लौंग लें और उन्हें 7 बार फोटो के ऊपर से घूमाकर पड़ोसन को खिला दें| इस छोटे से टोटके को करने से वह स्त्री आपके वश में हो जायेगी और आपके इशारों पर नाचने लगेगी|

यदि आप सबसे आसान वशीकरण टोटके की तलाश कर रहें तो आपको इलायची और पसीने से वशीकरण करना चाहिए| आप इस प्रयोग को शनिवार के दिन करें| शनिवार के दिन 4 इलायची लेकर उन्हें अपने पसीने में डुबो दें| इन्हें 3 दिनों तक रखें रहने दें और फिर 3 दिन बाद आप जिस भी स्त्री पुरुष का वशीकरण करना चाहते हैं उसे चाय या किसी दूसरी खाने की वस्तु में मिलाकर खिला दें|

यह वशीकरण का बहुत ही सरल उपाय है| इसका लाभ लेकर आपके अपने जीवन में खुशियों की बहार ला सकते हैं|

प्रेमी प्रेमिका के बीच प्रेम को प्रगाढ़ करने के प्रयास करना बहुत ज़रूरी है| वरना यह रिश्ता नीरस और बेजान हो जाता है| आप भी सबसे आसान वशीकरण टोटके और उपाय करके अपने आपसी प्रेम को मजबूत कर सकते हैं| इसके लिए आप शुक्र मंत्र का जाप कर सकते हैं| यह मंत्र इस प्रकार है – “ओम द्रां, द्रीं, द्रौं स: शुक्राय नम”|

इस मंत्र के उच्चारण से खोया हुआ प्यार वापस मिल सकता है तथा रूठी हुई प्रेमिका को भी मनाया जा सकता है|

सबसे आसान वशीकरण टोटके करने में रुमाल का प्रयोग भी काफी अच्छा होता है| रुमाल के प्रयोग से वशीकरण का अचूक उपाय किया जा सकता है| इसके टोटके का प्रयोग करने के लिए सबसे पहले आपको उस व्यक्ति के रुमाल की आवश्यकता होगी| आप उस व्यक्ति का एक रुमाल ले लें और इस प्रयोग को करें|

अब इस रुमाल पर लाल स्याही से उस व्यक्ति का नाम लिख दें| अब यहाँ दिए गए मंत्र का 7 बार उच्चारण करें| यह मंत्र इस प्रकार है-

ओम अमुक वशीकरने नमों!

यहाँ पर अमुक के स्थान पर उस व्यक्ति का नाम बोलें जिसे आप अपने वश में करना चाहते हैं|

आप सबसे आसान वशीकरण टोटके करने के लिए पत्थर का भी सहारा ले सकते हैं| इस प्रयोग को किसी भी दिन किया जा सकता है| जिस दिन भी इस प्रयोग को करना हो उस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करने के बाद सफ़ेद गुजा की जड़ को किसी पत्थर पर रगड़ें| इसके जो पेस्ट प्राप्त होगा उसका तिलक करके जिस भी स्त्री पुरुष के पास आप जायेंगे उसका वशीकरण हो जायेगा|

यदि इस टोटके से आप किसी स्त्री का प्यार पाना चाहते हैं तो आपको इस टोटके को करने के बाद उसकी तरफ से इशारे मिलने शुरू हो जायेंगे|

यदि आपको वशीकरण की वस्तुएं नही मिल पा रही हैं तो आप नमक से ही सबसे आसान वशीकरण टोटके कर सकते हैं| इसके लिए आपको इस मंत्र को पढ़ने की आश्यकता होगी| मंत्र इस प्रकार है –

“ओम भगवती भागम भागी देवी प्यारे अमुक मुझसे वशी करा करा स्वाहा|”

नमक से वशीकरण की विधि करने के लिए अपने हाथ में थोड़ा सा नमक रख लें और ऊपर बताये गए मंत्र का उच्चारण 108 बार करें| मंत्र का उच्चारण पूरा हो जाने के बाद इसे खाने की किसी वस्तु में मिलाकर उस व्यक्ति को दे दें जिसे आप अपने वश में करना चाहते हैं|

जैसे ही वह व्यक्ति उसे खायेगा वह आपके वश में हो जायेगा| इस वशीकरण का प्रयोग किसी का नुकसान करने के लिए कभी न करें|

अगर आप किसी स्त्री या पुरुष को अपने वश में करना चाहते हैं तो सबसे आसान वशीकरण टोटके के अंतर्गत बाल से वशीकरण करें| इसके लिए आपको उस व्यक्ति के थोड़े से बाल काट लें और रात में उन्हें एकांत स्थान पर जला दें और फिर उसकी राख को बाएं पैर से कुचल दें|

इस वशीकरण टोटके को लगातार 7 दिनों तक करने से प्रबल वशीकरण होता है| जिस भी व्यक्ति का आपने वशीकरण किया है वह पूरी तरह से आपके नियंत्रण में हो जाता है|

सबसे आसान वशीकरण टोटके करने में आपको ज्यादा परेशानी नही होगी लेकिन जल्द ही लाभ होगा| इनको करते समय इस बात का ध्यान रखें कि इससे

बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र

बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र

बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र की साधना-सिद्धि को विशेषकर जादू-टोने वाला प्रयोग माना जाता है। अत्याधुनिक रहन-सहन, जीवनशैली और ज्ञान-विज्ञान के तकनीकि विकास के दौर में भी इसके प्रति मान्यता और विश्वास में कोई कमी नहीं आई है। इसके जरिए तमाम तरह की घरेलू समस्याओं से लेकर व्यक्तिग समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। जैसे विवाह की समस्या हो, प्रेम-संबंध में रूकावटें पैदा हो जाए, या फिर सेहत संबंधी परेशानी आ जाए या आर्थिक तंगी पीछा नहीं छोड़ रही हो। इनसे छुटकारा पाने के वैदिक, धार्मिक अनुष्ठानों के अतिरिक्त तंत्र-मंत्र के प्रयोग भी फलदायी साबित होते हैं।

बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र
बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र

विचलित मन, भटकाता हुआ दिल-दिमाग और किसी की शत्रुता से अनावश्यक आ जाने वली परेशानियों को तंत्रिक साधना मुक्ति दिलवाता है। तांत्रिक साधना कोई कपोल-कल्पित प्रयोग नहीं होता, बल्कि यह मनुष्य के भीतर व्याप्त ब्रह्मांडीय ऊर्जा के स्रोत को रचनात्मक दृष्टिकोण प्रदान करने का एक तकनीकी उपाय करने वाला अचूक जरिया है। एक नजर डालते हैं कुछ विशिष्ट प्रयोगों के बारे में, जिन्हें स्वयं या तांत्रिक की मदद से पूर्ण किया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में तांत्रिक साधना का बहुत प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में तारापीठ है, जहां सिद्धि और साधानाओं के लिए संतों, संन्यासियों का जमावड़ा लगा रहता है। इस पीठ के मंदिर में तारा मां की पत्थर की बनी मूर्ति स्थापित है। मंदिर से कुछ दूरी पर मीलों तक फैला हुआ महाश्मशान है।

पत्नी या प्रेमिका का वशीकरण

रूठी हुई पत्नी या प्रेमिका को बंगाली तंत्र-मंत्र के वशीकरण प्रयोग से मनाया जा सकता है। इसी तरह कोई पुरुष अगर चाहे तो  मतभेद या कलह की शिकार हो चुकी पत्नी या प्रेमिका को कसी भी माह के कृष्ण पक्ष की पहली तिथि से तांत्रिक प्रयोग शुरू कर अपनी ओर वशीभूत कर सकता है। इसका मंत्र इस प्रकार बताया गया हैः-

काली चिड़िया चिंग चिंग बोले,

काली बनकर जाए।

अमुक को वश में करवाए,

ना करवाई तो यति हनुमंत की आन!!

इस मंत्र जाप से साधना करने वाले पुरुष को चाहिए कि वे इसके लिए एकांत कमरे में उत्तर या पूर्व की ओर मुंहकर आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने एक दीपक या अगरबत्ती को जला लें। उसके बाद  मंत्र का पाठ 108 बार करे। इस प्रक्रिया को सप्तमी तिथि तक दुहराएं तथा अमुक शब्द के स्थान पर अपनी पत्नी या प्रेमिका का नाम उच्चारित करें।

अगले दिन यानि अष्टमी को हवन-सामग्री से उसी मंत्र द्वारा 108 बार हवन करें। इस तरह से पूर्ण हुई साधना के बाद अवसर देखते हुए खाने की किसी वस्तु पर मंत्र को सात बार पढ़ने और फूंक मारने के बाद प्रेमिका या पत्नी को खिला दें। इसका तत्काल असर होगा। परंतु ध्यान रहे कि यह प्रयोग केवल मनचाही स्त्री सम्मोहन के लिए है, न कि पुरुष के लिए। वैसे इसके प्रयोग से प्रेम-विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है।

बंगाल का बगलामुखी तंत्र-साधना

तांत्रिक साधनाओं में बंगाल के बगलामुखी तंत्र साधना से वशीकरण, मारण, उच्चाटन आदि जैसी क्रियाएं संपन्न की जा सकती हैं। इसका प्रयोग सामन्यतः दुश्मन को हानि पहुंचाने के लिए किया जाता है। इस साधना से यदि हारी हुई बाजी जीती जा सकती है, तो मुकदमे में सफलता भी हासिल किया जा सकता है। इसमें जरा भी संदेह नहीं कि इससे बहारी या परिवार का ही किसी सदस्य की शत्रुता से छुटकारा पाना संभव हो सकता है। इस साधना को काफी सतर्कता से किया जाता है। जैसे ब्रह्मचर्य का पालन, स्त्री स्पर्श और इस बारे में किसी तरह की चर्चा की मनाही मुख्य है।

पीले वस्त्र में पीले आसन पर उत्तर दिश की ओर मुंह कर बैठ की जाने वाली साधना के समय अपने गुरु का ध्यान करना आवश्यक है। मंत्र का जाप शुक्ल पक्ष में करना चाहिए। वैसे इसके लिए नवरात्रि सबसे उपयुक्त माना गया है। रात में दस से प्रातः 4 बजे तक किए जाने वाले 36 अक्षर के प्रभावशाली मंत्र जाप से पहले विनियोग, आवाहन् और ध्यान के मंत्र उच्चारित किए जाते हैं। उसके बाद ही बगलामुखी मंत्र का विधि-विधान के साथ एक लाख बार जाप किया जाता है। अत्यधिक सिद्धि क लिए पांच लाख बार जाप भी किया जा सकता है।  मंत्र हैः-

ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानांवाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलयबुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा!!

धनागमन आमंत्रण मंत्र

धन के अधिपति अर्थात राजा कुबेर हैं। ऐसी मान्यता सदियों से चली आ रही है कि पृथ्वी की संपूर्ण धन-संपदा के एकमात्र स्वामी कुबेर ही हैं। वे भगवान शिव के परम प्रिय भक्त रहे हैं। कुबेर की साधना कर धनागमन को आमंत्रित किया जाता है। उन्हें प्रसन्न करने का जो विधान बताया गया है, जो दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा से संभव हो पाता है। इस दिन कुबेर के मंत्र ‘‘ऊँ श्रींऊँ ह्रीं श्रींऊँ ह्रीं क्लीं वित्तेश्वरायः नमः’’ का 1008 बार पाठ किया जाता है। इसी दिन पश्चिम बंगाल और असम में बंगाली समाज के लोग मां काली की भी पूजा करते हैं। उनके द्वारा काली की पूजा विधिवत तांत्रिक अनुष्ठान के द्वारा की जाती है। उनका विशेष मंत्र इस प्रकार हैः-

ऊँ क्रिं क्रिं दक्षिणकालीकायेय नमः

बंगाली टोने-टोटके: मन में असुरक्षा की भावना को दूर करने में सहायक होते हैं टोटके। इनमें कुछ सामान्य प्रयोग वाले होते हैं, जबकि कुछ के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया जाता है। बंगाली टोने-टोटके में भी भी ऐसा कुछ किया जाता है, जिसका सकरात्मक प्रभाव व्यक्ति को समस्याओं से मुक्ति दिलवाता है।   कुछ टोटके इस प्रकार प्रयोग में लाए जाते हैंः-

  • टोने-टोटके को शनिवार, रविवार या मंगलवार को किए जाते हैं, लेकिन दीपावली, होली और ग्रहण के मौके पर करने के अच्छे परिणाम आते हैं। दीपावली के दिन पीपल के पांच पत्तों को ताड़ लाएं और उसे रात में मता महालक्ष्मी का पूजन के बाद पत्तों पर दूध से बना मीठा व्यंजन या पनीर को पीपल के पेड़ को अर्पित कर देने से मनोकामना पूर्ण होती है।
  • दीपावली के दिन अपने पूर्वजों को याद कर उनका दिन में तर्पण करने के बाद किसी भूखे गरीब व्यक्ति को भोजन करवाने से अटके हुए कार्य पूरे हो जाएंगे।
  • वर-वधू के बीच आपसी मतभेद को दूर करने और सुखी जीवन के लिए साबुत काले उड़द में हरी मेहंदी मिलाकर उनकी दिशा में स्थित घर की ओर फेंक दें।
  • श्री महालक्ष्मी के चित्र या मूर्ति के सामने नौ बत्तियों के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। ऐसा करते ही धनलाभ होगा।
  • शुभ कार्य में आने वाली बाधा आने या देरी होने की स्थिति में रविवार को भैरों जी के मंदिर में सिंदूर का चोला चढ़ाकर बटुक भैरव का स्तोत्र का पाठ करें। उसके बाद गायों, काऔं और काले कुत्तों को उनका आहार खिलाएं।
  • किसी की नजर उतारने के लिए यह टोटका अपनाएं। आधपकी रोटी पर तेल या घी लगाकर उसपर तीन सूखी मिर्च और एक चुटकी नमक डाल दें। उसे नजर लगे व्यक्ति के ऊपर से सातबार उतारें और किसी चैराहे पर रख दें।

भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना- एक सामान्य व्यक्ति का जीवन तमाम तरह की बिध्न-बाधाओं से भरा रहता है। कुछ आपत्तियां तो कुछ विपत्तियों का सामना करते हुए गुजरती जिंदगी में कई मौके ऐसे भी आते हैं जब मुश्किलों का हल आसानी से नहीं निकल पाता है। खासकर तब जब शत्रु के द्वारा पैदा की गई समस्याएं आफत बनकर सामने आ जाती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए किए जाने वाले उपायों में तंत्र साधना को काफी उपुक्त बताया गया है। इसका जीवन में विशिष्ट महत्व है और ये दिनचर्या को सहज-सरल बनाने में काफी मददगार साबित होते हैं। यह भैरव तंत्र साधना से संभव है, जिसमें भगवान शिव की अद्भुत और विपुल शक्ति को जागृत किया जाता है।

भैरव तंत्र साधना
भैरव तंत्र साधना

हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव सर्वव्यापि हैं और संसार सत्व, रज और तम गुणों से मिलकर बनी हुई है। इनपर शिव का नियंत्रण रहता है। शिव में अगर आनंद और उग्रता का रूप है, तो वे सात्विक गुण से भी परिपूर्ण माने गए हैं। इन तीनों गुणों की अपार शक्ति उनके भैरव अवतार में होती है। इस बारे चली आ रही मान्यता के अनुसार भगवान शिव प्रदोषकाल में काल और कलह रूपी अंधकार से संसार की रक्षा के लिए भैरव रूप में प्रकट हुए थे। शिव महापुराण में बताया गया है- ‘‘भैरवः पूर्णरूपो हृशंकरः परात्मनः,मूढ़ास्ते वै न जानन्ति मोहिता शिवमायया।’’

इसे ही रुद्रावतार कहा गया है। रुद्रायमल तंत्र में कुल 64 भैरवों की चर्चा की गई है, लेकिन तंत्र साधन में भैरव के दस रूप ही ज्यादा उल्लेखित किए हैं और कहा गया है कि कोई भी महाविद्या तभी सिद्ध हो सकती है, यदि  भैरव के दस रूपों से संबंधित भैरव की सिद्धि नहीं कर ली जाए। हालंकि रूद्र भैरव के रूपो में 1. असितांग भैरव, 2. चण्ड भैरव, 3. रु-रु भैरव, 4. क्रोधोन्मत्त भैरव, 5. भयंकर भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव और 8. संहार भैरव सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। अदि शंकराचार्य ने भी अपनी पुस्तक प्रपंञ्च-सार तंत्र में भी इन्हीं आठ भैरवों की चर्चा विशेष तौर पर की है।

इस कारण भैरव के सभी स्वरूपों की पूजा फलदायी मानी गई है। भैरव का शब्दिक अर्थ भरण-पोषण करने वाला होता है। वैसे इसे अकाल मौत से बचाने वाला भी माना गया है। इनमें मुख्य तौर पर तीन रूप इस प्रकार हैंः-

  • आनंद भैरवः यह रजो गुण अर्थात राजस्व को दर्शाता है और इनमें अर्थ, धर्म व काम की सिद्धियों के फल मिलते हैं। इनके साथ भैरवी की उपासना भी तांत्रिक साधना-सिद्धि के रूप में की जाती है।
  • काल भैरवः तम गुण वाले इस स्वरूप की साधना काल-भय, संकट, दुःख और शत्रुओं से मुक्ति के लिए की जाती है। इनकी मान्यता कल्याणकारी स्वरूप में है और इनमें काल को नियंत्रित करने की अद्भुत शक्ति होती है।
  • बटुक भैरवः- इन्हें सात्विक स्वरूप के तौर पर जाना जाता है, जिनकी उपासना से सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति निरोगी जीवन व्यतीत करते हुए सुख-ऐश्वर्य, पद-प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में वृद्धि प्राप्त करता है।

भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना के बारे में समझने से पहले तंत्र साधना के षट्कर्म के बारे में जानना जरूरी है, जिसमें शांति कर्म, वशीकरण, स्तंभन, विद्वेषण, उच्चारण और मारण प्रयोग होते हैं। इनके अतिरिक्त मोहनं, यक्षिणी साधना और रसायन क्रिया के प्रयोग भी किए जाते हैं। ये सभी कई देवी-देवताओं की उपासना, आराधना व साधना-सिद्धि से किए जाते हैं। इन्हीं में भैरव तंत्र साधना भी है, जिसे अघोरी श्मशान में विधि-विधान के साथ संपन्न करवाते हैं। हालांकि इसे कोई भी व्यक्ति सहजता के साथ कर सकता है।

ऐसे करें भैरव साधना

प्राचीन तांत्रिक ग्रंथों में भैरव की साधना के कई तरीके बताए गए हैं, लेकिन इसके श्रेष्ठ तरीके के के अनुसार आधी रात को निम्न नियमानुसार की जानी चाहिए।

  • भैरवी की पूजा के लिए आवश्यक पूजन सामग्रियों के साथ कुछ तांत्रिक भले ही शराब को नवैद्य के रूप में महत्व देते हों, लेकिन यह दिन के अनुसार बदलता रहता है। जैसे यदि रविवार को पूजा की जाए तो चावल-दूध की खीर, सोमवार को लड्डू, मंगलवार को घी-गुड़ की बनी सामग्री, बुधवार को दही-चिवड़ा, गुरुवार को बेसन के लड्डू या हलवा, शुक्रवार को भुने हुए चने और शनिवार को उड़द के बने पकौड़े या तली हुई खाने की नमकीन सामग्रियों का भोग लगाना चाहिए।
  • पूजन की तैयारी पूरी होने पर भैरव का आवाहन् के बताए गए मंत्र का उच्चारण करें और भैरवाय नमः बोलते हुए चंदन, अक्षत, फूल, सुपारी, दक्षिणा, नवैद्य आदि के साथ धूप और दीप से आरती करें। वह मंत्र हैः- आयाहि भगवान् रुद्रो भैरवः भैरवीपतेप्रसन्नोभव देवेश नमस्तुभ्यं कृपानिधि।
  • भैरव के आवहन् के बाद काल भैरव की उपासना करते हुए बताए गए शाबर मंत्र का जाप करें। मंत्र हैः- जय काली कंकाली महाकाली के पुत काल भैरव, हुक्म है- हाजिर रहे, मेरा कहा काज तुरंत करे, काला-भैरव किल-किल करके चली आई सवारी, इसी पल इसी घड़ी यही भगत रुके, ना रुके तो तो दुहाई काली माई की, दुहाई कामरू कामाक्षा की , गुरू गोरखनाथ बाबा की आण छु वाचापुरी!!
  • भैरवी साधना किसी भी रविवार, मंगलवार या कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आरंभ किया जा सकता है। परिधान लाल वस्त्र का होना चाहिए।
  • साधना की शुरुआत करने से पहले अपने आसन के ठीक सामने भैरव का चित्र या मूर्ति को स्थापित किया जाना चाहिए। उसके सामने आपका दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए। इनकी पूजा तेल का दीपक जलाकर की जाती है। इसके अतिरिक्त गुग्गल, धूप-अगरबत्ती जलाई जा सकती है।
  • भैरव पूजा के बाद अर्पित की हुई नवैद्य सामग्री को पूजा-स्थल से बाहर नहीं ले जाना चाहिए, बल्कि उसे प्रसाद के तौर पर उसी समय सेवन करना चाहिए।
  • मंत्र जाप के लिए काली हकीक के माला का प्रयोग होना चाहिए।
  • विभिन्न उपायों के कुछ मंत्र बहुत उपयोगी होते हैं, जिनका तुरंत लाभ मिलता है। इन्हीं में एक भय नाशक मंत्र इस प्रकार हैः-ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय भयं हन्! इस मंत्र का दक्षिण दिशा मुंह कर छह माला जाप करना चाहिए।
  • शत्रु नाशक मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शत्रु नाशं कुरु! इस मंत्र को नारियल को काले कपड़े में लपेटकर भैरवी को अर्पित करना चाहिए। गुग्गल धूनी जलाते हुए पांच माला का जाप करना चाहिए।
  • जादू-टोना नाशक मंत्रः ऊँ भं भैरवाय अप्द्दुदारानाय तंत्र बाधाम नाशय नाशय! इस मंत्र का सात माल जाप करना चाहिए। इससे पहले आटे के तीन दिये जलाकर कपूर से आरती करनी चाहिए।
  • प्रतियोगिता-परीक्षा में सफलता का मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय साफल्यं देहि स्वाहाः! इस मंत्र का जाप बेसन का हलवा प्रसाद के रूप में भोग लगाने के बाद अखंड दीप जलाएं और उसे पूर्व की ओर मुख कर आठ माला का जाप करें।
  • बच्चों की सुरक्षा का मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रक्ष रक्ष! इस मंत्र का छह माला जाप मीठी रोटी का भोग लगाकर पश्चिम की ओर मुंह कर किया जाना चाहिए।
  • लंबी आयु मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रु रु स्वरूपाय स्वाहाः! इस मंत्र का पांच माला जाप पूरब की ओर मुख करना चाहिए। गरीबों को भोजन करवाएं।
  • बल-वृद्धि देने वाला मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शौर्य प्रयच्छ! इस मंत्र का सात माला जाप काले कंबल पर बैठकर करना चाहिए।

गणेश वशीकरण

गणेश वशीकरण

हिंदू धर्म में महादेव शिव और माता पर्वती के पुत्र भगवान गणेश की पूजा, आराधना, साधना और उपासना की महत्ता से सभी परिचित हैं। उन्हें घर या कार्यालय के प्रवेश द्वार पर स्थापित करने के साथ-साथ पूजा घर में विशिष्टिता के साथ रखा जाता है। प्रत्येक अनुष्ठान के दौरान सबसे पहले उनकी पूजा की जाती है। यही वजह है कि हर शुभ कार्य के शुभारंभ को ‘श्रीगणेश’ कहकर संबोधित किया जाता है और ‘ ऊँ  गणेशाय नमः!’ मंत्र के जाप से एकाग्रता एवं कार्यारंभ की प्रेरणा मिलती है।

गणेश वशीकरण
गणेश वशीकरण

वैदिक ग्रंथों की मान्यताओं के अनुसार गणेश भगवान की विशिष्ट पूजा और उनके मंत्रों की साधना-सिद्धि से वशीकरण की अद्भुत क्षमता भी हासिल की जा सकती है, जिसका विभिन्न या कहें विशेष कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। आईए, एक नजर डालते हैं वशीकरण के लिए श्रीगणेश अर्थात गौरी पुत्र गजानन को प्रसन्न करने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन से शुरू की जाने वाली पूजा के विधान और मंत्रों के बारे में, जो अचूक प्रभाव देते हैं।

वशीकरण की साधना

भगवान गणेश को भी रूप-सौंदर्य के था आकर्षित करने वाले ईष्टदेव रूप में पूजा की जाती है तथा उनमें आकर्षण या सम्मोहन शक्ति बढ़ाने की क्षमता है। और तो और श्रीगणेश को सभी सिद्धियों विधाता और वशीकरण के आधार देव माने जाते हैं। उनका वशीकरण का बहुपयोगी मंत्र हैः-

ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद्र सर्व जनं मे वशमानाय स्वाहा!!

विधि-विधानः भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने आसन पर ब्रह्म मुहूर्त में पूर्व या पश्चिम की दिशा में बैठकर इस मंत्र के स्पष्ट उच्चारण के साथ उनका ध्यान करना चाहिए। उसके बाद निम्न मंत्र का पाठ करना चाहिए।

मंत्रः ऊँ अस्य हस्तिमुख गणेश मंत्रस्य श्री गणक ऋषिः गायत्री छंदः।

     श्री हस्तिमुख गणपति देवता ममाभीष्ट सिद्धयर्थे विनियोगः।। 

अर्थात् अपने दोनों हाथों में इक्षुदण्ड धारण किए हुए, उनमें पाश और अंकुश लिए हुए। एक हाथ में कमल धारण कर श्यामांगी को बगल में बिठाए हुए त्रिनेत्र रक्त वर्ण वाले गणपति का मैं ध्यान करता हूूं। ऐसी विनती की वाणी के साथ श्रीगणेश के समक्ष जल का छिड़काव करना चाहिए। उसके बाद निम्न मंत्र का पाठ करने से वशीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाई जा सकती है। वह मंत्र इस प्रकार हैः-

ऊँ गं अंगुष्ठाभ्यां नमः हृदयाय नमः

ऊँ गं तर्जनीभ्यां नमः शिरसे स्वाहा

ऊँ गं मध्यमाभ्यां नमः शिखाये वषट्

ऊँ गं अनामिकभ्यां नमः कवचाय हुम्

ऊँ कनिष्ठिकाभ्यां नमः नैत्रत्रयाय वौषट्

ऊँ गं करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः अस्त्राय फट्!!

इस हस्तिमुख गणपति के तीन लाख मंत्र का जाप दस दिनों के अनुष्ठान के दरम्यान पूर्ण करने के बाद दशांश हवन ईख और घी या तेल में तले हुए पुए से करने का विधान है। इस तरह से किए गए गणेश पूजन से वशीकरण की सिद्धि प्राप्त हो जाती है। उसके बाद वशीकरण संबंधी उपाय किए जा सकते हैं। वे इस प्रकार हैंः-

  • पानी में गुड़ मिलाकर बने शरबत से 444 बार वश मं किए जाने वाले व्यक्ति को ध्यान कर तर्पण करें।
  • घी, शहद और शक्कर यानि त्रिमधु को हवन सामग्री में मिलाकर हवन करने से वशीकरण का कार्य संपन्न होता है, तथा नारियल से हवन करने पर श्रेष्ठता और समृ़िद्ध की प्राप्ति होती है।
  • किसी स्त्री को वश में करने के लिए शहद में थोड़ा नमक मिलाकर हवन करने का अचूक लाभ मिलता है। इसके प्रयोग से पहले सामान्य गणेश पूजन आवश्यक है।
  • गणेश पूजन से ग्रहों की बिगड़ी हुई दशा को भी सही कर सकारात्मक प्रभाव देने जैसा बनाया जा सकता है।

गणेश मोहिनी वशीकरण

सम्मोहन या वशीकरण के लिए मेहिनी अर्थात प्रेम-भावना के लिए कई प्रचलित साधनाओं में एक गणेश मोहिनी वशीकरण भी है। इसके जरिए अगर प्रेमी-प्रमिकाएं अपने प्रिय या दंपति जीवनसाथी के प्रेमपाश में बंधे रहने की चाहत रखते हैं। यह एक तरह से यौनाकर्षण बढ़ाने वाले उपयों में से भी एक है। गणेश माहिनी वशीकरण के लिए एक साधना करनी होती है, जिसे घर में नहीं किया जाता है। इसके लिए शाबर मंत्र का 1100 बार आहूति के साथ जाप किया जाता है। वह मंत्र हैः-

ऊँ गणपति वीर वसे मसानेजो मैं मांगु सो तुम आन!

पांच लड्डू वा सिर सिंदूर त्रीभुवन मांगे चंपे के फूल!

अष्ट कुली नाग मोहा जो नाड़ी 72 कोठा मोहु!

इंदर की बैठी सभा मोहु आवती जावती ईस्त्री मोहु!

जाता जाता पुरुष मोहुडावा अंग वसे नरसिंह जीवने क्षेत्र पाला ये!

आवे मारकरनाता सो जावी हमारे पाउ पडंता!

गुरु की शक्ति हमारी भगती चलो मंत्र आदेश गुरुका!!

साधना-सिद्धिः इस मंत्र को साधने और सिद्धि के लिए किसी जंगल, बाग-बगीचे, नदी, तालाब के किनारे,  पार्क या घर के पिछवाड़े एकांत कोने में गणपति के पूजन की तैयारी करनी चाहिए। पूजन सामग्रियों में फूल, पान, नारियल गोला, सफेद चंदन, लाल चंदन, किशमिश, बादाम, काला तिल एवं हवन की सभी सामग्रियों को अनुपातिक मात्रा में मिलाया जाना चाहिए। साथ में भोग के लिए पांच लड्डू और सिंदूर की एक डिब्बी रखना जरूरी है। रात के नौ-दस बजे के बाद हवन की शुरूआत के बाद रात्री के एक बजे तक संपन्न कर लिया जाना चाहिए।

हवन की पूर्णहुति के बाद पूजन की सारी सामग्री वहीं छोड़ देना चाहिए और अभिमंत्रित सिंदूर की डिब्बी को साथ घर लाना चाहिए। वशीकरण के लिए उस सिंदूर का तिलक लगाकर वश में किए जाने वाले व्यक्ति के पास जाने से वह वशीभूत हो जाता है। इस साधना को समस्त नियमों का पालन कर किसी जानकार के सानिध्य और मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।

तांत्रिक गणेश मंत्र

श्री गणेश के कुछ मंत्र इतने प्रभावशाली हैं कि उनसे एक सप्ताह के भीतर ही जीवन में चमत्कारी बदलाव आ जाता है। इन्हीं में एक तांत्रिक गणेश मंत्र इस प्रकार हैः-

ऊँ ग्लौम गौरी पुत्रवक्रतुंडगणपति गुरु गणेश।

ग्लौम गणपतिऋद्धि पतिसिद्धि पतिमेरे कर दूर क्लेश।।

विधि-विधानः इस मंत्र की साधान अलग ढंग से की जाती है तथा कुछ खास चीजों के इस्तेमाल और नियम पालन का ध्यान रखा जाता है। जैसे इस मंत्र की साधना के दिन अपने मन को नियंत्रित रखते हुए क्रोध, अपशब्द, कड़वी या व्यंग्यात्मक वाणी के बचने के साथ-साथ मांस-मदिरा, परस्त्री गमन आदि से दूर रहना होता है। सच्चे मन से प्रातः स्नानआदि के बाद भगवान शिव, पार्वती और गणेशजी की सामान्य ढंग से विधिवत पूजा करें। उसके बाद उपर दिए गए मंत्र का 108 बार उच्चारण के साथ जाप करें और यह संकल्प लें कि आपके द्वारा किए जाने वाले कार्य किसी को अहित पहुंचाने या किसी के मन को ठेस पहुंचाने वाले नहीं होंगे। सात दिनों तक ऐसा करने से सुख-समृद्धि की अनुभूति होगी और कार्यक्षेत्र में आने वाली समस्त बाधाएं हट जाएंगी। सहकर्मी, जीवनसााथी, मित्र आदि से हुए वैचारिक मतभेद दूर हो जाएंगे।

इच्छा पूर्ति

मनोकामना सिद्धि या मानेवांछित फल की कामना के लिए दिए गए मंत्र का विधिवत जाप करने से लाभ मिलता है। वह मंत्र हैः-

ऊँ गणपति वशे मशानजो फल मांगु देवे आन,

पांच लड्डू सेर सिंदूरभर आना आता आनंद,

भरपूर नेद्वतीमानफूले फलत जागे मर लियावे,

एक फूले हाथीजो तू माहन रहे,

सूबा बात साथ करो जाऊं तो मुट्ठी करो!!

विधिः इस मंत्र की सिद्धि के लिए किसी भी बुधवार को अनुष्ठान शुरू किया जा सकता है। देसी घी के ज्योत जलाई जाती है, श्रीगणेश की मूर्ति का पूजन किया जाता है और दो लड्डुओं का भोग लगाने के बाद पांच माला जाप किया जाता है। इस मंत्र का 21 दिनों तक जाप करते हुए गणेश भगवान से अपनी इच्छपूर्ति की मन्नत मांगी जाती है।

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

विधा धन भी लक्ष्मी के अभाव व्यर्थ जाता है सही माने तो विधा का अलंकरण धन द्वारा ही होता है। एक दिन लक्ष्मी जी ने सोचा आज सरस्वती की पुत्रियों को धन का महत्व बताया जाए। सो लक्ष्मी माता सरस्वती की पुत्रियों शारदा और गायत्री के पास गयी । घर में सरस्वती ना थी,घर का चूल्हा ठंडा पड़ा था और पुत्रियाँ भूख से व्याकुल थी। पुत्रियों की दशा देख कर लक्ष्मी माँ ने स्वयं घर का काम किया। थोड़ी देर में लक्ष्मी माँ ने घर की सफाई स्वयं की और गाय से दूध निकाल कर खीर बना कर स्वयं गायत्री और शारदा माँ को खिलाई। घर का द्वार देख कर सरस्वती जी को भान हो गया कि लक्ष्मी आई है, लक्ष्मी को देख सरस्वती ने ॐ वासुदेवाय नम कह कर गले लगा लिया केवल एक यही तो वरदान सफल है, कलयुग का जहाँ लक्ष्मी रहेगी वहाँ सरस्वती जी का भी वास रहेगा।

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र
लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

धन का महत्व ना होता तो जगत का चलना असंभव हो जाता। धन तेरस के दिन  हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के द्वार पर ॐ बनाने से घन आएगा। दीपावली पूजन के साथ शंख और डमरू बजाने से दरिद्रता का नाश होता है। लक्ष्मी का आगमन बना रहता है।

  • पैसा दुनिया में सबकुछ तो नहीं होता है, लेकिन पैसों की जरूरत हर किसी को हर दिन पड़ती है. कई बार हमारे काम पैसों की कमी के कारण बिगड़ जाते हैं. कई बार छोटी-छोटी बातों को हम… अक्सर नजरंदाज कर देते हैं, और यही छोटी-छोटी बातें हमारे धन के आगमन के रास्ते में बाधा पैदा करती है. तो आइए जानते हैं, कि कौन से उपाय करके आप अपने पैसों के आगमन के श्रोत बढ़ा सकते हैं. क्या-क्या चीजें आपको करनी चाहिए और क्या नहीं करनी चाहिए.
  • जिस घर में अक्सर लड़ाई होती रहती है, उस घर पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है. इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके घर में लड़ाई न हो.
  • हर दिन श्रीसूक्त का पाठ कीजिए और श्रीसूक्त से हवन भी कीजिए.
  • घर में तुलसी का पौधा लगाएँ, और हर शाम तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जरुर जलाएँ.
  • जिस घर के लोग सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं, फिर पूजा करके हीं नाश्ता करते हों. उस घर पर लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.
  • भगवान को भोग लगाने के बाद हीं भोजन कीजिए.
  • बिस्तर पर बैठकर भोजन न करें, इससे माँ लक्ष्मी रुष्ट होती है.
  • अपने घर की स्त्रियों को सम्मान दें, उन्हें जानबूझकर कष्ट भूलकर भी न दें. जिस घर में स्त्रियाँ दुखी होती है, वहाँ लक्ष्मी कभी नहीं टिकती है.
  • जहाँ धन रखते हों, उस स्थान पर लाल कपड़ा बिछा दीजिये.
  • किसी का भी जूठा भोजन न करें, इससे उस व्यक्ति की दरिद्रता का कुछ अंश आपमें आ जाता है.
  • घर में कबाड़ न रखें, टूटे-फूटे चीजों को घर में नहीं रखना चाहिए.
  • रात में खाना खाने के बाद जूठे बर्तन रसोई में न छोड़ें. बर्तन और रसोई की सफाई करने के बाद हीं सोयें.
  • शाम के समय में कभी भी सेक्स न करें.
  • शाम होने के बाद घर में झाड़ू न लगाएँ.
  • पूजा रूम अलग रखें, पूजा रूम की शुद्धता का ख्याल रखें और जब भी पूजा करें तो पूरी तरह शुद्ध होकर पूजा करें.
  • किसी से भी कोई भी चीज मुफ्त में न लें, उसके सामान की कीमत अवश्य चुकाएँ. किसी को धोखा देकर धन लेने से भी लक्ष्मी नाराज हो जाती है.
  • अपनी आय का कुछ हिस्सा धार्मिक कार्यों में जरुर लगाएँ, समय-समय पर दान भी करते रहें.
  • अपने इष्ट देवता / देवी की हर दिन पूजा करें.
  • घर में मकड़ी के जालों को न रहने दें, इन्हें साफ करते रहें.
  • चाहे आपकी दुकान हो या ऑफिस, आप जहाँ पर भी काम करते हैं, उस स्थान को साफ रखें.
  • घर में ताजमहल, नटराज, बहते पानी के चित्र…… इन सबकी न तो फोटो रखें न हीं मूर्ति.
  • घर में उपयोग किया गया पानी, घर में कहीं जमा नहीं होना चाहिए.
  • घर में पकाया हुआ अन्न कभी भी बर्बाद नहीं होना चाहिए, माड़ नाली में कभी न फेकें.
  • दूसरे की स्त्री या धन पर बुरी दृष्टि न डालें.
  • साफ सुथरे रहें, गंदे या फटे कपड़े न पहनें.
  • घर का कुछ हिस्सा कच्चा ( मिटटी ) जरुर छोड़ दें.
  • बड़ों का सम्मान कीजिए, क्योंकि माँ लक्ष्मी उस व्यक्ति पर कृपा नहीं करती है, जो अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करता है.
  • अपने घर के ईशान कोण में श्री यंत्र ताम्रपत्र, रजत पत्र या भोजपत्र पर बनाइए. प्राण प्रतिष्ठा करवाने के बाद हर दिन इसकी पूजा कीजिए.
  • खुद को किसी कार्य में कुशल बनाइए, अपने आय के साधन बढ़ाने की कोशिश करते रहिए. क्योंकि ऊपर बताये गए उपाय तभी काम करेंगे, जब आप कुछ करने की कोशिश करेंगे. आपके हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहने से तो धन आपके पास आने से रहा. और ध्यान रखिये खुद की क्षमता का ध्यान रखते हुए हीं आपको अपने कैरियर का चुनाव करना चाहिए.
  • और यह जरुर यद् रखिये कि पुरुषार्थी ( मेहनती ) व्यक्ति का भाग्य कब बदल जाए यह किसी को पता नहीं होता है, इसलिए मेहनत जारी रखिये.