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बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र

बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र

बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र की साधना-सिद्धि को विशेषकर जादू-टोने वाला प्रयोग माना जाता है। अत्याधुनिक रहन-सहन, जीवनशैली और ज्ञान-विज्ञान के तकनीकि विकास के दौर में भी इसके प्रति मान्यता और विश्वास में कोई कमी नहीं आई है। इसके जरिए तमाम तरह की घरेलू समस्याओं से लेकर व्यक्तिग समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। जैसे विवाह की समस्या हो, प्रेम-संबंध में रूकावटें पैदा हो जाए, या फिर सेहत संबंधी परेशानी आ जाए या आर्थिक तंगी पीछा नहीं छोड़ रही हो। इनसे छुटकारा पाने के वैदिक, धार्मिक अनुष्ठानों के अतिरिक्त तंत्र-मंत्र के प्रयोग भी फलदायी साबित होते हैं।

बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र
बंगाली वशीकरण तंत्र मंत्र

विचलित मन, भटकाता हुआ दिल-दिमाग और किसी की शत्रुता से अनावश्यक आ जाने वली परेशानियों को तंत्रिक साधना मुक्ति दिलवाता है। तांत्रिक साधना कोई कपोल-कल्पित प्रयोग नहीं होता, बल्कि यह मनुष्य के भीतर व्याप्त ब्रह्मांडीय ऊर्जा के स्रोत को रचनात्मक दृष्टिकोण प्रदान करने का एक तकनीकी उपाय करने वाला अचूक जरिया है। एक नजर डालते हैं कुछ विशिष्ट प्रयोगों के बारे में, जिन्हें स्वयं या तांत्रिक की मदद से पूर्ण किया जा सकता है।

पश्चिम बंगाल के वीरभूम जिले में तांत्रिक साधना का बहुत प्रसिद्ध 51 शक्तिपीठों में तारापीठ है, जहां सिद्धि और साधानाओं के लिए संतों, संन्यासियों का जमावड़ा लगा रहता है। इस पीठ के मंदिर में तारा मां की पत्थर की बनी मूर्ति स्थापित है। मंदिर से कुछ दूरी पर मीलों तक फैला हुआ महाश्मशान है।

पत्नी या प्रेमिका का वशीकरण

रूठी हुई पत्नी या प्रेमिका को बंगाली तंत्र-मंत्र के वशीकरण प्रयोग से मनाया जा सकता है। इसी तरह कोई पुरुष अगर चाहे तो  मतभेद या कलह की शिकार हो चुकी पत्नी या प्रेमिका को कसी भी माह के कृष्ण पक्ष की पहली तिथि से तांत्रिक प्रयोग शुरू कर अपनी ओर वशीभूत कर सकता है। इसका मंत्र इस प्रकार बताया गया हैः-

काली चिड़िया चिंग चिंग बोले,

काली बनकर जाए।

अमुक को वश में करवाए,

ना करवाई तो यति हनुमंत की आन!!

इस मंत्र जाप से साधना करने वाले पुरुष को चाहिए कि वे इसके लिए एकांत कमरे में उत्तर या पूर्व की ओर मुंहकर आसन पर बैठ जाएं। अपने सामने एक दीपक या अगरबत्ती को जला लें। उसके बाद  मंत्र का पाठ 108 बार करे। इस प्रक्रिया को सप्तमी तिथि तक दुहराएं तथा अमुक शब्द के स्थान पर अपनी पत्नी या प्रेमिका का नाम उच्चारित करें।

अगले दिन यानि अष्टमी को हवन-सामग्री से उसी मंत्र द्वारा 108 बार हवन करें। इस तरह से पूर्ण हुई साधना के बाद अवसर देखते हुए खाने की किसी वस्तु पर मंत्र को सात बार पढ़ने और फूंक मारने के बाद प्रेमिका या पत्नी को खिला दें। इसका तत्काल असर होगा। परंतु ध्यान रहे कि यह प्रयोग केवल मनचाही स्त्री सम्मोहन के लिए है, न कि पुरुष के लिए। वैसे इसके प्रयोग से प्रेम-विवाह में आने वाली बाधाओं को दूर किया जा सकता है।

बंगाल का बगलामुखी तंत्र-साधना

तांत्रिक साधनाओं में बंगाल के बगलामुखी तंत्र साधना से वशीकरण, मारण, उच्चाटन आदि जैसी क्रियाएं संपन्न की जा सकती हैं। इसका प्रयोग सामन्यतः दुश्मन को हानि पहुंचाने के लिए किया जाता है। इस साधना से यदि हारी हुई बाजी जीती जा सकती है, तो मुकदमे में सफलता भी हासिल किया जा सकता है। इसमें जरा भी संदेह नहीं कि इससे बहारी या परिवार का ही किसी सदस्य की शत्रुता से छुटकारा पाना संभव हो सकता है। इस साधना को काफी सतर्कता से किया जाता है। जैसे ब्रह्मचर्य का पालन, स्त्री स्पर्श और इस बारे में किसी तरह की चर्चा की मनाही मुख्य है।

पीले वस्त्र में पीले आसन पर उत्तर दिश की ओर मुंह कर बैठ की जाने वाली साधना के समय अपने गुरु का ध्यान करना आवश्यक है। मंत्र का जाप शुक्ल पक्ष में करना चाहिए। वैसे इसके लिए नवरात्रि सबसे उपयुक्त माना गया है। रात में दस से प्रातः 4 बजे तक किए जाने वाले 36 अक्षर के प्रभावशाली मंत्र जाप से पहले विनियोग, आवाहन् और ध्यान के मंत्र उच्चारित किए जाते हैं। उसके बाद ही बगलामुखी मंत्र का विधि-विधान के साथ एक लाख बार जाप किया जाता है। अत्यधिक सिद्धि क लिए पांच लाख बार जाप भी किया जा सकता है।  मंत्र हैः-

ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानांवाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्वां कीलयबुद्धि विनाशय ह्रीं ओम् स्वाहा!!

धनागमन आमंत्रण मंत्र

धन के अधिपति अर्थात राजा कुबेर हैं। ऐसी मान्यता सदियों से चली आ रही है कि पृथ्वी की संपूर्ण धन-संपदा के एकमात्र स्वामी कुबेर ही हैं। वे भगवान शिव के परम प्रिय भक्त रहे हैं। कुबेर की साधना कर धनागमन को आमंत्रित किया जाता है। उन्हें प्रसन्न करने का जो विधान बताया गया है, जो दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा से संभव हो पाता है। इस दिन कुबेर के मंत्र ‘‘ऊँ श्रींऊँ ह्रीं श्रींऊँ ह्रीं क्लीं वित्तेश्वरायः नमः’’ का 1008 बार पाठ किया जाता है। इसी दिन पश्चिम बंगाल और असम में बंगाली समाज के लोग मां काली की भी पूजा करते हैं। उनके द्वारा काली की पूजा विधिवत तांत्रिक अनुष्ठान के द्वारा की जाती है। उनका विशेष मंत्र इस प्रकार हैः-

ऊँ क्रिं क्रिं दक्षिणकालीकायेय नमः

बंगाली टोने-टोटके: मन में असुरक्षा की भावना को दूर करने में सहायक होते हैं टोटके। इनमें कुछ सामान्य प्रयोग वाले होते हैं, जबकि कुछ के लिए तंत्र-मंत्र का सहारा लिया जाता है। बंगाली टोने-टोटके में भी भी ऐसा कुछ किया जाता है, जिसका सकरात्मक प्रभाव व्यक्ति को समस्याओं से मुक्ति दिलवाता है।   कुछ टोटके इस प्रकार प्रयोग में लाए जाते हैंः-

  • टोने-टोटके को शनिवार, रविवार या मंगलवार को किए जाते हैं, लेकिन दीपावली, होली और ग्रहण के मौके पर करने के अच्छे परिणाम आते हैं। दीपावली के दिन पीपल के पांच पत्तों को ताड़ लाएं और उसे रात में मता महालक्ष्मी का पूजन के बाद पत्तों पर दूध से बना मीठा व्यंजन या पनीर को पीपल के पेड़ को अर्पित कर देने से मनोकामना पूर्ण होती है।
  • दीपावली के दिन अपने पूर्वजों को याद कर उनका दिन में तर्पण करने के बाद किसी भूखे गरीब व्यक्ति को भोजन करवाने से अटके हुए कार्य पूरे हो जाएंगे।
  • वर-वधू के बीच आपसी मतभेद को दूर करने और सुखी जीवन के लिए साबुत काले उड़द में हरी मेहंदी मिलाकर उनकी दिशा में स्थित घर की ओर फेंक दें।
  • श्री महालक्ष्मी के चित्र या मूर्ति के सामने नौ बत्तियों के शुद्ध घी का दीपक जलाएं। ऐसा करते ही धनलाभ होगा।
  • शुभ कार्य में आने वाली बाधा आने या देरी होने की स्थिति में रविवार को भैरों जी के मंदिर में सिंदूर का चोला चढ़ाकर बटुक भैरव का स्तोत्र का पाठ करें। उसके बाद गायों, काऔं और काले कुत्तों को उनका आहार खिलाएं।
  • किसी की नजर उतारने के लिए यह टोटका अपनाएं। आधपकी रोटी पर तेल या घी लगाकर उसपर तीन सूखी मिर्च और एक चुटकी नमक डाल दें। उसे नजर लगे व्यक्ति के ऊपर से सातबार उतारें और किसी चैराहे पर रख दें।

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ मंत्र साधनागोरखनाथ शाबर मंत्रगुरु गोरखनाथ के उपाय- गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि तीव्र असर करने वाली तंत्र विद्या के अंतर्गत आती है. इस विद्या को उपयोग में लाने से पहले आवश्यक दिशा-निर्देशों को जान लेना ज़रूरी है. प्राचीन तंत्र विद्या में भगवान शिव के मुख से निकले मंत्रो को भी शामिल किया गया है. इन मन्त्रों का असर तीव्र होता है. इसलिए गोरखनाथ विद्या का प्रयोग करने वाले को सावधानियां बरतनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि
गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि एक प्राचीन तंत्र विद्या है. इसका प्रयोग करके कोई भी साधक अपनी ज़िन्दगी में सफलता प्राप्त कर सकता है. इस वशीकरण साधना में किसी व्यक्ति को सम्मोहित करके उससे अपने अनुरूप काम करवाना जा सकता है.

गुरू गोरखनाथ चैरासी सिद्धियों में प्रमुख माने जाते हैं. इनका दूसरा नाम गोरक्षनाथ भी है. वे योगी, अवधूत, और सिद्ध हठयोगी पुरुष माने जाते हैं. गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में कुछ ख़ास मंत्र दिए गए हैं जिनके प्रयोग से आश्चर्यजनक से परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं. इनके द्वारा सिद्ध किया गया शाबर मंत्र अपने आप में बहुत असरदार है.

गुरु गोरखनाथ ने कई शाबर मन्त्रों की रचना की थी. नाथपंथ के अनुसार भगवान शिव को आदिनाथ भी कहा जाता है. उन्होंने तंत्र-मंत्र की विद्या भीलों को प्रदान की थी. भीलों से ये विद्या मत्स्येन्द्रनाथ तक और फिर गुरु गोरखनाथ तक पहुंची.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में शक्तिशाली शाबर मन्त्रों का प्रयोग करने से पहले गुरु गोरखनाथ को मन्त्रों से प्रसन्न करना बहुत फायदेमंद होता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

सत नमो आदेश! गुरूजी को आदेश!

ॐ गुरूजी!

डार शाबर बर्भर जागे, जागे अढ़ैया और बराट

मेरा जगाया न जाग,

 तो तेरा नरक कुंड मं वास!

दुहाई शाबरी माई की!

दुहाई शाबरनाथ की!

आदेश गुरु गोरख की!!

 

इस मंत्र के लिए एक गोबर का कंडा कर सुलगाएं. अब इस पर गुगुल डालें और इस मंत्र का उच्चारण करें. इस मंत्र को जाग्रत करने के लिए इसका 108 बार उच्चारण करें. इस विधि के अनुसार लगातार 21 दिनों तक मन्त्रों का जाप करना चाहिए.

गोरखनाथ विशिकरण सिद्धि में किसी मंत्र के द्वारा किसी को अपने वश में किया जा सकता है. वशीकरण के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

ओम एक नमक रमता माता, दूसरा नमक विरह से आता।

तीसरा नमक औरी-बौरी, चैथा नमक रहै कर जौरी।

यह नमक अमुक 1 खाए, अमुक 2 को छोड़ दूसरा नहीं जाए।

दुहाई पीर औलिया की, जो कहे सो सुने।

जो मांगे सो देय। दुहाई गौरा पर्वती की।

दुहाई कामख्या की। दुहाई गुरू गोरखनाथ की।

इस मंत्र में अमुक1 और अमुक2 आया है. इसके लिए जब आप मंत्र का उच्चारण करें तो अमुक1 की जगह वशीकरण करने वाले का नाम लें तथा अमुक2 की जगह जिसको वश में करना है उसका नाम लें. इस मंत्र को मुख्य रूप से किसी स्त्री को वश में करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि से जीवन साथी का वशीकरण करने के लिए पाने के पत्ते के डंठल को घिस कर तिलक लगायें. इसके प्रयोग से आपके जीवनसाथी या प्रेमी पर आपका आकर्षण सदैव बना रहेगा.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में बिगड़े हुए पति को रास्ते पर लाने के लिए भी मंत्र है. अगर किसी स्त्री का पति व्यभिचारी है और दूसरी स्त्रियों के पीछे पागल रहता है तो ये मंत्र उपयोगी होता है.

मंत्र: ओम काम मालिनी ठः ठः स्वाहा!

ओम र्हीं क्लीं कलिकुंड स्वामिनी अमृत वक्र अमुकं जुमभय मोहय स्वाहा!!

अगर आप एकसाथ कई लोगों को अपने वशीभूत करना चाहते हैं तो इसके लिए भी गोरखनाथ मंत्र साधना में मंत्र उपलब्ध हैं. अगर आप चाहते हैं हर कोई आपकी बात को महत्व दे और आपकी बातों की उपेक्षा न करे तो इस मन्त्र का जाप 108 बार करें.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मन रंजनी सर्वषान महातगे कुवरी के नंद नंद जिव्हे सर्व जगत वश्य मानय स्वाहा!!

गुरु गोरखनाथ के उपाय में ये मंत्र भी बहुत कारगर है. इस मंत्र का उपयोग किसी भी वशीकरण के प्रभाव को नष्ट कर देता है. वशीकरण का प्रभाव नष्ट करने के लिए सात नदी या सात कुओं से पानी ला कर वशीभूत व्यक्ति को इस मंत्र का उच्चारण करते हुए नहलाया जाता है. यह उपाय बिमारियों से भी मुक्ति दिलाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम वज्र में कोठा, वज्र में ताला, वज्र में बंध्या दस्ते द्वार,

तहां वज्र का लग्या किवाड़ा!

वज्र में कील, जहां से आया तहां से जावे,

जाने भेजा, जाकूं खाए, हमको फेर न सूरत दिखाए!

हाथ कुं, नाक कुं सिर कुं पीठ कुं कमर कुं छाती कुं!

जो जोखो पहुंचाए, तो गुरु गोरखना की आज्ञा फुरे!

मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र इवरोवाचा!

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में एक अन्य बहुत ही सिद्ध मंत्र होता है. इस मन्त्र के लिए कोई विशेष विधि करने की आवश्यता नही होती है. इस मंत्र का जाप 31 बार रात के समय करना चाहिए. यह मंत्र इस प्रकार है:

ॐ नम: महादेवी सर्वकार्य सिद्धिकर्णी जो पाती पुरे,

ब्रह्म: विष्णु महेश तीन देवतन मेरी भक्ति गुरु की,

शक्ति श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरो मंत्र ईश्वर वाचा!!

 

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि को करने के लिए आपको कुछ ज़रूरी बाते ध्यान में रखनी चाहिए. अगर आप इन बातों को ध्यान में रखकर विधिपूर्वक मंत्रो का जाप और साधना करते हैं तो आपको काफी अच्छा परिणाम बहुत ही कम समय में देखने को मिल जायेगा.

गोरखनाथ के उपाय करते समय ध्यान रहे कि आप इनका प्रयोग किसी सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए कर रहे हों. गोरखनाथ के उपायों किसी विशेष प्रकार की विधि की आवश्यता नही होती है. अपने सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए इनका प्रयोग आशाजनक परिणाम देता है साथ ही इनके प्रयोग से किसी के द्वारा किये गए वशीकरण के प्रभाव को नष्ट भी किया जा सकता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है. कोई भी व्यक्ति बिना किसी सिद्ध गुरु के बैगर इन मंत्रो के जाप से लाभ प्राप्त कर सकता है. इन मंत्रो और साधनाओं को करने के लिए लाल या सफ़ेद रंग का आसन उपयुक्त होता है. इन मंत्रो का जाप करते हुए गुरु गोरखनाथ के प्रति मन में पूर्ण श्रद्धा होनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि का प्रयोग करने पर कोई भी साधक अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है. आप अपने उद्देश्य के प्रति एकाग्र हो कर अगर गोरखनाथ के उपाय करेंगे को आपको निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी.

कामाख्या तंत्र साधना

कामाख्या तंत्र साधना

पौराणिक कथानुसार गौरी के पिता दक्ष ने जब यज्ञ किया था तब उसमें भगवान शिव का अनादर देखकर उनकी पत्नी  गौरी ने क्रोध में आकर हवन के कुंड में कूदकर अपने देह को त्याग दिया | क्रोधित होकर  भगवान शंकर उनके शव को  उठाकर  तांडव करने लगे | चारों तरफ हाहाकार मचने लगा | विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन  चक्र को उठाया  और  शव के ५१ टुकड़े कर दिए ताकि शिव का क्रोध शांत हो जाए | अंगों के टुकड़े  जहां जहां गिरे वे बाद में शक्ति पीठ के रूप में चिन्हित  हो गए | इन अंगों में से  माता  गौरी की योनि  कमरों  नाम के स्थान पर  गिरी थी  और यह स्थान  देवी के गर्भ गृह के नाम से विख्यात कामाख्या शक्ति पीठ हुआ | यहाँ पर देवी कामाख्या की मूर्ति की जगह ‘योनि” रूप में शिलाखंड की पूजा होती है , तंत्र साधना होती है | आज हम भी इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं कामाख्या तंत्र साधना |

कामाख्या तंत्र साधना
कामाख्या तंत्र साधना

कामाख्या तंत्र साधना में सबसे पहले देवी के मंत्र की अर्थात कामाख्या मंत्र की साधना करे,जो बहुत ही शक्तिशाली माना गया है | इस मंत्र में सिद्धि प्राप्त करने के बाद कुछ भी पाना असंभव नहीं है | साधना को आरंभ करें सर्वप्रथम विनियोग से | फिर करन्यास करें और अंत में अंगन्यास करें | इसके पश्चात श्रद्धा पूर्वक ध्यान लगाएं और देवी के अतुलनीय रूप पर अपना ध्यान एकत्रित करे | देवी का स्वरुप है –देवी कामाख्या लाल वस्त्र धारण किए हुए हैं | वे कमल के समान कोमल तथा सुंदर है और चंद्र जैसी उज्ज्वला हैं | जिनके  ललाट पर  सिंदूर से तिलक लगाया हुआ अत्यधिक सुशोभित हो रहा है | दो भुजाएं वाली देवी तीन नेत्रों वाली है | जिनका सिंहासन मणि माणिक्य  से सुशोभित है | मां  के होंठ पर स्निग्ध  मुस्कुराहट हैं | वह अनेक विद्याओं को जानने वाली हैं | उनके समक्ष सभी डाकिनी और शाकिनी हाथ जोड़ नतमस्तक है | सिंहों की टोली भी उनका वंदन कर रही है | देवी के वचनों का श्रवण करने के लिए देवी सरस्वति और लक्ष्मी भी व्याकुल रहती है | हर लोकों में पूजनीय देवी कामाख्या अति ही करुणामयी है तथा सबका मंगल चाहने वाले हैं |

अब हम आपके लिए कामाख्या वशीकरण मंत्र का उल्लेख करने जा रहे हैं जिसकी साधना से सभी मनोरथ की पुष्टि होती है | यह अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है | देवी की मंत्र साधना के बाद षोडशोपचार पूजा करें तथा इसके बाद नीचे दिए गए मंत्र को जपे | लेकिन, ध्यान रहे जाप आरंभ करने के पहले किसी भी सुयोग्य तांत्रिक से परामर्श अवश्य करें तथा उसी के परामर्शानुसार जाप संख्या का संकल्प करें | मंत्र है –”त्रीं त्रीं त्रीं हूं, हूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं  स्वाहा |”

उपरोक्त मंत्र के जाप के बाद नीचे दिए गए मंत्र के द्वारा देवी का वंदन करें | मंत्र है —

“कामाख्ये कामसंपन्ने,  कामेश्वरी हर-प्रिया कामनां देहिमे नित्यं,  कामेश्वरी नमोस्तुते |

कामदे काम-रूपस्थे  सुभगे सुरसेविते   करोमि दर्शनं देव्या: सर्वा-कामार्थ सिद्धिये |

यह साधना कामाख्या में किसी योग्य तांत्रिक या गुरु के निर्देशानुसार ही होनी चाहिए |

कामाख्या मंत्र साधना का एक अत्यंत प्रभावशाली टोटका या मंत्र है –”ओम् त्रीं  नमः “..इस मंत्र का जाप किसी भी स्थान से किया जा सकता है | कृष्ण पक्ष की नवमी को रात्रि १२:०० बजे पूर्व दिशा की ओर अपना चेहरा करके बैठे लाल आसन के ऊपर | अब अपने सामने कामाख्या देवी की तस्वीर रखें |  पानी वाला एक जटा-नारियल ले | बिना जटा हटाए इसके ऊपर सिंदूर में तेल मिलाकर टीका करें | अब इसे देवी को समर्पित करे, पूजन करें पंचोपचार विधि द्वारा | इसके बाद प्रसाद देवी को अर्पित करें |  अब अपने दाहिने हाथ में जल लेकर विधिवत जाप करने के लिए संकरल्प करें तथा ऊपर बताए गए मंत्र का मूंगे की माला से जाप करें | जाप लगातार तीन दिनों तक करें | जाप संख्या होनी चाहिए प्रतिदिन ५१ माला | जाप की समाप्ति के बाद नारियल को किसी नदी में प्रवाहित कर दें |

कामाख्या सिंदूर प्रयोग  कामाख्या मंदिर में पाए जाने वाले सिंदूर को कामिया सिंदूर कहते हैं जो अन्य कहीं नहीं मिलता | मान्यताओं के अनुसार इस सिंदुर का व्यवहार करने से विवाहिताओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है | अगर इस सिंदूर  को अभिमंत्रित किया जाए तो दैनिक जीवन  के विभिन्न समस्याओं के समाधान में इसका अत्यंत चमत्कारी  रूप देखने को मिलता है | इसको अभिमंत्रित किए जाने में अत्यंत नियम का पालन करना चाहिए | इसकी विधि– शुक्रवार के दिन  पूजा  शुरू करें | कामाख्या  सिंदूर  अभिमंत्रित किए जाने के लिए  सिंदूर को एक चांदी की डिबिया में ढक्कन लगाकर रखे | मंत्र का जाप करने के वक्त इसे अपने सामने रखें | इस पूजा के समय लाल वस्त्र धारण करें और आसन का रंग भी लाल ही होना चाहिए | लगातार सात दिन तक इस मंत्र का जाप करें तथा विधि पूर्वक पूजा करें | चुटकी भर सिंदूर में उसी अनुपात के अनुसार केसर, चंदन मिला लें  और  गंगाजल से  इसे घोलें | अब  ११ बार जाप करें कामाख्या मंत्र का | जाप जाप  समाप्त होने के बाद  इस सिंदूर के मिश्रण से तिलक लगाएं | इसके लगाते ही लगाने वाले  व्यक्ति में किसी को भी सम्मोहित करने की ताकत आ सकती है |

कामाख्या सिंदूर प्रयोग

सबसे पहले  सिंदूर का  पूजन करें विधि विधान से | अब नीचे दिए गए मंत्र द्वारा  लगातार बिना नागा  सात रविवार तक जाप करें | जाप संख्या होनी चाहिए  प्रतिदिन १०८ वार | मंत्र है —

“हथेली में हनुमंत,भैरू बसे कपार |

नरसिंह की  मोहिनी मोहे सब संसार,

मोहन रे मोहनता वीर

सब वीरन में तेरा सीर,

सबकी नजर बांधन दे

तेल सिंदूर चढ़ाऊं तुझे, तेल सिंदूर कहां से आया ?

कैलाश पर्वत से आया कौन लाया?

अंजनी का हनुमंत, गौरी का गणेश लाया | काला गोरा तोतल तीनों बसे कपार दुहाई कामिया सिंदूर की

हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की  सत गुरु सेट कबीर “

मंत्र का जाप संपूर्ण होने के बाद इस सिंदूर को चुटकी भर लेकर वापस दिए गए उपरोक्त मंत्र को  सात वार जाप करे तथा अपने  मस्तक पर तिलक लगाएं | यह वशीकरण प्रभाव उत्पन्न करता है |

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण, दोस्तों आज तक हमने आपको वशीकरण के बहुत सारे उपाय बताए हैं। आज हम जिस उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, उसका शीर्षक है हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण यानी कि हाथ पर नाम लिखकर कैसे किसी को वशीकरण करेंगे इस बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके लिए आपको इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा।

अब आपको लग रहा होगा कि कैसे हाथ पर नाम लिखकर हम किसी को भी वशीकरण कर सकते हैं क्या यह संभव है तो हम आपको बता दें कि जी हां, यह बिल्कुल संभव है आप किसी को भी वशीकरण कर सकते वह भी अपने हाथ पर नाम लिखकर कैसे आइए जानते हैं-

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण
हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

यह उपाय  है तो बहुत छोटा सा लेकिन है बहुत लाभकारी अगर आप बिना किसी परेशानी के इस टोटके को अपना सकते हैं तो  हम आपको दावे के साथ कह सकते कि  दुनिया में किसी भी  शख्स को आप अपने हाथ से ही वशीकरण कर सकते हैं वह भी हथेली पर उस शख्स का नाम लिखकर।

इस वशीकरण के टोटके में सिद्धि पाने के लिए आपको 2 चीजों का जुगाड़ करना पड़ेगा– पहला है इलायची और लाल स्याही वाला पेन।

इलायची और लालपेन सबसे पहले आप बाजार से जाकर खरीद कर लेकर आइए। खरीदने का कोई निश्चित समय ,निश्चित दिन नहीं है आप किसी भी दिन खरीद कर ला सकते हैं।

यदि आप बहुत गुस्से वाले प्रकृति के मानव है और आप से हमेशा कोई ना कोई रूठ जाता है तो यह टोटका आपके लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है वह भी टोटकों  के माध्यम से आप आपके ऊपर रूठे हुए लोगों को मना सकते हैं।

इस टोटके में ऐसी शक्ति है जो आपसे रूठ कर दूर बैठे हुए व्यक्ति को भी मना सकता है और आपसे बातचीत करवा सकता है इतना ही नहीं ये टोटका आपके व्यवहार में भी बदलाव ला सकता है आप के गुस्से को भी वशीभूत कर सकता है।

हम आपको पहले भी बहुत बार बता चुके हैं कि वशीकरण एक ऐसा उपाय है जिससे किसी को भी कहीं भी कहीं से भी रहकर ही वशीकरण कर सकते हैं बस आपका उद्देश्य सही हो अगर गलत करने के लिए यह टोटका करेंगे तो आप सफल नहीं होंगे।

ज्योतिष शास्त्र के ज्योतिष आचार्यों का भी यही मानना होता है कि अगर वशीकरण के टोटके आप अच्छा करने के लिए करते हैं तो ठीक है वरना आपको उचित परिणाम भोग करना हो सकता है। आप को रात के 12:00 बजे के बजे के बाद उपाय करने से उसमें सफलता बहुत जल्दी मिलती है। वशीकरण के उपायों को इसीलिए आधे रात में ही किया जाता है क्योंकि उस वक्त परिवेश भी शांत होता है और शांत परिवेश में तो टोटका करना बहुत अच्छा होता है।

ध्यान रखे हाथ से वशीकरण के टोटके को करते वक्त आपको कोई भी ना देखे यदि आपको यह टोटका करते हुए कोई भी देख लेता है तो आपको इस टोटके में बिल्कुल भी सफलता नहीं मिलेगी इसलिए हम आपको बार-बार इसी बात पर जोर दे रहे हैं कि इस टोटके को आप को  आधी रात को ही करना है जिस वक्त सब लोग सोए हुए हो और कोई भी आपको यह टोटका करते हुए न देखे जिससे आपको आसानी से सफलता मिल सके।

अब हम आपको बता दें कि किसी भी शनिवार के दिन रात के 12:00 बजे के बाद आप दो इलायची एवं लाल पेन लेकर अपने   बाए हथेली पर उस व्यक्ति का नाम लिखिए जिस व्यक्ति को आप वशीभूत करना चाहते हैं, उस व्यक्ति का नाम लिखिए जो आप से नाराज होकर कहीं दूर चला गया और आप हमेशा के लिए चाहते कि वह व्यक्ति आपके जिंदगी में वापस आ जाए और कभी भी आपसे ना रूठे।

अब आप अपने बाए हथेली पर अपने दाहिने हथेली से उस व्यक्ति का नाम लिखे जो व्यक्ति आपसे नाराज है और उसी व्यक्ति को आप मनाने के लिए यह टोटका कर रहे हैं जैसे  रोहन ध्यान रखे आप रोहन को मनाने के लिए है यह टोटका करें जिससे वह आपसे पहले जैसा ही बात करें आप दोनों के बीच में जो भी अन- बन हुई है ,वह पूरा खत्म हो जाए इसलिए आप इस टोटके को अपना रहे हैं इसलिए नाम लिखते वक्त आपको प्रार्थना करनी है ईश्वर से की है उस पर रोहन मुझसे वशीभूत हो जाए।

उपाय को करने के बाद आपको बाए हथेली के पर नाम लिखने वाले स्थान पर उन दो इलायची को रखना है और अपने हाथ की मुट्ठी को कसकर बांध कर रखना है। मुट्ठी आपको तब तक बांध कर रखना है जब तक कि आपके हाथ से पसीना नहीं निकल जाता। ध्यान रखें जब भी आप की हाथ की मुट्ठी बंद हो तो वह इस तरीके से बंद हो जिससे उसके अंदर हवा भी ना जा पाए वरना पसीना नहीं आएगा और आप का टोटका असफल हो जाएगा।

  वशीकरण  कुरु  कुरु  स्वः

फिर इस मंत्र का जाप आपको करना पड़ेगा उपाय करने के बाद और जैसे ही आप 51 बार इस मंत्र को पढ़ ले वैसे ही आप उन दो इलायची को किसी ऐसे स्थान पर रख दीजिए जहां पर कोई ना जाए या फिर जहां पर कोई उस इलायची को ना देख सके किसी ऐसे गुप्त स्थान पर आपको इलायची को छुपा कर रखना है।

जब इलायची सूख जाए तब आप इलायची का पाउडर करके उस व्यक्ति को खिला दीजिए जो आप से रूठा हुआ है अगर वह व्यक्ति के समक्ष हुई है उसके तस्वीर में ही खिला दीजिए उससे वह व्यक्ति जल्दी-जल्दी वशीभूत हो जाएगा और आपके समक्ष वापस लौट आएगा । आप की जिंदगी में फिर से रौनक होगी, फिर से खुशियां होगी फिर से शांति होगी।

हम आशा करते हैं आपको यह उपाय समझ में आया होगा इस उपाय को करने में आपको कोई भी कठिनाई  नहीं होगी। हम दावे के साथ यह भी कह सकते हैं कि अगर आप इस उपाय को सफलतापूर्वक करेंगे और सारे विधि को ध्यान पूर्वक मानकर करेंगे तो आपको इसमें अवश्य सफलता मिलेगी।

ईश्वर से प्रार्थना करते हैं हम कि आप की जिंदगी में खुशियों की बहार हो और आप हमेशा खुश रहे हैं यह हमारी दुआ है।