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खून से वशीकरण मंत्र

खून से वशीकरण मंत्र

खून से वशीकरण मंत्र, कहते हैं कि रक्त यानी कि खून का संबंध काफी गहरा होता है। उसकी बदौलता ही विचार और व्यवहार मिलते हैं। यह संबंधों की मधुरता का ऐहसास देता है। इसकी सच्चाई से कोई इनकार नहीं कर सकता है। इसके साथ ही एक सच और भी है कि खून के रंग और गंध में गजब का आकर्षण होता है।

खून से वशीकरण मंत्र
खून से वशीकरण मंत्र

इस आकर्षण में छिपी हुई शक्ति का उपयोग तंत्रविद्या में सदियों से होता आया है। वशीकरण के लिए रक्त का उपयोग एक अद्भुत वस्तु की तरह किया जाता रहा है। किसी स्त्री को अपने वश मंे करना हो, पत्नी या प्रेमिका को वशीभूत कर उसपर अपना वर्चस्व कायम करना हो, या फिर किसी अन्य व्यक्ति को अपने वश में कर उसके दिलो-दिमाग पर अधिपत्य जमाना हो, इत्यादि।

रक्त वशीकरण के मंत्र और प्रभावशाली टोटके इसके लिए उपयोगी साबित होते हैं। वशीकरण के लिए मात्र दू बूंद खून ही खाफी होता है। यहां दिए गए खून से वशीकरण कुछ अचूक उपाय और तरीके इस प्रकार हैंः-

अनामिका के दो  बूंद:   अनामिका यानी कि अंगूठी पहनी जाने वाली अंगुली के दो बूंद खून से किसी लड़की या प्रेमिका को कुछ प्रयोग के साथ अपने वश मंे किया जा सकता है। इसके अपनाए जाने वाले टोटके के लिए जिस किसी पर वशीकरण का प्रयोग करना है उसका कपड़ा या फिर बाएं पैर का मोजा लें। उसे खरल में रखकर फटने और धागा निकल आने तक कूट लें।

कूटते समय ही कपड़े के साथ अपनी अनामिका के दो बूंद रक्त के पीसे हुए पांच लौंग को मिला दें। रक्त और लौंग के अच्छी तरह मिल जाने के बाद फटे कपड़े की सात बाती बना लें और चमेली तेल का सात दिनों तक प्रातः स्नान के बाद पूजा करते समय दीपक में जलाएं। दीपक जलाने के एक-दो दिनों के बाद ही असर दिखना शुरू हो जाएगा और वह व्यक्ति आपकी हर बात को सहर्ष मानने लगेगा।

माहवारी का रक्तः स्त्री पर वशीकरण उसके ही मासिक धर्म यानी माहवारी के रक्त से भी किया जा सकता है। इस वशीकरण में काफी प्रबलता होती है। हालांकि इसके लिए अपनाया जानेवाला तरीका काफी मुश्किल है। सबसे पहली मुश्किल तो उस स्त्री के मासिक धर्म का रक्त हासिल करना है।

अमूमन इसमें सफलता शायद ही मिल पाती है। ऐसी स्थिति में वशीकरण किए जाने वाली स्त्री या लड़की की माहवारी के दौरान तांत्रिक तरीका अपनाया जाता है। उसके बाद तांत्रिक गुरु के द्वारा गुप्त विधि अपनाई जाती है। मंत्र सिद्धी के बाद उस मंत्र का प्रयोग किया जाता है।

पति या प्रेमी का वशीकरणः अलगाव का जीवन गुजारने वाली विवाहिता या फिर प्रेमी के प्यार में कमी का एहसास करने वाली प्रेमिका हो, वह अपनी माहवारी के दौरान वशीकरण के तांत्रिक टोटके अपना सकती है। इसके लिए अपनाया जाने वाला नुस्खा ज्योतिषीय जन्म कुंडली से जुड़ा हुआ है। जिस किसी पर वशीकरण  करना है, उसकी जन्म कुंडली हासिल कर लें या फिर उसका जन्म स्थान, तारीख ओर सही समय की जानकारी जुटा लें।

ज्योतिष के पास जाकर पता करें कि कुंडली में वैवाहिक सुख देने वाले सातवें स्थान में ग्रह की स्थिति क्या है? यदि आपको मालूम हो जाता है कि उसमें राहु है तब टोटके के तौर पर बहते पानी में बादाम या नारियल प्रवाहित करें। इसकी शुरूआत भी माहवारी के दिन से ही करें। ऐसा चालीस दिनों तक करने से पति या प्रेमी के साथ सुखद संबंध कायम हो जाएगा।

मासिक धर्म के दिन: माहवारी के दौरान अपनी अंदरूनी शक्ति को जुटाने का भी समय होता है। इस दौरान पति या प्रेमी पर आधी रात को एक टोटके का प्रयोग किया जा सकता है। मासिक धर्म चलने के दौरान अपनी प्रेमी या पति के पास आधी रात को तब जाएं जब वह सो रहा हो। यदि वह समय गुरुवार या शुक्रवार की रात्री का हो तो और भी अच्छा है।

उसके सिर पर चोटी वाले हिस्से से कुछ बाल काट लें। उसे कहीं गुप्त स्थान पर छिपा दें। ध्यान रहे कि उसपर किसी की भी नजर नहीं जाए।  आप पाएंगे कि कुछ दिनों में पति या प्रेमी के व्यवहार में आपके प्रति नरमी आ गई है। उसके प्रेम उमड़ने का भी ऐहसास होगा।  अगले मासिक धर्म के समय छिपाए हुए बाल को नजर बचाकर जला दें और अपने पैरों से कुचल डालें।

कामाख्या मंत्रः पति या प्रेमी को आकर्षित करने के लिए कामाख्या मंत्र का प्रयोग बहुत ही सरल उपाय है, लेकिन इसका प्रभावकशाली असर होता है। एक भोजपत्र लें और उसपर अपनी अनामिका के खून से पति या प्रेमी का नाम लिख दें। उसके बाद नीचे दिए गए कामाख्या मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप पूरा हो जाने के बाद उस भोजपत्र को शहद में डूबाकर रखना चाहिए। इससे पति या प्रेमी का आपके प्रति सम्मोहन बढ़ता है। मंत्र हैः-

ओम नमोहः महापाक्षिणी पति मे वश्यः कुरु कुरु स्वाहः!

रक्त का तिलकः इस प्रयोग को कोई भी सम्मोहन बढ़ाने के लिए आजमा सकता है। इसके जरिए चाहे तो स्त्री अपने पति या प्रेमी को वशीभूत कर सकती है या फिर पुरुष अपनी प्रेमिका या पत्नी को अपनी ओर सम्मोहित कर सकता है। इसके लिए बहुत ही साधारण नुस्खा अपनाने की जरूरत है। शुरूआत के लिए खास दिन शुक्रवार का चुनें। सुबह के समय साबुत हल्दी की गांठ को सिलबट्टे पर पीस लें, या फिर उसे चंदन की तरह घिस लें।

इस दौरान जिस किसी को वशीकरण करना चाहते हैं, उसका मन में नाम अवश्य लेते रहे। इसमें करीब तीन-चार मिनट का समय दें। उसके बाद अपनी अनामिका से एक-दो बूंद पिन या सूई चुभोकर निकाल लें। उसके घिसी हुई हल्दी मंे मिला दें। इस तरह से तैयार पेस्ट को तिलक के लिए प्रयाग मंे लाएं।

स्नान और दैनिक पूजा-पाठ के बाद अनमिका से ही माथे पर सम्मोहित किए जाने व्यक्ति का नाम लेकर तिलक लगाएं और उसके सामने जाएं। कोशिश करें उसकी दृष्टि आपके तिलक पर जरूर पड़े। यानी कि वह व्यक्ति आपके तिलक की तारीफ जरूर करे।

ऐसा होने का अर्थ होगा आपका यह टोटका असर दिखाना शुरू कर दिया है। यह प्रयोग लगातार सात दिनों तक करे। इन सात दिनों में कम से कम चार दिनों में तिलक की तारीफ सुनने का अर्थ होगा उस व्यक्ति का अपके प्रति पूरी तरह से सम्मोहित हो जाना।