Tag Archives: प्रेमिका या प्रेमी को वापिस पाने उपाय.

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

विधा धन भी लक्ष्मी के अभाव व्यर्थ जाता है सही माने तो विधा का अलंकरण धन द्वारा ही होता है। एक दिन लक्ष्मी जी ने सोचा आज सरस्वती की पुत्रियों को धन का महत्व बताया जाए। सो लक्ष्मी माता सरस्वती की पुत्रियों शारदा और गायत्री के पास गयी । घर में सरस्वती ना थी,घर का चूल्हा ठंडा पड़ा था और पुत्रियाँ भूख से व्याकुल थी। पुत्रियों की दशा देख कर लक्ष्मी माँ ने स्वयं घर का काम किया। थोड़ी देर में लक्ष्मी माँ ने घर की सफाई स्वयं की और गाय से दूध निकाल कर खीर बना कर स्वयं गायत्री और शारदा माँ को खिलाई। घर का द्वार देख कर सरस्वती जी को भान हो गया कि लक्ष्मी आई है, लक्ष्मी को देख सरस्वती ने ॐ वासुदेवाय नम कह कर गले लगा लिया केवल एक यही तो वरदान सफल है, कलयुग का जहाँ लक्ष्मी रहेगी वहाँ सरस्वती जी का भी वास रहेगा।

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र
लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

धन का महत्व ना होता तो जगत का चलना असंभव हो जाता। धन तेरस के दिन  हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के द्वार पर ॐ बनाने से घन आएगा। दीपावली पूजन के साथ शंख और डमरू बजाने से दरिद्रता का नाश होता है। लक्ष्मी का आगमन बना रहता है।

  • पैसा दुनिया में सबकुछ तो नहीं होता है, लेकिन पैसों की जरूरत हर किसी को हर दिन पड़ती है. कई बार हमारे काम पैसों की कमी के कारण बिगड़ जाते हैं. कई बार छोटी-छोटी बातों को हम… अक्सर नजरंदाज कर देते हैं, और यही छोटी-छोटी बातें हमारे धन के आगमन के रास्ते में बाधा पैदा करती है. तो आइए जानते हैं, कि कौन से उपाय करके आप अपने पैसों के आगमन के श्रोत बढ़ा सकते हैं. क्या-क्या चीजें आपको करनी चाहिए और क्या नहीं करनी चाहिए.
  • जिस घर में अक्सर लड़ाई होती रहती है, उस घर पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है. इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके घर में लड़ाई न हो.
  • हर दिन श्रीसूक्त का पाठ कीजिए और श्रीसूक्त से हवन भी कीजिए.
  • घर में तुलसी का पौधा लगाएँ, और हर शाम तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जरुर जलाएँ.
  • जिस घर के लोग सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं, फिर पूजा करके हीं नाश्ता करते हों. उस घर पर लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.
  • भगवान को भोग लगाने के बाद हीं भोजन कीजिए.
  • बिस्तर पर बैठकर भोजन न करें, इससे माँ लक्ष्मी रुष्ट होती है.
  • अपने घर की स्त्रियों को सम्मान दें, उन्हें जानबूझकर कष्ट भूलकर भी न दें. जिस घर में स्त्रियाँ दुखी होती है, वहाँ लक्ष्मी कभी नहीं टिकती है.
  • जहाँ धन रखते हों, उस स्थान पर लाल कपड़ा बिछा दीजिये.
  • किसी का भी जूठा भोजन न करें, इससे उस व्यक्ति की दरिद्रता का कुछ अंश आपमें आ जाता है.
  • घर में कबाड़ न रखें, टूटे-फूटे चीजों को घर में नहीं रखना चाहिए.
  • रात में खाना खाने के बाद जूठे बर्तन रसोई में न छोड़ें. बर्तन और रसोई की सफाई करने के बाद हीं सोयें.
  • शाम के समय में कभी भी सेक्स न करें.
  • शाम होने के बाद घर में झाड़ू न लगाएँ.
  • पूजा रूम अलग रखें, पूजा रूम की शुद्धता का ख्याल रखें और जब भी पूजा करें तो पूरी तरह शुद्ध होकर पूजा करें.
  • किसी से भी कोई भी चीज मुफ्त में न लें, उसके सामान की कीमत अवश्य चुकाएँ. किसी को धोखा देकर धन लेने से भी लक्ष्मी नाराज हो जाती है.
  • अपनी आय का कुछ हिस्सा धार्मिक कार्यों में जरुर लगाएँ, समय-समय पर दान भी करते रहें.
  • अपने इष्ट देवता / देवी की हर दिन पूजा करें.
  • घर में मकड़ी के जालों को न रहने दें, इन्हें साफ करते रहें.
  • चाहे आपकी दुकान हो या ऑफिस, आप जहाँ पर भी काम करते हैं, उस स्थान को साफ रखें.
  • घर में ताजमहल, नटराज, बहते पानी के चित्र…… इन सबकी न तो फोटो रखें न हीं मूर्ति.
  • घर में उपयोग किया गया पानी, घर में कहीं जमा नहीं होना चाहिए.
  • घर में पकाया हुआ अन्न कभी भी बर्बाद नहीं होना चाहिए, माड़ नाली में कभी न फेकें.
  • दूसरे की स्त्री या धन पर बुरी दृष्टि न डालें.
  • साफ सुथरे रहें, गंदे या फटे कपड़े न पहनें.
  • घर का कुछ हिस्सा कच्चा ( मिटटी ) जरुर छोड़ दें.
  • बड़ों का सम्मान कीजिए, क्योंकि माँ लक्ष्मी उस व्यक्ति पर कृपा नहीं करती है, जो अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करता है.
  • अपने घर के ईशान कोण में श्री यंत्र ताम्रपत्र, रजत पत्र या भोजपत्र पर बनाइए. प्राण प्रतिष्ठा करवाने के बाद हर दिन इसकी पूजा कीजिए.
  • खुद को किसी कार्य में कुशल बनाइए, अपने आय के साधन बढ़ाने की कोशिश करते रहिए. क्योंकि ऊपर बताये गए उपाय तभी काम करेंगे, जब आप कुछ करने की कोशिश करेंगे. आपके हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहने से तो धन आपके पास आने से रहा. और ध्यान रखिये खुद की क्षमता का ध्यान रखते हुए हीं आपको अपने कैरियर का चुनाव करना चाहिए.
  • और यह जरुर यद् रखिये कि पुरुषार्थी ( मेहनती ) व्यक्ति का भाग्य कब बदल जाए यह किसी को पता नहीं होता है, इसलिए मेहनत जारी रखिये.

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग- प्रभु दत्तात्रेय का रूप साक्षात भगवान शंकर से मिलता है। महाराज दत्तात्रेय की आराधना बहुत ही फलदायक औरशीघ्र फल देने वाली है। महाराज दत्तात्रेय तीनो ईश्वरीय शक्तियो से समाहित आजन्म ब्रह्मचारी, अवधूत, और दिगम्बर रहे थे, वे कण–कण मेंसमाए हैं और अपने भक्तों की किसी भी प्रकार के संकट में बहुत जल्दी सुध लेते हैं, यदि मन, कर्म और वाणी से महाराज दत्तात्रेय की उपासना कीजाए तो किसी भी कठिनाई का बहुत ही सरलता से अंत हो जाता है।

दत्तात्रोय तंत्र वशीकरण प्रयोग
दत्तात्रोय तंत्र वशीकरण प्रयोग

भगवान दत्तात्रेय की उपासना विधि

श्री दत्तात्रेय जी की मूर्ति, चित्र अथवा यंत्र को लाल कपडे पर स्थापित करें और चन्दन लगाकर, फूल चढाकर, नैवेद्य चढाकर धूप की धूनी देकर, आरती उतारकर पूजा करें। पूजा करते समय पहले स्तोत्र को ध्यान से पढ़ें और फिर मन्त्र का जाप करें। उनकी उपासना का प्रभाव तुरंत ही प्रारंभ होजाता है और वे शीघ्र ही भक्त को अपनी उपस्थिति का आभास देने लगते हैं। भक्तों को प्रायः साधना के समय अचानक स्फूर्ति के आने से उनकीउपस्थिति का आभास होता है। भगवान दत्तात्रेय बड़ हीे दयालू और सरल हैं, जब भी भक्त संकट में पड़ने पर उन्हें सहायता के लिए पुकारतें हैं वे तुरंतही सहायता के लिये अपनी शक्ति को भेजते है।

भगवान दत्तात्रेय की उपासना में विनियोग विधि

पूजा की शुरूआत में भगवान श्री दत्तात्रेय का आवाहन किया जाता है। इसके लिए एक साफ बर्तन में पानी लेकर पास में रखें और बायें हाथ में एकफूल और चावल के दाने लेकर इस प्रकार से विनियोग करें –

‘‘ष्ऊँ अस्य श्री दत्तात्रेय स्तोत्र मंत्रस्य भगवान नारद ऋषिरू अनुष्टुप छन्दरू,श्री दत्त परमात्मा देवतारू, श्री दत्त प्रीत्यर्थे जपे विनोयोगरूष’’

यह उच्चारण करके दाहिने हाथ में फूल और चावल लेकर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति, चित्र या यंत्र पर सिर को झुकाकर चढ़ाएँ। इसके पश्चात हाथों कोपानी से साफ कर लें और दोनों हाथों को जोडकर उनके लिये जप स्तुति करें। जो इस प्रकार से है –

‘‘ष्जटाधरं पाण्डुरंगं शूलहस्तं कृपानिधिम। सर्व रोग हरं देव,दत्तात्रेयमहं भज’’

अपने भक्तों पर आने वाले संकटों को दत्त भगवान तुरंत दूर करते हैं और उनके जीवन में खुशहाली लाते हैं। दत्तात्रेय जयंती के दिन इन मंत्रों कास्फटिक की माला से हर रोज 108 बार मंत्र जाप करने से मनुष्य जीवन के समस्त कष्ट और संकट शीघ्र ही दूर  हो जाते हैं।

तांत्रोक्त दत्तात्रेय मंत्र–   ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नमः

यह भगवान दत्तात्रेय का प्रिय दत्त गायत्री मंत्र है –

‘‘ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दतरू प्रचोदयात’’

एक समय ऐसा था, जब वैदिक कर्मों का, धर्म का तथा वर्णव्यवस्था का लोप हो गया था। उस समय भगवान दत्तात्रेय ही थे, जिन्होंने इन सबकापुनरूद्धार किया था।

दत्तात्रेय तंत्र में यह जिक्र भी आता है कि भगवान् शिव ने स्वयं ऋषि दत्तात्रेय को वरदान दिया था कि मैं स्वयं तीन अवस्थाओ मे भक्तों  के साथरहूँगा

  • जहाँ किसी की स्त्री का हरण हुआ हो
  • जहाँ किसी का किसी ने धन चुराया या कब्ज़ा किया हो
  • किसी ने किसी दूसरे की जमीन को अनधिकृत जप्त किया हो

उस समय मैं उस भक्त के साथ उस दुष्ट के विरुद्ध स्वयं विराजमान होता हूँ परंतु जब कोई अपनी शक्ति का दुरूपयोग या अनैतिक कर्म करे, तो मैंउस साधक का विनाश भी कर सकता हूँ। इसलिए इस लिए तंत्र विद्या का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए केवल बहुत जरुरी होने पर ही इस काप्रयोग करना चाहिए।

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग –

किसी भी बुधवार की रात को पीले वस्त्र पहनकर पीले रंग के आसन पर बैठें और आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। अपने सामने एकचैकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर दत्तात्रेय यंत्र रखें और उस पर सिंदूर रखें। घी का एक दीपक जलाएँ और मूल मंत्र का रुद्राक्ष माला से 11 मालाका जप करें। जप के पूरा होने पर सिंदूर को एक चाँदी की डिबिया में संभालकर रख लें। अब जब भी आपको किसी व्यक्ति को अपनी बात मनवानी होया कोई काम करवाना हो, तो मंत्र का 11 बार जप करके चाँदी की डिबिया में रखे सिंदूर को अपने माथे पर लगाकर उस व्यक्ति के पास चले जाएँ, आपका कार्य अवश्य ही सफल होगा।

जिन महिलाओं के पति गलत संगत में पड़ गए हों, और उन्हें सुधारने के सभी उपाय विफल हो चुके हों, वे महिलाएँ इस सिंदूर को अपनी माँग में भरें याइसका टीका लगाएँ। उनका पति अवश्य ही सही मार्ग पर आ जाएगा। बस इस साधना को पूर्ण विश्वास और धैर्य के साथ सही प्रकार से विधिपूर्वककरें।

मंत्र – ‘‘ॐ श्रीं हृीं क्लीं ग्लौं द्राम दत्तात्रेयाय नमः’’

तंत्र को कामना की शीघ्रता से सिद्धि करने वाला कहा जाता है। भगवान् दत्तात्रेय को अवतार माना गया है। कलियुग में अमर और प्रत्यक्ष देवता के रूपमें भगवान् दत्तात्रेय का स्थान हमेशा प्रशंसित एवं प्रतिष्ठित रहेगा। दत्तात्रेय तंत्र देवाधिदेव महादेव शंकर के साथ महर्षि दत्तात्रेय का एक संवाद पत्रहै।

  • मोहन प्रयोग– ‘‘तुलसी–बीजचूर्ण तु सहदेव्य रसेन सह। रवौ यस्तिलकं कुर्यान्मोहयेत् सकलं जगत’’।

तुलसी के बीज के चूर्ण को सहदेवी के रस के साथ पीसकर तिलक के रूप में उसे माथे पर लगाएं। ऐसा करने पर उसको देखने वाला मोहित हो जाता है।

  • ‘‘हरितालं चाश्वगन्धां पेषयेत् कदलीरसे। गोरोचनेन संयुक्तं तिलके लोकमोहनम’’

हरताल तथा असगन्ध को केले के रस के साथ पीसकर उसमें गोरोचन मिलाएं तथा उसका मस्तक पर तिलक लगाएं तो उसको देखने से सामने वालाव्यक्ति मोहित हो जाता है।

  • ‘‘श्रृङ्गि–चन्दन–संयुक्तो वचा–कुष्ठ समन्वितः। धूपौ गेहे तथा वस्त्रे मुखे चैव विशेषतः। राजा प्रजा पशु–पक्षि दर्शनान्मोहकारकः। गृहीत्वामूलमाम्बूलं तिलकं लोकमोहनम।’’

काकडा सिंगी, चंदन, वच और कुष्ठ इनको मिलाकर चूर्ण बना लें और इससे बनी धूप से अपने शरीर तथा वस्त्रों पर धूप देने तथा इसी चूर्ण से तिलकलगाने पर राजा, प्रजा, पशु और पक्षी उसे देखने से ही मोहित हो जाते हैं। इसी प्रकार ताम्बूल की जड़ को घिस कर उसका तिलक करने से लोगों कोमोहन होता है।

  • ‘‘सिन्दूरं कुङ्कुमं चैव गोरोचन समन्वितम। धात्रीरसेन सम्पिष्टं तिलकं लोकमोहनम’’

सिन्दूर, केशर, और गोरोचन इन तीनों को आंवले के रस में पीसकर तिलक लगाने से लोग मोहित हो जाते हैं।

  • ‘‘सिन्दूरं च श्वेत वचा ताम्बूल रस पेषिता। अनेनैव तु मन्त्रेण तिलकं लोकनोहनम’’

सिन्दूर और सफेद वच को पान के रस में पीस कर नीचे दिए गए मंत्र से तिलक करें तो लोग मोहित हो जाते हैं।

  • अपामार्गों भृङ्गराजो लाजा च सहदेविका। एभिस्तु तिलकं कृत्वा त्रैलोक्यं मोहयेन्नरः।

अपामार्ग–ओंगा, भांगरा, लाजा, धान की खोल और सहदेवी इनको पीस कर उसका तिलक करने से व्यक्ति वांछित व्यक्ति को मोहित करने में सफलसहता है।

बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण टोटकेबॉस को वश में करनाबॉस को इम्प्रेस कैसे करे- किसी भी नौकरी में अगर बॉस अच्छा मिल जाए तो फिर ऑफिस की 90 प्रतिशत समस्याएँ अपने आप ही हल हो जाती हैं. लेकिन अच्छा बॉस मिलना एक बहुत ही कठिन काम होता है. हर बॉस चाहता है कि वह आपने ऑफिस के कर्मचारियों से ज़्यादा से ज़्यादा काम ले. एक बॉस को अपने कर्मचारी से बहुत ज़्यादा उम्मीदें होती है. ऐसे में एक बॉस से हमेशा अच्छा व्यवहार और सहयोग मिले ये ज़रूरी नही है. अगर आपके ऑफिस में भी आपको अपने बॉस के साथ तालमेल बिठाने में या उनका सहयोग पाने में परेशानी हो रही है तो आप बॉस वशीकरण का सहारा ले सकते हैं|

बॉस वशीकरण
बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण की सहायता से आप बहुत ही आसानी से अपने बॉस का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं और नौकरी में उन्नति और वेतन, छुट्टी, बोनस आदि में विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं. बॉस का सहयोग और समर्थन आपको अपनी नौकरी में उच्चपद प्राप्त करने में बहुत उपयोगी होता है. आप यहाँ दिए गए बॉस वशीकरण उपायों से अपने काम आसन कर सकते हैं|

अगर आप चाहते हैं कि आपका बॉस आपके वश में रहे तब होली के एक दिन बाद ये टोटका करें. होली के अगले दिन बॉस की एक फ़ोटो लेकर उसे पर थोड़ा सा शहद और घी लगा दें. अब एक कुल्लड़ लेकर इसमे थोड़ा दही डाल दें और थोड़ी सी मात्रा में होलिका की राख को भी इसमें डाल दें. अब इस कुल्लड़ को फ़ोटो के ऊपर रख दें. इसके बाद इसे किसी लाल रंग के कपड़े में बांधकर किसी ऊँचे स्थान पर रख दें. इस टोटके के प्रयोग से आपके बॉस पर आपका वशीकरण हो जायेगा और बॉस का व्यवहार आपके प्रति काफी बेहतर हो जायेगा|

आप बॉस वशीकरण के लिए ये एक छोटा सा टोटका ज़रूर करें. आपको अपने बॉस का हस्ताक्षर किया हुआ कोई भी कागज लेना होगा. जहाँ पर आपके बॉस ने हस्ताक्षर किया है वहां पर काले या लाल रंग की स्याही वाले पेन से गोल-लोग घेरा बनाते जाएँ और कल्पना करें कि बॉस को आप मोटे रस्सों से जकड़ रहे हैं. अब इस कागज को कहीं कीचड़ में गाड़ दें या फिर कहीं गड्डा करके उसके अंदर दबा दें. कुछ ही दिनों में आप अपने बॉस के व्यवहार में आश्चर्यजनक बदलाव देखेंगे|

बॉस को इम्प्रेस कैसे करे?

कौन नही चाहता कि बॉस उसकी बात को महत्व दे और उसकी बात से सहमत हो. आप एक छोटा का बॉस वशीकरण का उपाय करें. जब भी बॉस से आपकी मीटिंग हो आप घर से कुछ सरसों या राई के दाने लायें और बॉस जिस कुर्सी पर बैठते हो उसके ऊपर डाल दें. इस छोटे से उपाय से आपका बॉस आपसे सहमत होगा और आपके पक्ष में निर्णय लेने लगेगा| अगर आपके ऑफिस में कोई काम बिगड़ जाता है तो बॉस का गुस्सा होना एकदम स्वाभाविक है. कई बार किसी न किसी को बॉस के कोप का भाजन बनना पड़ता है. अगर आप चाहते हैं कि आप बॉस के गुस्से बचे रहें तो ये प्रयोग करें. आप पांच लौंग और एक नींबू लेकर उसे अपने रुमाल में बाँध लें और ऑफिस जाते समय इसे आपने जेब के अंदर रख लें. इस प्रयोग से आपकी गलती होने पर भी बॉस आपको ज़्यादा कुछ नही कह पाएंगे और माफ़ कर देंगे|

बॉस वशीकरण टोटके

आप शुक्ल पक्ष में रविवार के दिन बॉस वशीकरण का ये प्रयोग करें. इस दिन सवेरे स्नान आदि से निपट कर 5 लौंग लेकर अपने शरीर पर ऐसी जगह रखें जहाँ पर आपको पसीना अधिक आता है. अब इन लौंग को धूप में सूखा लें और पीसकर पाउडर बना लें. इस पाउडर को चाय, पानी, दूध या शरबत में मिलाकर अपने बॉस को पिला दें. इस छोटे से टोकते से बॉस को वश में करने का उपाय पूरा हो जाएगा. इसके प्रयोग के बाद आपका बॉस हर तरह से नौकरी में आपकी मदद के लिए प्रयास करने लगेगा|

अगर आपकी ये चाहत है कि आप अपने ऑफिस में चर्चित और बॉस के विश्वास पात्र बन जाएँ तो ये प्रयोग 21 दिन तक लगातार करें. आप हल्दी, गौमूत्र, पान का रस, सरसों, गौ-घृत, को एकसाथ मिलाएं और उसका अपने मस्तक पर तिलक करने के बाद ही ऑफिस जाएँ. इस प्रयोग को प्रतिदिन 21 दिन तक दोहराने पर बॉस और पूरे ऑफिस पर आपका वशीकरण हो जायेगा और आपकी तरक्की और उन्नति ने नए रास्ते खुलने लगेंगे|

आप बॉस को किसी दिन घर पर आने के लिए निमंत्रण दें. जब आपका बॉस आने के हाँ कर दें तो एक रात पहले गाय के दूध लेकर इसमें 5 इलायची, 5 लौंग और पांच सुपारी भिगो दें. जब बॉस आपके घर आये तो उन्हें खीर बनायें और उसमे ये लौंग, इलायची और सुपारी को दांत से चबाकर डाल दें. जब आपका बॉस इसे खायेगा तो उस पर आपका पूर्ण वशीकरण हो जायेगा| अगर आप शीघ्र प्रमोशन चाहते हैं तो उसके लिए ये उपाय करें. आप लगातार 40 दिनों तक हर रोज अपने बॉस का नाम लेकर एक लौंग लें और उसे जलाएं. इस टोटके को करने से आप देखेंगे कि आपका बॉस आपकी हर बात में सहमति दिखाने लगा है. इस प्रयोग से आपके प्रमोशन के अवसर बढ़ जायेंगे|

बॉस को वश में करना

अगर आपकी कुंडली में वृहष्पति कमजोर है तब आपको इसको मज़बूत करने का उपाय करना चाहिए. वृहष्पति को मज़बूत करने पर आपके अपने बॉस से संबंध सकारात्मक हो जाते हैं. आप प्रतिदिन स्नान आदि करने के बाद केसर से तिलक करें. इसके अलावा केले के सेवन से भी वृहष्पति की स्थिति मज़बूत होती है| अगर आपका बॉस कोई स्त्री है तो आपको उसे अपने पक्ष में करने हेतु इस बॉस वशीकरण टोटके को करना चाहिए. स्त्री बॉस के वशीकरण के लिए एक चांदी गिलास में थोड़ा सा पानी लेकर पी लें. इसके बाद अपनी स्त्री बॉस का नाम लेकर थोड़ा सा कपूर जला दें. इस आसान से प्रयोग से आपकी महिला बॉस पर आपके वशीकरण का प्रभाव हो जायेगा|

अब जानते हैं कि बूढ़े बॉस को इम्प्रेस कैसे करे. अगर आपका बॉस बूढ़ा है तो आपको ये आसन सा बॉस वशीकरण का टोटका करना होगा. आप एक शनि यंत्र लेकर इसकी धुप-दीप से पूजा करें और इसे अपने गले में पहन लें. इस आसन से उपाय से आपका बूढ़ा बॉस आपके वश में हो जायेगा. आप बूढ़े बॉस के वशीकरण के लिए शनि को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करें. शनिवार के दिन मदिरा मांस से दूर रहें| कार्यालय में बॉस का सहयोग आपकी तरक्की के लिए बहुत ज़रूरी होता है. एक सहयोगी बॉस आपके लिए सुनहरा भविष्य और प्रसिद्धि के द्वार खोल सकता है. इसलिए यहाँ दिए गए बॉस वशीकरण के टोटके और उपायों को अवश्य आजमायें|

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ मंत्र साधनागोरखनाथ शाबर मंत्रगुरु गोरखनाथ के उपाय- गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि तीव्र असर करने वाली तंत्र विद्या के अंतर्गत आती है. इस विद्या को उपयोग में लाने से पहले आवश्यक दिशा-निर्देशों को जान लेना ज़रूरी है. प्राचीन तंत्र विद्या में भगवान शिव के मुख से निकले मंत्रो को भी शामिल किया गया है. इन मन्त्रों का असर तीव्र होता है. इसलिए गोरखनाथ विद्या का प्रयोग करने वाले को सावधानियां बरतनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि
गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि एक प्राचीन तंत्र विद्या है. इसका प्रयोग करके कोई भी साधक अपनी ज़िन्दगी में सफलता प्राप्त कर सकता है. इस वशीकरण साधना में किसी व्यक्ति को सम्मोहित करके उससे अपने अनुरूप काम करवाना जा सकता है.

गुरू गोरखनाथ चैरासी सिद्धियों में प्रमुख माने जाते हैं. इनका दूसरा नाम गोरक्षनाथ भी है. वे योगी, अवधूत, और सिद्ध हठयोगी पुरुष माने जाते हैं. गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में कुछ ख़ास मंत्र दिए गए हैं जिनके प्रयोग से आश्चर्यजनक से परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं. इनके द्वारा सिद्ध किया गया शाबर मंत्र अपने आप में बहुत असरदार है.

गुरु गोरखनाथ ने कई शाबर मन्त्रों की रचना की थी. नाथपंथ के अनुसार भगवान शिव को आदिनाथ भी कहा जाता है. उन्होंने तंत्र-मंत्र की विद्या भीलों को प्रदान की थी. भीलों से ये विद्या मत्स्येन्द्रनाथ तक और फिर गुरु गोरखनाथ तक पहुंची.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में शक्तिशाली शाबर मन्त्रों का प्रयोग करने से पहले गुरु गोरखनाथ को मन्त्रों से प्रसन्न करना बहुत फायदेमंद होता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

सत नमो आदेश! गुरूजी को आदेश!

ॐ गुरूजी!

डार शाबर बर्भर जागे, जागे अढ़ैया और बराट

मेरा जगाया न जाग,

 तो तेरा नरक कुंड मं वास!

दुहाई शाबरी माई की!

दुहाई शाबरनाथ की!

आदेश गुरु गोरख की!!

 

इस मंत्र के लिए एक गोबर का कंडा कर सुलगाएं. अब इस पर गुगुल डालें और इस मंत्र का उच्चारण करें. इस मंत्र को जाग्रत करने के लिए इसका 108 बार उच्चारण करें. इस विधि के अनुसार लगातार 21 दिनों तक मन्त्रों का जाप करना चाहिए.

गोरखनाथ विशिकरण सिद्धि में किसी मंत्र के द्वारा किसी को अपने वश में किया जा सकता है. वशीकरण के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

ओम एक नमक रमता माता, दूसरा नमक विरह से आता।

तीसरा नमक औरी-बौरी, चैथा नमक रहै कर जौरी।

यह नमक अमुक 1 खाए, अमुक 2 को छोड़ दूसरा नहीं जाए।

दुहाई पीर औलिया की, जो कहे सो सुने।

जो मांगे सो देय। दुहाई गौरा पर्वती की।

दुहाई कामख्या की। दुहाई गुरू गोरखनाथ की।

इस मंत्र में अमुक1 और अमुक2 आया है. इसके लिए जब आप मंत्र का उच्चारण करें तो अमुक1 की जगह वशीकरण करने वाले का नाम लें तथा अमुक2 की जगह जिसको वश में करना है उसका नाम लें. इस मंत्र को मुख्य रूप से किसी स्त्री को वश में करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि से जीवन साथी का वशीकरण करने के लिए पाने के पत्ते के डंठल को घिस कर तिलक लगायें. इसके प्रयोग से आपके जीवनसाथी या प्रेमी पर आपका आकर्षण सदैव बना रहेगा.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में बिगड़े हुए पति को रास्ते पर लाने के लिए भी मंत्र है. अगर किसी स्त्री का पति व्यभिचारी है और दूसरी स्त्रियों के पीछे पागल रहता है तो ये मंत्र उपयोगी होता है.

मंत्र: ओम काम मालिनी ठः ठः स्वाहा!

ओम र्हीं क्लीं कलिकुंड स्वामिनी अमृत वक्र अमुकं जुमभय मोहय स्वाहा!!

अगर आप एकसाथ कई लोगों को अपने वशीभूत करना चाहते हैं तो इसके लिए भी गोरखनाथ मंत्र साधना में मंत्र उपलब्ध हैं. अगर आप चाहते हैं हर कोई आपकी बात को महत्व दे और आपकी बातों की उपेक्षा न करे तो इस मन्त्र का जाप 108 बार करें.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मन रंजनी सर्वषान महातगे कुवरी के नंद नंद जिव्हे सर्व जगत वश्य मानय स्वाहा!!

गुरु गोरखनाथ के उपाय में ये मंत्र भी बहुत कारगर है. इस मंत्र का उपयोग किसी भी वशीकरण के प्रभाव को नष्ट कर देता है. वशीकरण का प्रभाव नष्ट करने के लिए सात नदी या सात कुओं से पानी ला कर वशीभूत व्यक्ति को इस मंत्र का उच्चारण करते हुए नहलाया जाता है. यह उपाय बिमारियों से भी मुक्ति दिलाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम वज्र में कोठा, वज्र में ताला, वज्र में बंध्या दस्ते द्वार,

तहां वज्र का लग्या किवाड़ा!

वज्र में कील, जहां से आया तहां से जावे,

जाने भेजा, जाकूं खाए, हमको फेर न सूरत दिखाए!

हाथ कुं, नाक कुं सिर कुं पीठ कुं कमर कुं छाती कुं!

जो जोखो पहुंचाए, तो गुरु गोरखना की आज्ञा फुरे!

मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र इवरोवाचा!

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में एक अन्य बहुत ही सिद्ध मंत्र होता है. इस मन्त्र के लिए कोई विशेष विधि करने की आवश्यता नही होती है. इस मंत्र का जाप 31 बार रात के समय करना चाहिए. यह मंत्र इस प्रकार है:

ॐ नम: महादेवी सर्वकार्य सिद्धिकर्णी जो पाती पुरे,

ब्रह्म: विष्णु महेश तीन देवतन मेरी भक्ति गुरु की,

शक्ति श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरो मंत्र ईश्वर वाचा!!

 

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि को करने के लिए आपको कुछ ज़रूरी बाते ध्यान में रखनी चाहिए. अगर आप इन बातों को ध्यान में रखकर विधिपूर्वक मंत्रो का जाप और साधना करते हैं तो आपको काफी अच्छा परिणाम बहुत ही कम समय में देखने को मिल जायेगा.

गोरखनाथ के उपाय करते समय ध्यान रहे कि आप इनका प्रयोग किसी सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए कर रहे हों. गोरखनाथ के उपायों किसी विशेष प्रकार की विधि की आवश्यता नही होती है. अपने सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए इनका प्रयोग आशाजनक परिणाम देता है साथ ही इनके प्रयोग से किसी के द्वारा किये गए वशीकरण के प्रभाव को नष्ट भी किया जा सकता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है. कोई भी व्यक्ति बिना किसी सिद्ध गुरु के बैगर इन मंत्रो के जाप से लाभ प्राप्त कर सकता है. इन मंत्रो और साधनाओं को करने के लिए लाल या सफ़ेद रंग का आसन उपयुक्त होता है. इन मंत्रो का जाप करते हुए गुरु गोरखनाथ के प्रति मन में पूर्ण श्रद्धा होनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि का प्रयोग करने पर कोई भी साधक अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है. आप अपने उद्देश्य के प्रति एकाग्र हो कर अगर गोरखनाथ के उपाय करेंगे को आपको निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी.

पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय

पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय

अगर आप अपने पति को पराई स्त्री से दूर करना चाहती हैं तो आपको निराश होने की आवश्यता नही है. क्योंकि यहाँ दिए गए अपनी पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय/सौतन से छुटकारा पाने के उपाय आपके लिए काफी उपयोगी साबित होंगे.

अगर आपका पति पराई स्त्री के रूप यौवन के पीछे दीवाना हो जाए तो आपकी खुशियों को ग्रहण लग जाता है. ऐसे में कोई भी चीज़ आपको सुख नही देती. आपके पास एक ही उपाय होता है कि किसी तरह आप अपनी सौतन से छुटकारा पायें.

पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय
पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय

हालाँकि पुराने समय में एक से अधिक स्त्रियाँ रखने का चलन था. लेकिन अब परिस्थितयां बदल चुकी है और कानून भी बदल चूका है. इसलिए ये सौतन आपके लिए नही मुसीबत खड़ी करे, इससे छुटकारा पा लेना ही बेहतर है.

शादी के शुरुआत में तो आपके पति आपसे काफी प्रेम करते हैं. लेकिन 2-3 वर्षों के बाद उनका आपके प्रति आकर्षण कम होने लगता है. अब उनका ध्यान इधर-उधर भटकने लगता है. ऐसे में आपका मन अशांत और परेशान होने लगता है.

अगर आस पड़ौस या ऑफिस में खूबसूरत और जवान लड़कियाँ होती हैं तो आपके पति का मन विचलित होने में देर नही लगती. आपकी कोशिश रहती की आपकी सौतन न रहे. लेकिन आज की जीवन शैली और टीवी को देखकर कोई भी मचल सकता है.

अगर आपका पति किसी भी कारण से पराई स्त्री के चुंगल में फँस गया है तो उससे छुटकारा पा सकती हैं. सौतन से छुटकारा मंत्र और सौतन को दूर करने का टोटका इसमें आपकी मदद करेंगे.

यहाँ पर सौतन को दूर करना का टोटका बताया जा रहा है. इस टोटके के पीछे ये सिद्धांत है कि आप अपने पति पर आपना प्रेम जाल फैला दें. इससे सौतन का आकर्षण ख़ुद ब ख़ुद समाप्त हो जायेगा. ये टोटका इस तरह से है:

ये उपाय आपको भगवान श्री कृष्ण का नाम ले कर करना है. शुक्रवार के दिन 3 इलायची लें. इन्हें अपने पहने हुए परिधान में लपेट कर रख लें. अगले दिन शनिवार को इन्हें पीस कर खाने में मिला कर अपने पतिदेव को खिला दें. इस टोटके को लगातार 3 शुक्रवार करें. ऐसा करने पर आपक पति ख़ुद ब ख़ुद आपके प्यार में दीवाना होने लगता है. और सौतन अपने आप दूर हो जाती है.

इसी सिद्धांत पर आधारित एक और उपाय है. इस उपाय से आपके पति पर आपके रूप सौन्दर्य का जादू चढ़ जायेगा और वह सौतन से कोसों दूर हो जायेगा. ऐसा करने के लिए आपको अपने पति को एक ख़ास किस्म का तिलक लगना है. तिलक लगने की विधि इस प्रकार है:

नारियल, कपूर और धतूरे के बीजो को पीस ले. जब भी आपका पति सामने हो, आप इसका तिलक लगायें. इसके आपका पति आपके प्रेम में पागल होने लगेगा और आपकी सौतन से दूर होने लगेगा. इस उपाय को पूरे आत्म-विश्वास के साथ नियमित करें. आपको इससे काफी अच्छा परिणाम प्राप्त होगा.

एक और सौतन से छुटकारा मंत्र है. पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय मंत्र के रूप में है. इसका नियमित उच्चारण करने से आपके यौवन की शक्ति बढ़ जाती है. अगर आपके यौवन में दमदार ताकत है तो आपके पति फिर से आपके प्यार में पड़ जायेंगे. ये कामदेव का पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय/मंत्र है:

ओम कामदेवाय विद्यम्हे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्।

अपने प्रभाव को मज़बूत करने के लिए शाबर मंत्र का प्रयोग भी करें.

सौतन से छुटकारा शाबर मंत्र :

ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो, भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।

पति पर अपने यौवन का जादू डालने का मंत्र. ये शुक्र गृह का मंत्र है. इसके आपके यौवन का प्रभाव बढ़ जायेगा. शुक्र मंत्र – ओम दां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः

आपके पति का दूसरी औरत या लड़की के प्रति आकर्षित होने का मतलब है कि उन्हें आपके प्यार नही मिल पा रहा है. इसलिए आपकी कोशिश रहनी चाहिए कि आप अपने पति की शारीरिक और भावनात्मक ज़रूरतों का ख़ास ख़याल रखें. साथ ही पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय भी लगातार करती रहें.

अगर आप अपने पति से सच्चा प्यार करती हैं, तो किसी सौतन को उन्हें आपसे छीनने के हिम्मत नही हो सकती. पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय पूरे मनोयोग से करना चाहिए. आप कोशिश करें कि आपके बीच क्लेश उत्पन्न न हो. घर में प्यार का वातावरण हो तो प्रेम का स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है.

सौतन से छुटकारा मंत्र बहुत कारगर होता है. घर से क्लेश मिटाने के लिए इस मंत्र का ४२००० बार उच्चारण करें. मंत्र इस प्रकार है:

धाम धिम धूम धुर्जट पत्नी वां वीं वुम वागधिश्वरी।

क्राम क्रीम कृम कालिका देवि, शाम शिम शुम शुभम कुरु।।

इस मन्त्र का जाप आप सुबह माँ दुर्गा या काली देवी की तश्वीर की सामने करें. धुप बत्ती और फूल अर्पित करने के बाद इस मंत्र का उच्चारण करें. ऐसा करने पर आपके घर में सुख शांति की बरसात होने लगेगी.

सौतन को दूर करने का टोटका ये टोटका काफी उपयोगी साबित हुआ है. इस टोटके में साबूत पान के पत्ते पर कपूर और चन्दन लगायें. इनके मिश्रण से एक तिलक लगायें और पति या उनकी तस्वीर के शामने जाएँ. ये उपाय 43 दिन तक करना चाहिए. 43 दिन तक प्रयोग करने के बाद इस पत्तों को बहते पानी में छोड़ दें.

पति को पराई स्त्री से दूर करने का उपाय जो यहाँ दिया गया है, बहुत कारगर साबित हुआ है. इस उपाय के अनुसार आपको माहवारी के दौरान रात में पति की छोटी से कुछ बाल काट लेना है. याद रहे आपके पति को इसके बारे में कुछ पता नही चलान चाहिए. कुछ दिनों बाद इन बालों को जला कर पैरों से कुचल दें. और घर से बाहर फैक दें. ऐसा करने पर धीरे-धीरे आपके पति की अकल ठिकाने आने लगेगी और आप सौतन के झंझट से मुक्त हो जाएँगी.

यहाँ एक और सौतन को दूर करने का टोटका बताया जा रहा है. इस टोटके के परिणाम भी बड़े ही चमत्कारिक होते हैं. ये टोटका इस प्रकार है:

इस टोटके में आपके रविवार के दिन अपने शयनकक्ष में अपनी सौतन का नाम ले कर गुगुल की धुनी दें. ऐसा पूरी श्रद्धा से लगातार 4 रविवार तक करें. इसके आपको बड़ा लाभ होगा.

इसमें से कोई भी पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय आपके काफी काम आ सकता है. आपको इनको करते हुए मन में प्रेम और विश्वास रखने के आवश्यकता होगी. आपका प्रबल मनोबल इसमें आपके काफी काम आएगा.

कर्ण पिशाच साधना

कर्ण पिशाच साधना

कर्ण पिशाचिनी विद्या प्रयोग, कर्ण पिशाचिनी साधना मंत्र, कर्ण पिशाचिनी सिद्धि विधि – कर्ण पिशाचिनी साधना के बारे मे सबके अपने मत है, कुछ का मानना है की ये एक अनोखी साधना है जिसे व्यक्ति को कभी अकेले नहीं करना चाहिए, अगर उसको इस साधना करने का पूर्ण ज्ञान नहीं, क्यूकी एक गलत कदम भी उस व्यक्ति के जीवन पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए इस कर्ण पिशाचिनी साधना को करते वक़्त व्यक्ति किसी गुरु की मदद ले। दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी है जो ये बात कहते है की कर्ण पिशाचिनी को भी देवी का रूप माना गया है, जैसे की कई मंत्रों मे यह देवी शब्द आता है। यहाँ तक भी कहा गया है की ये साधना पारलौकिक शक्तियों को अपने वश में करने की एक गोपनीय विद्या है, जिसके बारे मे आम लोगों को कम ही पता है।

कर्ण पिशाच साधना
कर्ण पिशाच साधना

तो चलिये कर्ण पिशाचिनी साधना को करने के लिए हम पहले मंत्र से आपको परिचित करवाते है। मंत्र है: “”।।ॐ नम: कर्णपिशाचिनी अमोघ सत्यवादिनि मम कर्णे अवतरावतर अतीता नागतवर्त मानानि दर्शय दर्शय मम भविष्य कथय-कथय ह्यीं कर्ण पिशाचिनी स्वहा।।“” अब इस साधना को करने से पहले ध्यान रखे की इसके दौरान आपको काले रंग का कपड़ा पहनना होगा, स्त्री से बात करने की मनाही होती है इस समय काल मे व आपको सिर्फ एक समय ही भोजन लेना होता है। साधना के लिए शमशान की राख, काली हकीक की माला, काला आसान, एक अनार व लाल रंग के फूल सामग्री के तौर पर चाहिए होंगी। इन बातों को ध्यान मे रख कर अब आप साधना को शुरू कर सकते है, जिसके लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले काँसे की एक थाली  में सिंदूर से त्रिशूल बना ले और मंत्र द्वारा इस त्रिशूल कि पूजा करे। आप गाय के शुद्ध घी का दीपक भी जलाए और ऊपर बताए गए मंत्र का 1100 बार जप करे। रात के समय भी त्रिशूल कि पूजा करनी होगी। इस साधना को आपको 11 दिन रोज करनी होगी, वो भी रात और दिन को उचित चौघड़िया में करे। इस तरीके से आप कर्ण पिशाचिनी साधना को सिद्ध कर सकेंगे। इसके बाद आप जो सवाल भी मन मे करेंगे ‍पिशाचिनी कान मे उसका उत्तर देगी।

एक अन्य प्रयोग ये भी कर सकते है जिसके अंतर्गत आपको काले कपड़े की जगह इसमे लाल रंग के वस्त्र पहनने होते है। फिर रात को घी का दीपक जालना होगा और उसके बाद मंत्र – “”ओम् भगवति चंडकर्णे पिशाचिनी स्वाहा”” का नित्य 10,000 बार जप करना होता है। 21 दिन रोज इस विधि को करने के बाद इस साधना को सिद्ध किया जाता है। कर्ण पिशाचिनी साधना के लिए आप इस मंत्र का सहारा भी ले सकते है, मंत्र: ॐ ह्यीं नमोहः भगवतीयः कर्णपिशाचिनी चंडवेगिनी वद वद स्वहः। इस साधना के लिए आपको चाहिए कि गाय के गोबर मे सेंधा नमक मिला ले पूजा वाली जगह को अच्छे से लीप ले। जैसे ही वो जगह सुख जाये तो ऊपर से वहां कुमकुम, हल्दी ,अक्षत डाल दे, फिर वहां कुश का आसन बिछा ले। अब आपको रुद्राक्ष की माला से 11 दिन रोज 10,000 बार बताए मंत्र का जप करना होगा। ऐसा करके आप कर्णपिशाचिनी साधना को सिद्ध कर पाएंगे और इसके उपरांत आपकी सभी इच्छा भी पूरी हो जाएगी।

कर्ण पिशाचिनी साधना को पूर्ण करने के लिए क्यूकी काफी सारे मंत्रों कि चर्चा की गई है तो आप एक और मंत्र को जान ले। मंत्र है: ॐ लिंग सर्वनाम शक्ति भगवती कर्ण-पिशाचिनी चड रुपी सच-सच मम वचन दे स्वाहा। इस साधना को आप किसी भी नवरात्र में भूत-शुद्धि, स्थान-शुद्धि, गुरु स्मरण या गणेश पूजन से पहले करे। साधना शुरू करने से पहले एक चौकी पर साफ़ लाल कपडा बिछा ले। फिर उसपर एक तांबे का लोटा रखे। उसपर या कलश पर सूखा नारियल रख दे। अब धन दे की उस कलश के चारों ओर आपको पान, सिन्दूर, दो लड्डू, एक कटा हुआ मुर्गा व एक लोटे मे उस मुर्गे का खून रख दे। उस कलश की पूजा करने के बाद सारी सामग्री के चारों ओर उस खून से स्तंभित कर दे। ये सब कर लेने के बाद आप अपने कंधे पर उस लाल कपड़े को रखे और बताए गए मंत्र का जप शुरू करे। 9 दिन तक प्रतिदिन 1000 बार मंत्र जप करना होगा और फिर दसवें दिन इसी मंत्र का 1000 बार जप किसी शमशान या कब्रिस्तान में जाकर करें। इस प्रकार साधना सिद्ध होते ही आप पिशाचिनी के माध्यम से अपने किसी भी सवाल का जवाब पा सकते है व अपनी समस्या हल कर सकते है।

अंत मे हम यही कहेंगे की जो साधक इस कर्ण पिशाचिनी विद्या पर यकीन करते है, वो इसे करने से नहीं डरते। पर फिर भी बहुत से ऐसी बाते कही गई है इस विद्या के बारे मे की जिसे जान एक आम व्यक्ति जरूर भयभीत होगा, जैसा की इस साधना का संबंध होता है पिशाच पर वशीकरण करके उसके द्वारा मन मे उठने वाले हर सवाल का जवाब पाना। वैसे ये बाते तभी मायने रखती है, जब कोई व्यक्ति सच्च मे आपके खयालों मे चलने वाले सवालों के जवाब पाकर पहले ही होने वाली घटना से सतर्क होना चाहे। पर ये कहा भी गया है कि एक बार पिशाचिनी को वश मे करने के बाद वो उस साधक के शरीर से ही जुड़ जाती है और उसे छोड़कर कभी नहीं जाती, यहा तक की मृत्यु के बाद भी और इसमे कोई भी दूसरा व्यक्ति सड़क की मदद नहीं कर पता। ये बात जरूर डराने वाली है, पर हम यही कहेंगे की ऊपर बताए गई साधना को अकेले न करे, बिना ज्ञान के। किसी गुरु की मदद से विधि को साधा जा सकता है।

कामाख्या तंत्र साधना

कामाख्या तंत्र साधना

पौराणिक कथानुसार गौरी के पिता दक्ष ने जब यज्ञ किया था तब उसमें भगवान शिव का अनादर देखकर उनकी पत्नी  गौरी ने क्रोध में आकर हवन के कुंड में कूदकर अपने देह को त्याग दिया | क्रोधित होकर  भगवान शंकर उनके शव को  उठाकर  तांडव करने लगे | चारों तरफ हाहाकार मचने लगा | विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन  चक्र को उठाया  और  शव के ५१ टुकड़े कर दिए ताकि शिव का क्रोध शांत हो जाए | अंगों के टुकड़े  जहां जहां गिरे वे बाद में शक्ति पीठ के रूप में चिन्हित  हो गए | इन अंगों में से  माता  गौरी की योनि  कमरों  नाम के स्थान पर  गिरी थी  और यह स्थान  देवी के गर्भ गृह के नाम से विख्यात कामाख्या शक्ति पीठ हुआ | यहाँ पर देवी कामाख्या की मूर्ति की जगह ‘योनि” रूप में शिलाखंड की पूजा होती है , तंत्र साधना होती है | आज हम भी इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं कामाख्या तंत्र साधना |

कामाख्या तंत्र साधना
कामाख्या तंत्र साधना

कामाख्या तंत्र साधना में सबसे पहले देवी के मंत्र की अर्थात कामाख्या मंत्र की साधना करे,जो बहुत ही शक्तिशाली माना गया है | इस मंत्र में सिद्धि प्राप्त करने के बाद कुछ भी पाना असंभव नहीं है | साधना को आरंभ करें सर्वप्रथम विनियोग से | फिर करन्यास करें और अंत में अंगन्यास करें | इसके पश्चात श्रद्धा पूर्वक ध्यान लगाएं और देवी के अतुलनीय रूप पर अपना ध्यान एकत्रित करे | देवी का स्वरुप है –देवी कामाख्या लाल वस्त्र धारण किए हुए हैं | वे कमल के समान कोमल तथा सुंदर है और चंद्र जैसी उज्ज्वला हैं | जिनके  ललाट पर  सिंदूर से तिलक लगाया हुआ अत्यधिक सुशोभित हो रहा है | दो भुजाएं वाली देवी तीन नेत्रों वाली है | जिनका सिंहासन मणि माणिक्य  से सुशोभित है | मां  के होंठ पर स्निग्ध  मुस्कुराहट हैं | वह अनेक विद्याओं को जानने वाली हैं | उनके समक्ष सभी डाकिनी और शाकिनी हाथ जोड़ नतमस्तक है | सिंहों की टोली भी उनका वंदन कर रही है | देवी के वचनों का श्रवण करने के लिए देवी सरस्वति और लक्ष्मी भी व्याकुल रहती है | हर लोकों में पूजनीय देवी कामाख्या अति ही करुणामयी है तथा सबका मंगल चाहने वाले हैं |

अब हम आपके लिए कामाख्या वशीकरण मंत्र का उल्लेख करने जा रहे हैं जिसकी साधना से सभी मनोरथ की पुष्टि होती है | यह अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है | देवी की मंत्र साधना के बाद षोडशोपचार पूजा करें तथा इसके बाद नीचे दिए गए मंत्र को जपे | लेकिन, ध्यान रहे जाप आरंभ करने के पहले किसी भी सुयोग्य तांत्रिक से परामर्श अवश्य करें तथा उसी के परामर्शानुसार जाप संख्या का संकल्प करें | मंत्र है –”त्रीं त्रीं त्रीं हूं, हूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं  स्वाहा |”

उपरोक्त मंत्र के जाप के बाद नीचे दिए गए मंत्र के द्वारा देवी का वंदन करें | मंत्र है —

“कामाख्ये कामसंपन्ने,  कामेश्वरी हर-प्रिया कामनां देहिमे नित्यं,  कामेश्वरी नमोस्तुते |

कामदे काम-रूपस्थे  सुभगे सुरसेविते   करोमि दर्शनं देव्या: सर्वा-कामार्थ सिद्धिये |

यह साधना कामाख्या में किसी योग्य तांत्रिक या गुरु के निर्देशानुसार ही होनी चाहिए |

कामाख्या मंत्र साधना का एक अत्यंत प्रभावशाली टोटका या मंत्र है –”ओम् त्रीं  नमः “..इस मंत्र का जाप किसी भी स्थान से किया जा सकता है | कृष्ण पक्ष की नवमी को रात्रि १२:०० बजे पूर्व दिशा की ओर अपना चेहरा करके बैठे लाल आसन के ऊपर | अब अपने सामने कामाख्या देवी की तस्वीर रखें |  पानी वाला एक जटा-नारियल ले | बिना जटा हटाए इसके ऊपर सिंदूर में तेल मिलाकर टीका करें | अब इसे देवी को समर्पित करे, पूजन करें पंचोपचार विधि द्वारा | इसके बाद प्रसाद देवी को अर्पित करें |  अब अपने दाहिने हाथ में जल लेकर विधिवत जाप करने के लिए संकरल्प करें तथा ऊपर बताए गए मंत्र का मूंगे की माला से जाप करें | जाप लगातार तीन दिनों तक करें | जाप संख्या होनी चाहिए प्रतिदिन ५१ माला | जाप की समाप्ति के बाद नारियल को किसी नदी में प्रवाहित कर दें |

कामाख्या सिंदूर प्रयोग  कामाख्या मंदिर में पाए जाने वाले सिंदूर को कामिया सिंदूर कहते हैं जो अन्य कहीं नहीं मिलता | मान्यताओं के अनुसार इस सिंदुर का व्यवहार करने से विवाहिताओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है | अगर इस सिंदूर  को अभिमंत्रित किया जाए तो दैनिक जीवन  के विभिन्न समस्याओं के समाधान में इसका अत्यंत चमत्कारी  रूप देखने को मिलता है | इसको अभिमंत्रित किए जाने में अत्यंत नियम का पालन करना चाहिए | इसकी विधि– शुक्रवार के दिन  पूजा  शुरू करें | कामाख्या  सिंदूर  अभिमंत्रित किए जाने के लिए  सिंदूर को एक चांदी की डिबिया में ढक्कन लगाकर रखे | मंत्र का जाप करने के वक्त इसे अपने सामने रखें | इस पूजा के समय लाल वस्त्र धारण करें और आसन का रंग भी लाल ही होना चाहिए | लगातार सात दिन तक इस मंत्र का जाप करें तथा विधि पूर्वक पूजा करें | चुटकी भर सिंदूर में उसी अनुपात के अनुसार केसर, चंदन मिला लें  और  गंगाजल से  इसे घोलें | अब  ११ बार जाप करें कामाख्या मंत्र का | जाप जाप  समाप्त होने के बाद  इस सिंदूर के मिश्रण से तिलक लगाएं | इसके लगाते ही लगाने वाले  व्यक्ति में किसी को भी सम्मोहित करने की ताकत आ सकती है |

कामाख्या सिंदूर प्रयोग

सबसे पहले  सिंदूर का  पूजन करें विधि विधान से | अब नीचे दिए गए मंत्र द्वारा  लगातार बिना नागा  सात रविवार तक जाप करें | जाप संख्या होनी चाहिए  प्रतिदिन १०८ वार | मंत्र है —

“हथेली में हनुमंत,भैरू बसे कपार |

नरसिंह की  मोहिनी मोहे सब संसार,

मोहन रे मोहनता वीर

सब वीरन में तेरा सीर,

सबकी नजर बांधन दे

तेल सिंदूर चढ़ाऊं तुझे, तेल सिंदूर कहां से आया ?

कैलाश पर्वत से आया कौन लाया?

अंजनी का हनुमंत, गौरी का गणेश लाया | काला गोरा तोतल तीनों बसे कपार दुहाई कामिया सिंदूर की

हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की  सत गुरु सेट कबीर “

मंत्र का जाप संपूर्ण होने के बाद इस सिंदूर को चुटकी भर लेकर वापस दिए गए उपरोक्त मंत्र को  सात वार जाप करे तथा अपने  मस्तक पर तिलक लगाएं | यह वशीकरण प्रभाव उत्पन्न करता है |

खून से वशीकरण मंत्र

खून से वशीकरण मंत्र

खून से वशीकरण मंत्र, कहते हैं कि रक्त यानी कि खून का संबंध काफी गहरा होता है। उसकी बदौलता ही विचार और व्यवहार मिलते हैं। यह संबंधों की मधुरता का ऐहसास देता है। इसकी सच्चाई से कोई इनकार नहीं कर सकता है। इसके साथ ही एक सच और भी है कि खून के रंग और गंध में गजब का आकर्षण होता है।

खून से वशीकरण मंत्र
खून से वशीकरण मंत्र

इस आकर्षण में छिपी हुई शक्ति का उपयोग तंत्रविद्या में सदियों से होता आया है। वशीकरण के लिए रक्त का उपयोग एक अद्भुत वस्तु की तरह किया जाता रहा है। किसी स्त्री को अपने वश मंे करना हो, पत्नी या प्रेमिका को वशीभूत कर उसपर अपना वर्चस्व कायम करना हो, या फिर किसी अन्य व्यक्ति को अपने वश में कर उसके दिलो-दिमाग पर अधिपत्य जमाना हो, इत्यादि।

रक्त वशीकरण के मंत्र और प्रभावशाली टोटके इसके लिए उपयोगी साबित होते हैं। वशीकरण के लिए मात्र दू बूंद खून ही खाफी होता है। यहां दिए गए खून से वशीकरण कुछ अचूक उपाय और तरीके इस प्रकार हैंः-

अनामिका के दो  बूंद:   अनामिका यानी कि अंगूठी पहनी जाने वाली अंगुली के दो बूंद खून से किसी लड़की या प्रेमिका को कुछ प्रयोग के साथ अपने वश मंे किया जा सकता है। इसके अपनाए जाने वाले टोटके के लिए जिस किसी पर वशीकरण का प्रयोग करना है उसका कपड़ा या फिर बाएं पैर का मोजा लें। उसे खरल में रखकर फटने और धागा निकल आने तक कूट लें।

कूटते समय ही कपड़े के साथ अपनी अनामिका के दो बूंद रक्त के पीसे हुए पांच लौंग को मिला दें। रक्त और लौंग के अच्छी तरह मिल जाने के बाद फटे कपड़े की सात बाती बना लें और चमेली तेल का सात दिनों तक प्रातः स्नान के बाद पूजा करते समय दीपक में जलाएं। दीपक जलाने के एक-दो दिनों के बाद ही असर दिखना शुरू हो जाएगा और वह व्यक्ति आपकी हर बात को सहर्ष मानने लगेगा।

माहवारी का रक्तः स्त्री पर वशीकरण उसके ही मासिक धर्म यानी माहवारी के रक्त से भी किया जा सकता है। इस वशीकरण में काफी प्रबलता होती है। हालांकि इसके लिए अपनाया जानेवाला तरीका काफी मुश्किल है। सबसे पहली मुश्किल तो उस स्त्री के मासिक धर्म का रक्त हासिल करना है।

अमूमन इसमें सफलता शायद ही मिल पाती है। ऐसी स्थिति में वशीकरण किए जाने वाली स्त्री या लड़की की माहवारी के दौरान तांत्रिक तरीका अपनाया जाता है। उसके बाद तांत्रिक गुरु के द्वारा गुप्त विधि अपनाई जाती है। मंत्र सिद्धी के बाद उस मंत्र का प्रयोग किया जाता है।

पति या प्रेमी का वशीकरणः अलगाव का जीवन गुजारने वाली विवाहिता या फिर प्रेमी के प्यार में कमी का एहसास करने वाली प्रेमिका हो, वह अपनी माहवारी के दौरान वशीकरण के तांत्रिक टोटके अपना सकती है। इसके लिए अपनाया जाने वाला नुस्खा ज्योतिषीय जन्म कुंडली से जुड़ा हुआ है। जिस किसी पर वशीकरण  करना है, उसकी जन्म कुंडली हासिल कर लें या फिर उसका जन्म स्थान, तारीख ओर सही समय की जानकारी जुटा लें।

ज्योतिष के पास जाकर पता करें कि कुंडली में वैवाहिक सुख देने वाले सातवें स्थान में ग्रह की स्थिति क्या है? यदि आपको मालूम हो जाता है कि उसमें राहु है तब टोटके के तौर पर बहते पानी में बादाम या नारियल प्रवाहित करें। इसकी शुरूआत भी माहवारी के दिन से ही करें। ऐसा चालीस दिनों तक करने से पति या प्रेमी के साथ सुखद संबंध कायम हो जाएगा।

मासिक धर्म के दिन: माहवारी के दौरान अपनी अंदरूनी शक्ति को जुटाने का भी समय होता है। इस दौरान पति या प्रेमी पर आधी रात को एक टोटके का प्रयोग किया जा सकता है। मासिक धर्म चलने के दौरान अपनी प्रेमी या पति के पास आधी रात को तब जाएं जब वह सो रहा हो। यदि वह समय गुरुवार या शुक्रवार की रात्री का हो तो और भी अच्छा है।

उसके सिर पर चोटी वाले हिस्से से कुछ बाल काट लें। उसे कहीं गुप्त स्थान पर छिपा दें। ध्यान रहे कि उसपर किसी की भी नजर नहीं जाए।  आप पाएंगे कि कुछ दिनों में पति या प्रेमी के व्यवहार में आपके प्रति नरमी आ गई है। उसके प्रेम उमड़ने का भी ऐहसास होगा।  अगले मासिक धर्म के समय छिपाए हुए बाल को नजर बचाकर जला दें और अपने पैरों से कुचल डालें।

कामाख्या मंत्रः पति या प्रेमी को आकर्षित करने के लिए कामाख्या मंत्र का प्रयोग बहुत ही सरल उपाय है, लेकिन इसका प्रभावकशाली असर होता है। एक भोजपत्र लें और उसपर अपनी अनामिका के खून से पति या प्रेमी का नाम लिख दें। उसके बाद नीचे दिए गए कामाख्या मंत्र का 108 बार जाप करें। जाप पूरा हो जाने के बाद उस भोजपत्र को शहद में डूबाकर रखना चाहिए। इससे पति या प्रेमी का आपके प्रति सम्मोहन बढ़ता है। मंत्र हैः-

ओम नमोहः महापाक्षिणी पति मे वश्यः कुरु कुरु स्वाहः!

रक्त का तिलकः इस प्रयोग को कोई भी सम्मोहन बढ़ाने के लिए आजमा सकता है। इसके जरिए चाहे तो स्त्री अपने पति या प्रेमी को वशीभूत कर सकती है या फिर पुरुष अपनी प्रेमिका या पत्नी को अपनी ओर सम्मोहित कर सकता है। इसके लिए बहुत ही साधारण नुस्खा अपनाने की जरूरत है। शुरूआत के लिए खास दिन शुक्रवार का चुनें। सुबह के समय साबुत हल्दी की गांठ को सिलबट्टे पर पीस लें, या फिर उसे चंदन की तरह घिस लें।

इस दौरान जिस किसी को वशीकरण करना चाहते हैं, उसका मन में नाम अवश्य लेते रहे। इसमें करीब तीन-चार मिनट का समय दें। उसके बाद अपनी अनामिका से एक-दो बूंद पिन या सूई चुभोकर निकाल लें। उसके घिसी हुई हल्दी मंे मिला दें। इस तरह से तैयार पेस्ट को तिलक के लिए प्रयाग मंे लाएं।

स्नान और दैनिक पूजा-पाठ के बाद अनमिका से ही माथे पर सम्मोहित किए जाने व्यक्ति का नाम लेकर तिलक लगाएं और उसके सामने जाएं। कोशिश करें उसकी दृष्टि आपके तिलक पर जरूर पड़े। यानी कि वह व्यक्ति आपके तिलक की तारीफ जरूर करे।

ऐसा होने का अर्थ होगा आपका यह टोटका असर दिखाना शुरू कर दिया है। यह प्रयोग लगातार सात दिनों तक करे। इन सात दिनों में कम से कम चार दिनों में तिलक की तारीफ सुनने का अर्थ होगा उस व्यक्ति का अपके प्रति पूरी तरह से सम्मोहित हो जाना।

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण, दोस्तों आज तक हमने आपको वशीकरण के बहुत सारे उपाय बताए हैं। आज हम जिस उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, उसका शीर्षक है हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण यानी कि हाथ पर नाम लिखकर कैसे किसी को वशीकरण करेंगे इस बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके लिए आपको इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा।

अब आपको लग रहा होगा कि कैसे हाथ पर नाम लिखकर हम किसी को भी वशीकरण कर सकते हैं क्या यह संभव है तो हम आपको बता दें कि जी हां, यह बिल्कुल संभव है आप किसी को भी वशीकरण कर सकते वह भी अपने हाथ पर नाम लिखकर कैसे आइए जानते हैं-

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण
हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

यह उपाय  है तो बहुत छोटा सा लेकिन है बहुत लाभकारी अगर आप बिना किसी परेशानी के इस टोटके को अपना सकते हैं तो  हम आपको दावे के साथ कह सकते कि  दुनिया में किसी भी  शख्स को आप अपने हाथ से ही वशीकरण कर सकते हैं वह भी हथेली पर उस शख्स का नाम लिखकर।

इस वशीकरण के टोटके में सिद्धि पाने के लिए आपको 2 चीजों का जुगाड़ करना पड़ेगा– पहला है इलायची और लाल स्याही वाला पेन।

इलायची और लालपेन सबसे पहले आप बाजार से जाकर खरीद कर लेकर आइए। खरीदने का कोई निश्चित समय ,निश्चित दिन नहीं है आप किसी भी दिन खरीद कर ला सकते हैं।

यदि आप बहुत गुस्से वाले प्रकृति के मानव है और आप से हमेशा कोई ना कोई रूठ जाता है तो यह टोटका आपके लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है वह भी टोटकों  के माध्यम से आप आपके ऊपर रूठे हुए लोगों को मना सकते हैं।

इस टोटके में ऐसी शक्ति है जो आपसे रूठ कर दूर बैठे हुए व्यक्ति को भी मना सकता है और आपसे बातचीत करवा सकता है इतना ही नहीं ये टोटका आपके व्यवहार में भी बदलाव ला सकता है आप के गुस्से को भी वशीभूत कर सकता है।

हम आपको पहले भी बहुत बार बता चुके हैं कि वशीकरण एक ऐसा उपाय है जिससे किसी को भी कहीं भी कहीं से भी रहकर ही वशीकरण कर सकते हैं बस आपका उद्देश्य सही हो अगर गलत करने के लिए यह टोटका करेंगे तो आप सफल नहीं होंगे।

ज्योतिष शास्त्र के ज्योतिष आचार्यों का भी यही मानना होता है कि अगर वशीकरण के टोटके आप अच्छा करने के लिए करते हैं तो ठीक है वरना आपको उचित परिणाम भोग करना हो सकता है। आप को रात के 12:00 बजे के बजे के बाद उपाय करने से उसमें सफलता बहुत जल्दी मिलती है। वशीकरण के उपायों को इसीलिए आधे रात में ही किया जाता है क्योंकि उस वक्त परिवेश भी शांत होता है और शांत परिवेश में तो टोटका करना बहुत अच्छा होता है।

ध्यान रखे हाथ से वशीकरण के टोटके को करते वक्त आपको कोई भी ना देखे यदि आपको यह टोटका करते हुए कोई भी देख लेता है तो आपको इस टोटके में बिल्कुल भी सफलता नहीं मिलेगी इसलिए हम आपको बार-बार इसी बात पर जोर दे रहे हैं कि इस टोटके को आप को  आधी रात को ही करना है जिस वक्त सब लोग सोए हुए हो और कोई भी आपको यह टोटका करते हुए न देखे जिससे आपको आसानी से सफलता मिल सके।

अब हम आपको बता दें कि किसी भी शनिवार के दिन रात के 12:00 बजे के बाद आप दो इलायची एवं लाल पेन लेकर अपने   बाए हथेली पर उस व्यक्ति का नाम लिखिए जिस व्यक्ति को आप वशीभूत करना चाहते हैं, उस व्यक्ति का नाम लिखिए जो आप से नाराज होकर कहीं दूर चला गया और आप हमेशा के लिए चाहते कि वह व्यक्ति आपके जिंदगी में वापस आ जाए और कभी भी आपसे ना रूठे।

अब आप अपने बाए हथेली पर अपने दाहिने हथेली से उस व्यक्ति का नाम लिखे जो व्यक्ति आपसे नाराज है और उसी व्यक्ति को आप मनाने के लिए यह टोटका कर रहे हैं जैसे  रोहन ध्यान रखे आप रोहन को मनाने के लिए है यह टोटका करें जिससे वह आपसे पहले जैसा ही बात करें आप दोनों के बीच में जो भी अन- बन हुई है ,वह पूरा खत्म हो जाए इसलिए आप इस टोटके को अपना रहे हैं इसलिए नाम लिखते वक्त आपको प्रार्थना करनी है ईश्वर से की है उस पर रोहन मुझसे वशीभूत हो जाए।

उपाय को करने के बाद आपको बाए हथेली के पर नाम लिखने वाले स्थान पर उन दो इलायची को रखना है और अपने हाथ की मुट्ठी को कसकर बांध कर रखना है। मुट्ठी आपको तब तक बांध कर रखना है जब तक कि आपके हाथ से पसीना नहीं निकल जाता। ध्यान रखें जब भी आप की हाथ की मुट्ठी बंद हो तो वह इस तरीके से बंद हो जिससे उसके अंदर हवा भी ना जा पाए वरना पसीना नहीं आएगा और आप का टोटका असफल हो जाएगा।

  वशीकरण  कुरु  कुरु  स्वः

फिर इस मंत्र का जाप आपको करना पड़ेगा उपाय करने के बाद और जैसे ही आप 51 बार इस मंत्र को पढ़ ले वैसे ही आप उन दो इलायची को किसी ऐसे स्थान पर रख दीजिए जहां पर कोई ना जाए या फिर जहां पर कोई उस इलायची को ना देख सके किसी ऐसे गुप्त स्थान पर आपको इलायची को छुपा कर रखना है।

जब इलायची सूख जाए तब आप इलायची का पाउडर करके उस व्यक्ति को खिला दीजिए जो आप से रूठा हुआ है अगर वह व्यक्ति के समक्ष हुई है उसके तस्वीर में ही खिला दीजिए उससे वह व्यक्ति जल्दी-जल्दी वशीभूत हो जाएगा और आपके समक्ष वापस लौट आएगा । आप की जिंदगी में फिर से रौनक होगी, फिर से खुशियां होगी फिर से शांति होगी।

हम आशा करते हैं आपको यह उपाय समझ में आया होगा इस उपाय को करने में आपको कोई भी कठिनाई  नहीं होगी। हम दावे के साथ यह भी कह सकते हैं कि अगर आप इस उपाय को सफलतापूर्वक करेंगे और सारे विधि को ध्यान पूर्वक मानकर करेंगे तो आपको इसमें अवश्य सफलता मिलेगी।

ईश्वर से प्रार्थना करते हैं हम कि आप की जिंदगी में खुशियों की बहार हो और आप हमेशा खुश रहे हैं यह हमारी दुआ है।

1 Ghante Me Lost Love Back By Vashikaran,खोये हुए प्यार को वापस पाने के मंत्र

 

1 Ghante Me Lost Love Back By Vashikaran

हम सभी जानते हैं कि प्रेमी-प्रेमिका का रिश्ता जन्म से निर्धारित नहीं होता। ये वह रिश्ता होता है जो दो मनुष्यों के बीच उपजे प्राकृतिक आकर्षण से आधार प्राप्त करता है। मगर आपसी मनमुटाव, दूरियों, किसी और की निकटता या किसी अन्य कारण से जब यह आकर्षण समाप्त होने लगता है , तो प्रेमी-प्रेमिका के बीच तनाव तथा झगड़े की स्थितियाँ उत्पन्न होने लगती हैं। और अंततः बात बढ़ते-बढ़ते अलगाव या ब्रेक अप तक आ जाती है। जो मजबूत दिल वाले प्रेमी होते हैं वे परिस्थितियों से सामंजस्य बैठा लेते हैं; मगर कमजोर दिल वाले लोग इस तरह टूट जाते हैं, कि अवसाद के शिकार हो जाते हैं; और यही सोचते हैं किसी भी तरह उनका खोया हुआ प्यार उन्हें वापस मिल जाए। अगर आप भी ऐसी किसी परेशानी में हैं, तो आज हम आपको बिछड़े हुए प्यार को वापिस पाने के उपाय बताने जा रहे हैं; जिससे आपको आपका प्यार वापस प्राप्त हो सके।

प्रेमिका या प्रेमी को वापिस पाने के ज्योतिष उपाय:

प्रेमी या प्रेमिका का मिलन कोई सामान्य क्रिया नहीं होती! ये अनेक परिस्थियों और दशाओं का संयोग होता है। इसलिए प्रेम के संयोग व वियोग वाली स्थितियों में ज्योतिष कारकों का विशेष महत्व है। खोये हुए प्यार को वापिस पाने के लिए कुछ ज्योतिष उपाय बेहद कारगर हैं जैसे:-

1- प्रेम व काम का स्वामी शुक्र होता है इसलिए अपने प्रेमी या प्रेमिका से मिलने के लिए शुक्रवार व पूर्णिमा के दिनों को प्राथमिकता दें ।

2- शुक्र मंत्र का जाप करें, यह मंत्र न सिर्फ बिछड़े प्रेमियों को मिलाने में सहायक है बल्कि प्रेमी-प्रेमिका के बीच यौन आकर्षण को भी प्रबल करता है, मंत्र इस प्रकार है:

“ओम द्रां, द्रीं, द्रौं सः शुक्राय नमः”

3- एक बात का विशेष ध्यान रखें कि अपने साथी से मिलने के लिए शनिवार तथा अमावस्या का दिन कभी न चुनें।

4- लाल वस्त्र और कुमकुम की माला पहन कर, लगातार सात दिनों तक “ओम हीं नमः ” मंत्र का हर रोज़ 1000 बार जाप करें। यह जाप अत्यंत प्रभावकारी माना गया है , इसके प्रभाव से मिलन की दशाओं का निर्माण होता है।

  • इसके अलावा प्रेम के देवता काम देव के ‘शाबर मंत्र’ का जाप भी चमत्कारिक प्रभाव रखता है।

“ॐ कामदेवाय विद्य्महे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्।”

इस मंत्र का जाप रिश्तों में आयी कड़वाहट को दूर कर मधुरता का संचार करता है।

साथ ही ‘‘ॐ नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।’‘ मंत्र का जाप भी विशेष फलदायी है।

खोये हुए प्यार को वापस पाने के मंत्र एवं पूजा/ Remedies to Get Lost Love Back:-

प्यार में पड़ी दरार को भरने के लिए, मानवीय भावनाओं व प्रयासों के अतिरिक्त ईश्वरीय आशीष की भी आवश्यकता होती है; जिसे हम विभिन्न पूजा विधियों व मंत्र साधना द्वारा प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। कुछ विशेष मंत्र व पूजा विधि इस प्रकार हैं:

 

  • सोलह सोमवार के व्रत करें। बहुप्रचलित सोलह सोमवार के व्रत ना सिर्फ इच्छित साथी पाने की मनोकामना को पूर्ण करते हैं, बल्कि टूटे हुए रिश्ते या खोये हुए प्यार को पुनः प्राप्त करने में भी चमत्कारिक प्रभाव दिखाते हैं।

 

  • बिछड़े प्रेम की पुनः प्राप्ति के लिए भगवान नारायण एवं भगवती महालक्ष्मी जी की एक विशेष पूजा काफी लोकप्रिय है। यह पूजा माह के शुक्ल पक्ष के बृहस्पतिवार को आरम्भ की जाती है और तीन माह तक चलती है। इस पूजा में प्रतिदिन विधि-विधान द्वारा लक्ष्मी नारायण के इस मंत्र की तीन माला का जाप अत्यंत फलदायी होता है: ‘ओम लक्ष्मी नारायण नमः’

 

  • सभी जानते हैं कि भगवान श्री कृष्ण संसार के प्रेम प्रणेता हैं। इसलिए प्रेम संबंधों में प्रगाढ़ता लाने के लिए उनकी पूजा व मंत्र जाप अत्यंत कल्याणकारी सिद्ध होता है। इसमें आप भगवान श्रीकृष्ण को उनकी अतिप्रिय बांसुरी के साथ-साथ पान अर्पित करें। निरंतर करने से रूठा हुआ साथी जल्द ही आपको पुनः स्वीकार कर लेता है। इसके अतिरिक्त श्री राधा-कृष्ण की तस्वीर रख कर पूजन करें तथा इस मंत्र का नियमित जाप करें, आपका खोया हुआ प्रेम आपके पास लौट आएगा । “ॐ हुं ह्रीं सः कृष्णाय नमः”

 

  • प्रेम प्राप्ति के लिए भगवान श्री कृष्ण की एक और विशेष पूजा की जाती है, जिसमें श्रीकृष्ण के बीज मंत्र का प्रयोग किया जाता है। यह मंत्र इस प्रकार है-   “ॐ क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा:”

इस मंत्र की साधना के लिए, प्रत्येक शुक्रवार को नहा धो कर विधि पूर्वक श्री राधा-कृष्ण जी की प्रतिमा का पूजन करें तथा 108 बार इस मंत्र का जाप करें। जल्द ही आपको मनवांछित परिणाम नज़र आने लगेंगे।

खोया प्यार वापस पाने के टोटके व सिद्धि:-

 

  • अगर आप पुरुष हैं और आप अपनी बिछड़ी हुई प्रेमिका को वापस पाना चाहते हैं तो इसके लिए मोहिनी सिद्धि काफी प्रभावकारी उपाय है। इसमें आपको कुछ विशेष क्रियाएं करनी होती हैं ।

 

  • जब भी आप अपनी प्रेमिका से मिलने जाएं तो अपनी कमर में लाल धागे से सफेद आक की जड़ को बाँध लें जाएं, ध्यान रहे इसे कपड़ों के नीचे इस तरह बांधें कि आपकी प्रेमिका को दिखाई ना दे।

 

  • सफेद अपराजिता की जड़ को लेकर पीसें और इसमें गोरोचन मिला कर तिलक लगाएं, जब भी अपनी प्रेमिका से मिलें इस तिलक को लगा कर मिलें, इससे प्रेमिका के हृदय में दबा हुआ प्रेम जागृत हो उठता है।

 

  • प्रेमिका से मिलते समय कमर के निचले हिस्से में सहदेई की जड़ बाँध कर जाने से भी कम होता प्रेम बढ़ने लगता है।

 

  • यदि कभी मथुरा जाएं तो गोवर्धन परिक्रमा के दौरान रास्ते में पड़ने वाली मूँज की घास में अपने प्रियतम के नाम से एक गाँठ लगा दें, बिछड़ा प्रेम शीघ्र ही वापस मिल जाएगा।

 

  • शनिवार के दिन एक सुंदर पुतली बनाएं तथा अपने प्रियतम का नाम उसपर लिखकर उसे दिखाएं, ऐसा करने से उसके हृदय में आपके प्रति प्रेम का उद्भव होगा।

प्रेमिका या प्रेमी अपने खोये हुए प्यार को वापिस पाने के उपाय/मंत्र/तरीका/टोटके प्राप्त कर अपने प्यार को वापिस प्राप्त कर सकते है| यदि आपका प्यार आपसे रूठ गया है या आपसे दूर चला गया है तो उसको वापिस पाने के लिए संपर्क करे हमारे मश्वरा द्वारा अपने कार्य को पूर्ण करे | जय माता दी |