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गणेश वशीकरण

गणेश वशीकरण

हिंदू धर्म में महादेव शिव और माता पर्वती के पुत्र भगवान गणेश की पूजा, आराधना, साधना और उपासना की महत्ता से सभी परिचित हैं। उन्हें घर या कार्यालय के प्रवेश द्वार पर स्थापित करने के साथ-साथ पूजा घर में विशिष्टिता के साथ रखा जाता है। प्रत्येक अनुष्ठान के दौरान सबसे पहले उनकी पूजा की जाती है। यही वजह है कि हर शुभ कार्य के शुभारंभ को ‘श्रीगणेश’ कहकर संबोधित किया जाता है और ‘ ऊँ  गणेशाय नमः!’ मंत्र के जाप से एकाग्रता एवं कार्यारंभ की प्रेरणा मिलती है।

गणेश वशीकरण
गणेश वशीकरण

वैदिक ग्रंथों की मान्यताओं के अनुसार गणेश भगवान की विशिष्ट पूजा और उनके मंत्रों की साधना-सिद्धि से वशीकरण की अद्भुत क्षमता भी हासिल की जा सकती है, जिसका विभिन्न या कहें विशेष कार्यों के लिए उपयोग किया जाता है। आईए, एक नजर डालते हैं वशीकरण के लिए श्रीगणेश अर्थात गौरी पुत्र गजानन को प्रसन्न करने के लिए गणेश चतुर्थी के दिन से शुरू की जाने वाली पूजा के विधान और मंत्रों के बारे में, जो अचूक प्रभाव देते हैं।

वशीकरण की साधना

भगवान गणेश को भी रूप-सौंदर्य के था आकर्षित करने वाले ईष्टदेव रूप में पूजा की जाती है तथा उनमें आकर्षण या सम्मोहन शक्ति बढ़ाने की क्षमता है। और तो और श्रीगणेश को सभी सिद्धियों विधाता और वशीकरण के आधार देव माने जाते हैं। उनका वशीकरण का बहुपयोगी मंत्र हैः-

ऊँ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं गं गणपतये वर वरद्र सर्व जनं मे वशमानाय स्वाहा!!

विधि-विधानः भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर के सामने आसन पर ब्रह्म मुहूर्त में पूर्व या पश्चिम की दिशा में बैठकर इस मंत्र के स्पष्ट उच्चारण के साथ उनका ध्यान करना चाहिए। उसके बाद निम्न मंत्र का पाठ करना चाहिए।

मंत्रः ऊँ अस्य हस्तिमुख गणेश मंत्रस्य श्री गणक ऋषिः गायत्री छंदः।

     श्री हस्तिमुख गणपति देवता ममाभीष्ट सिद्धयर्थे विनियोगः।। 

अर्थात् अपने दोनों हाथों में इक्षुदण्ड धारण किए हुए, उनमें पाश और अंकुश लिए हुए। एक हाथ में कमल धारण कर श्यामांगी को बगल में बिठाए हुए त्रिनेत्र रक्त वर्ण वाले गणपति का मैं ध्यान करता हूूं। ऐसी विनती की वाणी के साथ श्रीगणेश के समक्ष जल का छिड़काव करना चाहिए। उसके बाद निम्न मंत्र का पाठ करने से वशीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाई जा सकती है। वह मंत्र इस प्रकार हैः-

ऊँ गं अंगुष्ठाभ्यां नमः हृदयाय नमः

ऊँ गं तर्जनीभ्यां नमः शिरसे स्वाहा

ऊँ गं मध्यमाभ्यां नमः शिखाये वषट्

ऊँ गं अनामिकभ्यां नमः कवचाय हुम्

ऊँ कनिष्ठिकाभ्यां नमः नैत्रत्रयाय वौषट्

ऊँ गं करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः अस्त्राय फट्!!

इस हस्तिमुख गणपति के तीन लाख मंत्र का जाप दस दिनों के अनुष्ठान के दरम्यान पूर्ण करने के बाद दशांश हवन ईख और घी या तेल में तले हुए पुए से करने का विधान है। इस तरह से किए गए गणेश पूजन से वशीकरण की सिद्धि प्राप्त हो जाती है। उसके बाद वशीकरण संबंधी उपाय किए जा सकते हैं। वे इस प्रकार हैंः-

  • पानी में गुड़ मिलाकर बने शरबत से 444 बार वश मं किए जाने वाले व्यक्ति को ध्यान कर तर्पण करें।
  • घी, शहद और शक्कर यानि त्रिमधु को हवन सामग्री में मिलाकर हवन करने से वशीकरण का कार्य संपन्न होता है, तथा नारियल से हवन करने पर श्रेष्ठता और समृ़िद्ध की प्राप्ति होती है।
  • किसी स्त्री को वश में करने के लिए शहद में थोड़ा नमक मिलाकर हवन करने का अचूक लाभ मिलता है। इसके प्रयोग से पहले सामान्य गणेश पूजन आवश्यक है।
  • गणेश पूजन से ग्रहों की बिगड़ी हुई दशा को भी सही कर सकारात्मक प्रभाव देने जैसा बनाया जा सकता है।

गणेश मोहिनी वशीकरण

सम्मोहन या वशीकरण के लिए मेहिनी अर्थात प्रेम-भावना के लिए कई प्रचलित साधनाओं में एक गणेश मोहिनी वशीकरण भी है। इसके जरिए अगर प्रेमी-प्रमिकाएं अपने प्रिय या दंपति जीवनसाथी के प्रेमपाश में बंधे रहने की चाहत रखते हैं। यह एक तरह से यौनाकर्षण बढ़ाने वाले उपयों में से भी एक है। गणेश माहिनी वशीकरण के लिए एक साधना करनी होती है, जिसे घर में नहीं किया जाता है। इसके लिए शाबर मंत्र का 1100 बार आहूति के साथ जाप किया जाता है। वह मंत्र हैः-

ऊँ गणपति वीर वसे मसानेजो मैं मांगु सो तुम आन!

पांच लड्डू वा सिर सिंदूर त्रीभुवन मांगे चंपे के फूल!

अष्ट कुली नाग मोहा जो नाड़ी 72 कोठा मोहु!

इंदर की बैठी सभा मोहु आवती जावती ईस्त्री मोहु!

जाता जाता पुरुष मोहुडावा अंग वसे नरसिंह जीवने क्षेत्र पाला ये!

आवे मारकरनाता सो जावी हमारे पाउ पडंता!

गुरु की शक्ति हमारी भगती चलो मंत्र आदेश गुरुका!!

साधना-सिद्धिः इस मंत्र को साधने और सिद्धि के लिए किसी जंगल, बाग-बगीचे, नदी, तालाब के किनारे,  पार्क या घर के पिछवाड़े एकांत कोने में गणपति के पूजन की तैयारी करनी चाहिए। पूजन सामग्रियों में फूल, पान, नारियल गोला, सफेद चंदन, लाल चंदन, किशमिश, बादाम, काला तिल एवं हवन की सभी सामग्रियों को अनुपातिक मात्रा में मिलाया जाना चाहिए। साथ में भोग के लिए पांच लड्डू और सिंदूर की एक डिब्बी रखना जरूरी है। रात के नौ-दस बजे के बाद हवन की शुरूआत के बाद रात्री के एक बजे तक संपन्न कर लिया जाना चाहिए।

हवन की पूर्णहुति के बाद पूजन की सारी सामग्री वहीं छोड़ देना चाहिए और अभिमंत्रित सिंदूर की डिब्बी को साथ घर लाना चाहिए। वशीकरण के लिए उस सिंदूर का तिलक लगाकर वश में किए जाने वाले व्यक्ति के पास जाने से वह वशीभूत हो जाता है। इस साधना को समस्त नियमों का पालन कर किसी जानकार के सानिध्य और मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।

तांत्रिक गणेश मंत्र

श्री गणेश के कुछ मंत्र इतने प्रभावशाली हैं कि उनसे एक सप्ताह के भीतर ही जीवन में चमत्कारी बदलाव आ जाता है। इन्हीं में एक तांत्रिक गणेश मंत्र इस प्रकार हैः-

ऊँ ग्लौम गौरी पुत्रवक्रतुंडगणपति गुरु गणेश।

ग्लौम गणपतिऋद्धि पतिसिद्धि पतिमेरे कर दूर क्लेश।।

विधि-विधानः इस मंत्र की साधान अलग ढंग से की जाती है तथा कुछ खास चीजों के इस्तेमाल और नियम पालन का ध्यान रखा जाता है। जैसे इस मंत्र की साधना के दिन अपने मन को नियंत्रित रखते हुए क्रोध, अपशब्द, कड़वी या व्यंग्यात्मक वाणी के बचने के साथ-साथ मांस-मदिरा, परस्त्री गमन आदि से दूर रहना होता है। सच्चे मन से प्रातः स्नानआदि के बाद भगवान शिव, पार्वती और गणेशजी की सामान्य ढंग से विधिवत पूजा करें। उसके बाद उपर दिए गए मंत्र का 108 बार उच्चारण के साथ जाप करें और यह संकल्प लें कि आपके द्वारा किए जाने वाले कार्य किसी को अहित पहुंचाने या किसी के मन को ठेस पहुंचाने वाले नहीं होंगे। सात दिनों तक ऐसा करने से सुख-समृद्धि की अनुभूति होगी और कार्यक्षेत्र में आने वाली समस्त बाधाएं हट जाएंगी। सहकर्मी, जीवनसााथी, मित्र आदि से हुए वैचारिक मतभेद दूर हो जाएंगे।

इच्छा पूर्ति

मनोकामना सिद्धि या मानेवांछित फल की कामना के लिए दिए गए मंत्र का विधिवत जाप करने से लाभ मिलता है। वह मंत्र हैः-

ऊँ गणपति वशे मशानजो फल मांगु देवे आन,

पांच लड्डू सेर सिंदूरभर आना आता आनंद,

भरपूर नेद्वतीमानफूले फलत जागे मर लियावे,

एक फूले हाथीजो तू माहन रहे,

सूबा बात साथ करो जाऊं तो मुट्ठी करो!!

विधिः इस मंत्र की सिद्धि के लिए किसी भी बुधवार को अनुष्ठान शुरू किया जा सकता है। देसी घी के ज्योत जलाई जाती है, श्रीगणेश की मूर्ति का पूजन किया जाता है और दो लड्डुओं का भोग लगाने के बाद पांच माला जाप किया जाता है। इस मंत्र का 21 दिनों तक जाप करते हुए गणेश भगवान से अपनी इच्छपूर्ति की मन्नत मांगी जाती है।

मनचाहा प्यार पाने के टोटके

मनचाहा प्यार पाने के टोटके

इंसान के जीवन मे अगर प्यार की अहमियत की बात की जाए तो उसे किसी भी तरीके से मापा नही जा सकता है| जब इंसान बालवस्था से निकल किशोर अवस्था की ओर कदम बढ़ता है तो उसके लिए एक पार्ट्नर की तलाश आम बात हो जाती है| पार्ट्नर के रूप मे इंसान कही-ना-कही प्यार की तलाश मे लगा होता है| किशोरावस्था मे आकर इंसान प्यार-मोहबब्त के मामलो मे इतना उलझा सा जाता है की उसका ज़िंदगी पर काफ़ी प्रभाव पड़ता है| तो चलिए आज हम आपको इसी मुद्दे से जुड़े कुछ ऐसे उपाय बताते है, जिनकी मदद से कोई भी इंसान अपने प्यार को पा सकते है|

मनचाहा प्यार पाने के टोटके

मनचाहा प्यार पाने के टोटके

रिश्तो के बीच सबसे आम बात होती है शक| अगर आपको लग रहा है की आपका पार्ट्नर या प्रेमी किसी और स्त्री के प्यार मे पड़ गया है और उसका ध्यान आपके उपर से ख़तम होते जा रहा है तो ऐसे हालात मे आप चीते के फल को शहद मे मिलाकर अन्न व जल के माध्यम से प्रेमी को खिला दे| ऐसा करके आप देखेंगे की आपके प्रेमी का ध्यान उस दूसरी स्त्री की ओर  से हट जाएगा और आप अपने प्यार को फिर से पा सकेंगी| ऐसे ही एक अन्य उपाय ये भी कर सकते है की केला में गोरोचन को मिला ले और उसका लेप तैयार करले| सिर पर इस लेप को लगाने से माना गया है कि व्यक्ति में आकर्षण शक्ति आती| इसके अलावा अगर आप नारियल, कपूर और धतूरे के बीज को पीसकर उसमे शहद मिलाकर रोज इसका तिलक लगते है तो आपका प्यार हमेशा आपके पास रहता है|

आप एक खास टोटका अपना सकते है, जिसको करने के लिए शनिवार के दिन चुने और उस दिन एक सुंदर आकृति वाली एक पुतली बना ले और उसके पेट पर उस स्त्री का नाम लिखे जिसे आप चाहते हो और नाम लिखकर उसी स्त्री को दिखाए| आप फिर उस पुतली को छाती से लगाकर रखें तो ऐसा करने से वो स्त्री आपके वशीभूत हो जाती है|

टोटका के अलावा अब हम आपको एक खास मंत्र साधना भी बताते है, जिसका प्रयोग आप कर सकते है| मंत्र है: ‘कामाख्याआ देश कामाख्याप देवी, जहां बसे इस्माईइल जोगी, इस्माआइल जोगी ने लगाई लवारी, फूल तोडे लोना चमारी, जो इस फूल को सूँघे बास, तिस का मन रहे हमारे पास, महल छोडे, घर छोडे, आँगन छोडे, लोक कुटुम्बू की लाज छोडे, दुआई लोना चमारी की, धनवन्तपरि की दुहाई फिरै।’ इस मंत्र साधना को करने के लिए आप कोई भी शनिवार का दिन चुन ले और 31 दिनों तक रोज मंत्र का जप 1144 बार करे| साधना के वक़्त साथ मे लोबान, दीप और शराब भी रखें और फिर एक फूल को मंत्र द्वारा 50 बार अभिमंत्रित करके उस स्त्री को दे, जिसको आप चाहते है| माना गया है की फिर वो स्त्री उस फूल को सूँघते ही आपके वश में हो जाती है|

“ओम क्लीं नमः”- इस मंत्र को आकर्षण का बीजमंत्र माना गया है, जिसके जप से आकर्षण शक्ति को बढ़ाया जा सकता है| “ओम क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहः” – इस मंत्र का जप शुक्रवार के दिन 108 बार करे, पर जप शुरू करने से पहले राधा-कृष्ण की प्रतिमा को सामने रख ले| इसके असर से आप उस इंसान को अपने वश मे कर सकते है जिससे आपको बेहद प्यार है|

राधा-कृष्ण मे अगर आपकी खास श्रधा है तो इनकी पूजा मे एक और मंत्र का प्रयोग आप कर सकते है| वो मंत्र है: “ओम हुं ह्रीं सः कृष्णाय नमः” यहाँ भी आपको जप राधा-कृष्ण की प्रतिमा के सामने करना होगा| ध्यान रखे की मंत्र का जाप पूरा हो जाने के बाद आप भगवान श्रीकृष्ण के ऊपर शहद का छिड़काव ज़रूर करें। इसके अलावा अगर आप भगवान श्रीकृष्ण के मंदिर में बांसुरी के साथ पान अर्पित करते है तब भी आप अपने प्रेमी को वश मे कर सकते है या उसे अपनी और आकर्षित कर सकते है, जब वो आप पर ध्यान ना दे रहा हो|

चलिए हम आपको एक और मंत्र बताते है जिसमे आपको भगवान विष्णु और लक्ष्मी का ध्यान करना होता है| मंत्र है: ‘ओम लक्ष्मी नारायण नमः’| शुक्ल पक्ष में गुरुवार के दिन आप इस साधना को शुरू करे और अगर अगले 3 महीने से विधि पूर्वक इसको आप करे तो मनचाहा प्यार पाने की आपकी मनोकामना पूरी होती है| आपको 3 महीने तक 3 माला जप करना होता है और हर गुरुवार के दिन मंदिर जाकर प्रसाद चढ़ाना होता है|

आज हर इंसान चाहता है की उसे मनचाहा प्यार मिल जाए ताकि ज़िंदगी खूबसूरत बन जाए| कई बार इंसान की ये ख्वाहिश पूरी नही होने की वज़ह से उसका असर उसकी ज़िंदगी पर साफ देखा जा सकता है और वैसे भी कहा जाता है की बिना प्यार के जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती| ऐसे मे यक़ीनन उपर बताए गये टोटके व मंत्र साधना से आपको मदद मिल सकेंगी और आप भी अपने मनचाहे प्यार को हासिल कर सकेंगे|