Tag Archives: BOY FRIEND KO VASH ME KARNE KA UPAY

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

विधा धन भी लक्ष्मी के अभाव व्यर्थ जाता है सही माने तो विधा का अलंकरण धन द्वारा ही होता है। एक दिन लक्ष्मी जी ने सोचा आज सरस्वती की पुत्रियों को धन का महत्व बताया जाए। सो लक्ष्मी माता सरस्वती की पुत्रियों शारदा और गायत्री के पास गयी । घर में सरस्वती ना थी,घर का चूल्हा ठंडा पड़ा था और पुत्रियाँ भूख से व्याकुल थी। पुत्रियों की दशा देख कर लक्ष्मी माँ ने स्वयं घर का काम किया। थोड़ी देर में लक्ष्मी माँ ने घर की सफाई स्वयं की और गाय से दूध निकाल कर खीर बना कर स्वयं गायत्री और शारदा माँ को खिलाई। घर का द्वार देख कर सरस्वती जी को भान हो गया कि लक्ष्मी आई है, लक्ष्मी को देख सरस्वती ने ॐ वासुदेवाय नम कह कर गले लगा लिया केवल एक यही तो वरदान सफल है, कलयुग का जहाँ लक्ष्मी रहेगी वहाँ सरस्वती जी का भी वास रहेगा।

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र
लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

धन का महत्व ना होता तो जगत का चलना असंभव हो जाता। धन तेरस के दिन  हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के द्वार पर ॐ बनाने से घन आएगा। दीपावली पूजन के साथ शंख और डमरू बजाने से दरिद्रता का नाश होता है। लक्ष्मी का आगमन बना रहता है।

  • पैसा दुनिया में सबकुछ तो नहीं होता है, लेकिन पैसों की जरूरत हर किसी को हर दिन पड़ती है. कई बार हमारे काम पैसों की कमी के कारण बिगड़ जाते हैं. कई बार छोटी-छोटी बातों को हम… अक्सर नजरंदाज कर देते हैं, और यही छोटी-छोटी बातें हमारे धन के आगमन के रास्ते में बाधा पैदा करती है. तो आइए जानते हैं, कि कौन से उपाय करके आप अपने पैसों के आगमन के श्रोत बढ़ा सकते हैं. क्या-क्या चीजें आपको करनी चाहिए और क्या नहीं करनी चाहिए.
  • जिस घर में अक्सर लड़ाई होती रहती है, उस घर पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है. इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके घर में लड़ाई न हो.
  • हर दिन श्रीसूक्त का पाठ कीजिए और श्रीसूक्त से हवन भी कीजिए.
  • घर में तुलसी का पौधा लगाएँ, और हर शाम तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जरुर जलाएँ.
  • जिस घर के लोग सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं, फिर पूजा करके हीं नाश्ता करते हों. उस घर पर लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.
  • भगवान को भोग लगाने के बाद हीं भोजन कीजिए.
  • बिस्तर पर बैठकर भोजन न करें, इससे माँ लक्ष्मी रुष्ट होती है.
  • अपने घर की स्त्रियों को सम्मान दें, उन्हें जानबूझकर कष्ट भूलकर भी न दें. जिस घर में स्त्रियाँ दुखी होती है, वहाँ लक्ष्मी कभी नहीं टिकती है.
  • जहाँ धन रखते हों, उस स्थान पर लाल कपड़ा बिछा दीजिये.
  • किसी का भी जूठा भोजन न करें, इससे उस व्यक्ति की दरिद्रता का कुछ अंश आपमें आ जाता है.
  • घर में कबाड़ न रखें, टूटे-फूटे चीजों को घर में नहीं रखना चाहिए.
  • रात में खाना खाने के बाद जूठे बर्तन रसोई में न छोड़ें. बर्तन और रसोई की सफाई करने के बाद हीं सोयें.
  • शाम के समय में कभी भी सेक्स न करें.
  • शाम होने के बाद घर में झाड़ू न लगाएँ.
  • पूजा रूम अलग रखें, पूजा रूम की शुद्धता का ख्याल रखें और जब भी पूजा करें तो पूरी तरह शुद्ध होकर पूजा करें.
  • किसी से भी कोई भी चीज मुफ्त में न लें, उसके सामान की कीमत अवश्य चुकाएँ. किसी को धोखा देकर धन लेने से भी लक्ष्मी नाराज हो जाती है.
  • अपनी आय का कुछ हिस्सा धार्मिक कार्यों में जरुर लगाएँ, समय-समय पर दान भी करते रहें.
  • अपने इष्ट देवता / देवी की हर दिन पूजा करें.
  • घर में मकड़ी के जालों को न रहने दें, इन्हें साफ करते रहें.
  • चाहे आपकी दुकान हो या ऑफिस, आप जहाँ पर भी काम करते हैं, उस स्थान को साफ रखें.
  • घर में ताजमहल, नटराज, बहते पानी के चित्र…… इन सबकी न तो फोटो रखें न हीं मूर्ति.
  • घर में उपयोग किया गया पानी, घर में कहीं जमा नहीं होना चाहिए.
  • घर में पकाया हुआ अन्न कभी भी बर्बाद नहीं होना चाहिए, माड़ नाली में कभी न फेकें.
  • दूसरे की स्त्री या धन पर बुरी दृष्टि न डालें.
  • साफ सुथरे रहें, गंदे या फटे कपड़े न पहनें.
  • घर का कुछ हिस्सा कच्चा ( मिटटी ) जरुर छोड़ दें.
  • बड़ों का सम्मान कीजिए, क्योंकि माँ लक्ष्मी उस व्यक्ति पर कृपा नहीं करती है, जो अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करता है.
  • अपने घर के ईशान कोण में श्री यंत्र ताम्रपत्र, रजत पत्र या भोजपत्र पर बनाइए. प्राण प्रतिष्ठा करवाने के बाद हर दिन इसकी पूजा कीजिए.
  • खुद को किसी कार्य में कुशल बनाइए, अपने आय के साधन बढ़ाने की कोशिश करते रहिए. क्योंकि ऊपर बताये गए उपाय तभी काम करेंगे, जब आप कुछ करने की कोशिश करेंगे. आपके हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहने से तो धन आपके पास आने से रहा. और ध्यान रखिये खुद की क्षमता का ध्यान रखते हुए हीं आपको अपने कैरियर का चुनाव करना चाहिए.
  • और यह जरुर यद् रखिये कि पुरुषार्थी ( मेहनती ) व्यक्ति का भाग्य कब बदल जाए यह किसी को पता नहीं होता है, इसलिए मेहनत जारी रखिये.

कामाख्या तंत्र साधना

कामाख्या तंत्र साधना

पौराणिक कथानुसार गौरी के पिता दक्ष ने जब यज्ञ किया था तब उसमें भगवान शिव का अनादर देखकर उनकी पत्नी  गौरी ने क्रोध में आकर हवन के कुंड में कूदकर अपने देह को त्याग दिया | क्रोधित होकर  भगवान शंकर उनके शव को  उठाकर  तांडव करने लगे | चारों तरफ हाहाकार मचने लगा | विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन  चक्र को उठाया  और  शव के ५१ टुकड़े कर दिए ताकि शिव का क्रोध शांत हो जाए | अंगों के टुकड़े  जहां जहां गिरे वे बाद में शक्ति पीठ के रूप में चिन्हित  हो गए | इन अंगों में से  माता  गौरी की योनि  कमरों  नाम के स्थान पर  गिरी थी  और यह स्थान  देवी के गर्भ गृह के नाम से विख्यात कामाख्या शक्ति पीठ हुआ | यहाँ पर देवी कामाख्या की मूर्ति की जगह ‘योनि” रूप में शिलाखंड की पूजा होती है , तंत्र साधना होती है | आज हम भी इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं कामाख्या तंत्र साधना |

कामाख्या तंत्र साधना
कामाख्या तंत्र साधना

कामाख्या तंत्र साधना में सबसे पहले देवी के मंत्र की अर्थात कामाख्या मंत्र की साधना करे,जो बहुत ही शक्तिशाली माना गया है | इस मंत्र में सिद्धि प्राप्त करने के बाद कुछ भी पाना असंभव नहीं है | साधना को आरंभ करें सर्वप्रथम विनियोग से | फिर करन्यास करें और अंत में अंगन्यास करें | इसके पश्चात श्रद्धा पूर्वक ध्यान लगाएं और देवी के अतुलनीय रूप पर अपना ध्यान एकत्रित करे | देवी का स्वरुप है –देवी कामाख्या लाल वस्त्र धारण किए हुए हैं | वे कमल के समान कोमल तथा सुंदर है और चंद्र जैसी उज्ज्वला हैं | जिनके  ललाट पर  सिंदूर से तिलक लगाया हुआ अत्यधिक सुशोभित हो रहा है | दो भुजाएं वाली देवी तीन नेत्रों वाली है | जिनका सिंहासन मणि माणिक्य  से सुशोभित है | मां  के होंठ पर स्निग्ध  मुस्कुराहट हैं | वह अनेक विद्याओं को जानने वाली हैं | उनके समक्ष सभी डाकिनी और शाकिनी हाथ जोड़ नतमस्तक है | सिंहों की टोली भी उनका वंदन कर रही है | देवी के वचनों का श्रवण करने के लिए देवी सरस्वति और लक्ष्मी भी व्याकुल रहती है | हर लोकों में पूजनीय देवी कामाख्या अति ही करुणामयी है तथा सबका मंगल चाहने वाले हैं |

अब हम आपके लिए कामाख्या वशीकरण मंत्र का उल्लेख करने जा रहे हैं जिसकी साधना से सभी मनोरथ की पुष्टि होती है | यह अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है | देवी की मंत्र साधना के बाद षोडशोपचार पूजा करें तथा इसके बाद नीचे दिए गए मंत्र को जपे | लेकिन, ध्यान रहे जाप आरंभ करने के पहले किसी भी सुयोग्य तांत्रिक से परामर्श अवश्य करें तथा उसी के परामर्शानुसार जाप संख्या का संकल्प करें | मंत्र है –”त्रीं त्रीं त्रीं हूं, हूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं  स्वाहा |”

उपरोक्त मंत्र के जाप के बाद नीचे दिए गए मंत्र के द्वारा देवी का वंदन करें | मंत्र है —

“कामाख्ये कामसंपन्ने,  कामेश्वरी हर-प्रिया कामनां देहिमे नित्यं,  कामेश्वरी नमोस्तुते |

कामदे काम-रूपस्थे  सुभगे सुरसेविते   करोमि दर्शनं देव्या: सर्वा-कामार्थ सिद्धिये |

यह साधना कामाख्या में किसी योग्य तांत्रिक या गुरु के निर्देशानुसार ही होनी चाहिए |

कामाख्या मंत्र साधना का एक अत्यंत प्रभावशाली टोटका या मंत्र है –”ओम् त्रीं  नमः “..इस मंत्र का जाप किसी भी स्थान से किया जा सकता है | कृष्ण पक्ष की नवमी को रात्रि १२:०० बजे पूर्व दिशा की ओर अपना चेहरा करके बैठे लाल आसन के ऊपर | अब अपने सामने कामाख्या देवी की तस्वीर रखें |  पानी वाला एक जटा-नारियल ले | बिना जटा हटाए इसके ऊपर सिंदूर में तेल मिलाकर टीका करें | अब इसे देवी को समर्पित करे, पूजन करें पंचोपचार विधि द्वारा | इसके बाद प्रसाद देवी को अर्पित करें |  अब अपने दाहिने हाथ में जल लेकर विधिवत जाप करने के लिए संकरल्प करें तथा ऊपर बताए गए मंत्र का मूंगे की माला से जाप करें | जाप लगातार तीन दिनों तक करें | जाप संख्या होनी चाहिए प्रतिदिन ५१ माला | जाप की समाप्ति के बाद नारियल को किसी नदी में प्रवाहित कर दें |

कामाख्या सिंदूर प्रयोग  कामाख्या मंदिर में पाए जाने वाले सिंदूर को कामिया सिंदूर कहते हैं जो अन्य कहीं नहीं मिलता | मान्यताओं के अनुसार इस सिंदुर का व्यवहार करने से विवाहिताओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है | अगर इस सिंदूर  को अभिमंत्रित किया जाए तो दैनिक जीवन  के विभिन्न समस्याओं के समाधान में इसका अत्यंत चमत्कारी  रूप देखने को मिलता है | इसको अभिमंत्रित किए जाने में अत्यंत नियम का पालन करना चाहिए | इसकी विधि– शुक्रवार के दिन  पूजा  शुरू करें | कामाख्या  सिंदूर  अभिमंत्रित किए जाने के लिए  सिंदूर को एक चांदी की डिबिया में ढक्कन लगाकर रखे | मंत्र का जाप करने के वक्त इसे अपने सामने रखें | इस पूजा के समय लाल वस्त्र धारण करें और आसन का रंग भी लाल ही होना चाहिए | लगातार सात दिन तक इस मंत्र का जाप करें तथा विधि पूर्वक पूजा करें | चुटकी भर सिंदूर में उसी अनुपात के अनुसार केसर, चंदन मिला लें  और  गंगाजल से  इसे घोलें | अब  ११ बार जाप करें कामाख्या मंत्र का | जाप जाप  समाप्त होने के बाद  इस सिंदूर के मिश्रण से तिलक लगाएं | इसके लगाते ही लगाने वाले  व्यक्ति में किसी को भी सम्मोहित करने की ताकत आ सकती है |

कामाख्या सिंदूर प्रयोग

सबसे पहले  सिंदूर का  पूजन करें विधि विधान से | अब नीचे दिए गए मंत्र द्वारा  लगातार बिना नागा  सात रविवार तक जाप करें | जाप संख्या होनी चाहिए  प्रतिदिन १०८ वार | मंत्र है —

“हथेली में हनुमंत,भैरू बसे कपार |

नरसिंह की  मोहिनी मोहे सब संसार,

मोहन रे मोहनता वीर

सब वीरन में तेरा सीर,

सबकी नजर बांधन दे

तेल सिंदूर चढ़ाऊं तुझे, तेल सिंदूर कहां से आया ?

कैलाश पर्वत से आया कौन लाया?

अंजनी का हनुमंत, गौरी का गणेश लाया | काला गोरा तोतल तीनों बसे कपार दुहाई कामिया सिंदूर की

हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की  सत गुरु सेट कबीर “

मंत्र का जाप संपूर्ण होने के बाद इस सिंदूर को चुटकी भर लेकर वापस दिए गए उपरोक्त मंत्र को  सात वार जाप करे तथा अपने  मस्तक पर तिलक लगाएं | यह वशीकरण प्रभाव उत्पन्न करता है |