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लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

विधा धन भी लक्ष्मी के अभाव व्यर्थ जाता है सही माने तो विधा का अलंकरण धन द्वारा ही होता है। एक दिन लक्ष्मी जी ने सोचा आज सरस्वती की पुत्रियों को धन का महत्व बताया जाए। सो लक्ष्मी माता सरस्वती की पुत्रियों शारदा और गायत्री के पास गयी । घर में सरस्वती ना थी,घर का चूल्हा ठंडा पड़ा था और पुत्रियाँ भूख से व्याकुल थी। पुत्रियों की दशा देख कर लक्ष्मी माँ ने स्वयं घर का काम किया। थोड़ी देर में लक्ष्मी माँ ने घर की सफाई स्वयं की और गाय से दूध निकाल कर खीर बना कर स्वयं गायत्री और शारदा माँ को खिलाई। घर का द्वार देख कर सरस्वती जी को भान हो गया कि लक्ष्मी आई है, लक्ष्मी को देख सरस्वती ने ॐ वासुदेवाय नम कह कर गले लगा लिया केवल एक यही तो वरदान सफल है, कलयुग का जहाँ लक्ष्मी रहेगी वहाँ सरस्वती जी का भी वास रहेगा।

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र
लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

धन का महत्व ना होता तो जगत का चलना असंभव हो जाता। धन तेरस के दिन  हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के द्वार पर ॐ बनाने से घन आएगा। दीपावली पूजन के साथ शंख और डमरू बजाने से दरिद्रता का नाश होता है। लक्ष्मी का आगमन बना रहता है।

  • पैसा दुनिया में सबकुछ तो नहीं होता है, लेकिन पैसों की जरूरत हर किसी को हर दिन पड़ती है. कई बार हमारे काम पैसों की कमी के कारण बिगड़ जाते हैं. कई बार छोटी-छोटी बातों को हम… अक्सर नजरंदाज कर देते हैं, और यही छोटी-छोटी बातें हमारे धन के आगमन के रास्ते में बाधा पैदा करती है. तो आइए जानते हैं, कि कौन से उपाय करके आप अपने पैसों के आगमन के श्रोत बढ़ा सकते हैं. क्या-क्या चीजें आपको करनी चाहिए और क्या नहीं करनी चाहिए.
  • जिस घर में अक्सर लड़ाई होती रहती है, उस घर पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है. इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके घर में लड़ाई न हो.
  • हर दिन श्रीसूक्त का पाठ कीजिए और श्रीसूक्त से हवन भी कीजिए.
  • घर में तुलसी का पौधा लगाएँ, और हर शाम तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जरुर जलाएँ.
  • जिस घर के लोग सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं, फिर पूजा करके हीं नाश्ता करते हों. उस घर पर लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.
  • भगवान को भोग लगाने के बाद हीं भोजन कीजिए.
  • बिस्तर पर बैठकर भोजन न करें, इससे माँ लक्ष्मी रुष्ट होती है.
  • अपने घर की स्त्रियों को सम्मान दें, उन्हें जानबूझकर कष्ट भूलकर भी न दें. जिस घर में स्त्रियाँ दुखी होती है, वहाँ लक्ष्मी कभी नहीं टिकती है.
  • जहाँ धन रखते हों, उस स्थान पर लाल कपड़ा बिछा दीजिये.
  • किसी का भी जूठा भोजन न करें, इससे उस व्यक्ति की दरिद्रता का कुछ अंश आपमें आ जाता है.
  • घर में कबाड़ न रखें, टूटे-फूटे चीजों को घर में नहीं रखना चाहिए.
  • रात में खाना खाने के बाद जूठे बर्तन रसोई में न छोड़ें. बर्तन और रसोई की सफाई करने के बाद हीं सोयें.
  • शाम के समय में कभी भी सेक्स न करें.
  • शाम होने के बाद घर में झाड़ू न लगाएँ.
  • पूजा रूम अलग रखें, पूजा रूम की शुद्धता का ख्याल रखें और जब भी पूजा करें तो पूरी तरह शुद्ध होकर पूजा करें.
  • किसी से भी कोई भी चीज मुफ्त में न लें, उसके सामान की कीमत अवश्य चुकाएँ. किसी को धोखा देकर धन लेने से भी लक्ष्मी नाराज हो जाती है.
  • अपनी आय का कुछ हिस्सा धार्मिक कार्यों में जरुर लगाएँ, समय-समय पर दान भी करते रहें.
  • अपने इष्ट देवता / देवी की हर दिन पूजा करें.
  • घर में मकड़ी के जालों को न रहने दें, इन्हें साफ करते रहें.
  • चाहे आपकी दुकान हो या ऑफिस, आप जहाँ पर भी काम करते हैं, उस स्थान को साफ रखें.
  • घर में ताजमहल, नटराज, बहते पानी के चित्र…… इन सबकी न तो फोटो रखें न हीं मूर्ति.
  • घर में उपयोग किया गया पानी, घर में कहीं जमा नहीं होना चाहिए.
  • घर में पकाया हुआ अन्न कभी भी बर्बाद नहीं होना चाहिए, माड़ नाली में कभी न फेकें.
  • दूसरे की स्त्री या धन पर बुरी दृष्टि न डालें.
  • साफ सुथरे रहें, गंदे या फटे कपड़े न पहनें.
  • घर का कुछ हिस्सा कच्चा ( मिटटी ) जरुर छोड़ दें.
  • बड़ों का सम्मान कीजिए, क्योंकि माँ लक्ष्मी उस व्यक्ति पर कृपा नहीं करती है, जो अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करता है.
  • अपने घर के ईशान कोण में श्री यंत्र ताम्रपत्र, रजत पत्र या भोजपत्र पर बनाइए. प्राण प्रतिष्ठा करवाने के बाद हर दिन इसकी पूजा कीजिए.
  • खुद को किसी कार्य में कुशल बनाइए, अपने आय के साधन बढ़ाने की कोशिश करते रहिए. क्योंकि ऊपर बताये गए उपाय तभी काम करेंगे, जब आप कुछ करने की कोशिश करेंगे. आपके हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहने से तो धन आपके पास आने से रहा. और ध्यान रखिये खुद की क्षमता का ध्यान रखते हुए हीं आपको अपने कैरियर का चुनाव करना चाहिए.
  • और यह जरुर यद् रखिये कि पुरुषार्थी ( मेहनती ) व्यक्ति का भाग्य कब बदल जाए यह किसी को पता नहीं होता है, इसलिए मेहनत जारी रखिये.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ मंत्र साधनागोरखनाथ शाबर मंत्रगुरु गोरखनाथ के उपाय- गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि तीव्र असर करने वाली तंत्र विद्या के अंतर्गत आती है. इस विद्या को उपयोग में लाने से पहले आवश्यक दिशा-निर्देशों को जान लेना ज़रूरी है. प्राचीन तंत्र विद्या में भगवान शिव के मुख से निकले मंत्रो को भी शामिल किया गया है. इन मन्त्रों का असर तीव्र होता है. इसलिए गोरखनाथ विद्या का प्रयोग करने वाले को सावधानियां बरतनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि
गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि एक प्राचीन तंत्र विद्या है. इसका प्रयोग करके कोई भी साधक अपनी ज़िन्दगी में सफलता प्राप्त कर सकता है. इस वशीकरण साधना में किसी व्यक्ति को सम्मोहित करके उससे अपने अनुरूप काम करवाना जा सकता है.

गुरू गोरखनाथ चैरासी सिद्धियों में प्रमुख माने जाते हैं. इनका दूसरा नाम गोरक्षनाथ भी है. वे योगी, अवधूत, और सिद्ध हठयोगी पुरुष माने जाते हैं. गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में कुछ ख़ास मंत्र दिए गए हैं जिनके प्रयोग से आश्चर्यजनक से परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं. इनके द्वारा सिद्ध किया गया शाबर मंत्र अपने आप में बहुत असरदार है.

गुरु गोरखनाथ ने कई शाबर मन्त्रों की रचना की थी. नाथपंथ के अनुसार भगवान शिव को आदिनाथ भी कहा जाता है. उन्होंने तंत्र-मंत्र की विद्या भीलों को प्रदान की थी. भीलों से ये विद्या मत्स्येन्द्रनाथ तक और फिर गुरु गोरखनाथ तक पहुंची.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में शक्तिशाली शाबर मन्त्रों का प्रयोग करने से पहले गुरु गोरखनाथ को मन्त्रों से प्रसन्न करना बहुत फायदेमंद होता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

सत नमो आदेश! गुरूजी को आदेश!

ॐ गुरूजी!

डार शाबर बर्भर जागे, जागे अढ़ैया और बराट

मेरा जगाया न जाग,

 तो तेरा नरक कुंड मं वास!

दुहाई शाबरी माई की!

दुहाई शाबरनाथ की!

आदेश गुरु गोरख की!!

 

इस मंत्र के लिए एक गोबर का कंडा कर सुलगाएं. अब इस पर गुगुल डालें और इस मंत्र का उच्चारण करें. इस मंत्र को जाग्रत करने के लिए इसका 108 बार उच्चारण करें. इस विधि के अनुसार लगातार 21 दिनों तक मन्त्रों का जाप करना चाहिए.

गोरखनाथ विशिकरण सिद्धि में किसी मंत्र के द्वारा किसी को अपने वश में किया जा सकता है. वशीकरण के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

ओम एक नमक रमता माता, दूसरा नमक विरह से आता।

तीसरा नमक औरी-बौरी, चैथा नमक रहै कर जौरी।

यह नमक अमुक 1 खाए, अमुक 2 को छोड़ दूसरा नहीं जाए।

दुहाई पीर औलिया की, जो कहे सो सुने।

जो मांगे सो देय। दुहाई गौरा पर्वती की।

दुहाई कामख्या की। दुहाई गुरू गोरखनाथ की।

इस मंत्र में अमुक1 और अमुक2 आया है. इसके लिए जब आप मंत्र का उच्चारण करें तो अमुक1 की जगह वशीकरण करने वाले का नाम लें तथा अमुक2 की जगह जिसको वश में करना है उसका नाम लें. इस मंत्र को मुख्य रूप से किसी स्त्री को वश में करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि से जीवन साथी का वशीकरण करने के लिए पाने के पत्ते के डंठल को घिस कर तिलक लगायें. इसके प्रयोग से आपके जीवनसाथी या प्रेमी पर आपका आकर्षण सदैव बना रहेगा.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में बिगड़े हुए पति को रास्ते पर लाने के लिए भी मंत्र है. अगर किसी स्त्री का पति व्यभिचारी है और दूसरी स्त्रियों के पीछे पागल रहता है तो ये मंत्र उपयोगी होता है.

मंत्र: ओम काम मालिनी ठः ठः स्वाहा!

ओम र्हीं क्लीं कलिकुंड स्वामिनी अमृत वक्र अमुकं जुमभय मोहय स्वाहा!!

अगर आप एकसाथ कई लोगों को अपने वशीभूत करना चाहते हैं तो इसके लिए भी गोरखनाथ मंत्र साधना में मंत्र उपलब्ध हैं. अगर आप चाहते हैं हर कोई आपकी बात को महत्व दे और आपकी बातों की उपेक्षा न करे तो इस मन्त्र का जाप 108 बार करें.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मन रंजनी सर्वषान महातगे कुवरी के नंद नंद जिव्हे सर्व जगत वश्य मानय स्वाहा!!

गुरु गोरखनाथ के उपाय में ये मंत्र भी बहुत कारगर है. इस मंत्र का उपयोग किसी भी वशीकरण के प्रभाव को नष्ट कर देता है. वशीकरण का प्रभाव नष्ट करने के लिए सात नदी या सात कुओं से पानी ला कर वशीभूत व्यक्ति को इस मंत्र का उच्चारण करते हुए नहलाया जाता है. यह उपाय बिमारियों से भी मुक्ति दिलाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम वज्र में कोठा, वज्र में ताला, वज्र में बंध्या दस्ते द्वार,

तहां वज्र का लग्या किवाड़ा!

वज्र में कील, जहां से आया तहां से जावे,

जाने भेजा, जाकूं खाए, हमको फेर न सूरत दिखाए!

हाथ कुं, नाक कुं सिर कुं पीठ कुं कमर कुं छाती कुं!

जो जोखो पहुंचाए, तो गुरु गोरखना की आज्ञा फुरे!

मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र इवरोवाचा!

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में एक अन्य बहुत ही सिद्ध मंत्र होता है. इस मन्त्र के लिए कोई विशेष विधि करने की आवश्यता नही होती है. इस मंत्र का जाप 31 बार रात के समय करना चाहिए. यह मंत्र इस प्रकार है:

ॐ नम: महादेवी सर्वकार्य सिद्धिकर्णी जो पाती पुरे,

ब्रह्म: विष्णु महेश तीन देवतन मेरी भक्ति गुरु की,

शक्ति श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरो मंत्र ईश्वर वाचा!!

 

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि को करने के लिए आपको कुछ ज़रूरी बाते ध्यान में रखनी चाहिए. अगर आप इन बातों को ध्यान में रखकर विधिपूर्वक मंत्रो का जाप और साधना करते हैं तो आपको काफी अच्छा परिणाम बहुत ही कम समय में देखने को मिल जायेगा.

गोरखनाथ के उपाय करते समय ध्यान रहे कि आप इनका प्रयोग किसी सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए कर रहे हों. गोरखनाथ के उपायों किसी विशेष प्रकार की विधि की आवश्यता नही होती है. अपने सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए इनका प्रयोग आशाजनक परिणाम देता है साथ ही इनके प्रयोग से किसी के द्वारा किये गए वशीकरण के प्रभाव को नष्ट भी किया जा सकता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है. कोई भी व्यक्ति बिना किसी सिद्ध गुरु के बैगर इन मंत्रो के जाप से लाभ प्राप्त कर सकता है. इन मंत्रो और साधनाओं को करने के लिए लाल या सफ़ेद रंग का आसन उपयुक्त होता है. इन मंत्रो का जाप करते हुए गुरु गोरखनाथ के प्रति मन में पूर्ण श्रद्धा होनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि का प्रयोग करने पर कोई भी साधक अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है. आप अपने उद्देश्य के प्रति एकाग्र हो कर अगर गोरखनाथ के उपाय करेंगे को आपको निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी.

भूत प्रेत बाधा निवारण उपाय

भूत प्रेत बाधा निवारण उपाय

आज के समय में कुछ लोग भूत-प्रेत जेसी चीजों को बिकुल नहीं मानते खासकर वो लोग विज्ञान को ज्यादा मानते हो, लेकिन तथ्य यह है कि कुछ नकारात्मक शक्तियाँ होती है, और वर्तमान अवधि में, एक अभूतपूर्व गति पर ऐसी शक्तियों  की संख्या बढ़ रही है|यह कुछ लोगो के लिए आश्चर्यजनक विषय हो सकता है जो यह मानते है की यह युग ऋषि “कलियुग” है और इस युग में ऐसे विषयों की कोई मान्यता नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि नकारात्मक शक्तियां होती है और यह दिन ब दिन मजबूत होती जाती हैं।

मनुष्यकृत समाजों के साथ यह समस्या है जो कुछ भी वो समझते नहीं स्वीकार करना चाहते ही नहीं है। सत्य विज्ञान का मानना है कि ऐसी घटना के पीछे निहित कारणों का वर्णन होता है, और यह बिलकुल सहि नहीं है की अगर आप नकार्त्मकता को समझ नहीं पाते तो उसे स्वीकारते भी नहीं है |यह आपके लिए हानिकारक हो सकता है|

भूत प्रेत बाधा निवारण उपाय
भूत प्रेत बाधा निवारण उपाय

कोई भी व्यक्ति जो एक खुले दिमाग का नहीं नहीं है वह वैज्ञानिकताको नहीं समझ सकता, और उसे यह लेख पढ़ना बंद कर देना चाहिए क्यूकि यह आलेख केवल उन लोगों के लिए, जो यहाँ एक खुले दिमाग के साथ नकारात्मकता के मतलब को समझते हो और उससे बचने के उपाय खोज रहे हो। इस लेख में नकारात्मकता के लक्षण एवं उनसे बचने का उपचार बताया जाएगा| यह उपचार एवं लक्षण कुछ इस तरह के है –

ऊपरी बाधा के लक्षण –

नकारात्मक बाधा के लक्षण निम्नलिखित हैं। कृपया ध्यान दें कि उनमें से कुछ नकारात्मक बाधा के लक्षण नहीं हो सकते है लेकिन आप को जरूरत है एक संयुक्त दृष्टिकोण का पालन करने की। कुछ स्थितियों में शारीरिक लक्षण मानसिक शर्तों के साथ मेल नहीं खा रहे हो लेकिन मनोवैज्ञानिक शर्तों से मेल खाती है। कृपया इसे अन्यथा न लें, लेकिन कई रोगि जो कुछ मनोवैज्ञानिक उपचार पिछले कई वर्षों से ले रहे थे वह सब ठीक आध्यात्मिक उपचार के दौरान थे। कृपया निम्न लक्षण एक खुले दिमाग के साथ पढ़ें। एक व्यक्ति जो अनिष्ट शक्ति से आवेशित है कभी नहीं स्वीकारता कि वह अनिष्ट शक्ति से आवेशित है।

  • दोहराव माइग्रेन।
  • हाथ, आँखेंनीचे के पास सूजन या (गुर्दों का ख़राब होना) या सामान्य सूजन।
  • अचानक बिना कारण ठंड लगना।
  • अत्यंत कमजोर शरीर किसी भी रोग के बिना। (हड्डियों का फैला हुआ होना)
  • एलर्जी नकारात्मक बाधा के लक्षण नहीं हैं, लेकिन उनमें से कुछ नकारात्मक बाधा के निश्चित लक्षण हैं। असली लक्षण गर्दन के पीछे से शुरू होता है, लेकिन अनिष्ट शक्ति से आवेशित व्यक्ति इसे भूल जाता है।
  • जो बार-बार घटित बताई नहीं जा सकती और अपरिभाषित चिकित्सक समस्याए, उदाहरण के लिए माइग्रेन, थायराइड।
  • मंदी या चरम गतिविधि।
  • रंग में अचानक परिवर्तन। (काले या सफेद टोन)
  • चरक सहिंता के अनुसार (प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रन्थ), अलौकिक शक्ति, ऊर्जा, उत्साह, करिश्मा, स्मृति; कलात्मक, भाषण, और व्यक्ति में आध्यात्मिक क्षमताए आ जाति है। (अतीत जानने या हाल की घटनाओं के बारे में)। ऐसे लोगो को अपने भूतकाल या वर्तमान के बारे में कुछ पता नहीं होता और उनके साथ क्या चल रहा है यह भी वह नहीं जानते। वे केवल धटनाए जो एक वर्ष के लिए या एक महीने की अवधि के भीतर जगह ले रहे हैं सिर्फ उनका वर्णन कर सकते हैं।
  • अचानक अज्ञात बुखार, जो निश्चित अंतराल पर दोहराता है।
  • गंदे बाल रखना।
  • ऊँची आवाज में कुछ भी बोलना औरबिना वजह हँसते रहना| इस तरहके व्यक्ति हँसने के दौरान अपने कंधे हिलाता है और केवल हँसता जाता है मुस्कुराता नहीं है।
  • अचानक अपनी बातेढंग से बता नहीं पाते और बात के बीच में बेवजह रोने लगते है।
  • कभी कभी एक व्यक्ति के नियम अनुसार खाने से ज्यादा खाना खा लेना या फिर कुछ दिनों के लिए खाना ही ना खाना ।
  • बहुत ज्यादा नींद लेना या बिलकुल नींद ही ना लेना(अनिद्रा)|
  • लाल आँखें या असंतुलित आँखे हो जाना।
  • सिर रोटेशन में चलना। (शास्त्रीय चौकीलक्षण)
  • बिल्कुल सफाई से ना रहना | शरीर एवं आस –पास गन्दगी पसंद करना|
  • बहुत ज्यादा इत्र का प्रयोग करना एवं खुले बाल रखना (महिलाओं में) नकारात्मक शक्ति को दर्शता है।

भूत प्रेत बाधा उपचार –

  • उपर्युक्त कारणों को समाप्त करने का प्रयास करें।
  • कुंडली दोष भी नकारात्मक शक्तियों को इंगित करता है|अगर आपकेकर्मो के कारण अनिष्ट शक्ति आप पर आवेशित है तो उपचार भी आपको बचा नहीं सकती|
  • उपचार प्रत्येक व्यक्ति पर अपने प्रभाव नहीं दिखाती।
  • हमेशा अपने बाल बाँध कर रखे। खासकर महिलाएँ|
  • मंत्र या तांत्रिक मंत्रो का जाप ना करे और ना ही कभी उन्हें सुने।
  • नियमित रूप से एक पवित्र जगह पर जाएँ। आप के अंदर की आत्मा आपको इस अभ्यास को छोड़ने के लिए बाध्य करेगा।
  • बहुत ज्यादा इत्र का उपयोग न करें।
  • संभव हो तो हमेशा स्वच्छ रहने का प्रयास करें। अपने बाल और नाखून नियमित आधार पर काटते रहे।
  • शराब और नशीले पदार्थों से बचें।
  • नकारात्मक क्षेत्रों पर ना जाए और नकारात्मक स्थानों और नकारात्मक लोगों से बचें।
  • जयपुर में शिवदासपुरा के पास बड़ा “पदमपुरा” नामक एक मंदिर है। एक और मंदिर थाना गाज़ी में स्थित है। अलवर के पास। व्यक्तिगत रूप से इन मंदिरों का परीक्षण किया गया है। वहाँ पर कोई तंत्र मंत्र नहीं होते। कुछ भी पैसे के रूप में स्वीकार नहीं किया जाता । अधिकांश लोग ठीक हो जाते है। और लोगों को जंजीरों में भी नहीं बांधते।
  • चौकिस एवं, पात्री का पालन ना करे और पितरो को भोग ना लगाए |भारत में कुछ लोग इन अनुष्ठानों का पालन करते है। वे प्रभावित हो सकती है। बस हर अमावस्या या कोई चंद्रमा के दिन पर गरीब लोगों को भोजन प्रदान कीजिए। यह पित्री रिनससे छुटकारा पाने के लिए सबसे आसान तरीका है।
  • कुछ लोग हैं, जिन्हें लगता है कि वहईश्वर एवं प्रेतों के माध्यम हैं ऐसे लोग वास्तव में सबसे बड़े मूर्ख हैं। उनके कार्य उनके जीवन को खतरे में डाल देते है। ऐसे लोग मृत्यु के बाद “प्रेत योनी ” से ग्रस्त हो जाते हैं। इसे लोग भूतो द्वारा पसंद किए जाते है और मृत्यु के बाद वह उन्हें उनकी दुनिया में ले जाया करते हैं। वे नबी नहीं हैं लेकिन वे अनिष्ट शक्ति से आवेशित होते हैं और उनके शरीर भूतों के लिए द्वार बन चुके होते है। इसलिए अपनाप को किसी का भी माध्यम ना समझे जब तक की आपको उस विषय के बारे में पूरी जानकारी ना हो ,नहीं तो यह आपके जीवन के लिएहानिकारक हो सकता है|

तो यह थे भूत बाधा के कुछ निम्नलिखित लक्षण एवं उपचार जिससे हम पता लगा सकते है की किसी व्यक्ति पर अनिष्ट शक्ति आवेशित है या नहीं और अगर है तो उसको मिटाने के उपाय क्या है |

विलक्षण शाबर वशीकरण मंत्र

विलक्षण शाबर वशीकरण मंत्र

हम सब लोग अपनी दिन-प्रतिदिन की दुनिया में बहुत तरीके की ध्वनियों और चित्रों को देखते हुए गुज़रते हैं। कुछ लोग यह मानते हैं के दुनिया एक मिथ्या यानी खोखला पर्दा है और कुछ मानते हैं की दुनिया एक अच्छा ही सही पर दुःख-दायी जीवन है।  समय के साथ निराशा बढ़ जाती है, लोग चिंता में डूब जाते हैं, और उसके पश्चात व्यर्थ दुःख में परेशान होते हैं क्यूंकि हमारे पास आपके प्रिय जानो को पास लेन का उपाय है ! आपको भगवन पर भरोसा करना होगा, जीवन में किलकारी मारते छोटे बच्चों की तरह आपको भी ख़ुशी से फूल उठना होगा, बस यह करें की हमारे बताये हुए तरीके पर चले और फिर अगर अापने सब सही किया और ऊपर वाले ने चाहा तो सब कुछ अच्छा हो उठेगा।

विलक्षण शाबर वशीकरण मंत्र
विलक्षण शाबर वशीकरण मंत्र

ऐसा कई बार होता है की आपके चाहने पर और मेहनत करने पर भी आपके करीबी लोग आपसे दूर होते चले जाते हैं, इसका सबसे बड़ा कारण है की आप लोगों के सामने अपने आपको उतना आकर्षक या फिर तार्किक नहीं प्रस्तुत कर पा रहे। सबसे अच्छा तरीक़ा इस कार्य को सिद्ध करने का है की आप वशीकरण मन्त्रों का सहारा लें और उनमें सबसे उत्तम मंत्र है शाबर वशीकरण मंत्र जिसके प्रयोग से आप बहुत ही अच्छा प्रयोग करके अपना मन चाहा फल प्राप्त कर सकते हैं। इस मंत्र को रोज़ १०८ बार जपें तो वृद्धि होगी परिस्थिति में।

“ ओम मोहिनी-माता भत पिता भूत सीर-बेताल उड़ ऐ काली नागिन -जिसको वशीभूत करना हो उसका नाम बोलेेँ  यहाँ पर- की लग जाये ! ऐसी जाके लगे की – जिसको वशीभूत करना है उसका नाम फिरसे बोलेेँ- को लग जाये हमारी महब्बत की आग न खड़े सुख, न लेटे सुख, न सोते सुख, सिन्दूर चढओं  मंगलवार कभी न छोड़े हमारा ख्याल, जब तक न देखे हमारा मुह , काया तड़प-तड़प मर जाये, चलो मंत्र-फुरो वाचा, दिखाओ-रे शब्द अपने गुरु के इलम का तमाशा “

ज़्यादातर वशीकरण मंत्र या तो बहुत ही कारगर होते हैं क्यूंकि वे काफी मुश्किल से सिद्ध हो पाते हैं या फिर इसलिए क्यूंकि वे बहुत ही दुर्लभ होते हैं, पर कुछ मंत्र आसान भी होते हैं, सहज भी होते हैं और सिद्ध करने के लिए ज़्यादा मेहनत भी नहीं मांगते। आपको आज हम कुछ ऐसे मंत्र बताएँगे जिनसे आप किसी उस स्त्री पर वशीकरण कर पाएंगे जिन्हें आप बहुत करीब लाना चाहते हैं और चाहते हैं की वे आपसे बेहद प्यार करें और आपसे मिल-जुल के रहे, समीप रहना पसंद करें।

आपके इस कार्य में आपका सहयोग करेंगी कुछ विधियां जिनसे यह कार्य संपन्न होगा

स्त्री वशीकरण शाबर मंत्र

यह कुछ मन्त्रों का संग्रह काफी दिनों से प्रचलन में है और यह मंत्रों का संग्रह किसी भी कुंवारी लड़की को वशीभूत करने में कामयाब हो जाता है। यह कार्य को पूरा करने में अत्यंत आसान है और उपचार होने के बाद आपको खुशियां देने में काफी कारगर है। आपको बस बताई हुई विधि का पालन करना होगा और सब बाकि अपने आप हो जायेगा।

पहला मंत्र है कुछ इस प्रकार –

“ ॐ नमोः काल भैरूं काली रात काला चाल्या आध रात,
काला रेत मेरा वीर, पर नारी के राखे सीर, बेगी जा छाती धर ला,
सूती हो जो जगाय ला, शब्द सांचा पिण्ड कांचा पफूरो मंत्रा ईश्वरी वाचा “

अब इस मन्त्र से जुड़ी परंपरा को समझें की इसे कैसे किया जाता है, पहले एक दिन जो कोई बड़ा दिन हो यानी या तो दीपावली हो या फिर होलिका दहन हो या फिर चंद्र या सूर्य ग्रहण हो को इस मंत्र की सिद्ध करने की पूजा शुरू करें रोज़ एक माला यानि १०८ बार इस मंत्र का जाप शुरू कर दें। अगर आप उस दिन का इंतज़ार नहीं कर पा रहे तो फिर पूष नक्षत्र के रविवार के दिन यह कार्य शुरू करें, और लाभ उठाएं इस विधि का, २१ दिन बाद यह विधि सिद्ध हो जाएगी, अब आप यह करें की उस रविवार को कहीं ढून्ढ कर अरंडी की डाँड़ तोड़ लें और उसे सरसों के तेल में जला कर काजल बनाएं।

उस काजल को अब उस व्यक्ति के पास ले जाएं जिसे आप वशीभूत करना चाहते हैं और उसके शरीर पर कहीं भी लगा दें, वह धीरे-धीरे आपकी ओर खींचता चला आएगा। और आपकी बातें सुनने लगेगा, आपकी ओर आकर्षित होने लगेगा, आपसे मोहित होने लगेगा और आपकी बात मानना शुरू कर देगा।

स्त्री वशीकरण विधि

दूसरी विधि के लिए आपको मंत्र जाप बदलना पड़ेगा और पूरी तरह से विधि में बदलाव लाना पड़ेगा। इस मंत्र में आपको २१ दिन तक साधना करनी होगी, इस मंत्र का पहला दिन यानी वह दिन जब आप इस मंत्र की साधना शुरू करेंगे वह दिन होना चाहिए जब शनिवार हो और आधी रात बीत चुकी हो।

इस समय आपको एक माला इस मंत्र की करनी होगी –

“ ॐ जल महूं थल महूं जंगल की हिरनी महूंबाट चलता बटोही मोहू कचहरी बैठी राजा मोहूपीढ़ा बैठी रानी मोहूमोहनी मेरा नाममोहूं जग संसार तारा तरीला तोतला तीनों बसैं कपालमस्तक बैठी मात के दुश्मन करूं पामालमेरी भक्ति गुरु की शक्ति पुफरो मंत्र ईश्वरी वाचा “

यह मंत्र आपको २१ दिनों तक आधी रात को जपना होगा, हर मंत्र उच्चारण के साथ में आप एक गुग्गल की आहुति अग्नि में डालते जाएं। यह कार्य संपन्न होने के बाद, आप उस व्यक्ति को जिसे आप वशीभूत करना चाहते हैं कुछ मीठा खिला दें और खिलाने से पहले उस मिठाई में ११ बार यह मंत्र ज़रूर पढ़ें ताकि मंत्र उस मिठाई में प्रवाहित हो उठे। वशीभूत करने के लिए वैसे तो बहुत से मंत्र हैं पर अगर आपको किसी स्त्री को वशीभूत करना है तो सबसे सीधा रास्ता है की आप भैरव बाबा की पूजा करें, उनकी पूजा से ही बाकी सारे ऐसे कार्य पूरे किये जाते हैं और इन्ही के कहने और इशारे से लोग अपना मन चाहा कार्य करवा पाते हैं।

इसके लिए आप किसी अच्छे तांत्रिक से मिलकर भैरव बाबा की पूजा की दीक्षा मांग लें, ऐसा करने से आपका कार्य अधिक समय लेने की बजाय जल्दी सिद्ध होगा और ज़्यादा मज़बूती से प्रयोग होगा। ज्योतिष के ज़रिये आप सही मार्गदर्शन प्राप्त कर सकते हैं, इससे आप यह भी जान लेंगे की आप जिस कार्य को करने जा रहे हैं वह कार्य सही दिशा में जा रहा है या फिर आप किसी गलत समय के चंगुल में फंस गए हैं।

कामाख्या तंत्र साधना

कामाख्या तंत्र साधना

पौराणिक कथानुसार गौरी के पिता दक्ष ने जब यज्ञ किया था तब उसमें भगवान शिव का अनादर देखकर उनकी पत्नी  गौरी ने क्रोध में आकर हवन के कुंड में कूदकर अपने देह को त्याग दिया | क्रोधित होकर  भगवान शंकर उनके शव को  उठाकर  तांडव करने लगे | चारों तरफ हाहाकार मचने लगा | विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन  चक्र को उठाया  और  शव के ५१ टुकड़े कर दिए ताकि शिव का क्रोध शांत हो जाए | अंगों के टुकड़े  जहां जहां गिरे वे बाद में शक्ति पीठ के रूप में चिन्हित  हो गए | इन अंगों में से  माता  गौरी की योनि  कमरों  नाम के स्थान पर  गिरी थी  और यह स्थान  देवी के गर्भ गृह के नाम से विख्यात कामाख्या शक्ति पीठ हुआ | यहाँ पर देवी कामाख्या की मूर्ति की जगह ‘योनि” रूप में शिलाखंड की पूजा होती है , तंत्र साधना होती है | आज हम भी इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं कामाख्या तंत्र साधना |

कामाख्या तंत्र साधना
कामाख्या तंत्र साधना

कामाख्या तंत्र साधना में सबसे पहले देवी के मंत्र की अर्थात कामाख्या मंत्र की साधना करे,जो बहुत ही शक्तिशाली माना गया है | इस मंत्र में सिद्धि प्राप्त करने के बाद कुछ भी पाना असंभव नहीं है | साधना को आरंभ करें सर्वप्रथम विनियोग से | फिर करन्यास करें और अंत में अंगन्यास करें | इसके पश्चात श्रद्धा पूर्वक ध्यान लगाएं और देवी के अतुलनीय रूप पर अपना ध्यान एकत्रित करे | देवी का स्वरुप है –देवी कामाख्या लाल वस्त्र धारण किए हुए हैं | वे कमल के समान कोमल तथा सुंदर है और चंद्र जैसी उज्ज्वला हैं | जिनके  ललाट पर  सिंदूर से तिलक लगाया हुआ अत्यधिक सुशोभित हो रहा है | दो भुजाएं वाली देवी तीन नेत्रों वाली है | जिनका सिंहासन मणि माणिक्य  से सुशोभित है | मां  के होंठ पर स्निग्ध  मुस्कुराहट हैं | वह अनेक विद्याओं को जानने वाली हैं | उनके समक्ष सभी डाकिनी और शाकिनी हाथ जोड़ नतमस्तक है | सिंहों की टोली भी उनका वंदन कर रही है | देवी के वचनों का श्रवण करने के लिए देवी सरस्वति और लक्ष्मी भी व्याकुल रहती है | हर लोकों में पूजनीय देवी कामाख्या अति ही करुणामयी है तथा सबका मंगल चाहने वाले हैं |

अब हम आपके लिए कामाख्या वशीकरण मंत्र का उल्लेख करने जा रहे हैं जिसकी साधना से सभी मनोरथ की पुष्टि होती है | यह अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है | देवी की मंत्र साधना के बाद षोडशोपचार पूजा करें तथा इसके बाद नीचे दिए गए मंत्र को जपे | लेकिन, ध्यान रहे जाप आरंभ करने के पहले किसी भी सुयोग्य तांत्रिक से परामर्श अवश्य करें तथा उसी के परामर्शानुसार जाप संख्या का संकल्प करें | मंत्र है –”त्रीं त्रीं त्रीं हूं, हूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं  स्वाहा |”

उपरोक्त मंत्र के जाप के बाद नीचे दिए गए मंत्र के द्वारा देवी का वंदन करें | मंत्र है —

“कामाख्ये कामसंपन्ने,  कामेश्वरी हर-प्रिया कामनां देहिमे नित्यं,  कामेश्वरी नमोस्तुते |

कामदे काम-रूपस्थे  सुभगे सुरसेविते   करोमि दर्शनं देव्या: सर्वा-कामार्थ सिद्धिये |

यह साधना कामाख्या में किसी योग्य तांत्रिक या गुरु के निर्देशानुसार ही होनी चाहिए |

कामाख्या मंत्र साधना का एक अत्यंत प्रभावशाली टोटका या मंत्र है –”ओम् त्रीं  नमः “..इस मंत्र का जाप किसी भी स्थान से किया जा सकता है | कृष्ण पक्ष की नवमी को रात्रि १२:०० बजे पूर्व दिशा की ओर अपना चेहरा करके बैठे लाल आसन के ऊपर | अब अपने सामने कामाख्या देवी की तस्वीर रखें |  पानी वाला एक जटा-नारियल ले | बिना जटा हटाए इसके ऊपर सिंदूर में तेल मिलाकर टीका करें | अब इसे देवी को समर्पित करे, पूजन करें पंचोपचार विधि द्वारा | इसके बाद प्रसाद देवी को अर्पित करें |  अब अपने दाहिने हाथ में जल लेकर विधिवत जाप करने के लिए संकरल्प करें तथा ऊपर बताए गए मंत्र का मूंगे की माला से जाप करें | जाप लगातार तीन दिनों तक करें | जाप संख्या होनी चाहिए प्रतिदिन ५१ माला | जाप की समाप्ति के बाद नारियल को किसी नदी में प्रवाहित कर दें |

कामाख्या सिंदूर प्रयोग  कामाख्या मंदिर में पाए जाने वाले सिंदूर को कामिया सिंदूर कहते हैं जो अन्य कहीं नहीं मिलता | मान्यताओं के अनुसार इस सिंदुर का व्यवहार करने से विवाहिताओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है | अगर इस सिंदूर  को अभिमंत्रित किया जाए तो दैनिक जीवन  के विभिन्न समस्याओं के समाधान में इसका अत्यंत चमत्कारी  रूप देखने को मिलता है | इसको अभिमंत्रित किए जाने में अत्यंत नियम का पालन करना चाहिए | इसकी विधि– शुक्रवार के दिन  पूजा  शुरू करें | कामाख्या  सिंदूर  अभिमंत्रित किए जाने के लिए  सिंदूर को एक चांदी की डिबिया में ढक्कन लगाकर रखे | मंत्र का जाप करने के वक्त इसे अपने सामने रखें | इस पूजा के समय लाल वस्त्र धारण करें और आसन का रंग भी लाल ही होना चाहिए | लगातार सात दिन तक इस मंत्र का जाप करें तथा विधि पूर्वक पूजा करें | चुटकी भर सिंदूर में उसी अनुपात के अनुसार केसर, चंदन मिला लें  और  गंगाजल से  इसे घोलें | अब  ११ बार जाप करें कामाख्या मंत्र का | जाप जाप  समाप्त होने के बाद  इस सिंदूर के मिश्रण से तिलक लगाएं | इसके लगाते ही लगाने वाले  व्यक्ति में किसी को भी सम्मोहित करने की ताकत आ सकती है |

कामाख्या सिंदूर प्रयोग

सबसे पहले  सिंदूर का  पूजन करें विधि विधान से | अब नीचे दिए गए मंत्र द्वारा  लगातार बिना नागा  सात रविवार तक जाप करें | जाप संख्या होनी चाहिए  प्रतिदिन १०८ वार | मंत्र है —

“हथेली में हनुमंत,भैरू बसे कपार |

नरसिंह की  मोहिनी मोहे सब संसार,

मोहन रे मोहनता वीर

सब वीरन में तेरा सीर,

सबकी नजर बांधन दे

तेल सिंदूर चढ़ाऊं तुझे, तेल सिंदूर कहां से आया ?

कैलाश पर्वत से आया कौन लाया?

अंजनी का हनुमंत, गौरी का गणेश लाया | काला गोरा तोतल तीनों बसे कपार दुहाई कामिया सिंदूर की

हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की  सत गुरु सेट कबीर “

मंत्र का जाप संपूर्ण होने के बाद इस सिंदूर को चुटकी भर लेकर वापस दिए गए उपरोक्त मंत्र को  सात वार जाप करे तथा अपने  मस्तक पर तिलक लगाएं | यह वशीकरण प्रभाव उत्पन्न करता है |