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भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना- एक सामान्य व्यक्ति का जीवन तमाम तरह की बिध्न-बाधाओं से भरा रहता है। कुछ आपत्तियां तो कुछ विपत्तियों का सामना करते हुए गुजरती जिंदगी में कई मौके ऐसे भी आते हैं जब मुश्किलों का हल आसानी से नहीं निकल पाता है। खासकर तब जब शत्रु के द्वारा पैदा की गई समस्याएं आफत बनकर सामने आ जाती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए किए जाने वाले उपायों में तंत्र साधना को काफी उपुक्त बताया गया है। इसका जीवन में विशिष्ट महत्व है और ये दिनचर्या को सहज-सरल बनाने में काफी मददगार साबित होते हैं। यह भैरव तंत्र साधना से संभव है, जिसमें भगवान शिव की अद्भुत और विपुल शक्ति को जागृत किया जाता है।

भैरव तंत्र साधना
भैरव तंत्र साधना

हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव सर्वव्यापि हैं और संसार सत्व, रज और तम गुणों से मिलकर बनी हुई है। इनपर शिव का नियंत्रण रहता है। शिव में अगर आनंद और उग्रता का रूप है, तो वे सात्विक गुण से भी परिपूर्ण माने गए हैं। इन तीनों गुणों की अपार शक्ति उनके भैरव अवतार में होती है। इस बारे चली आ रही मान्यता के अनुसार भगवान शिव प्रदोषकाल में काल और कलह रूपी अंधकार से संसार की रक्षा के लिए भैरव रूप में प्रकट हुए थे। शिव महापुराण में बताया गया है- ‘‘भैरवः पूर्णरूपो हृशंकरः परात्मनः,मूढ़ास्ते वै न जानन्ति मोहिता शिवमायया।’’

इसे ही रुद्रावतार कहा गया है। रुद्रायमल तंत्र में कुल 64 भैरवों की चर्चा की गई है, लेकिन तंत्र साधन में भैरव के दस रूप ही ज्यादा उल्लेखित किए हैं और कहा गया है कि कोई भी महाविद्या तभी सिद्ध हो सकती है, यदि  भैरव के दस रूपों से संबंधित भैरव की सिद्धि नहीं कर ली जाए। हालंकि रूद्र भैरव के रूपो में 1. असितांग भैरव, 2. चण्ड भैरव, 3. रु-रु भैरव, 4. क्रोधोन्मत्त भैरव, 5. भयंकर भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव और 8. संहार भैरव सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। अदि शंकराचार्य ने भी अपनी पुस्तक प्रपंञ्च-सार तंत्र में भी इन्हीं आठ भैरवों की चर्चा विशेष तौर पर की है।

इस कारण भैरव के सभी स्वरूपों की पूजा फलदायी मानी गई है। भैरव का शब्दिक अर्थ भरण-पोषण करने वाला होता है। वैसे इसे अकाल मौत से बचाने वाला भी माना गया है। इनमें मुख्य तौर पर तीन रूप इस प्रकार हैंः-

  • आनंद भैरवः यह रजो गुण अर्थात राजस्व को दर्शाता है और इनमें अर्थ, धर्म व काम की सिद्धियों के फल मिलते हैं। इनके साथ भैरवी की उपासना भी तांत्रिक साधना-सिद्धि के रूप में की जाती है।
  • काल भैरवः तम गुण वाले इस स्वरूप की साधना काल-भय, संकट, दुःख और शत्रुओं से मुक्ति के लिए की जाती है। इनकी मान्यता कल्याणकारी स्वरूप में है और इनमें काल को नियंत्रित करने की अद्भुत शक्ति होती है।
  • बटुक भैरवः- इन्हें सात्विक स्वरूप के तौर पर जाना जाता है, जिनकी उपासना से सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति निरोगी जीवन व्यतीत करते हुए सुख-ऐश्वर्य, पद-प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में वृद्धि प्राप्त करता है।

भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना के बारे में समझने से पहले तंत्र साधना के षट्कर्म के बारे में जानना जरूरी है, जिसमें शांति कर्म, वशीकरण, स्तंभन, विद्वेषण, उच्चारण और मारण प्रयोग होते हैं। इनके अतिरिक्त मोहनं, यक्षिणी साधना और रसायन क्रिया के प्रयोग भी किए जाते हैं। ये सभी कई देवी-देवताओं की उपासना, आराधना व साधना-सिद्धि से किए जाते हैं। इन्हीं में भैरव तंत्र साधना भी है, जिसे अघोरी श्मशान में विधि-विधान के साथ संपन्न करवाते हैं। हालांकि इसे कोई भी व्यक्ति सहजता के साथ कर सकता है।

ऐसे करें भैरव साधना

प्राचीन तांत्रिक ग्रंथों में भैरव की साधना के कई तरीके बताए गए हैं, लेकिन इसके श्रेष्ठ तरीके के के अनुसार आधी रात को निम्न नियमानुसार की जानी चाहिए।

  • भैरवी की पूजा के लिए आवश्यक पूजन सामग्रियों के साथ कुछ तांत्रिक भले ही शराब को नवैद्य के रूप में महत्व देते हों, लेकिन यह दिन के अनुसार बदलता रहता है। जैसे यदि रविवार को पूजा की जाए तो चावल-दूध की खीर, सोमवार को लड्डू, मंगलवार को घी-गुड़ की बनी सामग्री, बुधवार को दही-चिवड़ा, गुरुवार को बेसन के लड्डू या हलवा, शुक्रवार को भुने हुए चने और शनिवार को उड़द के बने पकौड़े या तली हुई खाने की नमकीन सामग्रियों का भोग लगाना चाहिए।
  • पूजन की तैयारी पूरी होने पर भैरव का आवाहन् के बताए गए मंत्र का उच्चारण करें और भैरवाय नमः बोलते हुए चंदन, अक्षत, फूल, सुपारी, दक्षिणा, नवैद्य आदि के साथ धूप और दीप से आरती करें। वह मंत्र हैः- आयाहि भगवान् रुद्रो भैरवः भैरवीपतेप्रसन्नोभव देवेश नमस्तुभ्यं कृपानिधि।
  • भैरव के आवहन् के बाद काल भैरव की उपासना करते हुए बताए गए शाबर मंत्र का जाप करें। मंत्र हैः- जय काली कंकाली महाकाली के पुत काल भैरव, हुक्म है- हाजिर रहे, मेरा कहा काज तुरंत करे, काला-भैरव किल-किल करके चली आई सवारी, इसी पल इसी घड़ी यही भगत रुके, ना रुके तो तो दुहाई काली माई की, दुहाई कामरू कामाक्षा की , गुरू गोरखनाथ बाबा की आण छु वाचापुरी!!
  • भैरवी साधना किसी भी रविवार, मंगलवार या कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आरंभ किया जा सकता है। परिधान लाल वस्त्र का होना चाहिए।
  • साधना की शुरुआत करने से पहले अपने आसन के ठीक सामने भैरव का चित्र या मूर्ति को स्थापित किया जाना चाहिए। उसके सामने आपका दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए। इनकी पूजा तेल का दीपक जलाकर की जाती है। इसके अतिरिक्त गुग्गल, धूप-अगरबत्ती जलाई जा सकती है।
  • भैरव पूजा के बाद अर्पित की हुई नवैद्य सामग्री को पूजा-स्थल से बाहर नहीं ले जाना चाहिए, बल्कि उसे प्रसाद के तौर पर उसी समय सेवन करना चाहिए।
  • मंत्र जाप के लिए काली हकीक के माला का प्रयोग होना चाहिए।
  • विभिन्न उपायों के कुछ मंत्र बहुत उपयोगी होते हैं, जिनका तुरंत लाभ मिलता है। इन्हीं में एक भय नाशक मंत्र इस प्रकार हैः-ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय भयं हन्! इस मंत्र का दक्षिण दिशा मुंह कर छह माला जाप करना चाहिए।
  • शत्रु नाशक मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शत्रु नाशं कुरु! इस मंत्र को नारियल को काले कपड़े में लपेटकर भैरवी को अर्पित करना चाहिए। गुग्गल धूनी जलाते हुए पांच माला का जाप करना चाहिए।
  • जादू-टोना नाशक मंत्रः ऊँ भं भैरवाय अप्द्दुदारानाय तंत्र बाधाम नाशय नाशय! इस मंत्र का सात माल जाप करना चाहिए। इससे पहले आटे के तीन दिये जलाकर कपूर से आरती करनी चाहिए।
  • प्रतियोगिता-परीक्षा में सफलता का मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय साफल्यं देहि स्वाहाः! इस मंत्र का जाप बेसन का हलवा प्रसाद के रूप में भोग लगाने के बाद अखंड दीप जलाएं और उसे पूर्व की ओर मुख कर आठ माला का जाप करें।
  • बच्चों की सुरक्षा का मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रक्ष रक्ष! इस मंत्र का छह माला जाप मीठी रोटी का भोग लगाकर पश्चिम की ओर मुंह कर किया जाना चाहिए।
  • लंबी आयु मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रु रु स्वरूपाय स्वाहाः! इस मंत्र का पांच माला जाप पूरब की ओर मुख करना चाहिए। गरीबों को भोजन करवाएं।
  • बल-वृद्धि देने वाला मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शौर्य प्रयच्छ! इस मंत्र का सात माला जाप काले कंबल पर बैठकर करना चाहिए।

बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण टोटकेबॉस को वश में करनाबॉस को इम्प्रेस कैसे करे- किसी भी नौकरी में अगर बॉस अच्छा मिल जाए तो फिर ऑफिस की 90 प्रतिशत समस्याएँ अपने आप ही हल हो जाती हैं. लेकिन अच्छा बॉस मिलना एक बहुत ही कठिन काम होता है. हर बॉस चाहता है कि वह आपने ऑफिस के कर्मचारियों से ज़्यादा से ज़्यादा काम ले. एक बॉस को अपने कर्मचारी से बहुत ज़्यादा उम्मीदें होती है. ऐसे में एक बॉस से हमेशा अच्छा व्यवहार और सहयोग मिले ये ज़रूरी नही है. अगर आपके ऑफिस में भी आपको अपने बॉस के साथ तालमेल बिठाने में या उनका सहयोग पाने में परेशानी हो रही है तो आप बॉस वशीकरण का सहारा ले सकते हैं|

बॉस वशीकरण
बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण की सहायता से आप बहुत ही आसानी से अपने बॉस का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं और नौकरी में उन्नति और वेतन, छुट्टी, बोनस आदि में विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं. बॉस का सहयोग और समर्थन आपको अपनी नौकरी में उच्चपद प्राप्त करने में बहुत उपयोगी होता है. आप यहाँ दिए गए बॉस वशीकरण उपायों से अपने काम आसन कर सकते हैं|

अगर आप चाहते हैं कि आपका बॉस आपके वश में रहे तब होली के एक दिन बाद ये टोटका करें. होली के अगले दिन बॉस की एक फ़ोटो लेकर उसे पर थोड़ा सा शहद और घी लगा दें. अब एक कुल्लड़ लेकर इसमे थोड़ा दही डाल दें और थोड़ी सी मात्रा में होलिका की राख को भी इसमें डाल दें. अब इस कुल्लड़ को फ़ोटो के ऊपर रख दें. इसके बाद इसे किसी लाल रंग के कपड़े में बांधकर किसी ऊँचे स्थान पर रख दें. इस टोटके के प्रयोग से आपके बॉस पर आपका वशीकरण हो जायेगा और बॉस का व्यवहार आपके प्रति काफी बेहतर हो जायेगा|

आप बॉस वशीकरण के लिए ये एक छोटा सा टोटका ज़रूर करें. आपको अपने बॉस का हस्ताक्षर किया हुआ कोई भी कागज लेना होगा. जहाँ पर आपके बॉस ने हस्ताक्षर किया है वहां पर काले या लाल रंग की स्याही वाले पेन से गोल-लोग घेरा बनाते जाएँ और कल्पना करें कि बॉस को आप मोटे रस्सों से जकड़ रहे हैं. अब इस कागज को कहीं कीचड़ में गाड़ दें या फिर कहीं गड्डा करके उसके अंदर दबा दें. कुछ ही दिनों में आप अपने बॉस के व्यवहार में आश्चर्यजनक बदलाव देखेंगे|

बॉस को इम्प्रेस कैसे करे?

कौन नही चाहता कि बॉस उसकी बात को महत्व दे और उसकी बात से सहमत हो. आप एक छोटा का बॉस वशीकरण का उपाय करें. जब भी बॉस से आपकी मीटिंग हो आप घर से कुछ सरसों या राई के दाने लायें और बॉस जिस कुर्सी पर बैठते हो उसके ऊपर डाल दें. इस छोटे से उपाय से आपका बॉस आपसे सहमत होगा और आपके पक्ष में निर्णय लेने लगेगा| अगर आपके ऑफिस में कोई काम बिगड़ जाता है तो बॉस का गुस्सा होना एकदम स्वाभाविक है. कई बार किसी न किसी को बॉस के कोप का भाजन बनना पड़ता है. अगर आप चाहते हैं कि आप बॉस के गुस्से बचे रहें तो ये प्रयोग करें. आप पांच लौंग और एक नींबू लेकर उसे अपने रुमाल में बाँध लें और ऑफिस जाते समय इसे आपने जेब के अंदर रख लें. इस प्रयोग से आपकी गलती होने पर भी बॉस आपको ज़्यादा कुछ नही कह पाएंगे और माफ़ कर देंगे|

बॉस वशीकरण टोटके

आप शुक्ल पक्ष में रविवार के दिन बॉस वशीकरण का ये प्रयोग करें. इस दिन सवेरे स्नान आदि से निपट कर 5 लौंग लेकर अपने शरीर पर ऐसी जगह रखें जहाँ पर आपको पसीना अधिक आता है. अब इन लौंग को धूप में सूखा लें और पीसकर पाउडर बना लें. इस पाउडर को चाय, पानी, दूध या शरबत में मिलाकर अपने बॉस को पिला दें. इस छोटे से टोकते से बॉस को वश में करने का उपाय पूरा हो जाएगा. इसके प्रयोग के बाद आपका बॉस हर तरह से नौकरी में आपकी मदद के लिए प्रयास करने लगेगा|

अगर आपकी ये चाहत है कि आप अपने ऑफिस में चर्चित और बॉस के विश्वास पात्र बन जाएँ तो ये प्रयोग 21 दिन तक लगातार करें. आप हल्दी, गौमूत्र, पान का रस, सरसों, गौ-घृत, को एकसाथ मिलाएं और उसका अपने मस्तक पर तिलक करने के बाद ही ऑफिस जाएँ. इस प्रयोग को प्रतिदिन 21 दिन तक दोहराने पर बॉस और पूरे ऑफिस पर आपका वशीकरण हो जायेगा और आपकी तरक्की और उन्नति ने नए रास्ते खुलने लगेंगे|

आप बॉस को किसी दिन घर पर आने के लिए निमंत्रण दें. जब आपका बॉस आने के हाँ कर दें तो एक रात पहले गाय के दूध लेकर इसमें 5 इलायची, 5 लौंग और पांच सुपारी भिगो दें. जब बॉस आपके घर आये तो उन्हें खीर बनायें और उसमे ये लौंग, इलायची और सुपारी को दांत से चबाकर डाल दें. जब आपका बॉस इसे खायेगा तो उस पर आपका पूर्ण वशीकरण हो जायेगा| अगर आप शीघ्र प्रमोशन चाहते हैं तो उसके लिए ये उपाय करें. आप लगातार 40 दिनों तक हर रोज अपने बॉस का नाम लेकर एक लौंग लें और उसे जलाएं. इस टोटके को करने से आप देखेंगे कि आपका बॉस आपकी हर बात में सहमति दिखाने लगा है. इस प्रयोग से आपके प्रमोशन के अवसर बढ़ जायेंगे|

बॉस को वश में करना

अगर आपकी कुंडली में वृहष्पति कमजोर है तब आपको इसको मज़बूत करने का उपाय करना चाहिए. वृहष्पति को मज़बूत करने पर आपके अपने बॉस से संबंध सकारात्मक हो जाते हैं. आप प्रतिदिन स्नान आदि करने के बाद केसर से तिलक करें. इसके अलावा केले के सेवन से भी वृहष्पति की स्थिति मज़बूत होती है| अगर आपका बॉस कोई स्त्री है तो आपको उसे अपने पक्ष में करने हेतु इस बॉस वशीकरण टोटके को करना चाहिए. स्त्री बॉस के वशीकरण के लिए एक चांदी गिलास में थोड़ा सा पानी लेकर पी लें. इसके बाद अपनी स्त्री बॉस का नाम लेकर थोड़ा सा कपूर जला दें. इस आसान से प्रयोग से आपकी महिला बॉस पर आपके वशीकरण का प्रभाव हो जायेगा|

अब जानते हैं कि बूढ़े बॉस को इम्प्रेस कैसे करे. अगर आपका बॉस बूढ़ा है तो आपको ये आसन सा बॉस वशीकरण का टोटका करना होगा. आप एक शनि यंत्र लेकर इसकी धुप-दीप से पूजा करें और इसे अपने गले में पहन लें. इस आसन से उपाय से आपका बूढ़ा बॉस आपके वश में हो जायेगा. आप बूढ़े बॉस के वशीकरण के लिए शनि को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करें. शनिवार के दिन मदिरा मांस से दूर रहें| कार्यालय में बॉस का सहयोग आपकी तरक्की के लिए बहुत ज़रूरी होता है. एक सहयोगी बॉस आपके लिए सुनहरा भविष्य और प्रसिद्धि के द्वार खोल सकता है. इसलिए यहाँ दिए गए बॉस वशीकरण के टोटके और उपायों को अवश्य आजमायें|

पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय

पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय

अगर आप अपने पति को पराई स्त्री से दूर करना चाहती हैं तो आपको निराश होने की आवश्यता नही है. क्योंकि यहाँ दिए गए अपनी पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय/सौतन से छुटकारा पाने के उपाय आपके लिए काफी उपयोगी साबित होंगे.

अगर आपका पति पराई स्त्री के रूप यौवन के पीछे दीवाना हो जाए तो आपकी खुशियों को ग्रहण लग जाता है. ऐसे में कोई भी चीज़ आपको सुख नही देती. आपके पास एक ही उपाय होता है कि किसी तरह आप अपनी सौतन से छुटकारा पायें.

पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय
पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय

हालाँकि पुराने समय में एक से अधिक स्त्रियाँ रखने का चलन था. लेकिन अब परिस्थितयां बदल चुकी है और कानून भी बदल चूका है. इसलिए ये सौतन आपके लिए नही मुसीबत खड़ी करे, इससे छुटकारा पा लेना ही बेहतर है.

शादी के शुरुआत में तो आपके पति आपसे काफी प्रेम करते हैं. लेकिन 2-3 वर्षों के बाद उनका आपके प्रति आकर्षण कम होने लगता है. अब उनका ध्यान इधर-उधर भटकने लगता है. ऐसे में आपका मन अशांत और परेशान होने लगता है.

अगर आस पड़ौस या ऑफिस में खूबसूरत और जवान लड़कियाँ होती हैं तो आपके पति का मन विचलित होने में देर नही लगती. आपकी कोशिश रहती की आपकी सौतन न रहे. लेकिन आज की जीवन शैली और टीवी को देखकर कोई भी मचल सकता है.

अगर आपका पति किसी भी कारण से पराई स्त्री के चुंगल में फँस गया है तो उससे छुटकारा पा सकती हैं. सौतन से छुटकारा मंत्र और सौतन को दूर करने का टोटका इसमें आपकी मदद करेंगे.

यहाँ पर सौतन को दूर करना का टोटका बताया जा रहा है. इस टोटके के पीछे ये सिद्धांत है कि आप अपने पति पर आपना प्रेम जाल फैला दें. इससे सौतन का आकर्षण ख़ुद ब ख़ुद समाप्त हो जायेगा. ये टोटका इस तरह से है:

ये उपाय आपको भगवान श्री कृष्ण का नाम ले कर करना है. शुक्रवार के दिन 3 इलायची लें. इन्हें अपने पहने हुए परिधान में लपेट कर रख लें. अगले दिन शनिवार को इन्हें पीस कर खाने में मिला कर अपने पतिदेव को खिला दें. इस टोटके को लगातार 3 शुक्रवार करें. ऐसा करने पर आपक पति ख़ुद ब ख़ुद आपके प्यार में दीवाना होने लगता है. और सौतन अपने आप दूर हो जाती है.

इसी सिद्धांत पर आधारित एक और उपाय है. इस उपाय से आपके पति पर आपके रूप सौन्दर्य का जादू चढ़ जायेगा और वह सौतन से कोसों दूर हो जायेगा. ऐसा करने के लिए आपको अपने पति को एक ख़ास किस्म का तिलक लगना है. तिलक लगने की विधि इस प्रकार है:

नारियल, कपूर और धतूरे के बीजो को पीस ले. जब भी आपका पति सामने हो, आप इसका तिलक लगायें. इसके आपका पति आपके प्रेम में पागल होने लगेगा और आपकी सौतन से दूर होने लगेगा. इस उपाय को पूरे आत्म-विश्वास के साथ नियमित करें. आपको इससे काफी अच्छा परिणाम प्राप्त होगा.

एक और सौतन से छुटकारा मंत्र है. पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय मंत्र के रूप में है. इसका नियमित उच्चारण करने से आपके यौवन की शक्ति बढ़ जाती है. अगर आपके यौवन में दमदार ताकत है तो आपके पति फिर से आपके प्यार में पड़ जायेंगे. ये कामदेव का पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय/मंत्र है:

ओम कामदेवाय विद्यम्हे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्।

अपने प्रभाव को मज़बूत करने के लिए शाबर मंत्र का प्रयोग भी करें.

सौतन से छुटकारा शाबर मंत्र :

ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो, भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।

पति पर अपने यौवन का जादू डालने का मंत्र. ये शुक्र गृह का मंत्र है. इसके आपके यौवन का प्रभाव बढ़ जायेगा. शुक्र मंत्र – ओम दां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः

आपके पति का दूसरी औरत या लड़की के प्रति आकर्षित होने का मतलब है कि उन्हें आपके प्यार नही मिल पा रहा है. इसलिए आपकी कोशिश रहनी चाहिए कि आप अपने पति की शारीरिक और भावनात्मक ज़रूरतों का ख़ास ख़याल रखें. साथ ही पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय भी लगातार करती रहें.

अगर आप अपने पति से सच्चा प्यार करती हैं, तो किसी सौतन को उन्हें आपसे छीनने के हिम्मत नही हो सकती. पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय पूरे मनोयोग से करना चाहिए. आप कोशिश करें कि आपके बीच क्लेश उत्पन्न न हो. घर में प्यार का वातावरण हो तो प्रेम का स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है.

सौतन से छुटकारा मंत्र बहुत कारगर होता है. घर से क्लेश मिटाने के लिए इस मंत्र का ४२००० बार उच्चारण करें. मंत्र इस प्रकार है:

धाम धिम धूम धुर्जट पत्नी वां वीं वुम वागधिश्वरी।

क्राम क्रीम कृम कालिका देवि, शाम शिम शुम शुभम कुरु।।

इस मन्त्र का जाप आप सुबह माँ दुर्गा या काली देवी की तश्वीर की सामने करें. धुप बत्ती और फूल अर्पित करने के बाद इस मंत्र का उच्चारण करें. ऐसा करने पर आपके घर में सुख शांति की बरसात होने लगेगी.

सौतन को दूर करने का टोटका ये टोटका काफी उपयोगी साबित हुआ है. इस टोटके में साबूत पान के पत्ते पर कपूर और चन्दन लगायें. इनके मिश्रण से एक तिलक लगायें और पति या उनकी तस्वीर के शामने जाएँ. ये उपाय 43 दिन तक करना चाहिए. 43 दिन तक प्रयोग करने के बाद इस पत्तों को बहते पानी में छोड़ दें.

पति को पराई स्त्री से दूर करने का उपाय जो यहाँ दिया गया है, बहुत कारगर साबित हुआ है. इस उपाय के अनुसार आपको माहवारी के दौरान रात में पति की छोटी से कुछ बाल काट लेना है. याद रहे आपके पति को इसके बारे में कुछ पता नही चलान चाहिए. कुछ दिनों बाद इन बालों को जला कर पैरों से कुचल दें. और घर से बाहर फैक दें. ऐसा करने पर धीरे-धीरे आपके पति की अकल ठिकाने आने लगेगी और आप सौतन के झंझट से मुक्त हो जाएँगी.

यहाँ एक और सौतन को दूर करने का टोटका बताया जा रहा है. इस टोटके के परिणाम भी बड़े ही चमत्कारिक होते हैं. ये टोटका इस प्रकार है:

इस टोटके में आपके रविवार के दिन अपने शयनकक्ष में अपनी सौतन का नाम ले कर गुगुल की धुनी दें. ऐसा पूरी श्रद्धा से लगातार 4 रविवार तक करें. इसके आपको बड़ा लाभ होगा.

इसमें से कोई भी पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय आपके काफी काम आ सकता है. आपको इनको करते हुए मन में प्रेम और विश्वास रखने के आवश्यकता होगी. आपका प्रबल मनोबल इसमें आपके काफी काम आएगा.

कामाख्या तंत्र साधना

कामाख्या तंत्र साधना

पौराणिक कथानुसार गौरी के पिता दक्ष ने जब यज्ञ किया था तब उसमें भगवान शिव का अनादर देखकर उनकी पत्नी  गौरी ने क्रोध में आकर हवन के कुंड में कूदकर अपने देह को त्याग दिया | क्रोधित होकर  भगवान शंकर उनके शव को  उठाकर  तांडव करने लगे | चारों तरफ हाहाकार मचने लगा | विष्णु भगवान ने अपने सुदर्शन  चक्र को उठाया  और  शव के ५१ टुकड़े कर दिए ताकि शिव का क्रोध शांत हो जाए | अंगों के टुकड़े  जहां जहां गिरे वे बाद में शक्ति पीठ के रूप में चिन्हित  हो गए | इन अंगों में से  माता  गौरी की योनि  कमरों  नाम के स्थान पर  गिरी थी  और यह स्थान  देवी के गर्भ गृह के नाम से विख्यात कामाख्या शक्ति पीठ हुआ | यहाँ पर देवी कामाख्या की मूर्ति की जगह ‘योनि” रूप में शिलाखंड की पूजा होती है , तंत्र साधना होती है | आज हम भी इस लेख में हम आपके लिए लेकर आए हैं कामाख्या तंत्र साधना |

कामाख्या तंत्र साधना
कामाख्या तंत्र साधना

कामाख्या तंत्र साधना में सबसे पहले देवी के मंत्र की अर्थात कामाख्या मंत्र की साधना करे,जो बहुत ही शक्तिशाली माना गया है | इस मंत्र में सिद्धि प्राप्त करने के बाद कुछ भी पाना असंभव नहीं है | साधना को आरंभ करें सर्वप्रथम विनियोग से | फिर करन्यास करें और अंत में अंगन्यास करें | इसके पश्चात श्रद्धा पूर्वक ध्यान लगाएं और देवी के अतुलनीय रूप पर अपना ध्यान एकत्रित करे | देवी का स्वरुप है –देवी कामाख्या लाल वस्त्र धारण किए हुए हैं | वे कमल के समान कोमल तथा सुंदर है और चंद्र जैसी उज्ज्वला हैं | जिनके  ललाट पर  सिंदूर से तिलक लगाया हुआ अत्यधिक सुशोभित हो रहा है | दो भुजाएं वाली देवी तीन नेत्रों वाली है | जिनका सिंहासन मणि माणिक्य  से सुशोभित है | मां  के होंठ पर स्निग्ध  मुस्कुराहट हैं | वह अनेक विद्याओं को जानने वाली हैं | उनके समक्ष सभी डाकिनी और शाकिनी हाथ जोड़ नतमस्तक है | सिंहों की टोली भी उनका वंदन कर रही है | देवी के वचनों का श्रवण करने के लिए देवी सरस्वति और लक्ष्मी भी व्याकुल रहती है | हर लोकों में पूजनीय देवी कामाख्या अति ही करुणामयी है तथा सबका मंगल चाहने वाले हैं |

अब हम आपके लिए कामाख्या वशीकरण मंत्र का उल्लेख करने जा रहे हैं जिसकी साधना से सभी मनोरथ की पुष्टि होती है | यह अत्यंत शक्तिशाली मंत्र है | देवी की मंत्र साधना के बाद षोडशोपचार पूजा करें तथा इसके बाद नीचे दिए गए मंत्र को जपे | लेकिन, ध्यान रहे जाप आरंभ करने के पहले किसी भी सुयोग्य तांत्रिक से परामर्श अवश्य करें तथा उसी के परामर्शानुसार जाप संख्या का संकल्प करें | मंत्र है –”त्रीं त्रीं त्रीं हूं, हूं स्त्रीं स्त्रीं कामाख्ये प्रसीद स्त्रीं हूं हूं त्रीं त्रीं त्रीं  स्वाहा |”

उपरोक्त मंत्र के जाप के बाद नीचे दिए गए मंत्र के द्वारा देवी का वंदन करें | मंत्र है —

“कामाख्ये कामसंपन्ने,  कामेश्वरी हर-प्रिया कामनां देहिमे नित्यं,  कामेश्वरी नमोस्तुते |

कामदे काम-रूपस्थे  सुभगे सुरसेविते   करोमि दर्शनं देव्या: सर्वा-कामार्थ सिद्धिये |

यह साधना कामाख्या में किसी योग्य तांत्रिक या गुरु के निर्देशानुसार ही होनी चाहिए |

कामाख्या मंत्र साधना का एक अत्यंत प्रभावशाली टोटका या मंत्र है –”ओम् त्रीं  नमः “..इस मंत्र का जाप किसी भी स्थान से किया जा सकता है | कृष्ण पक्ष की नवमी को रात्रि १२:०० बजे पूर्व दिशा की ओर अपना चेहरा करके बैठे लाल आसन के ऊपर | अब अपने सामने कामाख्या देवी की तस्वीर रखें |  पानी वाला एक जटा-नारियल ले | बिना जटा हटाए इसके ऊपर सिंदूर में तेल मिलाकर टीका करें | अब इसे देवी को समर्पित करे, पूजन करें पंचोपचार विधि द्वारा | इसके बाद प्रसाद देवी को अर्पित करें |  अब अपने दाहिने हाथ में जल लेकर विधिवत जाप करने के लिए संकरल्प करें तथा ऊपर बताए गए मंत्र का मूंगे की माला से जाप करें | जाप लगातार तीन दिनों तक करें | जाप संख्या होनी चाहिए प्रतिदिन ५१ माला | जाप की समाप्ति के बाद नारियल को किसी नदी में प्रवाहित कर दें |

कामाख्या सिंदूर प्रयोग  कामाख्या मंदिर में पाए जाने वाले सिंदूर को कामिया सिंदूर कहते हैं जो अन्य कहीं नहीं मिलता | मान्यताओं के अनुसार इस सिंदुर का व्यवहार करने से विवाहिताओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है | अगर इस सिंदूर  को अभिमंत्रित किया जाए तो दैनिक जीवन  के विभिन्न समस्याओं के समाधान में इसका अत्यंत चमत्कारी  रूप देखने को मिलता है | इसको अभिमंत्रित किए जाने में अत्यंत नियम का पालन करना चाहिए | इसकी विधि– शुक्रवार के दिन  पूजा  शुरू करें | कामाख्या  सिंदूर  अभिमंत्रित किए जाने के लिए  सिंदूर को एक चांदी की डिबिया में ढक्कन लगाकर रखे | मंत्र का जाप करने के वक्त इसे अपने सामने रखें | इस पूजा के समय लाल वस्त्र धारण करें और आसन का रंग भी लाल ही होना चाहिए | लगातार सात दिन तक इस मंत्र का जाप करें तथा विधि पूर्वक पूजा करें | चुटकी भर सिंदूर में उसी अनुपात के अनुसार केसर, चंदन मिला लें  और  गंगाजल से  इसे घोलें | अब  ११ बार जाप करें कामाख्या मंत्र का | जाप जाप  समाप्त होने के बाद  इस सिंदूर के मिश्रण से तिलक लगाएं | इसके लगाते ही लगाने वाले  व्यक्ति में किसी को भी सम्मोहित करने की ताकत आ सकती है |

कामाख्या सिंदूर प्रयोग

सबसे पहले  सिंदूर का  पूजन करें विधि विधान से | अब नीचे दिए गए मंत्र द्वारा  लगातार बिना नागा  सात रविवार तक जाप करें | जाप संख्या होनी चाहिए  प्रतिदिन १०८ वार | मंत्र है —

“हथेली में हनुमंत,भैरू बसे कपार |

नरसिंह की  मोहिनी मोहे सब संसार,

मोहन रे मोहनता वीर

सब वीरन में तेरा सीर,

सबकी नजर बांधन दे

तेल सिंदूर चढ़ाऊं तुझे, तेल सिंदूर कहां से आया ?

कैलाश पर्वत से आया कौन लाया?

अंजनी का हनुमंत, गौरी का गणेश लाया | काला गोरा तोतल तीनों बसे कपार दुहाई कामिया सिंदूर की

हमें देख शीतल हो जाए सत्य नाम आदेश गुरु की  सत गुरु सेट कबीर “

मंत्र का जाप संपूर्ण होने के बाद इस सिंदूर को चुटकी भर लेकर वापस दिए गए उपरोक्त मंत्र को  सात वार जाप करे तथा अपने  मस्तक पर तिलक लगाएं | यह वशीकरण प्रभाव उत्पन्न करता है |