Tag Archives: वशीकरण या सम्मोहन को खत्म करने का उपाय

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

विधा धन भी लक्ष्मी के अभाव व्यर्थ जाता है सही माने तो विधा का अलंकरण धन द्वारा ही होता है। एक दिन लक्ष्मी जी ने सोचा आज सरस्वती की पुत्रियों को धन का महत्व बताया जाए। सो लक्ष्मी माता सरस्वती की पुत्रियों शारदा और गायत्री के पास गयी । घर में सरस्वती ना थी,घर का चूल्हा ठंडा पड़ा था और पुत्रियाँ भूख से व्याकुल थी। पुत्रियों की दशा देख कर लक्ष्मी माँ ने स्वयं घर का काम किया। थोड़ी देर में लक्ष्मी माँ ने घर की सफाई स्वयं की और गाय से दूध निकाल कर खीर बना कर स्वयं गायत्री और शारदा माँ को खिलाई। घर का द्वार देख कर सरस्वती जी को भान हो गया कि लक्ष्मी आई है, लक्ष्मी को देख सरस्वती ने ॐ वासुदेवाय नम कह कर गले लगा लिया केवल एक यही तो वरदान सफल है, कलयुग का जहाँ लक्ष्मी रहेगी वहाँ सरस्वती जी का भी वास रहेगा।

लक्ष्मी वशीकरण मंत्र
लक्ष्मी वशीकरण मंत्र

धन का महत्व ना होता तो जगत का चलना असंभव हो जाता। धन तेरस के दिन  हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के द्वार पर ॐ बनाने से घन आएगा। दीपावली पूजन के साथ शंख और डमरू बजाने से दरिद्रता का नाश होता है। लक्ष्मी का आगमन बना रहता है।

  • पैसा दुनिया में सबकुछ तो नहीं होता है, लेकिन पैसों की जरूरत हर किसी को हर दिन पड़ती है. कई बार हमारे काम पैसों की कमी के कारण बिगड़ जाते हैं. कई बार छोटी-छोटी बातों को हम… अक्सर नजरंदाज कर देते हैं, और यही छोटी-छोटी बातें हमारे धन के आगमन के रास्ते में बाधा पैदा करती है. तो आइए जानते हैं, कि कौन से उपाय करके आप अपने पैसों के आगमन के श्रोत बढ़ा सकते हैं. क्या-क्या चीजें आपको करनी चाहिए और क्या नहीं करनी चाहिए.
  • जिस घर में अक्सर लड़ाई होती रहती है, उस घर पर लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है. इसलिए यह सुनिश्चित करें कि आपके घर में लड़ाई न हो.
  • हर दिन श्रीसूक्त का पाठ कीजिए और श्रीसूक्त से हवन भी कीजिए.
  • घर में तुलसी का पौधा लगाएँ, और हर शाम तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जरुर जलाएँ.
  • जिस घर के लोग सूर्योदय से पहले उठ जाते हैं, फिर पूजा करके हीं नाश्ता करते हों. उस घर पर लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.
  • भगवान को भोग लगाने के बाद हीं भोजन कीजिए.
  • बिस्तर पर बैठकर भोजन न करें, इससे माँ लक्ष्मी रुष्ट होती है.
  • अपने घर की स्त्रियों को सम्मान दें, उन्हें जानबूझकर कष्ट भूलकर भी न दें. जिस घर में स्त्रियाँ दुखी होती है, वहाँ लक्ष्मी कभी नहीं टिकती है.
  • जहाँ धन रखते हों, उस स्थान पर लाल कपड़ा बिछा दीजिये.
  • किसी का भी जूठा भोजन न करें, इससे उस व्यक्ति की दरिद्रता का कुछ अंश आपमें आ जाता है.
  • घर में कबाड़ न रखें, टूटे-फूटे चीजों को घर में नहीं रखना चाहिए.
  • रात में खाना खाने के बाद जूठे बर्तन रसोई में न छोड़ें. बर्तन और रसोई की सफाई करने के बाद हीं सोयें.
  • शाम के समय में कभी भी सेक्स न करें.
  • शाम होने के बाद घर में झाड़ू न लगाएँ.
  • पूजा रूम अलग रखें, पूजा रूम की शुद्धता का ख्याल रखें और जब भी पूजा करें तो पूरी तरह शुद्ध होकर पूजा करें.
  • किसी से भी कोई भी चीज मुफ्त में न लें, उसके सामान की कीमत अवश्य चुकाएँ. किसी को धोखा देकर धन लेने से भी लक्ष्मी नाराज हो जाती है.
  • अपनी आय का कुछ हिस्सा धार्मिक कार्यों में जरुर लगाएँ, समय-समय पर दान भी करते रहें.
  • अपने इष्ट देवता / देवी की हर दिन पूजा करें.
  • घर में मकड़ी के जालों को न रहने दें, इन्हें साफ करते रहें.
  • चाहे आपकी दुकान हो या ऑफिस, आप जहाँ पर भी काम करते हैं, उस स्थान को साफ रखें.
  • घर में ताजमहल, नटराज, बहते पानी के चित्र…… इन सबकी न तो फोटो रखें न हीं मूर्ति.
  • घर में उपयोग किया गया पानी, घर में कहीं जमा नहीं होना चाहिए.
  • घर में पकाया हुआ अन्न कभी भी बर्बाद नहीं होना चाहिए, माड़ नाली में कभी न फेकें.
  • दूसरे की स्त्री या धन पर बुरी दृष्टि न डालें.
  • साफ सुथरे रहें, गंदे या फटे कपड़े न पहनें.
  • घर का कुछ हिस्सा कच्चा ( मिटटी ) जरुर छोड़ दें.
  • बड़ों का सम्मान कीजिए, क्योंकि माँ लक्ष्मी उस व्यक्ति पर कृपा नहीं करती है, जो अपने से बड़ों का सम्मान नहीं करता है.
  • अपने घर के ईशान कोण में श्री यंत्र ताम्रपत्र, रजत पत्र या भोजपत्र पर बनाइए. प्राण प्रतिष्ठा करवाने के बाद हर दिन इसकी पूजा कीजिए.
  • खुद को किसी कार्य में कुशल बनाइए, अपने आय के साधन बढ़ाने की कोशिश करते रहिए. क्योंकि ऊपर बताये गए उपाय तभी काम करेंगे, जब आप कुछ करने की कोशिश करेंगे. आपके हाथ पर हाथ रखकर बैठे रहने से तो धन आपके पास आने से रहा. और ध्यान रखिये खुद की क्षमता का ध्यान रखते हुए हीं आपको अपने कैरियर का चुनाव करना चाहिए.
  • और यह जरुर यद् रखिये कि पुरुषार्थी ( मेहनती ) व्यक्ति का भाग्य कब बदल जाए यह किसी को पता नहीं होता है, इसलिए मेहनत जारी रखिये.

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग- प्रभु दत्तात्रेय का रूप साक्षात भगवान शंकर से मिलता है। महाराज दत्तात्रेय की आराधना बहुत ही फलदायक औरशीघ्र फल देने वाली है। महाराज दत्तात्रेय तीनो ईश्वरीय शक्तियो से समाहित आजन्म ब्रह्मचारी, अवधूत, और दिगम्बर रहे थे, वे कण–कण मेंसमाए हैं और अपने भक्तों की किसी भी प्रकार के संकट में बहुत जल्दी सुध लेते हैं, यदि मन, कर्म और वाणी से महाराज दत्तात्रेय की उपासना कीजाए तो किसी भी कठिनाई का बहुत ही सरलता से अंत हो जाता है।

दत्तात्रोय तंत्र वशीकरण प्रयोग
दत्तात्रोय तंत्र वशीकरण प्रयोग

भगवान दत्तात्रेय की उपासना विधि

श्री दत्तात्रेय जी की मूर्ति, चित्र अथवा यंत्र को लाल कपडे पर स्थापित करें और चन्दन लगाकर, फूल चढाकर, नैवेद्य चढाकर धूप की धूनी देकर, आरती उतारकर पूजा करें। पूजा करते समय पहले स्तोत्र को ध्यान से पढ़ें और फिर मन्त्र का जाप करें। उनकी उपासना का प्रभाव तुरंत ही प्रारंभ होजाता है और वे शीघ्र ही भक्त को अपनी उपस्थिति का आभास देने लगते हैं। भक्तों को प्रायः साधना के समय अचानक स्फूर्ति के आने से उनकीउपस्थिति का आभास होता है। भगवान दत्तात्रेय बड़ हीे दयालू और सरल हैं, जब भी भक्त संकट में पड़ने पर उन्हें सहायता के लिए पुकारतें हैं वे तुरंतही सहायता के लिये अपनी शक्ति को भेजते है।

भगवान दत्तात्रेय की उपासना में विनियोग विधि

पूजा की शुरूआत में भगवान श्री दत्तात्रेय का आवाहन किया जाता है। इसके लिए एक साफ बर्तन में पानी लेकर पास में रखें और बायें हाथ में एकफूल और चावल के दाने लेकर इस प्रकार से विनियोग करें –

‘‘ष्ऊँ अस्य श्री दत्तात्रेय स्तोत्र मंत्रस्य भगवान नारद ऋषिरू अनुष्टुप छन्दरू,श्री दत्त परमात्मा देवतारू, श्री दत्त प्रीत्यर्थे जपे विनोयोगरूष’’

यह उच्चारण करके दाहिने हाथ में फूल और चावल लेकर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति, चित्र या यंत्र पर सिर को झुकाकर चढ़ाएँ। इसके पश्चात हाथों कोपानी से साफ कर लें और दोनों हाथों को जोडकर उनके लिये जप स्तुति करें। जो इस प्रकार से है –

‘‘ष्जटाधरं पाण्डुरंगं शूलहस्तं कृपानिधिम। सर्व रोग हरं देव,दत्तात्रेयमहं भज’’

अपने भक्तों पर आने वाले संकटों को दत्त भगवान तुरंत दूर करते हैं और उनके जीवन में खुशहाली लाते हैं। दत्तात्रेय जयंती के दिन इन मंत्रों कास्फटिक की माला से हर रोज 108 बार मंत्र जाप करने से मनुष्य जीवन के समस्त कष्ट और संकट शीघ्र ही दूर  हो जाते हैं।

तांत्रोक्त दत्तात्रेय मंत्र–   ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नमः

यह भगवान दत्तात्रेय का प्रिय दत्त गायत्री मंत्र है –

‘‘ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दतरू प्रचोदयात’’

एक समय ऐसा था, जब वैदिक कर्मों का, धर्म का तथा वर्णव्यवस्था का लोप हो गया था। उस समय भगवान दत्तात्रेय ही थे, जिन्होंने इन सबकापुनरूद्धार किया था।

दत्तात्रेय तंत्र में यह जिक्र भी आता है कि भगवान् शिव ने स्वयं ऋषि दत्तात्रेय को वरदान दिया था कि मैं स्वयं तीन अवस्थाओ मे भक्तों  के साथरहूँगा

  • जहाँ किसी की स्त्री का हरण हुआ हो
  • जहाँ किसी का किसी ने धन चुराया या कब्ज़ा किया हो
  • किसी ने किसी दूसरे की जमीन को अनधिकृत जप्त किया हो

उस समय मैं उस भक्त के साथ उस दुष्ट के विरुद्ध स्वयं विराजमान होता हूँ परंतु जब कोई अपनी शक्ति का दुरूपयोग या अनैतिक कर्म करे, तो मैंउस साधक का विनाश भी कर सकता हूँ। इसलिए इस लिए तंत्र विद्या का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए केवल बहुत जरुरी होने पर ही इस काप्रयोग करना चाहिए।

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग –

किसी भी बुधवार की रात को पीले वस्त्र पहनकर पीले रंग के आसन पर बैठें और आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। अपने सामने एकचैकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर दत्तात्रेय यंत्र रखें और उस पर सिंदूर रखें। घी का एक दीपक जलाएँ और मूल मंत्र का रुद्राक्ष माला से 11 मालाका जप करें। जप के पूरा होने पर सिंदूर को एक चाँदी की डिबिया में संभालकर रख लें। अब जब भी आपको किसी व्यक्ति को अपनी बात मनवानी होया कोई काम करवाना हो, तो मंत्र का 11 बार जप करके चाँदी की डिबिया में रखे सिंदूर को अपने माथे पर लगाकर उस व्यक्ति के पास चले जाएँ, आपका कार्य अवश्य ही सफल होगा।

जिन महिलाओं के पति गलत संगत में पड़ गए हों, और उन्हें सुधारने के सभी उपाय विफल हो चुके हों, वे महिलाएँ इस सिंदूर को अपनी माँग में भरें याइसका टीका लगाएँ। उनका पति अवश्य ही सही मार्ग पर आ जाएगा। बस इस साधना को पूर्ण विश्वास और धैर्य के साथ सही प्रकार से विधिपूर्वककरें।

मंत्र – ‘‘ॐ श्रीं हृीं क्लीं ग्लौं द्राम दत्तात्रेयाय नमः’’

तंत्र को कामना की शीघ्रता से सिद्धि करने वाला कहा जाता है। भगवान् दत्तात्रेय को अवतार माना गया है। कलियुग में अमर और प्रत्यक्ष देवता के रूपमें भगवान् दत्तात्रेय का स्थान हमेशा प्रशंसित एवं प्रतिष्ठित रहेगा। दत्तात्रेय तंत्र देवाधिदेव महादेव शंकर के साथ महर्षि दत्तात्रेय का एक संवाद पत्रहै।

  • मोहन प्रयोग– ‘‘तुलसी–बीजचूर्ण तु सहदेव्य रसेन सह। रवौ यस्तिलकं कुर्यान्मोहयेत् सकलं जगत’’।

तुलसी के बीज के चूर्ण को सहदेवी के रस के साथ पीसकर तिलक के रूप में उसे माथे पर लगाएं। ऐसा करने पर उसको देखने वाला मोहित हो जाता है।

  • ‘‘हरितालं चाश्वगन्धां पेषयेत् कदलीरसे। गोरोचनेन संयुक्तं तिलके लोकमोहनम’’

हरताल तथा असगन्ध को केले के रस के साथ पीसकर उसमें गोरोचन मिलाएं तथा उसका मस्तक पर तिलक लगाएं तो उसको देखने से सामने वालाव्यक्ति मोहित हो जाता है।

  • ‘‘श्रृङ्गि–चन्दन–संयुक्तो वचा–कुष्ठ समन्वितः। धूपौ गेहे तथा वस्त्रे मुखे चैव विशेषतः। राजा प्रजा पशु–पक्षि दर्शनान्मोहकारकः। गृहीत्वामूलमाम्बूलं तिलकं लोकमोहनम।’’

काकडा सिंगी, चंदन, वच और कुष्ठ इनको मिलाकर चूर्ण बना लें और इससे बनी धूप से अपने शरीर तथा वस्त्रों पर धूप देने तथा इसी चूर्ण से तिलकलगाने पर राजा, प्रजा, पशु और पक्षी उसे देखने से ही मोहित हो जाते हैं। इसी प्रकार ताम्बूल की जड़ को घिस कर उसका तिलक करने से लोगों कोमोहन होता है।

  • ‘‘सिन्दूरं कुङ्कुमं चैव गोरोचन समन्वितम। धात्रीरसेन सम्पिष्टं तिलकं लोकमोहनम’’

सिन्दूर, केशर, और गोरोचन इन तीनों को आंवले के रस में पीसकर तिलक लगाने से लोग मोहित हो जाते हैं।

  • ‘‘सिन्दूरं च श्वेत वचा ताम्बूल रस पेषिता। अनेनैव तु मन्त्रेण तिलकं लोकनोहनम’’

सिन्दूर और सफेद वच को पान के रस में पीस कर नीचे दिए गए मंत्र से तिलक करें तो लोग मोहित हो जाते हैं।

  • अपामार्गों भृङ्गराजो लाजा च सहदेविका। एभिस्तु तिलकं कृत्वा त्रैलोक्यं मोहयेन्नरः।

अपामार्ग–ओंगा, भांगरा, लाजा, धान की खोल और सहदेवी इनको पीस कर उसका तिलक करने से व्यक्ति वांछित व्यक्ति को मोहित करने में सफलसहता है।

बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण टोटकेबॉस को वश में करनाबॉस को इम्प्रेस कैसे करे- किसी भी नौकरी में अगर बॉस अच्छा मिल जाए तो फिर ऑफिस की 90 प्रतिशत समस्याएँ अपने आप ही हल हो जाती हैं. लेकिन अच्छा बॉस मिलना एक बहुत ही कठिन काम होता है. हर बॉस चाहता है कि वह आपने ऑफिस के कर्मचारियों से ज़्यादा से ज़्यादा काम ले. एक बॉस को अपने कर्मचारी से बहुत ज़्यादा उम्मीदें होती है. ऐसे में एक बॉस से हमेशा अच्छा व्यवहार और सहयोग मिले ये ज़रूरी नही है. अगर आपके ऑफिस में भी आपको अपने बॉस के साथ तालमेल बिठाने में या उनका सहयोग पाने में परेशानी हो रही है तो आप बॉस वशीकरण का सहारा ले सकते हैं|

बॉस वशीकरण
बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण की सहायता से आप बहुत ही आसानी से अपने बॉस का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं और नौकरी में उन्नति और वेतन, छुट्टी, बोनस आदि में विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं. बॉस का सहयोग और समर्थन आपको अपनी नौकरी में उच्चपद प्राप्त करने में बहुत उपयोगी होता है. आप यहाँ दिए गए बॉस वशीकरण उपायों से अपने काम आसन कर सकते हैं|

अगर आप चाहते हैं कि आपका बॉस आपके वश में रहे तब होली के एक दिन बाद ये टोटका करें. होली के अगले दिन बॉस की एक फ़ोटो लेकर उसे पर थोड़ा सा शहद और घी लगा दें. अब एक कुल्लड़ लेकर इसमे थोड़ा दही डाल दें और थोड़ी सी मात्रा में होलिका की राख को भी इसमें डाल दें. अब इस कुल्लड़ को फ़ोटो के ऊपर रख दें. इसके बाद इसे किसी लाल रंग के कपड़े में बांधकर किसी ऊँचे स्थान पर रख दें. इस टोटके के प्रयोग से आपके बॉस पर आपका वशीकरण हो जायेगा और बॉस का व्यवहार आपके प्रति काफी बेहतर हो जायेगा|

आप बॉस वशीकरण के लिए ये एक छोटा सा टोटका ज़रूर करें. आपको अपने बॉस का हस्ताक्षर किया हुआ कोई भी कागज लेना होगा. जहाँ पर आपके बॉस ने हस्ताक्षर किया है वहां पर काले या लाल रंग की स्याही वाले पेन से गोल-लोग घेरा बनाते जाएँ और कल्पना करें कि बॉस को आप मोटे रस्सों से जकड़ रहे हैं. अब इस कागज को कहीं कीचड़ में गाड़ दें या फिर कहीं गड्डा करके उसके अंदर दबा दें. कुछ ही दिनों में आप अपने बॉस के व्यवहार में आश्चर्यजनक बदलाव देखेंगे|

बॉस को इम्प्रेस कैसे करे?

कौन नही चाहता कि बॉस उसकी बात को महत्व दे और उसकी बात से सहमत हो. आप एक छोटा का बॉस वशीकरण का उपाय करें. जब भी बॉस से आपकी मीटिंग हो आप घर से कुछ सरसों या राई के दाने लायें और बॉस जिस कुर्सी पर बैठते हो उसके ऊपर डाल दें. इस छोटे से उपाय से आपका बॉस आपसे सहमत होगा और आपके पक्ष में निर्णय लेने लगेगा| अगर आपके ऑफिस में कोई काम बिगड़ जाता है तो बॉस का गुस्सा होना एकदम स्वाभाविक है. कई बार किसी न किसी को बॉस के कोप का भाजन बनना पड़ता है. अगर आप चाहते हैं कि आप बॉस के गुस्से बचे रहें तो ये प्रयोग करें. आप पांच लौंग और एक नींबू लेकर उसे अपने रुमाल में बाँध लें और ऑफिस जाते समय इसे आपने जेब के अंदर रख लें. इस प्रयोग से आपकी गलती होने पर भी बॉस आपको ज़्यादा कुछ नही कह पाएंगे और माफ़ कर देंगे|

बॉस वशीकरण टोटके

आप शुक्ल पक्ष में रविवार के दिन बॉस वशीकरण का ये प्रयोग करें. इस दिन सवेरे स्नान आदि से निपट कर 5 लौंग लेकर अपने शरीर पर ऐसी जगह रखें जहाँ पर आपको पसीना अधिक आता है. अब इन लौंग को धूप में सूखा लें और पीसकर पाउडर बना लें. इस पाउडर को चाय, पानी, दूध या शरबत में मिलाकर अपने बॉस को पिला दें. इस छोटे से टोकते से बॉस को वश में करने का उपाय पूरा हो जाएगा. इसके प्रयोग के बाद आपका बॉस हर तरह से नौकरी में आपकी मदद के लिए प्रयास करने लगेगा|

अगर आपकी ये चाहत है कि आप अपने ऑफिस में चर्चित और बॉस के विश्वास पात्र बन जाएँ तो ये प्रयोग 21 दिन तक लगातार करें. आप हल्दी, गौमूत्र, पान का रस, सरसों, गौ-घृत, को एकसाथ मिलाएं और उसका अपने मस्तक पर तिलक करने के बाद ही ऑफिस जाएँ. इस प्रयोग को प्रतिदिन 21 दिन तक दोहराने पर बॉस और पूरे ऑफिस पर आपका वशीकरण हो जायेगा और आपकी तरक्की और उन्नति ने नए रास्ते खुलने लगेंगे|

आप बॉस को किसी दिन घर पर आने के लिए निमंत्रण दें. जब आपका बॉस आने के हाँ कर दें तो एक रात पहले गाय के दूध लेकर इसमें 5 इलायची, 5 लौंग और पांच सुपारी भिगो दें. जब बॉस आपके घर आये तो उन्हें खीर बनायें और उसमे ये लौंग, इलायची और सुपारी को दांत से चबाकर डाल दें. जब आपका बॉस इसे खायेगा तो उस पर आपका पूर्ण वशीकरण हो जायेगा| अगर आप शीघ्र प्रमोशन चाहते हैं तो उसके लिए ये उपाय करें. आप लगातार 40 दिनों तक हर रोज अपने बॉस का नाम लेकर एक लौंग लें और उसे जलाएं. इस टोटके को करने से आप देखेंगे कि आपका बॉस आपकी हर बात में सहमति दिखाने लगा है. इस प्रयोग से आपके प्रमोशन के अवसर बढ़ जायेंगे|

बॉस को वश में करना

अगर आपकी कुंडली में वृहष्पति कमजोर है तब आपको इसको मज़बूत करने का उपाय करना चाहिए. वृहष्पति को मज़बूत करने पर आपके अपने बॉस से संबंध सकारात्मक हो जाते हैं. आप प्रतिदिन स्नान आदि करने के बाद केसर से तिलक करें. इसके अलावा केले के सेवन से भी वृहष्पति की स्थिति मज़बूत होती है| अगर आपका बॉस कोई स्त्री है तो आपको उसे अपने पक्ष में करने हेतु इस बॉस वशीकरण टोटके को करना चाहिए. स्त्री बॉस के वशीकरण के लिए एक चांदी गिलास में थोड़ा सा पानी लेकर पी लें. इसके बाद अपनी स्त्री बॉस का नाम लेकर थोड़ा सा कपूर जला दें. इस आसान से प्रयोग से आपकी महिला बॉस पर आपके वशीकरण का प्रभाव हो जायेगा|

अब जानते हैं कि बूढ़े बॉस को इम्प्रेस कैसे करे. अगर आपका बॉस बूढ़ा है तो आपको ये आसन सा बॉस वशीकरण का टोटका करना होगा. आप एक शनि यंत्र लेकर इसकी धुप-दीप से पूजा करें और इसे अपने गले में पहन लें. इस आसन से उपाय से आपका बूढ़ा बॉस आपके वश में हो जायेगा. आप बूढ़े बॉस के वशीकरण के लिए शनि को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करें. शनिवार के दिन मदिरा मांस से दूर रहें| कार्यालय में बॉस का सहयोग आपकी तरक्की के लिए बहुत ज़रूरी होता है. एक सहयोगी बॉस आपके लिए सुनहरा भविष्य और प्रसिद्धि के द्वार खोल सकता है. इसलिए यहाँ दिए गए बॉस वशीकरण के टोटके और उपायों को अवश्य आजमायें|

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ मंत्र साधनागोरखनाथ शाबर मंत्रगुरु गोरखनाथ के उपाय- गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि तीव्र असर करने वाली तंत्र विद्या के अंतर्गत आती है. इस विद्या को उपयोग में लाने से पहले आवश्यक दिशा-निर्देशों को जान लेना ज़रूरी है. प्राचीन तंत्र विद्या में भगवान शिव के मुख से निकले मंत्रो को भी शामिल किया गया है. इन मन्त्रों का असर तीव्र होता है. इसलिए गोरखनाथ विद्या का प्रयोग करने वाले को सावधानियां बरतनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि
गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि एक प्राचीन तंत्र विद्या है. इसका प्रयोग करके कोई भी साधक अपनी ज़िन्दगी में सफलता प्राप्त कर सकता है. इस वशीकरण साधना में किसी व्यक्ति को सम्मोहित करके उससे अपने अनुरूप काम करवाना जा सकता है.

गुरू गोरखनाथ चैरासी सिद्धियों में प्रमुख माने जाते हैं. इनका दूसरा नाम गोरक्षनाथ भी है. वे योगी, अवधूत, और सिद्ध हठयोगी पुरुष माने जाते हैं. गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में कुछ ख़ास मंत्र दिए गए हैं जिनके प्रयोग से आश्चर्यजनक से परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं. इनके द्वारा सिद्ध किया गया शाबर मंत्र अपने आप में बहुत असरदार है.

गुरु गोरखनाथ ने कई शाबर मन्त्रों की रचना की थी. नाथपंथ के अनुसार भगवान शिव को आदिनाथ भी कहा जाता है. उन्होंने तंत्र-मंत्र की विद्या भीलों को प्रदान की थी. भीलों से ये विद्या मत्स्येन्द्रनाथ तक और फिर गुरु गोरखनाथ तक पहुंची.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में शक्तिशाली शाबर मन्त्रों का प्रयोग करने से पहले गुरु गोरखनाथ को मन्त्रों से प्रसन्न करना बहुत फायदेमंद होता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

सत नमो आदेश! गुरूजी को आदेश!

ॐ गुरूजी!

डार शाबर बर्भर जागे, जागे अढ़ैया और बराट

मेरा जगाया न जाग,

 तो तेरा नरक कुंड मं वास!

दुहाई शाबरी माई की!

दुहाई शाबरनाथ की!

आदेश गुरु गोरख की!!

 

इस मंत्र के लिए एक गोबर का कंडा कर सुलगाएं. अब इस पर गुगुल डालें और इस मंत्र का उच्चारण करें. इस मंत्र को जाग्रत करने के लिए इसका 108 बार उच्चारण करें. इस विधि के अनुसार लगातार 21 दिनों तक मन्त्रों का जाप करना चाहिए.

गोरखनाथ विशिकरण सिद्धि में किसी मंत्र के द्वारा किसी को अपने वश में किया जा सकता है. वशीकरण के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

ओम एक नमक रमता माता, दूसरा नमक विरह से आता।

तीसरा नमक औरी-बौरी, चैथा नमक रहै कर जौरी।

यह नमक अमुक 1 खाए, अमुक 2 को छोड़ दूसरा नहीं जाए।

दुहाई पीर औलिया की, जो कहे सो सुने।

जो मांगे सो देय। दुहाई गौरा पर्वती की।

दुहाई कामख्या की। दुहाई गुरू गोरखनाथ की।

इस मंत्र में अमुक1 और अमुक2 आया है. इसके लिए जब आप मंत्र का उच्चारण करें तो अमुक1 की जगह वशीकरण करने वाले का नाम लें तथा अमुक2 की जगह जिसको वश में करना है उसका नाम लें. इस मंत्र को मुख्य रूप से किसी स्त्री को वश में करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि से जीवन साथी का वशीकरण करने के लिए पाने के पत्ते के डंठल को घिस कर तिलक लगायें. इसके प्रयोग से आपके जीवनसाथी या प्रेमी पर आपका आकर्षण सदैव बना रहेगा.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में बिगड़े हुए पति को रास्ते पर लाने के लिए भी मंत्र है. अगर किसी स्त्री का पति व्यभिचारी है और दूसरी स्त्रियों के पीछे पागल रहता है तो ये मंत्र उपयोगी होता है.

मंत्र: ओम काम मालिनी ठः ठः स्वाहा!

ओम र्हीं क्लीं कलिकुंड स्वामिनी अमृत वक्र अमुकं जुमभय मोहय स्वाहा!!

अगर आप एकसाथ कई लोगों को अपने वशीभूत करना चाहते हैं तो इसके लिए भी गोरखनाथ मंत्र साधना में मंत्र उपलब्ध हैं. अगर आप चाहते हैं हर कोई आपकी बात को महत्व दे और आपकी बातों की उपेक्षा न करे तो इस मन्त्र का जाप 108 बार करें.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मन रंजनी सर्वषान महातगे कुवरी के नंद नंद जिव्हे सर्व जगत वश्य मानय स्वाहा!!

गुरु गोरखनाथ के उपाय में ये मंत्र भी बहुत कारगर है. इस मंत्र का उपयोग किसी भी वशीकरण के प्रभाव को नष्ट कर देता है. वशीकरण का प्रभाव नष्ट करने के लिए सात नदी या सात कुओं से पानी ला कर वशीभूत व्यक्ति को इस मंत्र का उच्चारण करते हुए नहलाया जाता है. यह उपाय बिमारियों से भी मुक्ति दिलाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम वज्र में कोठा, वज्र में ताला, वज्र में बंध्या दस्ते द्वार,

तहां वज्र का लग्या किवाड़ा!

वज्र में कील, जहां से आया तहां से जावे,

जाने भेजा, जाकूं खाए, हमको फेर न सूरत दिखाए!

हाथ कुं, नाक कुं सिर कुं पीठ कुं कमर कुं छाती कुं!

जो जोखो पहुंचाए, तो गुरु गोरखना की आज्ञा फुरे!

मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र इवरोवाचा!

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में एक अन्य बहुत ही सिद्ध मंत्र होता है. इस मन्त्र के लिए कोई विशेष विधि करने की आवश्यता नही होती है. इस मंत्र का जाप 31 बार रात के समय करना चाहिए. यह मंत्र इस प्रकार है:

ॐ नम: महादेवी सर्वकार्य सिद्धिकर्णी जो पाती पुरे,

ब्रह्म: विष्णु महेश तीन देवतन मेरी भक्ति गुरु की,

शक्ति श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरो मंत्र ईश्वर वाचा!!

 

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि को करने के लिए आपको कुछ ज़रूरी बाते ध्यान में रखनी चाहिए. अगर आप इन बातों को ध्यान में रखकर विधिपूर्वक मंत्रो का जाप और साधना करते हैं तो आपको काफी अच्छा परिणाम बहुत ही कम समय में देखने को मिल जायेगा.

गोरखनाथ के उपाय करते समय ध्यान रहे कि आप इनका प्रयोग किसी सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए कर रहे हों. गोरखनाथ के उपायों किसी विशेष प्रकार की विधि की आवश्यता नही होती है. अपने सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए इनका प्रयोग आशाजनक परिणाम देता है साथ ही इनके प्रयोग से किसी के द्वारा किये गए वशीकरण के प्रभाव को नष्ट भी किया जा सकता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है. कोई भी व्यक्ति बिना किसी सिद्ध गुरु के बैगर इन मंत्रो के जाप से लाभ प्राप्त कर सकता है. इन मंत्रो और साधनाओं को करने के लिए लाल या सफ़ेद रंग का आसन उपयुक्त होता है. इन मंत्रो का जाप करते हुए गुरु गोरखनाथ के प्रति मन में पूर्ण श्रद्धा होनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि का प्रयोग करने पर कोई भी साधक अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है. आप अपने उद्देश्य के प्रति एकाग्र हो कर अगर गोरखनाथ के उपाय करेंगे को आपको निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी.

पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय

पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय

अगर आप अपने पति को पराई स्त्री से दूर करना चाहती हैं तो आपको निराश होने की आवश्यता नही है. क्योंकि यहाँ दिए गए अपनी पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय/सौतन से छुटकारा पाने के उपाय आपके लिए काफी उपयोगी साबित होंगे.

अगर आपका पति पराई स्त्री के रूप यौवन के पीछे दीवाना हो जाए तो आपकी खुशियों को ग्रहण लग जाता है. ऐसे में कोई भी चीज़ आपको सुख नही देती. आपके पास एक ही उपाय होता है कि किसी तरह आप अपनी सौतन से छुटकारा पायें.

पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय
पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय

हालाँकि पुराने समय में एक से अधिक स्त्रियाँ रखने का चलन था. लेकिन अब परिस्थितयां बदल चुकी है और कानून भी बदल चूका है. इसलिए ये सौतन आपके लिए नही मुसीबत खड़ी करे, इससे छुटकारा पा लेना ही बेहतर है.

शादी के शुरुआत में तो आपके पति आपसे काफी प्रेम करते हैं. लेकिन 2-3 वर्षों के बाद उनका आपके प्रति आकर्षण कम होने लगता है. अब उनका ध्यान इधर-उधर भटकने लगता है. ऐसे में आपका मन अशांत और परेशान होने लगता है.

अगर आस पड़ौस या ऑफिस में खूबसूरत और जवान लड़कियाँ होती हैं तो आपके पति का मन विचलित होने में देर नही लगती. आपकी कोशिश रहती की आपकी सौतन न रहे. लेकिन आज की जीवन शैली और टीवी को देखकर कोई भी मचल सकता है.

अगर आपका पति किसी भी कारण से पराई स्त्री के चुंगल में फँस गया है तो उससे छुटकारा पा सकती हैं. सौतन से छुटकारा मंत्र और सौतन को दूर करने का टोटका इसमें आपकी मदद करेंगे.

यहाँ पर सौतन को दूर करना का टोटका बताया जा रहा है. इस टोटके के पीछे ये सिद्धांत है कि आप अपने पति पर आपना प्रेम जाल फैला दें. इससे सौतन का आकर्षण ख़ुद ब ख़ुद समाप्त हो जायेगा. ये टोटका इस तरह से है:

ये उपाय आपको भगवान श्री कृष्ण का नाम ले कर करना है. शुक्रवार के दिन 3 इलायची लें. इन्हें अपने पहने हुए परिधान में लपेट कर रख लें. अगले दिन शनिवार को इन्हें पीस कर खाने में मिला कर अपने पतिदेव को खिला दें. इस टोटके को लगातार 3 शुक्रवार करें. ऐसा करने पर आपक पति ख़ुद ब ख़ुद आपके प्यार में दीवाना होने लगता है. और सौतन अपने आप दूर हो जाती है.

इसी सिद्धांत पर आधारित एक और उपाय है. इस उपाय से आपके पति पर आपके रूप सौन्दर्य का जादू चढ़ जायेगा और वह सौतन से कोसों दूर हो जायेगा. ऐसा करने के लिए आपको अपने पति को एक ख़ास किस्म का तिलक लगना है. तिलक लगने की विधि इस प्रकार है:

नारियल, कपूर और धतूरे के बीजो को पीस ले. जब भी आपका पति सामने हो, आप इसका तिलक लगायें. इसके आपका पति आपके प्रेम में पागल होने लगेगा और आपकी सौतन से दूर होने लगेगा. इस उपाय को पूरे आत्म-विश्वास के साथ नियमित करें. आपको इससे काफी अच्छा परिणाम प्राप्त होगा.

एक और सौतन से छुटकारा मंत्र है. पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय मंत्र के रूप में है. इसका नियमित उच्चारण करने से आपके यौवन की शक्ति बढ़ जाती है. अगर आपके यौवन में दमदार ताकत है तो आपके पति फिर से आपके प्यार में पड़ जायेंगे. ये कामदेव का पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय/मंत्र है:

ओम कामदेवाय विद्यम्हे, रति प्रियायै धीमहि, तन्नो अनंग प्रचोदयात्।

अपने प्रभाव को मज़बूत करने के लिए शाबर मंत्र का प्रयोग भी करें.

सौतन से छुटकारा शाबर मंत्र :

ओम नमो भगवते कामदेवाय यस्य यस्य दृश्यो, भवामि यस्य यस्य मम मुखं पश्यति तं तं मोहयतु स्वाहा।

पति पर अपने यौवन का जादू डालने का मंत्र. ये शुक्र गृह का मंत्र है. इसके आपके यौवन का प्रभाव बढ़ जायेगा. शुक्र मंत्र – ओम दां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः

आपके पति का दूसरी औरत या लड़की के प्रति आकर्षित होने का मतलब है कि उन्हें आपके प्यार नही मिल पा रहा है. इसलिए आपकी कोशिश रहनी चाहिए कि आप अपने पति की शारीरिक और भावनात्मक ज़रूरतों का ख़ास ख़याल रखें. साथ ही पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय भी लगातार करती रहें.

अगर आप अपने पति से सच्चा प्यार करती हैं, तो किसी सौतन को उन्हें आपसे छीनने के हिम्मत नही हो सकती. पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय पूरे मनोयोग से करना चाहिए. आप कोशिश करें कि आपके बीच क्लेश उत्पन्न न हो. घर में प्यार का वातावरण हो तो प्रेम का स्वाभाविक रूप से बढ़ जाता है.

सौतन से छुटकारा मंत्र बहुत कारगर होता है. घर से क्लेश मिटाने के लिए इस मंत्र का ४२००० बार उच्चारण करें. मंत्र इस प्रकार है:

धाम धिम धूम धुर्जट पत्नी वां वीं वुम वागधिश्वरी।

क्राम क्रीम कृम कालिका देवि, शाम शिम शुम शुभम कुरु।।

इस मन्त्र का जाप आप सुबह माँ दुर्गा या काली देवी की तश्वीर की सामने करें. धुप बत्ती और फूल अर्पित करने के बाद इस मंत्र का उच्चारण करें. ऐसा करने पर आपके घर में सुख शांति की बरसात होने लगेगी.

सौतन को दूर करने का टोटका ये टोटका काफी उपयोगी साबित हुआ है. इस टोटके में साबूत पान के पत्ते पर कपूर और चन्दन लगायें. इनके मिश्रण से एक तिलक लगायें और पति या उनकी तस्वीर के शामने जाएँ. ये उपाय 43 दिन तक करना चाहिए. 43 दिन तक प्रयोग करने के बाद इस पत्तों को बहते पानी में छोड़ दें.

पति को पराई स्त्री से दूर करने का उपाय जो यहाँ दिया गया है, बहुत कारगर साबित हुआ है. इस उपाय के अनुसार आपको माहवारी के दौरान रात में पति की छोटी से कुछ बाल काट लेना है. याद रहे आपके पति को इसके बारे में कुछ पता नही चलान चाहिए. कुछ दिनों बाद इन बालों को जला कर पैरों से कुचल दें. और घर से बाहर फैक दें. ऐसा करने पर धीरे-धीरे आपके पति की अकल ठिकाने आने लगेगी और आप सौतन के झंझट से मुक्त हो जाएँगी.

यहाँ एक और सौतन को दूर करने का टोटका बताया जा रहा है. इस टोटके के परिणाम भी बड़े ही चमत्कारिक होते हैं. ये टोटका इस प्रकार है:

इस टोटके में आपके रविवार के दिन अपने शयनकक्ष में अपनी सौतन का नाम ले कर गुगुल की धुनी दें. ऐसा पूरी श्रद्धा से लगातार 4 रविवार तक करें. इसके आपको बड़ा लाभ होगा.

इसमें से कोई भी पति को पराई स्त्री दूर करने का उपाय आपके काफी काम आ सकता है. आपको इनको करते हुए मन में प्रेम और विश्वास रखने के आवश्यकता होगी. आपका प्रबल मनोबल इसमें आपके काफी काम आएगा.

महावशीकरण सिद्ध तांत्रिक ताबीज यंत्र

महावशीकरण सिद्ध तांत्रिक ताबीज यंत्र

महावशीकरण सिद्ध तांत्रिक ताबीज यंत्र- कई बार हम ऐसी परिस्थिति में आ फंसते हैं जब हमारे पास तंत्र-मंत्र और यन्त्र के उपायों का सहारा ही एक मात्र उपाय बचता है। जब तक हो सके इंसान सांप, सीढ़ी, वैश्या और ज्योतिषी से दूर रहना पसंद करता है पर जैसा की कहावत है की जब घी सीढ़ी उंगली से नहीं निकलता तो उंगली टेढ़ी करनी पड़ती है।

महावशीकरण सिद्ध तांत्रिक ताबीज यंत्र
महावशीकरण सिद्ध तांत्रिक ताबीज यंत्र

महावशीकरण एक ऐसा उपाय है जिसमें हम तंत्र विद्या और मंत्र विद्या और यन्त्र विद्या के ज़रिये दुर्लभ ढंग से किसी से वो काम करा सकते हैं जो वह अपने आपे में नहीं करने को तैयार होता। हमें यह बात एकदम साफ़ कर लेनी चाहिए की यह कार्य केवल और केवल तब ही किया जाये जब और बाकी सारे तरीके विफल हो गए हों। लेकिन आखिर क्यों करें वशीकरण के उपाय ? क्या मिलता है वशीकरण सिद्ध तांत्रिक ताबीज़ से ?

वशीकरण करने से आप किसी और इंसान को अपने वश में कर सकते हो – जैसे की सब के साथ होता है, वशीकरण करना आवश्यक होता है, बॉस को ऑफसर की डांट की वजह से, बीवी को पति की आदतों के बिगड़ने के वजह से, माँ-बाप को बच्चों की हिफाज़त की वजह से, प्यार-मोहब्बत जताने वाले लोगों को अपना प्यार पाने के लिए, युद्ध पे गए लोगों को क्षत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए।

वशीकरण से इंसान अपनी पर्सनालिटी और व्यक्तित्व को संवार लेता है – जब कोई व्यक्ति अपने आपको आकर्षक नहीं पाता तो वह दुस्सहित हो उठता है, वह बेवजह परेशान रहने लगता है, मायूसी में डूब जाता है और फ़ालतू के ख़यालों में खो जाता है। ऐसे में वशीकरण करने से आप अपने आपको आकर्षक, सुन्दर, एक अच्छी पर्सनालिटी और व्यक्तित्व वाला पाएंगे।

वशीकरण से आप अपना साहस और बल बढ़ा पाएंगे, आप पाएंगे की आप रोज़ाना ही अपना कॉन्फिडेंस बढ़ता देख पाएंगे और समय के साथ और चटक-दार तथा अच्छे हाव-भाव वाले बन जाएंगे, यह सब आपके महावशीकरण सिद्ध तांत्रिक ताबीज़ से हो पायेगा।

वशीकरण से आप अपने प्यार को इस दुनिये के मेले में खो देने से बचा पाएंगे – आपको यह करना होगा की आप बस इस विधि का प्रयोग करें और फिर देख पाएं की वशीकरण से आप अपने खोये या भूले-भटके साथी को वापस आता पाएंगे। आपकी दुनिया में वापस ख़ुशी की लहर दौड़ जाएगी और आप एक सफल इश्क़ के हक़दार हो जायेंगे।

आप अगर शादी-शुदा हैं तो आप जानते हैं की सुहाग में अड़चन पड़ जाना कितना सरल है और उससे दूर करना कितना मुश्किल बात है, अगर आप पहले से ही वशीकरण का प्रयोग करते हैं तो ऐसा नहीं होगा और अगर आप बाद में इसका प्रयोग करते हैं तो आपकी बिगड़ती हुई पर्तिस्थिति बदल जाएगी और आप वापस खुश हो जायेंगे और ज़िन्दगी का लुत्फ़ उठा पाएंगे।

अगर आप निराशाजनक सोच में पड़ गए हैं या फिर बहुत परेशान रहते हैं तो चाहे आपको कोई लाख समझाए आपकी टेंशन दूर करना तो आसान नहीं हैं मगर अगर आप हमारे बताये हुए रास्ते पे चलेेँगे तो आप पाएंगे की आप का दिमागी कूड़ा अपने-आप बाहर निकल जायेगा और आप एक सुखमई जीवन वापस जी पाएंगे। इस ताबीज़ को बनाने के लिए किसी भी पूर्णिमा या अमावस्या को सवेरे नहा-धो लें और साफ़ कपडे पहन कर पूजा कक्ष में बैठ जाएं, फिर बताये हुए मंत्र को अभिमंत्रित कर के, एक कागज़ के ऊपर लाल कलम से वही मंत्र लिख दें, अब इसे मोड़ कर खोके में बंद करके पहनाने के लिए तैयार कर लें।

मंत्र जो की पढ़ना और लिख देना है है –

“   शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्

येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत

न कवचं नार्गलास्तोत्रं कीलकं न रहस्यकम्

न सूक्तं नापि ध्यानं च न न्यासो न च वार्चनम्

कुञ्जिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्

अति गुह्यतरं देवि देवानामपि दुर्लभम्

गोपनीयं प्रयत्‍‌नेन स्वयोनिरिव पार्वति

मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्

पाठमात्रेण संसिद्ध्येत् कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्

अथ मन्त्रह

ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे

ओम ग्लौं हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहाः

इति मन्त्रह

नमस्ते रूद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनिः I

नमह कैटभहारिण्यै नमस्ते महिषार्दिनि II

नमस्ते शुम्भ-हन्त्र्यै च निशुम्भासुरघातिनि I

जाग्रतम हि महादेवि जपं सिद्धम कुरूष्व मे II

ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रति-पालिका I

क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते II

चामुण्डा चण्डघाती च यैकारी वरदायिनी I

विच्चे चाभयदा नित्यं नमस्ते मन्त्ररूपिणि II

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्‍‌नी वां वीं वूं वागधीश्‍वरी

क्रां क्रीं क्रूं कालिका देवि शां शीं शूं मे शुभं कुरु

हुं हुं हुंकार-रूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी

भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं

धिजाग्रं-धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु-कुरु स्वाहा

पां पीं पूं पार्वती पूर्णा खां खीं खूं खेचरी तथा

सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्र-सिद्धिं कुरुष्व मे

इदं तु कुञ्जिकास्तोत्रं मन्त्रजागर्तिहेतवे I

अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति II

यस्तु कुञ्जिकाया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् I

न तस्य जायते सिद्धिररण्ये रोदनं यथा II

इति श्रीरुद्रयमले गौरी-तन्त्रे शिव-पार्वतीसंवादे कुञ्जिकास्तोत्रं सम्पूर्णम “

इस मंत्र को पढ़कर उसे लिख देने के बाद और तावीज़ बनाने के बाद उससे पहना दें।

यह न भूलें वशीकरण ताबीज़ पहनने की जानकारी लोगों को कतई न दें, लोगों को पता चल जाने पर इस ताबीज़ का असर स्वाभाविक रूप से कम हो जायेगा। आप अपना कार्य चुपचाप करें और उसके पश्चात् पूजा कक्ष छोड़ दें और दिनचर्या में लीं हो जाएं। आप कुछ ही दिनों में पाएंगे की आपका काम सफल हो रहा है, लोग जिन्हें आप अपनी तरफ खींचना चाहते हैं आपकी ओर चले आएंगे और जो लोग आपको हानि पहुंचाते हैं वह आपसे दूर जा रहे हैं। यह कार्य संपन्न होना स्वाभाविक है क्यूंकि यह उपाय बहुत ही जाना-माना और कारगर है।

आपको केवल यह ध्यान में रखना होगा की लोग इन चीज़ों के बारे में जाने नहीं। आप इसके पश्चात अपनी रोज़ की पूजा करते रहेें और ताबीज़ की ओर बिलकुल भी ध्यान नहीं दें, इसकी कोई ज़रुरत ही नहीं है। आपका कार्य संपन्न होगा और आप अपने जीवन में जो कुछ भी खो बैठे थे वापस अपने करीब आता पाएंगे। आपके इस सफल कार्य में दुर्गा सप्तशटी के कुछ श्लोकों का हाँथ है ! यह श्लोक मार्कण्डेय पुराण से लिए गए हैं और इनमें इतनी शक्ति है की ये आपका कार्य अवश्य सफल करवाएंगे।

पूर्णिमा के दिन वशीकरण टोटके

पूर्णिमा के दिन वशीकरण टोटके

यदि आप किसी स्त्री से प्रेम करते हैं तथा उसे अपने वश में करना चाहते हैं तो उसके लिए आपको एक छोटा सा उपाय करना होगा इस उपाय को करने के पश्चात वह स्त्री आपके प्रेम में पूर्णता वशीभूत हो जाएगी तथा आपकी समस्याओं का पालन करेगी|

पूर्णिमा के दिन वशीकरण टोटके
पूर्णिमा के दिन वशीकरण टोटके

वशीकरण विधि

यह मंत्र साधना आपको पूर्णिमा के ८ दिन पहले प्रारंभ करनी है तथा पूर्णिमा के दिन समाप्त करनी होगी इसके लिए आप सुबह स्नान कर स्वच्छ हो जाएं एवं दिन भर कोई भी अनैतिक कार्य ना करें तथा रात्रि में किसी एकांत स्थान पर शुद्ध वस्त्र का आसन लगा कर बैठ जाए और अपना मुख उस स्त्री के घर की दिशा की ओर करे तथा अपने पास एक जल से भरा पात्र रखें और उसमें दीपक व धूपबत्ती आदि जलाएं और एकाग्र होकर मंत्र जाप करें मंत्र जाप की कोई सीमा नहीं है तथा स्त्री का चित्र अपने मन मस्तिष्क में अवतरित करें यह क्रिया निरंतर आपको पूर्णिमा के दिन तक करनी होगी इस मंत्र विधि के संपन्न होने के पश्चात आप पाएंगे कि वह स्त्री आपके वश में हो गई है तथा आपकी समस्त इच्छाओं का पालन करने लगेगी ।

मंत्र

मोहनी माता भूत पिता भूत सिर बेताल उड़ ऐ काली नागिन को जा लाग ऐसी जा के लग की नागिन को लग जावे हमारी मोहब्बत की आग ना खड़े सुखना लेटे सुख ना सोते सुख सिंदूर चढ़ाऊं मंगलवार कभी ना छोड़े हमारा ख्याल जब तक ना देखे हमारा मुंह काया तड़प-तड़प मर जाए चलो मंत्र फिरो वाचा दिखाओ रे शब्द अपने गुरु के इल्म का तमाशा।

सावधानियां

यह मंत्र जाप करते समय इस बात का ध्यान रखें की आपको इसके ऊपर कोई शक न करे और किसी एकांत स्थान पर ही करें तथा किसी से द्वेष की भावना के लिए इस क्रिया को ना करें अन्यथा यह सफल नहीं होगी तथा उचित फल नहीं देगी।

 

शरद पूर्णिमा के टोटके

:- शरद पूर्णिमा को अत्यंत शुभ दिन माना जाता है इस दिन आंवले की पूजा की जाती है तथा ऐसा करने से घर में लक्ष्मी का प्रवेश होता है

:- किसी शरद पूर्णिमा के दिन आठ कमल के पुष्प अष्टलक्ष्मी की मूर्ति पर चढ़ाएं एवं महालक्ष्मी अष्टकम का पाठ करें ऐसा करने से निर्बल निर्धन व्यक्ति भी धनवान बन जाता है और माता लक्ष्मी उसकी समस्त इच्छाएं पूर्ण करती हैं

:- किसी शरद पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान कर स्वच्छ होकर आसन लगा कर बैठ जाएं उसके बाद केसर को लेकर उस को घिसकर पेस्ट बना लें तथा उससे शंख के ऊपर स्वास्तिक बनाएं तत्पश्चात माता महालक्ष्मी के १०८ मंत्र उच्चारित करें और चावल अर्पित करें इसके बाद उन सभी चावल को किसी लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें और शंख महालक्ष्मी के प्रतीक के रूप में अपने पास रख ले यह उपाय करने से कभी भी लक्ष्मी की कमी नहीं होती तथा घर में शांति सदैव बनी रहती है

मंत्र

 श्री ॐ ह्नवी ॐ महालक्ष्मी नमः

गुरु पूर्णिमा के टोटके

:- गुरु पूर्णिमा के दिन अपने घर में किसी चांदी के बर्तन को भूमि में दबा दें ऐसा करने से धन की कमी तथा वास्तु दोष से  छुटकारा मिल जाता है

:- गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ होकर आसन लगाकर गीता का पाठ करना चाहिए तथा भगवान श्री कृष्ण  की पूजा करनी चाहिए ऐसा करने से शिक्षा संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं। तथा पढ़ाई में मन लगने लगता है और आपके परीक्षाओं में अनुकूलता आनी प्रारंभ हो जाती है जिस कारण आप हर परीक्षा में सफल हो जाते हैं।

पूर्णिमा के अचूक टोटके

पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है तथा आकाश सुनहरा रंग का दिखाई देता है यह दिन माता लक्ष्मी को अत्यंत प्रिय है इस दिन श्रद्धा और विश्वास से की गई कोई भी साधना पूर्ण होती है तथा उसका फल शीघ्र प्राप्त होता है धर्म और शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा के दिन आराधना करने वाले जातक के जीवन में कभी किसी चीज की कमी नहीं रहती सदा उसके जीवन में धन धान्य विद्या ऐश्वर्य तथा सभी प्रकार के सुख उसको प्राप्त होते हैं और वह कभी जीवन में निराशा के संपर्क में नहीं आता तथा बड़ी से बड़ी  बाधाएँ स्वता ही समाप्त हो जाती है

:- यदि आपके घर में धन की कमी है तथा लक्ष्मी घर में नहीं टिकती जिस कारण दुःखो सामना करना पड़ रहा है  तो इसके  समाधान के लिए आपको किसी पूर्णमासी के दिन सुबह उठकर स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर एक लोटे में जल लेकर उसमें कुछ मीठा डालकर यह चीनी डालकर पीपल के पेड़ में अर्पित करना चाहिए तथा उस पेड़  में कुछ मिठाई भी अर्पित करनी चाहिए ऐसा करने से घर में लक्ष्मी की कमी नहीं होती तथा सदैव खुशियां आती रहती हैं

:- यदि आपका दांपत्य जीवन खुशियों से नहीं भरा हुआ है आए दिन कलाह होती है जिस कारण घर में शांति नहीं है तो आपको प्रत्येक पूर्णिमा के दिन चंद्रमा को दूध का अर्घ्र देना चाहिए ऐसा करने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है तथा घर में शांति और खुशहाली आती है

:- जिस भी व्यक्ति को धन संबंधी कोई समस्या हो तथा उसका धन कहीं फसा हुआ हो जिसको मिलने में कठिनाई हो रही हो उसके लिए आपको किसी पूर्णिमा की रात्रि में कच्चे दूध में चीनी तथा चावल मिलाकर चंद्रमा को आर्ग देना चाहिए तथा ,१०८ बार मंत्र जाप कर अपनी इच्छा अनुसार प्रार्थना करनी चाहिए

मंत्र

ओम एं क्लीं सोमाय नमः

:-  यदि आपके घर में कोई रोग से पीड़ित है तथा परिवार में सुख शांति की कमी है सुख शांति की कमी है और संकटों के कारण आपका जीवन कठिनाइयों से भर गया है तो उसके लिए आपको पूर्णिमा के दिन भगवान शिव पर सफेद फूल चढ़ाना चाहिए तथा साबूदाने की खीर का भोग लगाना चाहिए ऐसा करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं तथा एवं घर में सुख शांति का  प्रसार होता है।

:- पूर्णिमा के दिन अपनी समस्त मनोकामना पूर्ण करने के लिए दूध में चंदन और शहद मिलाकर किसी छायादार जगह से चंद्रमा को अर्घ देना चाहिए ऐसा करने से समस्त इच्छाएं पूर्ण होती हैं|

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण, दोस्तों आज तक हमने आपको वशीकरण के बहुत सारे उपाय बताए हैं। आज हम जिस उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, उसका शीर्षक है हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण यानी कि हाथ पर नाम लिखकर कैसे किसी को वशीकरण करेंगे इस बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके लिए आपको इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा।

अब आपको लग रहा होगा कि कैसे हाथ पर नाम लिखकर हम किसी को भी वशीकरण कर सकते हैं क्या यह संभव है तो हम आपको बता दें कि जी हां, यह बिल्कुल संभव है आप किसी को भी वशीकरण कर सकते वह भी अपने हाथ पर नाम लिखकर कैसे आइए जानते हैं-

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण
हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

यह उपाय  है तो बहुत छोटा सा लेकिन है बहुत लाभकारी अगर आप बिना किसी परेशानी के इस टोटके को अपना सकते हैं तो  हम आपको दावे के साथ कह सकते कि  दुनिया में किसी भी  शख्स को आप अपने हाथ से ही वशीकरण कर सकते हैं वह भी हथेली पर उस शख्स का नाम लिखकर।

इस वशीकरण के टोटके में सिद्धि पाने के लिए आपको 2 चीजों का जुगाड़ करना पड़ेगा– पहला है इलायची और लाल स्याही वाला पेन।

इलायची और लालपेन सबसे पहले आप बाजार से जाकर खरीद कर लेकर आइए। खरीदने का कोई निश्चित समय ,निश्चित दिन नहीं है आप किसी भी दिन खरीद कर ला सकते हैं।

यदि आप बहुत गुस्से वाले प्रकृति के मानव है और आप से हमेशा कोई ना कोई रूठ जाता है तो यह टोटका आपके लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है वह भी टोटकों  के माध्यम से आप आपके ऊपर रूठे हुए लोगों को मना सकते हैं।

इस टोटके में ऐसी शक्ति है जो आपसे रूठ कर दूर बैठे हुए व्यक्ति को भी मना सकता है और आपसे बातचीत करवा सकता है इतना ही नहीं ये टोटका आपके व्यवहार में भी बदलाव ला सकता है आप के गुस्से को भी वशीभूत कर सकता है।

हम आपको पहले भी बहुत बार बता चुके हैं कि वशीकरण एक ऐसा उपाय है जिससे किसी को भी कहीं भी कहीं से भी रहकर ही वशीकरण कर सकते हैं बस आपका उद्देश्य सही हो अगर गलत करने के लिए यह टोटका करेंगे तो आप सफल नहीं होंगे।

ज्योतिष शास्त्र के ज्योतिष आचार्यों का भी यही मानना होता है कि अगर वशीकरण के टोटके आप अच्छा करने के लिए करते हैं तो ठीक है वरना आपको उचित परिणाम भोग करना हो सकता है। आप को रात के 12:00 बजे के बजे के बाद उपाय करने से उसमें सफलता बहुत जल्दी मिलती है। वशीकरण के उपायों को इसीलिए आधे रात में ही किया जाता है क्योंकि उस वक्त परिवेश भी शांत होता है और शांत परिवेश में तो टोटका करना बहुत अच्छा होता है।

ध्यान रखे हाथ से वशीकरण के टोटके को करते वक्त आपको कोई भी ना देखे यदि आपको यह टोटका करते हुए कोई भी देख लेता है तो आपको इस टोटके में बिल्कुल भी सफलता नहीं मिलेगी इसलिए हम आपको बार-बार इसी बात पर जोर दे रहे हैं कि इस टोटके को आप को  आधी रात को ही करना है जिस वक्त सब लोग सोए हुए हो और कोई भी आपको यह टोटका करते हुए न देखे जिससे आपको आसानी से सफलता मिल सके।

अब हम आपको बता दें कि किसी भी शनिवार के दिन रात के 12:00 बजे के बाद आप दो इलायची एवं लाल पेन लेकर अपने   बाए हथेली पर उस व्यक्ति का नाम लिखिए जिस व्यक्ति को आप वशीभूत करना चाहते हैं, उस व्यक्ति का नाम लिखिए जो आप से नाराज होकर कहीं दूर चला गया और आप हमेशा के लिए चाहते कि वह व्यक्ति आपके जिंदगी में वापस आ जाए और कभी भी आपसे ना रूठे।

अब आप अपने बाए हथेली पर अपने दाहिने हथेली से उस व्यक्ति का नाम लिखे जो व्यक्ति आपसे नाराज है और उसी व्यक्ति को आप मनाने के लिए यह टोटका कर रहे हैं जैसे  रोहन ध्यान रखे आप रोहन को मनाने के लिए है यह टोटका करें जिससे वह आपसे पहले जैसा ही बात करें आप दोनों के बीच में जो भी अन- बन हुई है ,वह पूरा खत्म हो जाए इसलिए आप इस टोटके को अपना रहे हैं इसलिए नाम लिखते वक्त आपको प्रार्थना करनी है ईश्वर से की है उस पर रोहन मुझसे वशीभूत हो जाए।

उपाय को करने के बाद आपको बाए हथेली के पर नाम लिखने वाले स्थान पर उन दो इलायची को रखना है और अपने हाथ की मुट्ठी को कसकर बांध कर रखना है। मुट्ठी आपको तब तक बांध कर रखना है जब तक कि आपके हाथ से पसीना नहीं निकल जाता। ध्यान रखें जब भी आप की हाथ की मुट्ठी बंद हो तो वह इस तरीके से बंद हो जिससे उसके अंदर हवा भी ना जा पाए वरना पसीना नहीं आएगा और आप का टोटका असफल हो जाएगा।

  वशीकरण  कुरु  कुरु  स्वः

फिर इस मंत्र का जाप आपको करना पड़ेगा उपाय करने के बाद और जैसे ही आप 51 बार इस मंत्र को पढ़ ले वैसे ही आप उन दो इलायची को किसी ऐसे स्थान पर रख दीजिए जहां पर कोई ना जाए या फिर जहां पर कोई उस इलायची को ना देख सके किसी ऐसे गुप्त स्थान पर आपको इलायची को छुपा कर रखना है।

जब इलायची सूख जाए तब आप इलायची का पाउडर करके उस व्यक्ति को खिला दीजिए जो आप से रूठा हुआ है अगर वह व्यक्ति के समक्ष हुई है उसके तस्वीर में ही खिला दीजिए उससे वह व्यक्ति जल्दी-जल्दी वशीभूत हो जाएगा और आपके समक्ष वापस लौट आएगा । आप की जिंदगी में फिर से रौनक होगी, फिर से खुशियां होगी फिर से शांति होगी।

हम आशा करते हैं आपको यह उपाय समझ में आया होगा इस उपाय को करने में आपको कोई भी कठिनाई  नहीं होगी। हम दावे के साथ यह भी कह सकते हैं कि अगर आप इस उपाय को सफलतापूर्वक करेंगे और सारे विधि को ध्यान पूर्वक मानकर करेंगे तो आपको इसमें अवश्य सफलता मिलेगी।

ईश्वर से प्रार्थना करते हैं हम कि आप की जिंदगी में खुशियों की बहार हो और आप हमेशा खुश रहे हैं यह हमारी दुआ है।

बबूल के पेड़ से वशीकरण

बबूल के पेड़ से वशीकरण

बबूल के पेड़ से वशीकरण, नुकीले, सख्त व लंबे कांटों से भरी टहनियों और छोटी-छोटी महीन पत्तियों वाले बबूल के पेड़ में वैसे तो आयुर्वेदिक औषधियों के कई गुण छिपे हैं, लेकिन इसका उपयोग वशीकरण साधना के लिए भी किया जाता है।

बबूल के पेड़ से वशीकरण
बबूल के पेड़ से वशीकरण

तांत्रिक साधनाओं में बबूल की चर्चा सदियों से बनी हुई है। मंत्र जाप से इसकी जड़ में नियमित पानी डालने से अगर भूत-पिशाच को वशीभूत किया जा सकता है, तो इसकी पत्तियों, टहनियों या इसके तने से निकलने वाले गोंद का किसी व्यक्ति पर वशीकरण के लिए उपयोग किया जाता है।

बबूल की जड़ः स्त्री या पुरुष के वशीकरण और रूके हुए काम को गति देने के लिए हस्त नक्षत्र में बबूल की जड़ का एक छोटा टुकड़ा तोड़ लाएं। ध्यान रहे कि उसे तोड़ते समय आपके ऊपर किसी की नजर नहीं पड़े। मंगलवार या शनिवार की सुबह सूर्योदय से ठीक पहले स्नान के बाद उत्तर दिशा की ओर एकांत स्थान पर मुंह कर बैठ जाएं।

जड़ को गौमूत्र से शुद्ध कर लें और दाएं हाथ की हथेली पर रखें। उसके बाद ध्यान की मुद्रा में नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से जड़ अभिमंत्रित हो जाता है। अभिमंत्रित जड़ को गंगा जल से एकबार फिर शुद्ध करें। उसके बाद उसे काले या लाल मोटे धागे से दाएं हाथ की भुजा में बांध लें। जाप का मंत्र हैः-  ऊँ सुदर्शनाय हुं फट् स्वाहा!!

दूसरी साधनाः इस मंत्र के जरिए वशीकरण साधना का एक और अचूक उपाय किया जा सकता है। धनिष्ठा नक्षत्र में शनिवार को लोगों की नजर बचाकर बबूल की जड़ लाएं। उसका चूर्ण बना लें। उसे बारीक बनाने के लिए पीसें और कपड़े से छान लें। इस चूर्ण को मंत्र के 108 जाप से अभिमंत्रित कर सुरक्षित रख लें। इसे जिस किसी के सिर पर छिड़क दिया जाएगा वह वशीभूत हो जाएगा। इस प्रयोग को स्त्री या पुरुष  दोनों कर सकते हैं।

भूत का वशीकरणः भूत-पिशाच या डायन-चुड़ैल को अपने वश में करने के लिए बबूल का पेड़ उपयोगी बताया गया है। साधारण से प्रयोग और नीचे दिए गए मंत्र जाप के जरिए भूत को सम्मोहित कर उससे मित्रता की जा सकती है। हालांकि इस उपाय में निर्भिक बनना जरूरी है। इससे अदभुत और अलौकिक शक्तियां हासिल होती है, जो सकारात्मक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि बबूल की टहनियों में भूत-पिशाच उलझे हुए प्यासे रहते हैं । किसी निर्जन स्थान पर बबूल के पेड़ के पास रात्री के 11 बजे के बाद जाएं।

साथ में एक लोटा पानी रख लें। पेड़े के दक्षिण दिशा की ओर मुख कर उसकी जड़ में पानी डालें और मंत्र का 108 बार जाप करें। इस प्रक्रिया को माह की अमावस्या से शुरू करते हुए 40 दिनों तक करें। नियमित रूप से ऐसा करते हुए 41वें दिन मंत्र जाप से पहले आंखें बंदकर वशीभूत भूत से अपनी मनोकामना सिद्धी की इच्छा जाहिर करें। इस तरह से बबूल के पड़े को सींचने से भूत-प्रेत की भी प्यास बुझ जाती है। इसके प्रभाव से आपके भीतर गजब का आत्मविश्वास जागृत होगा और आप निर्भय होकर मुश्किल से मुश्किल काम करने की हिम्मत जुटा लेंगे। जाप का मंत्र:-  ऊँ भूतेश्वरी मम  वश्यं कुरू कुरू स्वाहा!!!

बबूल के गांेद से स्त्री का वशीकरणः किसी मनपसंद स्त्री का वशीकरण करने के लिए बताए गए विभिन्न तांत्रिक उपायों में बबूल के गोंद का प्रयोग किया जाता है। इसकी मदद से अपनी प्रेमिका या रूठी पत्नी को वश किया जा सकता है। जिसे भी वशीभूत करना चाहते हैं पहले उसका बिंदी हासिल कर लें। उसमें बबूल के गोंद के साथ अपना बीर्य मिलाकर लगा दें।

बिंदी को तांबे की एक डिबिया में बंद कर उसे अंधेरे में मां काली की तस्वीर के सामने जमीन में गाड़ दें या उसे छिपा दें। उसके  ऊपर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और दिए गए मंत्र का 1188 बार जाप करें। इसे 21 दिनों को भीतर पूरा करें। उसके बाद बिंदी उस स्त्री या प्रेमिका के माथे पर प्रेम पूर्वक लगा दें। ऐसा नहीं होने की स्थिति में उसे देवी की कृपा कहते हुए भेंट कर दें। जाप का मंत्र हैः-ओम नमः कालिकाय कालरूप रक्त बीज नाशिनी मम कामना पूर्ती कुरू कुरू स्वाहा!!!

बबूल की जड़ में दूधः यदि किसी की आपके ऊपर बुरी नजर है, या फिर किसी ने अपनी ओर सम्मोहित कर लिया है, तो उससे मुक्ति के लिए बबूल की जड़ को दूध से सींचने का उपाय करना चाहिए। इसके लिए रविवार की रात को एक लोटे में दूध भरकर आपने सिर के पास रखें और बुरी नजर वाले के नाश की संकल्प लेते हुए ईश्वर का ध्यान करें। इस दौरान मन ही मन गायत्री मंत्र का 11 बार जाप भी कर सकते हैं।

गायत्री मंत्र हैः- ऊँ भुर्भुवः स्व तत्स वितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धी मही धीयो यो न प्रचोदयात! सहज निद्रा का आनंद लेते हुए प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर नित्य क्रिया से निवृत हो लें। दूध से भरा लोटा सफेद कपड़े से ढंककर ले बबूल के पेड़ के पास जाएं और उसकी जड़ में दूध डाल दें। बबूल को प्रणाम करें और अपनी तरक्की और परिश्रम करने की क्षमता बढ़ोत्तरी की मन्नत मांगे। इस पांच रविवार की रात को करे।

बबूल का पेड़ और प्रेमिका के वस्त्रः प्रेमिका को अपने सम्मोहन में लाने के लिए उसका कोई प्रिय वस्त्र और बबूल के पेड़ के साथ एक साधारण उपाय किया जा सकता है। इसके लिए लिए प्रेमिका के पहने हुए कोई वस्त्र हासिल कर लें। उसे अपने साथ रखकर उसकी अच्छी बातंे और आचरण का स्मरण करते हुए रात को सो जाएं।

इससे पहले प्रातः सूर्योदय से पहले जागने का संकल्प लें। सुबह नहा-धोकर साफ और धुले कपड़े पहनें और प्रमिका के कपड़े की पोटली बनाकर निर्जन स्थान पर स्थिति बबूल के पेड़े के पास जाएं। उसकी जड़ के बिल्कुल पास में एक गड्ढा खोदें और उसमें कपड़े को मिट्टी के नीेचे दबा दें। उसके ऊपर पत्थर रख दें और पास में सरसो या घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाने का काम लगातार पांच दिनों तक करें। इस अचूक असर अगले दिन से ही मिलने लगेगा, जिसका अंदाजा प्रेमिका के व्यवहार मंे बदलाव से मिल जाएगा।