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खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

काली हल्दी के प्रयोगकाली हल्दी के तांत्रिक उपायकाली हल्दी वशीकरण तंत्र- काली हल्दी एक दुर्लभ तांत्रिक प्रयोग की वस्तु है. काली हल्दी के टोटके बहुत ही चमत्कारिक प्रभाव उत्पन्न करते हैं. काली हल्दी अपने आप में ही बहुत ही चमत्कारिक औषधी है. काली हल्दी का मुख्य प्रयोग तांत्रिक उपायों में ही है  तथा इसको घरेलु कार्यों में उपयोग नही किया जाता. इसके तांत्रिक, ज्योतिषिक और आयुर्वेदिक उपाय अपने आप में एक मिसाल हैं. काली हल्दी को माँ काली की पूजा में पूजन सामग्री के रूप में भी उपयोग किया जाता है. इसके प्रयोग से घर में बुरी शक्तियों का प्रवेश संभव नही हो पाता|

खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके
खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

काली हल्दी के उपाय करने से पहले काली हल्दी की पहचान करना बहुत ज़रूरी होता है. आप काली हल्दी के पौधे को देखकर इसकी पहचान कर सकते हैं. इसकी पत्तियां लम्बी होती है और उनके बीचों-बीच एक काली लकीर होती है. आप काली हल्दी को किसी पंसारी की दुकान से प्राप्त कर सकते हैं. काली हल्दी अपने तांत्रिक प्रयोगों के कारण बहुत प्रसिद्ध है. काली हल्दी से किया गया कोई भी टोटका या उपाय निश्चित ही अपना असर दिखता है. इसलिए जो भी व्यक्ति इसका प्रयोग करता है उसे इसके परिणामों के बारे में एकदम निश्चिंत हो जाना चाहिए.

छोटे बच्चे को अगर नज़र लग जाती है तो आप काले कपड़ा लेकर उसमें काली हल्दी बाँध दें. अब इसे बच्चे के सिर से 7 बार उतारा देकर नदी में बहा दें. इस प्रयोग से बच्चे पर से बुरी नज़र का साया हट जाएगा. घर में अगर कोई सदस्य बीमार है तो आप काली हल्दी का ये प्रयोग ज़रूर करें. आप दो आटें के पेड़े बनाकर उसमें गुड़, चने की दाल और पीसी हुई काली हल्दी दबाकर बीमार व्यक्ति के शरीर से 7 बार उतारा दें और किसी गाय को खिला दें. इस काली हल्दी के टोटके को लगातार 3 गुरुवार करने से बीमारी से मुक्ति मिल जाएगी.

काली हल्दी के प्रयोग

कई लोग अपने जीवन में बहुत सारा धन अर्जित करते हैं लेकिन फिर भी धन उनके घर में टिक नही पाता है. अगर आपके घर में भी ये समस्या है तो आपको ये उपाय करना चाहिए. आप शुल्क पक्ष के पहले शुक्रवार के दिन नागकेशर, सिंदूर और काली हल्दी किसी चांदी की डिबिया में रखकर माँ लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करा के अपनी तिजोरी में रख दें. ये प्रयोग करने से आपके घर में पैसा टिकने लगेगा. काली हल्दी के टोटके गृह दोष की समस्या से निपटने के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं. गुरु या शनि की बुरी स्थिति से निपटने के लिए जातक को शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से प्रतिदिन काली हल्दी पीस कर उससे तिलक करना चाहिए. इससे गृह दोष को मिटेगा ही आपके लिए धन की बचत के अवसर भी खुल जायेंगे.

अगर आपके व्यापार में पर्याप्त मेहनत करने पर भी आपको सफलता नही मिल रही है तो आप शुक्ल पक्ष में पहले गुरुवार के दिन 11 सिद्ध किये गोमती चक्र, चांदी का एक सिक्का, काली हल्दी और 11 अभिमंत्रित कौड़ियों को एक पीले रंग के कपड़े में बांध लें. अब आप इसके सम्मुख बैठकर ‘ ओम नमो भगवते वासुदेव नम:’ इस मन्त्र का 108 बार उच्चारण करें. मन्त्र का उच्चारण पूरा होने पर इस पोटली को अपने ऑफिस या व्यवसाय की जगह पर रख दें. इस काली हल्दी के टोटके से आपका व्यापार तेज़ गति से तरक्की करने लगेगा. धन की प्राप्ति के लिए आप दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजा में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का पीले कपड़ों में रखें. इस उपाय से आप पर माँ लक्ष्मी की कृपा वर्षभर बनी रहेगी.

काली हल्दी के तांत्रिक उपाय

अगर आपके कारखाने में मशीने बार-बार ख़राब हो रही हैं तो आप केसर और काली हल्दी को गंगा जल छिड़क कर लेप तैयार कर लें. इस लेप से मशीनों के ऊपर स्वस्तिक का चिन्ह बना दें. ऐसा करने से आपको इस समस्या से मुक्ति मिल जायेगी. मिर्गी या पागलपन से पीड़ित व्यक्ति का इलाज़ करने के लिए काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोभान की धूप दें. अब कटोरी में से के टुकड़ा हल्दी का लेकर उसे एक धागे में पिरोकर मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति के गले में टांग दें. कटोरी की हल्दी को पीसकर चूर्ण बना लें और इसे पानी में डालकर मरीज को पिलाते रहें. इस उपाय से मिर्गी से रोगी को राहत मिलती है. इस प्रयोग को किसी शुभ मुहूर्त में करने से मिर्गी, अनिंद्रा और मानसिक रोगों से राहत मिलती है.

अगर आप चाहते हैं कि आपको अपूर्व मात्रा में धन प्राप्त हो तो आप काली हल्दी के टोटके के अंतर्गत ये उपाय गुरु पुष्य नक्षत्र में ज़रूर करें. आप एक लाल कपड़ा लें और इसमें काली हल्दी, कुछ सिक्के और सिंदूर रखकर लपेट दें. इस इस कपड़े को अपनी तिजोरी के भीतर रख दें. इस प्रयोग को करने पर आपको अपने धन में आश्चर्यजनक वृद्धि देखने को मिलेगी. काली हल्दी को वशीकरण तंत्र में भी प्रयोग किया जाता है. किसी भी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काली हल्दी में अपनी कनिष्ठा उंगली से रक्त निकाल कर उसमे मिला दें और उसका तिलक करें. इस तरह से तिलक लगाने वाले व्यक्ति के शरीर में अद्भुत आकर्षण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है.

काली हल्‍दी के टोटके

अगर आप किसी स्त्री या पुरुष जिससे आप प्यार करते हैं उसे आकर्षित करना चाहते हैं तो काली हल्दी के टोटके के अंतर्गत ये प्रयोग ज़रूर करें. आप काली हल्दी, सफ़ेद चन्दन, श्वेतार्क, गोरोचन, मूल, हरसिंगार की जड़ और पान को लेकर पत्थर पर अच्छे से पीस लें. अब इसके लेप को किसी डिबिया में भरकर रख लें. जब भी आप किसी व्यक्ति पर वशीकरण करना चाहते हो, उसके सम्मुख इस लेप से तिलक लगाकर जाएँ. इस टोटके से उस व्यक्ति पर आपका वशीकरण हो जायेगा और वह आपके अनुरूप कार्य करने लगेगा.

घर को बुरी नज़र, बाधा, टोनों, टोटकों के प्रभाव से बचाने के लिए हनुमान मंदिर से लायी गयी हवन की विभूति, काली हल्दी, रक्त चन्दन, श्वेतार्क मूल आदि मिलाकर एक लेप तैयार कर लें. अब इस लेप से घर के मुख्य द्वार और बाकी सभी द्वार पर स्वस्तिक का चिन्ह बना दें. इस उपाय को करने से आपका घर हर तरह की बुरी नज़र से बचा रहेगा. काली हल्दी के उपाय हर तरह की बाधाओं से रक्षा करने तथा मनोकामना पूर्ति में सहायक होता है. आप काली हल्दी के टोटके इश्तेमाल करके अपने आर्थिक, मानसिक, शारीरिक समस्याओं का समाधान कर सकते हैं इसके अलावा घर में सुख-सम्रद्धि के लिए भी इसका प्रयोग आपको बहुत अच्छा परिणाम देगा.

कर्ण पिशाच साधना

कर्ण पिशाच साधना

कर्ण पिशाचिनी विद्या प्रयोग, कर्ण पिशाचिनी साधना मंत्र, कर्ण पिशाचिनी सिद्धि विधि – कर्ण पिशाचिनी साधना के बारे मे सबके अपने मत है, कुछ का मानना है की ये एक अनोखी साधना है जिसे व्यक्ति को कभी अकेले नहीं करना चाहिए, अगर उसको इस साधना करने का पूर्ण ज्ञान नहीं, क्यूकी एक गलत कदम भी उस व्यक्ति के जीवन पर बुरा असर डाल सकता है। इसलिए इस कर्ण पिशाचिनी साधना को करते वक़्त व्यक्ति किसी गुरु की मदद ले। दूसरी तरफ कुछ ऐसे भी है जो ये बात कहते है की कर्ण पिशाचिनी को भी देवी का रूप माना गया है, जैसे की कई मंत्रों मे यह देवी शब्द आता है। यहाँ तक भी कहा गया है की ये साधना पारलौकिक शक्तियों को अपने वश में करने की एक गोपनीय विद्या है, जिसके बारे मे आम लोगों को कम ही पता है।

कर्ण पिशाच साधना
कर्ण पिशाच साधना

तो चलिये कर्ण पिशाचिनी साधना को करने के लिए हम पहले मंत्र से आपको परिचित करवाते है। मंत्र है: “”।।ॐ नम: कर्णपिशाचिनी अमोघ सत्यवादिनि मम कर्णे अवतरावतर अतीता नागतवर्त मानानि दर्शय दर्शय मम भविष्य कथय-कथय ह्यीं कर्ण पिशाचिनी स्वहा।।“” अब इस साधना को करने से पहले ध्यान रखे की इसके दौरान आपको काले रंग का कपड़ा पहनना होगा, स्त्री से बात करने की मनाही होती है इस समय काल मे व आपको सिर्फ एक समय ही भोजन लेना होता है। साधना के लिए शमशान की राख, काली हकीक की माला, काला आसान, एक अनार व लाल रंग के फूल सामग्री के तौर पर चाहिए होंगी। इन बातों को ध्यान मे रख कर अब आप साधना को शुरू कर सकते है, जिसके लिए जरूरी है कि आप सबसे पहले काँसे की एक थाली  में सिंदूर से त्रिशूल बना ले और मंत्र द्वारा इस त्रिशूल कि पूजा करे। आप गाय के शुद्ध घी का दीपक भी जलाए और ऊपर बताए गए मंत्र का 1100 बार जप करे। रात के समय भी त्रिशूल कि पूजा करनी होगी। इस साधना को आपको 11 दिन रोज करनी होगी, वो भी रात और दिन को उचित चौघड़िया में करे। इस तरीके से आप कर्ण पिशाचिनी साधना को सिद्ध कर सकेंगे। इसके बाद आप जो सवाल भी मन मे करेंगे ‍पिशाचिनी कान मे उसका उत्तर देगी।

एक अन्य प्रयोग ये भी कर सकते है जिसके अंतर्गत आपको काले कपड़े की जगह इसमे लाल रंग के वस्त्र पहनने होते है। फिर रात को घी का दीपक जालना होगा और उसके बाद मंत्र – “”ओम् भगवति चंडकर्णे पिशाचिनी स्वाहा”” का नित्य 10,000 बार जप करना होता है। 21 दिन रोज इस विधि को करने के बाद इस साधना को सिद्ध किया जाता है। कर्ण पिशाचिनी साधना के लिए आप इस मंत्र का सहारा भी ले सकते है, मंत्र: ॐ ह्यीं नमोहः भगवतीयः कर्णपिशाचिनी चंडवेगिनी वद वद स्वहः। इस साधना के लिए आपको चाहिए कि गाय के गोबर मे सेंधा नमक मिला ले पूजा वाली जगह को अच्छे से लीप ले। जैसे ही वो जगह सुख जाये तो ऊपर से वहां कुमकुम, हल्दी ,अक्षत डाल दे, फिर वहां कुश का आसन बिछा ले। अब आपको रुद्राक्ष की माला से 11 दिन रोज 10,000 बार बताए मंत्र का जप करना होगा। ऐसा करके आप कर्णपिशाचिनी साधना को सिद्ध कर पाएंगे और इसके उपरांत आपकी सभी इच्छा भी पूरी हो जाएगी।

कर्ण पिशाचिनी साधना को पूर्ण करने के लिए क्यूकी काफी सारे मंत्रों कि चर्चा की गई है तो आप एक और मंत्र को जान ले। मंत्र है: ॐ लिंग सर्वनाम शक्ति भगवती कर्ण-पिशाचिनी चड रुपी सच-सच मम वचन दे स्वाहा। इस साधना को आप किसी भी नवरात्र में भूत-शुद्धि, स्थान-शुद्धि, गुरु स्मरण या गणेश पूजन से पहले करे। साधना शुरू करने से पहले एक चौकी पर साफ़ लाल कपडा बिछा ले। फिर उसपर एक तांबे का लोटा रखे। उसपर या कलश पर सूखा नारियल रख दे। अब धन दे की उस कलश के चारों ओर आपको पान, सिन्दूर, दो लड्डू, एक कटा हुआ मुर्गा व एक लोटे मे उस मुर्गे का खून रख दे। उस कलश की पूजा करने के बाद सारी सामग्री के चारों ओर उस खून से स्तंभित कर दे। ये सब कर लेने के बाद आप अपने कंधे पर उस लाल कपड़े को रखे और बताए गए मंत्र का जप शुरू करे। 9 दिन तक प्रतिदिन 1000 बार मंत्र जप करना होगा और फिर दसवें दिन इसी मंत्र का 1000 बार जप किसी शमशान या कब्रिस्तान में जाकर करें। इस प्रकार साधना सिद्ध होते ही आप पिशाचिनी के माध्यम से अपने किसी भी सवाल का जवाब पा सकते है व अपनी समस्या हल कर सकते है।

अंत मे हम यही कहेंगे की जो साधक इस कर्ण पिशाचिनी विद्या पर यकीन करते है, वो इसे करने से नहीं डरते। पर फिर भी बहुत से ऐसी बाते कही गई है इस विद्या के बारे मे की जिसे जान एक आम व्यक्ति जरूर भयभीत होगा, जैसा की इस साधना का संबंध होता है पिशाच पर वशीकरण करके उसके द्वारा मन मे उठने वाले हर सवाल का जवाब पाना। वैसे ये बाते तभी मायने रखती है, जब कोई व्यक्ति सच्च मे आपके खयालों मे चलने वाले सवालों के जवाब पाकर पहले ही होने वाली घटना से सतर्क होना चाहे। पर ये कहा भी गया है कि एक बार पिशाचिनी को वश मे करने के बाद वो उस साधक के शरीर से ही जुड़ जाती है और उसे छोड़कर कभी नहीं जाती, यहा तक की मृत्यु के बाद भी और इसमे कोई भी दूसरा व्यक्ति सड़क की मदद नहीं कर पता। ये बात जरूर डराने वाली है, पर हम यही कहेंगे की ऊपर बताए गई साधना को अकेले न करे, बिना ज्ञान के। किसी गुरु की मदद से विधि को साधा जा सकता है।