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खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

काली हल्दी के प्रयोगकाली हल्दी के तांत्रिक उपायकाली हल्दी वशीकरण तंत्र- काली हल्दी एक दुर्लभ तांत्रिक प्रयोग की वस्तु है. काली हल्दी के टोटके बहुत ही चमत्कारिक प्रभाव उत्पन्न करते हैं. काली हल्दी अपने आप में ही बहुत ही चमत्कारिक औषधी है. काली हल्दी का मुख्य प्रयोग तांत्रिक उपायों में ही है  तथा इसको घरेलु कार्यों में उपयोग नही किया जाता. इसके तांत्रिक, ज्योतिषिक और आयुर्वेदिक उपाय अपने आप में एक मिसाल हैं. काली हल्दी को माँ काली की पूजा में पूजन सामग्री के रूप में भी उपयोग किया जाता है. इसके प्रयोग से घर में बुरी शक्तियों का प्रवेश संभव नही हो पाता|

खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके
खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

काली हल्दी के उपाय करने से पहले काली हल्दी की पहचान करना बहुत ज़रूरी होता है. आप काली हल्दी के पौधे को देखकर इसकी पहचान कर सकते हैं. इसकी पत्तियां लम्बी होती है और उनके बीचों-बीच एक काली लकीर होती है. आप काली हल्दी को किसी पंसारी की दुकान से प्राप्त कर सकते हैं. काली हल्दी अपने तांत्रिक प्रयोगों के कारण बहुत प्रसिद्ध है. काली हल्दी से किया गया कोई भी टोटका या उपाय निश्चित ही अपना असर दिखता है. इसलिए जो भी व्यक्ति इसका प्रयोग करता है उसे इसके परिणामों के बारे में एकदम निश्चिंत हो जाना चाहिए.

छोटे बच्चे को अगर नज़र लग जाती है तो आप काले कपड़ा लेकर उसमें काली हल्दी बाँध दें. अब इसे बच्चे के सिर से 7 बार उतारा देकर नदी में बहा दें. इस प्रयोग से बच्चे पर से बुरी नज़र का साया हट जाएगा. घर में अगर कोई सदस्य बीमार है तो आप काली हल्दी का ये प्रयोग ज़रूर करें. आप दो आटें के पेड़े बनाकर उसमें गुड़, चने की दाल और पीसी हुई काली हल्दी दबाकर बीमार व्यक्ति के शरीर से 7 बार उतारा दें और किसी गाय को खिला दें. इस काली हल्दी के टोटके को लगातार 3 गुरुवार करने से बीमारी से मुक्ति मिल जाएगी.

काली हल्दी के प्रयोग

कई लोग अपने जीवन में बहुत सारा धन अर्जित करते हैं लेकिन फिर भी धन उनके घर में टिक नही पाता है. अगर आपके घर में भी ये समस्या है तो आपको ये उपाय करना चाहिए. आप शुल्क पक्ष के पहले शुक्रवार के दिन नागकेशर, सिंदूर और काली हल्दी किसी चांदी की डिबिया में रखकर माँ लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करा के अपनी तिजोरी में रख दें. ये प्रयोग करने से आपके घर में पैसा टिकने लगेगा. काली हल्दी के टोटके गृह दोष की समस्या से निपटने के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं. गुरु या शनि की बुरी स्थिति से निपटने के लिए जातक को शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से प्रतिदिन काली हल्दी पीस कर उससे तिलक करना चाहिए. इससे गृह दोष को मिटेगा ही आपके लिए धन की बचत के अवसर भी खुल जायेंगे.

अगर आपके व्यापार में पर्याप्त मेहनत करने पर भी आपको सफलता नही मिल रही है तो आप शुक्ल पक्ष में पहले गुरुवार के दिन 11 सिद्ध किये गोमती चक्र, चांदी का एक सिक्का, काली हल्दी और 11 अभिमंत्रित कौड़ियों को एक पीले रंग के कपड़े में बांध लें. अब आप इसके सम्मुख बैठकर ‘ ओम नमो भगवते वासुदेव नम:’ इस मन्त्र का 108 बार उच्चारण करें. मन्त्र का उच्चारण पूरा होने पर इस पोटली को अपने ऑफिस या व्यवसाय की जगह पर रख दें. इस काली हल्दी के टोटके से आपका व्यापार तेज़ गति से तरक्की करने लगेगा. धन की प्राप्ति के लिए आप दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजा में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का पीले कपड़ों में रखें. इस उपाय से आप पर माँ लक्ष्मी की कृपा वर्षभर बनी रहेगी.

काली हल्दी के तांत्रिक उपाय

अगर आपके कारखाने में मशीने बार-बार ख़राब हो रही हैं तो आप केसर और काली हल्दी को गंगा जल छिड़क कर लेप तैयार कर लें. इस लेप से मशीनों के ऊपर स्वस्तिक का चिन्ह बना दें. ऐसा करने से आपको इस समस्या से मुक्ति मिल जायेगी. मिर्गी या पागलपन से पीड़ित व्यक्ति का इलाज़ करने के लिए काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोभान की धूप दें. अब कटोरी में से के टुकड़ा हल्दी का लेकर उसे एक धागे में पिरोकर मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति के गले में टांग दें. कटोरी की हल्दी को पीसकर चूर्ण बना लें और इसे पानी में डालकर मरीज को पिलाते रहें. इस उपाय से मिर्गी से रोगी को राहत मिलती है. इस प्रयोग को किसी शुभ मुहूर्त में करने से मिर्गी, अनिंद्रा और मानसिक रोगों से राहत मिलती है.

अगर आप चाहते हैं कि आपको अपूर्व मात्रा में धन प्राप्त हो तो आप काली हल्दी के टोटके के अंतर्गत ये उपाय गुरु पुष्य नक्षत्र में ज़रूर करें. आप एक लाल कपड़ा लें और इसमें काली हल्दी, कुछ सिक्के और सिंदूर रखकर लपेट दें. इस इस कपड़े को अपनी तिजोरी के भीतर रख दें. इस प्रयोग को करने पर आपको अपने धन में आश्चर्यजनक वृद्धि देखने को मिलेगी. काली हल्दी को वशीकरण तंत्र में भी प्रयोग किया जाता है. किसी भी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काली हल्दी में अपनी कनिष्ठा उंगली से रक्त निकाल कर उसमे मिला दें और उसका तिलक करें. इस तरह से तिलक लगाने वाले व्यक्ति के शरीर में अद्भुत आकर्षण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है.

काली हल्‍दी के टोटके

अगर आप किसी स्त्री या पुरुष जिससे आप प्यार करते हैं उसे आकर्षित करना चाहते हैं तो काली हल्दी के टोटके के अंतर्गत ये प्रयोग ज़रूर करें. आप काली हल्दी, सफ़ेद चन्दन, श्वेतार्क, गोरोचन, मूल, हरसिंगार की जड़ और पान को लेकर पत्थर पर अच्छे से पीस लें. अब इसके लेप को किसी डिबिया में भरकर रख लें. जब भी आप किसी व्यक्ति पर वशीकरण करना चाहते हो, उसके सम्मुख इस लेप से तिलक लगाकर जाएँ. इस टोटके से उस व्यक्ति पर आपका वशीकरण हो जायेगा और वह आपके अनुरूप कार्य करने लगेगा.

घर को बुरी नज़र, बाधा, टोनों, टोटकों के प्रभाव से बचाने के लिए हनुमान मंदिर से लायी गयी हवन की विभूति, काली हल्दी, रक्त चन्दन, श्वेतार्क मूल आदि मिलाकर एक लेप तैयार कर लें. अब इस लेप से घर के मुख्य द्वार और बाकी सभी द्वार पर स्वस्तिक का चिन्ह बना दें. इस उपाय को करने से आपका घर हर तरह की बुरी नज़र से बचा रहेगा. काली हल्दी के उपाय हर तरह की बाधाओं से रक्षा करने तथा मनोकामना पूर्ति में सहायक होता है. आप काली हल्दी के टोटके इश्तेमाल करके अपने आर्थिक, मानसिक, शारीरिक समस्याओं का समाधान कर सकते हैं इसके अलावा घर में सुख-सम्रद्धि के लिए भी इसका प्रयोग आपको बहुत अच्छा परिणाम देगा.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ मंत्र साधनागोरखनाथ शाबर मंत्रगुरु गोरखनाथ के उपाय- गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि तीव्र असर करने वाली तंत्र विद्या के अंतर्गत आती है. इस विद्या को उपयोग में लाने से पहले आवश्यक दिशा-निर्देशों को जान लेना ज़रूरी है. प्राचीन तंत्र विद्या में भगवान शिव के मुख से निकले मंत्रो को भी शामिल किया गया है. इन मन्त्रों का असर तीव्र होता है. इसलिए गोरखनाथ विद्या का प्रयोग करने वाले को सावधानियां बरतनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि
गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि एक प्राचीन तंत्र विद्या है. इसका प्रयोग करके कोई भी साधक अपनी ज़िन्दगी में सफलता प्राप्त कर सकता है. इस वशीकरण साधना में किसी व्यक्ति को सम्मोहित करके उससे अपने अनुरूप काम करवाना जा सकता है.

गुरू गोरखनाथ चैरासी सिद्धियों में प्रमुख माने जाते हैं. इनका दूसरा नाम गोरक्षनाथ भी है. वे योगी, अवधूत, और सिद्ध हठयोगी पुरुष माने जाते हैं. गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में कुछ ख़ास मंत्र दिए गए हैं जिनके प्रयोग से आश्चर्यजनक से परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं. इनके द्वारा सिद्ध किया गया शाबर मंत्र अपने आप में बहुत असरदार है.

गुरु गोरखनाथ ने कई शाबर मन्त्रों की रचना की थी. नाथपंथ के अनुसार भगवान शिव को आदिनाथ भी कहा जाता है. उन्होंने तंत्र-मंत्र की विद्या भीलों को प्रदान की थी. भीलों से ये विद्या मत्स्येन्द्रनाथ तक और फिर गुरु गोरखनाथ तक पहुंची.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में शक्तिशाली शाबर मन्त्रों का प्रयोग करने से पहले गुरु गोरखनाथ को मन्त्रों से प्रसन्न करना बहुत फायदेमंद होता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

सत नमो आदेश! गुरूजी को आदेश!

ॐ गुरूजी!

डार शाबर बर्भर जागे, जागे अढ़ैया और बराट

मेरा जगाया न जाग,

 तो तेरा नरक कुंड मं वास!

दुहाई शाबरी माई की!

दुहाई शाबरनाथ की!

आदेश गुरु गोरख की!!

 

इस मंत्र के लिए एक गोबर का कंडा कर सुलगाएं. अब इस पर गुगुल डालें और इस मंत्र का उच्चारण करें. इस मंत्र को जाग्रत करने के लिए इसका 108 बार उच्चारण करें. इस विधि के अनुसार लगातार 21 दिनों तक मन्त्रों का जाप करना चाहिए.

गोरखनाथ विशिकरण सिद्धि में किसी मंत्र के द्वारा किसी को अपने वश में किया जा सकता है. वशीकरण के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

ओम एक नमक रमता माता, दूसरा नमक विरह से आता।

तीसरा नमक औरी-बौरी, चैथा नमक रहै कर जौरी।

यह नमक अमुक 1 खाए, अमुक 2 को छोड़ दूसरा नहीं जाए।

दुहाई पीर औलिया की, जो कहे सो सुने।

जो मांगे सो देय। दुहाई गौरा पर्वती की।

दुहाई कामख्या की। दुहाई गुरू गोरखनाथ की।

इस मंत्र में अमुक1 और अमुक2 आया है. इसके लिए जब आप मंत्र का उच्चारण करें तो अमुक1 की जगह वशीकरण करने वाले का नाम लें तथा अमुक2 की जगह जिसको वश में करना है उसका नाम लें. इस मंत्र को मुख्य रूप से किसी स्त्री को वश में करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि से जीवन साथी का वशीकरण करने के लिए पाने के पत्ते के डंठल को घिस कर तिलक लगायें. इसके प्रयोग से आपके जीवनसाथी या प्रेमी पर आपका आकर्षण सदैव बना रहेगा.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में बिगड़े हुए पति को रास्ते पर लाने के लिए भी मंत्र है. अगर किसी स्त्री का पति व्यभिचारी है और दूसरी स्त्रियों के पीछे पागल रहता है तो ये मंत्र उपयोगी होता है.

मंत्र: ओम काम मालिनी ठः ठः स्वाहा!

ओम र्हीं क्लीं कलिकुंड स्वामिनी अमृत वक्र अमुकं जुमभय मोहय स्वाहा!!

अगर आप एकसाथ कई लोगों को अपने वशीभूत करना चाहते हैं तो इसके लिए भी गोरखनाथ मंत्र साधना में मंत्र उपलब्ध हैं. अगर आप चाहते हैं हर कोई आपकी बात को महत्व दे और आपकी बातों की उपेक्षा न करे तो इस मन्त्र का जाप 108 बार करें.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मन रंजनी सर्वषान महातगे कुवरी के नंद नंद जिव्हे सर्व जगत वश्य मानय स्वाहा!!

गुरु गोरखनाथ के उपाय में ये मंत्र भी बहुत कारगर है. इस मंत्र का उपयोग किसी भी वशीकरण के प्रभाव को नष्ट कर देता है. वशीकरण का प्रभाव नष्ट करने के लिए सात नदी या सात कुओं से पानी ला कर वशीभूत व्यक्ति को इस मंत्र का उच्चारण करते हुए नहलाया जाता है. यह उपाय बिमारियों से भी मुक्ति दिलाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम वज्र में कोठा, वज्र में ताला, वज्र में बंध्या दस्ते द्वार,

तहां वज्र का लग्या किवाड़ा!

वज्र में कील, जहां से आया तहां से जावे,

जाने भेजा, जाकूं खाए, हमको फेर न सूरत दिखाए!

हाथ कुं, नाक कुं सिर कुं पीठ कुं कमर कुं छाती कुं!

जो जोखो पहुंचाए, तो गुरु गोरखना की आज्ञा फुरे!

मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र इवरोवाचा!

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में एक अन्य बहुत ही सिद्ध मंत्र होता है. इस मन्त्र के लिए कोई विशेष विधि करने की आवश्यता नही होती है. इस मंत्र का जाप 31 बार रात के समय करना चाहिए. यह मंत्र इस प्रकार है:

ॐ नम: महादेवी सर्वकार्य सिद्धिकर्णी जो पाती पुरे,

ब्रह्म: विष्णु महेश तीन देवतन मेरी भक्ति गुरु की,

शक्ति श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरो मंत्र ईश्वर वाचा!!

 

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि को करने के लिए आपको कुछ ज़रूरी बाते ध्यान में रखनी चाहिए. अगर आप इन बातों को ध्यान में रखकर विधिपूर्वक मंत्रो का जाप और साधना करते हैं तो आपको काफी अच्छा परिणाम बहुत ही कम समय में देखने को मिल जायेगा.

गोरखनाथ के उपाय करते समय ध्यान रहे कि आप इनका प्रयोग किसी सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए कर रहे हों. गोरखनाथ के उपायों किसी विशेष प्रकार की विधि की आवश्यता नही होती है. अपने सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए इनका प्रयोग आशाजनक परिणाम देता है साथ ही इनके प्रयोग से किसी के द्वारा किये गए वशीकरण के प्रभाव को नष्ट भी किया जा सकता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है. कोई भी व्यक्ति बिना किसी सिद्ध गुरु के बैगर इन मंत्रो के जाप से लाभ प्राप्त कर सकता है. इन मंत्रो और साधनाओं को करने के लिए लाल या सफ़ेद रंग का आसन उपयुक्त होता है. इन मंत्रो का जाप करते हुए गुरु गोरखनाथ के प्रति मन में पूर्ण श्रद्धा होनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि का प्रयोग करने पर कोई भी साधक अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है. आप अपने उद्देश्य के प्रति एकाग्र हो कर अगर गोरखनाथ के उपाय करेंगे को आपको निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी.

बबूल के पेड़ से वशीकरण

बबूल के पेड़ से वशीकरण

बबूल के पेड़ से वशीकरण, नुकीले, सख्त व लंबे कांटों से भरी टहनियों और छोटी-छोटी महीन पत्तियों वाले बबूल के पेड़ में वैसे तो आयुर्वेदिक औषधियों के कई गुण छिपे हैं, लेकिन इसका उपयोग वशीकरण साधना के लिए भी किया जाता है।

बबूल के पेड़ से वशीकरण
बबूल के पेड़ से वशीकरण

तांत्रिक साधनाओं में बबूल की चर्चा सदियों से बनी हुई है। मंत्र जाप से इसकी जड़ में नियमित पानी डालने से अगर भूत-पिशाच को वशीभूत किया जा सकता है, तो इसकी पत्तियों, टहनियों या इसके तने से निकलने वाले गोंद का किसी व्यक्ति पर वशीकरण के लिए उपयोग किया जाता है।

बबूल की जड़ः स्त्री या पुरुष के वशीकरण और रूके हुए काम को गति देने के लिए हस्त नक्षत्र में बबूल की जड़ का एक छोटा टुकड़ा तोड़ लाएं। ध्यान रहे कि उसे तोड़ते समय आपके ऊपर किसी की नजर नहीं पड़े। मंगलवार या शनिवार की सुबह सूर्योदय से ठीक पहले स्नान के बाद उत्तर दिशा की ओर एकांत स्थान पर मुंह कर बैठ जाएं।

जड़ को गौमूत्र से शुद्ध कर लें और दाएं हाथ की हथेली पर रखें। उसके बाद ध्यान की मुद्रा में नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से जड़ अभिमंत्रित हो जाता है। अभिमंत्रित जड़ को गंगा जल से एकबार फिर शुद्ध करें। उसके बाद उसे काले या लाल मोटे धागे से दाएं हाथ की भुजा में बांध लें। जाप का मंत्र हैः-  ऊँ सुदर्शनाय हुं फट् स्वाहा!!

दूसरी साधनाः इस मंत्र के जरिए वशीकरण साधना का एक और अचूक उपाय किया जा सकता है। धनिष्ठा नक्षत्र में शनिवार को लोगों की नजर बचाकर बबूल की जड़ लाएं। उसका चूर्ण बना लें। उसे बारीक बनाने के लिए पीसें और कपड़े से छान लें। इस चूर्ण को मंत्र के 108 जाप से अभिमंत्रित कर सुरक्षित रख लें। इसे जिस किसी के सिर पर छिड़क दिया जाएगा वह वशीभूत हो जाएगा। इस प्रयोग को स्त्री या पुरुष  दोनों कर सकते हैं।

भूत का वशीकरणः भूत-पिशाच या डायन-चुड़ैल को अपने वश में करने के लिए बबूल का पेड़ उपयोगी बताया गया है। साधारण से प्रयोग और नीचे दिए गए मंत्र जाप के जरिए भूत को सम्मोहित कर उससे मित्रता की जा सकती है। हालांकि इस उपाय में निर्भिक बनना जरूरी है। इससे अदभुत और अलौकिक शक्तियां हासिल होती है, जो सकारात्मक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि बबूल की टहनियों में भूत-पिशाच उलझे हुए प्यासे रहते हैं । किसी निर्जन स्थान पर बबूल के पेड़ के पास रात्री के 11 बजे के बाद जाएं।

साथ में एक लोटा पानी रख लें। पेड़े के दक्षिण दिशा की ओर मुख कर उसकी जड़ में पानी डालें और मंत्र का 108 बार जाप करें। इस प्रक्रिया को माह की अमावस्या से शुरू करते हुए 40 दिनों तक करें। नियमित रूप से ऐसा करते हुए 41वें दिन मंत्र जाप से पहले आंखें बंदकर वशीभूत भूत से अपनी मनोकामना सिद्धी की इच्छा जाहिर करें। इस तरह से बबूल के पड़े को सींचने से भूत-प्रेत की भी प्यास बुझ जाती है। इसके प्रभाव से आपके भीतर गजब का आत्मविश्वास जागृत होगा और आप निर्भय होकर मुश्किल से मुश्किल काम करने की हिम्मत जुटा लेंगे। जाप का मंत्र:-  ऊँ भूतेश्वरी मम  वश्यं कुरू कुरू स्वाहा!!!

बबूल के गांेद से स्त्री का वशीकरणः किसी मनपसंद स्त्री का वशीकरण करने के लिए बताए गए विभिन्न तांत्रिक उपायों में बबूल के गोंद का प्रयोग किया जाता है। इसकी मदद से अपनी प्रेमिका या रूठी पत्नी को वश किया जा सकता है। जिसे भी वशीभूत करना चाहते हैं पहले उसका बिंदी हासिल कर लें। उसमें बबूल के गोंद के साथ अपना बीर्य मिलाकर लगा दें।

बिंदी को तांबे की एक डिबिया में बंद कर उसे अंधेरे में मां काली की तस्वीर के सामने जमीन में गाड़ दें या उसे छिपा दें। उसके  ऊपर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और दिए गए मंत्र का 1188 बार जाप करें। इसे 21 दिनों को भीतर पूरा करें। उसके बाद बिंदी उस स्त्री या प्रेमिका के माथे पर प्रेम पूर्वक लगा दें। ऐसा नहीं होने की स्थिति में उसे देवी की कृपा कहते हुए भेंट कर दें। जाप का मंत्र हैः-ओम नमः कालिकाय कालरूप रक्त बीज नाशिनी मम कामना पूर्ती कुरू कुरू स्वाहा!!!

बबूल की जड़ में दूधः यदि किसी की आपके ऊपर बुरी नजर है, या फिर किसी ने अपनी ओर सम्मोहित कर लिया है, तो उससे मुक्ति के लिए बबूल की जड़ को दूध से सींचने का उपाय करना चाहिए। इसके लिए रविवार की रात को एक लोटे में दूध भरकर आपने सिर के पास रखें और बुरी नजर वाले के नाश की संकल्प लेते हुए ईश्वर का ध्यान करें। इस दौरान मन ही मन गायत्री मंत्र का 11 बार जाप भी कर सकते हैं।

गायत्री मंत्र हैः- ऊँ भुर्भुवः स्व तत्स वितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धी मही धीयो यो न प्रचोदयात! सहज निद्रा का आनंद लेते हुए प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर नित्य क्रिया से निवृत हो लें। दूध से भरा लोटा सफेद कपड़े से ढंककर ले बबूल के पेड़ के पास जाएं और उसकी जड़ में दूध डाल दें। बबूल को प्रणाम करें और अपनी तरक्की और परिश्रम करने की क्षमता बढ़ोत्तरी की मन्नत मांगे। इस पांच रविवार की रात को करे।

बबूल का पेड़ और प्रेमिका के वस्त्रः प्रेमिका को अपने सम्मोहन में लाने के लिए उसका कोई प्रिय वस्त्र और बबूल के पेड़ के साथ एक साधारण उपाय किया जा सकता है। इसके लिए लिए प्रेमिका के पहने हुए कोई वस्त्र हासिल कर लें। उसे अपने साथ रखकर उसकी अच्छी बातंे और आचरण का स्मरण करते हुए रात को सो जाएं।

इससे पहले प्रातः सूर्योदय से पहले जागने का संकल्प लें। सुबह नहा-धोकर साफ और धुले कपड़े पहनें और प्रमिका के कपड़े की पोटली बनाकर निर्जन स्थान पर स्थिति बबूल के पेड़े के पास जाएं। उसकी जड़ के बिल्कुल पास में एक गड्ढा खोदें और उसमें कपड़े को मिट्टी के नीेचे दबा दें। उसके ऊपर पत्थर रख दें और पास में सरसो या घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाने का काम लगातार पांच दिनों तक करें। इस अचूक असर अगले दिन से ही मिलने लगेगा, जिसका अंदाजा प्रेमिका के व्यवहार मंे बदलाव से मिल जाएगा।