Tag Archives: Love Marriage Specialist

खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

काली हल्दी के प्रयोगकाली हल्दी के तांत्रिक उपायकाली हल्दी वशीकरण तंत्र- काली हल्दी एक दुर्लभ तांत्रिक प्रयोग की वस्तु है. काली हल्दी के टोटके बहुत ही चमत्कारिक प्रभाव उत्पन्न करते हैं. काली हल्दी अपने आप में ही बहुत ही चमत्कारिक औषधी है. काली हल्दी का मुख्य प्रयोग तांत्रिक उपायों में ही है  तथा इसको घरेलु कार्यों में उपयोग नही किया जाता. इसके तांत्रिक, ज्योतिषिक और आयुर्वेदिक उपाय अपने आप में एक मिसाल हैं. काली हल्दी को माँ काली की पूजा में पूजन सामग्री के रूप में भी उपयोग किया जाता है. इसके प्रयोग से घर में बुरी शक्तियों का प्रवेश संभव नही हो पाता|

खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके
खाली नहीं जाते काली हल्‍दी के टोटके

काली हल्दी के उपाय करने से पहले काली हल्दी की पहचान करना बहुत ज़रूरी होता है. आप काली हल्दी के पौधे को देखकर इसकी पहचान कर सकते हैं. इसकी पत्तियां लम्बी होती है और उनके बीचों-बीच एक काली लकीर होती है. आप काली हल्दी को किसी पंसारी की दुकान से प्राप्त कर सकते हैं. काली हल्दी अपने तांत्रिक प्रयोगों के कारण बहुत प्रसिद्ध है. काली हल्दी से किया गया कोई भी टोटका या उपाय निश्चित ही अपना असर दिखता है. इसलिए जो भी व्यक्ति इसका प्रयोग करता है उसे इसके परिणामों के बारे में एकदम निश्चिंत हो जाना चाहिए.

छोटे बच्चे को अगर नज़र लग जाती है तो आप काले कपड़ा लेकर उसमें काली हल्दी बाँध दें. अब इसे बच्चे के सिर से 7 बार उतारा देकर नदी में बहा दें. इस प्रयोग से बच्चे पर से बुरी नज़र का साया हट जाएगा. घर में अगर कोई सदस्य बीमार है तो आप काली हल्दी का ये प्रयोग ज़रूर करें. आप दो आटें के पेड़े बनाकर उसमें गुड़, चने की दाल और पीसी हुई काली हल्दी दबाकर बीमार व्यक्ति के शरीर से 7 बार उतारा दें और किसी गाय को खिला दें. इस काली हल्दी के टोटके को लगातार 3 गुरुवार करने से बीमारी से मुक्ति मिल जाएगी.

काली हल्दी के प्रयोग

कई लोग अपने जीवन में बहुत सारा धन अर्जित करते हैं लेकिन फिर भी धन उनके घर में टिक नही पाता है. अगर आपके घर में भी ये समस्या है तो आपको ये उपाय करना चाहिए. आप शुल्क पक्ष के पहले शुक्रवार के दिन नागकेशर, सिंदूर और काली हल्दी किसी चांदी की डिबिया में रखकर माँ लक्ष्मी के चरणों से स्पर्श करा के अपनी तिजोरी में रख दें. ये प्रयोग करने से आपके घर में पैसा टिकने लगेगा. काली हल्दी के टोटके गृह दोष की समस्या से निपटने के लिए भी बहुत उपयोगी होते हैं. गुरु या शनि की बुरी स्थिति से निपटने के लिए जातक को शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से प्रतिदिन काली हल्दी पीस कर उससे तिलक करना चाहिए. इससे गृह दोष को मिटेगा ही आपके लिए धन की बचत के अवसर भी खुल जायेंगे.

अगर आपके व्यापार में पर्याप्त मेहनत करने पर भी आपको सफलता नही मिल रही है तो आप शुक्ल पक्ष में पहले गुरुवार के दिन 11 सिद्ध किये गोमती चक्र, चांदी का एक सिक्का, काली हल्दी और 11 अभिमंत्रित कौड़ियों को एक पीले रंग के कपड़े में बांध लें. अब आप इसके सम्मुख बैठकर ‘ ओम नमो भगवते वासुदेव नम:’ इस मन्त्र का 108 बार उच्चारण करें. मन्त्र का उच्चारण पूरा होने पर इस पोटली को अपने ऑफिस या व्यवसाय की जगह पर रख दें. इस काली हल्दी के टोटके से आपका व्यापार तेज़ गति से तरक्की करने लगेगा. धन की प्राप्ति के लिए आप दीवाली के दिन लक्ष्मी पूजा में काली हल्दी के साथ एक चांदी का सिक्का पीले कपड़ों में रखें. इस उपाय से आप पर माँ लक्ष्मी की कृपा वर्षभर बनी रहेगी.

काली हल्दी के तांत्रिक उपाय

अगर आपके कारखाने में मशीने बार-बार ख़राब हो रही हैं तो आप केसर और काली हल्दी को गंगा जल छिड़क कर लेप तैयार कर लें. इस लेप से मशीनों के ऊपर स्वस्तिक का चिन्ह बना दें. ऐसा करने से आपको इस समस्या से मुक्ति मिल जायेगी. मिर्गी या पागलपन से पीड़ित व्यक्ति का इलाज़ करने के लिए काली हल्दी को कटोरी में रखकर लोभान की धूप दें. अब कटोरी में से के टुकड़ा हल्दी का लेकर उसे एक धागे में पिरोकर मिर्गी से पीड़ित व्यक्ति के गले में टांग दें. कटोरी की हल्दी को पीसकर चूर्ण बना लें और इसे पानी में डालकर मरीज को पिलाते रहें. इस उपाय से मिर्गी से रोगी को राहत मिलती है. इस प्रयोग को किसी शुभ मुहूर्त में करने से मिर्गी, अनिंद्रा और मानसिक रोगों से राहत मिलती है.

अगर आप चाहते हैं कि आपको अपूर्व मात्रा में धन प्राप्त हो तो आप काली हल्दी के टोटके के अंतर्गत ये उपाय गुरु पुष्य नक्षत्र में ज़रूर करें. आप एक लाल कपड़ा लें और इसमें काली हल्दी, कुछ सिक्के और सिंदूर रखकर लपेट दें. इस इस कपड़े को अपनी तिजोरी के भीतर रख दें. इस प्रयोग को करने पर आपको अपने धन में आश्चर्यजनक वृद्धि देखने को मिलेगी. काली हल्दी को वशीकरण तंत्र में भी प्रयोग किया जाता है. किसी भी व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए काली हल्दी में अपनी कनिष्ठा उंगली से रक्त निकाल कर उसमे मिला दें और उसका तिलक करें. इस तरह से तिलक लगाने वाले व्यक्ति के शरीर में अद्भुत आकर्षण की शक्ति उत्पन्न हो जाती है.

काली हल्‍दी के टोटके

अगर आप किसी स्त्री या पुरुष जिससे आप प्यार करते हैं उसे आकर्षित करना चाहते हैं तो काली हल्दी के टोटके के अंतर्गत ये प्रयोग ज़रूर करें. आप काली हल्दी, सफ़ेद चन्दन, श्वेतार्क, गोरोचन, मूल, हरसिंगार की जड़ और पान को लेकर पत्थर पर अच्छे से पीस लें. अब इसके लेप को किसी डिबिया में भरकर रख लें. जब भी आप किसी व्यक्ति पर वशीकरण करना चाहते हो, उसके सम्मुख इस लेप से तिलक लगाकर जाएँ. इस टोटके से उस व्यक्ति पर आपका वशीकरण हो जायेगा और वह आपके अनुरूप कार्य करने लगेगा.

घर को बुरी नज़र, बाधा, टोनों, टोटकों के प्रभाव से बचाने के लिए हनुमान मंदिर से लायी गयी हवन की विभूति, काली हल्दी, रक्त चन्दन, श्वेतार्क मूल आदि मिलाकर एक लेप तैयार कर लें. अब इस लेप से घर के मुख्य द्वार और बाकी सभी द्वार पर स्वस्तिक का चिन्ह बना दें. इस उपाय को करने से आपका घर हर तरह की बुरी नज़र से बचा रहेगा. काली हल्दी के उपाय हर तरह की बाधाओं से रक्षा करने तथा मनोकामना पूर्ति में सहायक होता है. आप काली हल्दी के टोटके इश्तेमाल करके अपने आर्थिक, मानसिक, शारीरिक समस्याओं का समाधान कर सकते हैं इसके अलावा घर में सुख-सम्रद्धि के लिए भी इसका प्रयोग आपको बहुत अच्छा परिणाम देगा.

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग- प्रभु दत्तात्रेय का रूप साक्षात भगवान शंकर से मिलता है। महाराज दत्तात्रेय की आराधना बहुत ही फलदायक औरशीघ्र फल देने वाली है। महाराज दत्तात्रेय तीनो ईश्वरीय शक्तियो से समाहित आजन्म ब्रह्मचारी, अवधूत, और दिगम्बर रहे थे, वे कण–कण मेंसमाए हैं और अपने भक्तों की किसी भी प्रकार के संकट में बहुत जल्दी सुध लेते हैं, यदि मन, कर्म और वाणी से महाराज दत्तात्रेय की उपासना कीजाए तो किसी भी कठिनाई का बहुत ही सरलता से अंत हो जाता है।

दत्तात्रोय तंत्र वशीकरण प्रयोग
दत्तात्रोय तंत्र वशीकरण प्रयोग

भगवान दत्तात्रेय की उपासना विधि

श्री दत्तात्रेय जी की मूर्ति, चित्र अथवा यंत्र को लाल कपडे पर स्थापित करें और चन्दन लगाकर, फूल चढाकर, नैवेद्य चढाकर धूप की धूनी देकर, आरती उतारकर पूजा करें। पूजा करते समय पहले स्तोत्र को ध्यान से पढ़ें और फिर मन्त्र का जाप करें। उनकी उपासना का प्रभाव तुरंत ही प्रारंभ होजाता है और वे शीघ्र ही भक्त को अपनी उपस्थिति का आभास देने लगते हैं। भक्तों को प्रायः साधना के समय अचानक स्फूर्ति के आने से उनकीउपस्थिति का आभास होता है। भगवान दत्तात्रेय बड़ हीे दयालू और सरल हैं, जब भी भक्त संकट में पड़ने पर उन्हें सहायता के लिए पुकारतें हैं वे तुरंतही सहायता के लिये अपनी शक्ति को भेजते है।

भगवान दत्तात्रेय की उपासना में विनियोग विधि

पूजा की शुरूआत में भगवान श्री दत्तात्रेय का आवाहन किया जाता है। इसके लिए एक साफ बर्तन में पानी लेकर पास में रखें और बायें हाथ में एकफूल और चावल के दाने लेकर इस प्रकार से विनियोग करें –

‘‘ष्ऊँ अस्य श्री दत्तात्रेय स्तोत्र मंत्रस्य भगवान नारद ऋषिरू अनुष्टुप छन्दरू,श्री दत्त परमात्मा देवतारू, श्री दत्त प्रीत्यर्थे जपे विनोयोगरूष’’

यह उच्चारण करके दाहिने हाथ में फूल और चावल लेकर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति, चित्र या यंत्र पर सिर को झुकाकर चढ़ाएँ। इसके पश्चात हाथों कोपानी से साफ कर लें और दोनों हाथों को जोडकर उनके लिये जप स्तुति करें। जो इस प्रकार से है –

‘‘ष्जटाधरं पाण्डुरंगं शूलहस्तं कृपानिधिम। सर्व रोग हरं देव,दत्तात्रेयमहं भज’’

अपने भक्तों पर आने वाले संकटों को दत्त भगवान तुरंत दूर करते हैं और उनके जीवन में खुशहाली लाते हैं। दत्तात्रेय जयंती के दिन इन मंत्रों कास्फटिक की माला से हर रोज 108 बार मंत्र जाप करने से मनुष्य जीवन के समस्त कष्ट और संकट शीघ्र ही दूर  हो जाते हैं।

तांत्रोक्त दत्तात्रेय मंत्र–   ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नमः

यह भगवान दत्तात्रेय का प्रिय दत्त गायत्री मंत्र है –

‘‘ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दतरू प्रचोदयात’’

एक समय ऐसा था, जब वैदिक कर्मों का, धर्म का तथा वर्णव्यवस्था का लोप हो गया था। उस समय भगवान दत्तात्रेय ही थे, जिन्होंने इन सबकापुनरूद्धार किया था।

दत्तात्रेय तंत्र में यह जिक्र भी आता है कि भगवान् शिव ने स्वयं ऋषि दत्तात्रेय को वरदान दिया था कि मैं स्वयं तीन अवस्थाओ मे भक्तों  के साथरहूँगा

  • जहाँ किसी की स्त्री का हरण हुआ हो
  • जहाँ किसी का किसी ने धन चुराया या कब्ज़ा किया हो
  • किसी ने किसी दूसरे की जमीन को अनधिकृत जप्त किया हो

उस समय मैं उस भक्त के साथ उस दुष्ट के विरुद्ध स्वयं विराजमान होता हूँ परंतु जब कोई अपनी शक्ति का दुरूपयोग या अनैतिक कर्म करे, तो मैंउस साधक का विनाश भी कर सकता हूँ। इसलिए इस लिए तंत्र विद्या का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए केवल बहुत जरुरी होने पर ही इस काप्रयोग करना चाहिए।

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग –

किसी भी बुधवार की रात को पीले वस्त्र पहनकर पीले रंग के आसन पर बैठें और आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। अपने सामने एकचैकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर दत्तात्रेय यंत्र रखें और उस पर सिंदूर रखें। घी का एक दीपक जलाएँ और मूल मंत्र का रुद्राक्ष माला से 11 मालाका जप करें। जप के पूरा होने पर सिंदूर को एक चाँदी की डिबिया में संभालकर रख लें। अब जब भी आपको किसी व्यक्ति को अपनी बात मनवानी होया कोई काम करवाना हो, तो मंत्र का 11 बार जप करके चाँदी की डिबिया में रखे सिंदूर को अपने माथे पर लगाकर उस व्यक्ति के पास चले जाएँ, आपका कार्य अवश्य ही सफल होगा।

जिन महिलाओं के पति गलत संगत में पड़ गए हों, और उन्हें सुधारने के सभी उपाय विफल हो चुके हों, वे महिलाएँ इस सिंदूर को अपनी माँग में भरें याइसका टीका लगाएँ। उनका पति अवश्य ही सही मार्ग पर आ जाएगा। बस इस साधना को पूर्ण विश्वास और धैर्य के साथ सही प्रकार से विधिपूर्वककरें।

मंत्र – ‘‘ॐ श्रीं हृीं क्लीं ग्लौं द्राम दत्तात्रेयाय नमः’’

तंत्र को कामना की शीघ्रता से सिद्धि करने वाला कहा जाता है। भगवान् दत्तात्रेय को अवतार माना गया है। कलियुग में अमर और प्रत्यक्ष देवता के रूपमें भगवान् दत्तात्रेय का स्थान हमेशा प्रशंसित एवं प्रतिष्ठित रहेगा। दत्तात्रेय तंत्र देवाधिदेव महादेव शंकर के साथ महर्षि दत्तात्रेय का एक संवाद पत्रहै।

  • मोहन प्रयोग– ‘‘तुलसी–बीजचूर्ण तु सहदेव्य रसेन सह। रवौ यस्तिलकं कुर्यान्मोहयेत् सकलं जगत’’।

तुलसी के बीज के चूर्ण को सहदेवी के रस के साथ पीसकर तिलक के रूप में उसे माथे पर लगाएं। ऐसा करने पर उसको देखने वाला मोहित हो जाता है।

  • ‘‘हरितालं चाश्वगन्धां पेषयेत् कदलीरसे। गोरोचनेन संयुक्तं तिलके लोकमोहनम’’

हरताल तथा असगन्ध को केले के रस के साथ पीसकर उसमें गोरोचन मिलाएं तथा उसका मस्तक पर तिलक लगाएं तो उसको देखने से सामने वालाव्यक्ति मोहित हो जाता है।

  • ‘‘श्रृङ्गि–चन्दन–संयुक्तो वचा–कुष्ठ समन्वितः। धूपौ गेहे तथा वस्त्रे मुखे चैव विशेषतः। राजा प्रजा पशु–पक्षि दर्शनान्मोहकारकः। गृहीत्वामूलमाम्बूलं तिलकं लोकमोहनम।’’

काकडा सिंगी, चंदन, वच और कुष्ठ इनको मिलाकर चूर्ण बना लें और इससे बनी धूप से अपने शरीर तथा वस्त्रों पर धूप देने तथा इसी चूर्ण से तिलकलगाने पर राजा, प्रजा, पशु और पक्षी उसे देखने से ही मोहित हो जाते हैं। इसी प्रकार ताम्बूल की जड़ को घिस कर उसका तिलक करने से लोगों कोमोहन होता है।

  • ‘‘सिन्दूरं कुङ्कुमं चैव गोरोचन समन्वितम। धात्रीरसेन सम्पिष्टं तिलकं लोकमोहनम’’

सिन्दूर, केशर, और गोरोचन इन तीनों को आंवले के रस में पीसकर तिलक लगाने से लोग मोहित हो जाते हैं।

  • ‘‘सिन्दूरं च श्वेत वचा ताम्बूल रस पेषिता। अनेनैव तु मन्त्रेण तिलकं लोकनोहनम’’

सिन्दूर और सफेद वच को पान के रस में पीस कर नीचे दिए गए मंत्र से तिलक करें तो लोग मोहित हो जाते हैं।

  • अपामार्गों भृङ्गराजो लाजा च सहदेविका। एभिस्तु तिलकं कृत्वा त्रैलोक्यं मोहयेन्नरः।

अपामार्ग–ओंगा, भांगरा, लाजा, धान की खोल और सहदेवी इनको पीस कर उसका तिलक करने से व्यक्ति वांछित व्यक्ति को मोहित करने में सफलसहता है।

बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण टोटकेबॉस को वश में करनाबॉस को इम्प्रेस कैसे करे- किसी भी नौकरी में अगर बॉस अच्छा मिल जाए तो फिर ऑफिस की 90 प्रतिशत समस्याएँ अपने आप ही हल हो जाती हैं. लेकिन अच्छा बॉस मिलना एक बहुत ही कठिन काम होता है. हर बॉस चाहता है कि वह आपने ऑफिस के कर्मचारियों से ज़्यादा से ज़्यादा काम ले. एक बॉस को अपने कर्मचारी से बहुत ज़्यादा उम्मीदें होती है. ऐसे में एक बॉस से हमेशा अच्छा व्यवहार और सहयोग मिले ये ज़रूरी नही है. अगर आपके ऑफिस में भी आपको अपने बॉस के साथ तालमेल बिठाने में या उनका सहयोग पाने में परेशानी हो रही है तो आप बॉस वशीकरण का सहारा ले सकते हैं|

बॉस वशीकरण
बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण की सहायता से आप बहुत ही आसानी से अपने बॉस का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं और नौकरी में उन्नति और वेतन, छुट्टी, बोनस आदि में विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं. बॉस का सहयोग और समर्थन आपको अपनी नौकरी में उच्चपद प्राप्त करने में बहुत उपयोगी होता है. आप यहाँ दिए गए बॉस वशीकरण उपायों से अपने काम आसन कर सकते हैं|

अगर आप चाहते हैं कि आपका बॉस आपके वश में रहे तब होली के एक दिन बाद ये टोटका करें. होली के अगले दिन बॉस की एक फ़ोटो लेकर उसे पर थोड़ा सा शहद और घी लगा दें. अब एक कुल्लड़ लेकर इसमे थोड़ा दही डाल दें और थोड़ी सी मात्रा में होलिका की राख को भी इसमें डाल दें. अब इस कुल्लड़ को फ़ोटो के ऊपर रख दें. इसके बाद इसे किसी लाल रंग के कपड़े में बांधकर किसी ऊँचे स्थान पर रख दें. इस टोटके के प्रयोग से आपके बॉस पर आपका वशीकरण हो जायेगा और बॉस का व्यवहार आपके प्रति काफी बेहतर हो जायेगा|

आप बॉस वशीकरण के लिए ये एक छोटा सा टोटका ज़रूर करें. आपको अपने बॉस का हस्ताक्षर किया हुआ कोई भी कागज लेना होगा. जहाँ पर आपके बॉस ने हस्ताक्षर किया है वहां पर काले या लाल रंग की स्याही वाले पेन से गोल-लोग घेरा बनाते जाएँ और कल्पना करें कि बॉस को आप मोटे रस्सों से जकड़ रहे हैं. अब इस कागज को कहीं कीचड़ में गाड़ दें या फिर कहीं गड्डा करके उसके अंदर दबा दें. कुछ ही दिनों में आप अपने बॉस के व्यवहार में आश्चर्यजनक बदलाव देखेंगे|

बॉस को इम्प्रेस कैसे करे?

कौन नही चाहता कि बॉस उसकी बात को महत्व दे और उसकी बात से सहमत हो. आप एक छोटा का बॉस वशीकरण का उपाय करें. जब भी बॉस से आपकी मीटिंग हो आप घर से कुछ सरसों या राई के दाने लायें और बॉस जिस कुर्सी पर बैठते हो उसके ऊपर डाल दें. इस छोटे से उपाय से आपका बॉस आपसे सहमत होगा और आपके पक्ष में निर्णय लेने लगेगा| अगर आपके ऑफिस में कोई काम बिगड़ जाता है तो बॉस का गुस्सा होना एकदम स्वाभाविक है. कई बार किसी न किसी को बॉस के कोप का भाजन बनना पड़ता है. अगर आप चाहते हैं कि आप बॉस के गुस्से बचे रहें तो ये प्रयोग करें. आप पांच लौंग और एक नींबू लेकर उसे अपने रुमाल में बाँध लें और ऑफिस जाते समय इसे आपने जेब के अंदर रख लें. इस प्रयोग से आपकी गलती होने पर भी बॉस आपको ज़्यादा कुछ नही कह पाएंगे और माफ़ कर देंगे|

बॉस वशीकरण टोटके

आप शुक्ल पक्ष में रविवार के दिन बॉस वशीकरण का ये प्रयोग करें. इस दिन सवेरे स्नान आदि से निपट कर 5 लौंग लेकर अपने शरीर पर ऐसी जगह रखें जहाँ पर आपको पसीना अधिक आता है. अब इन लौंग को धूप में सूखा लें और पीसकर पाउडर बना लें. इस पाउडर को चाय, पानी, दूध या शरबत में मिलाकर अपने बॉस को पिला दें. इस छोटे से टोकते से बॉस को वश में करने का उपाय पूरा हो जाएगा. इसके प्रयोग के बाद आपका बॉस हर तरह से नौकरी में आपकी मदद के लिए प्रयास करने लगेगा|

अगर आपकी ये चाहत है कि आप अपने ऑफिस में चर्चित और बॉस के विश्वास पात्र बन जाएँ तो ये प्रयोग 21 दिन तक लगातार करें. आप हल्दी, गौमूत्र, पान का रस, सरसों, गौ-घृत, को एकसाथ मिलाएं और उसका अपने मस्तक पर तिलक करने के बाद ही ऑफिस जाएँ. इस प्रयोग को प्रतिदिन 21 दिन तक दोहराने पर बॉस और पूरे ऑफिस पर आपका वशीकरण हो जायेगा और आपकी तरक्की और उन्नति ने नए रास्ते खुलने लगेंगे|

आप बॉस को किसी दिन घर पर आने के लिए निमंत्रण दें. जब आपका बॉस आने के हाँ कर दें तो एक रात पहले गाय के दूध लेकर इसमें 5 इलायची, 5 लौंग और पांच सुपारी भिगो दें. जब बॉस आपके घर आये तो उन्हें खीर बनायें और उसमे ये लौंग, इलायची और सुपारी को दांत से चबाकर डाल दें. जब आपका बॉस इसे खायेगा तो उस पर आपका पूर्ण वशीकरण हो जायेगा| अगर आप शीघ्र प्रमोशन चाहते हैं तो उसके लिए ये उपाय करें. आप लगातार 40 दिनों तक हर रोज अपने बॉस का नाम लेकर एक लौंग लें और उसे जलाएं. इस टोटके को करने से आप देखेंगे कि आपका बॉस आपकी हर बात में सहमति दिखाने लगा है. इस प्रयोग से आपके प्रमोशन के अवसर बढ़ जायेंगे|

बॉस को वश में करना

अगर आपकी कुंडली में वृहष्पति कमजोर है तब आपको इसको मज़बूत करने का उपाय करना चाहिए. वृहष्पति को मज़बूत करने पर आपके अपने बॉस से संबंध सकारात्मक हो जाते हैं. आप प्रतिदिन स्नान आदि करने के बाद केसर से तिलक करें. इसके अलावा केले के सेवन से भी वृहष्पति की स्थिति मज़बूत होती है| अगर आपका बॉस कोई स्त्री है तो आपको उसे अपने पक्ष में करने हेतु इस बॉस वशीकरण टोटके को करना चाहिए. स्त्री बॉस के वशीकरण के लिए एक चांदी गिलास में थोड़ा सा पानी लेकर पी लें. इसके बाद अपनी स्त्री बॉस का नाम लेकर थोड़ा सा कपूर जला दें. इस आसान से प्रयोग से आपकी महिला बॉस पर आपके वशीकरण का प्रभाव हो जायेगा|

अब जानते हैं कि बूढ़े बॉस को इम्प्रेस कैसे करे. अगर आपका बॉस बूढ़ा है तो आपको ये आसन सा बॉस वशीकरण का टोटका करना होगा. आप एक शनि यंत्र लेकर इसकी धुप-दीप से पूजा करें और इसे अपने गले में पहन लें. इस आसन से उपाय से आपका बूढ़ा बॉस आपके वश में हो जायेगा. आप बूढ़े बॉस के वशीकरण के लिए शनि को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करें. शनिवार के दिन मदिरा मांस से दूर रहें| कार्यालय में बॉस का सहयोग आपकी तरक्की के लिए बहुत ज़रूरी होता है. एक सहयोगी बॉस आपके लिए सुनहरा भविष्य और प्रसिद्धि के द्वार खोल सकता है. इसलिए यहाँ दिए गए बॉस वशीकरण के टोटके और उपायों को अवश्य आजमायें|

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ मंत्र साधनागोरखनाथ शाबर मंत्रगुरु गोरखनाथ के उपाय- गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि तीव्र असर करने वाली तंत्र विद्या के अंतर्गत आती है. इस विद्या को उपयोग में लाने से पहले आवश्यक दिशा-निर्देशों को जान लेना ज़रूरी है. प्राचीन तंत्र विद्या में भगवान शिव के मुख से निकले मंत्रो को भी शामिल किया गया है. इन मन्त्रों का असर तीव्र होता है. इसलिए गोरखनाथ विद्या का प्रयोग करने वाले को सावधानियां बरतनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि
गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि एक प्राचीन तंत्र विद्या है. इसका प्रयोग करके कोई भी साधक अपनी ज़िन्दगी में सफलता प्राप्त कर सकता है. इस वशीकरण साधना में किसी व्यक्ति को सम्मोहित करके उससे अपने अनुरूप काम करवाना जा सकता है.

गुरू गोरखनाथ चैरासी सिद्धियों में प्रमुख माने जाते हैं. इनका दूसरा नाम गोरक्षनाथ भी है. वे योगी, अवधूत, और सिद्ध हठयोगी पुरुष माने जाते हैं. गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में कुछ ख़ास मंत्र दिए गए हैं जिनके प्रयोग से आश्चर्यजनक से परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं. इनके द्वारा सिद्ध किया गया शाबर मंत्र अपने आप में बहुत असरदार है.

गुरु गोरखनाथ ने कई शाबर मन्त्रों की रचना की थी. नाथपंथ के अनुसार भगवान शिव को आदिनाथ भी कहा जाता है. उन्होंने तंत्र-मंत्र की विद्या भीलों को प्रदान की थी. भीलों से ये विद्या मत्स्येन्द्रनाथ तक और फिर गुरु गोरखनाथ तक पहुंची.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में शक्तिशाली शाबर मन्त्रों का प्रयोग करने से पहले गुरु गोरखनाथ को मन्त्रों से प्रसन्न करना बहुत फायदेमंद होता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

सत नमो आदेश! गुरूजी को आदेश!

ॐ गुरूजी!

डार शाबर बर्भर जागे, जागे अढ़ैया और बराट

मेरा जगाया न जाग,

 तो तेरा नरक कुंड मं वास!

दुहाई शाबरी माई की!

दुहाई शाबरनाथ की!

आदेश गुरु गोरख की!!

 

इस मंत्र के लिए एक गोबर का कंडा कर सुलगाएं. अब इस पर गुगुल डालें और इस मंत्र का उच्चारण करें. इस मंत्र को जाग्रत करने के लिए इसका 108 बार उच्चारण करें. इस विधि के अनुसार लगातार 21 दिनों तक मन्त्रों का जाप करना चाहिए.

गोरखनाथ विशिकरण सिद्धि में किसी मंत्र के द्वारा किसी को अपने वश में किया जा सकता है. वशीकरण के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

ओम एक नमक रमता माता, दूसरा नमक विरह से आता।

तीसरा नमक औरी-बौरी, चैथा नमक रहै कर जौरी।

यह नमक अमुक 1 खाए, अमुक 2 को छोड़ दूसरा नहीं जाए।

दुहाई पीर औलिया की, जो कहे सो सुने।

जो मांगे सो देय। दुहाई गौरा पर्वती की।

दुहाई कामख्या की। दुहाई गुरू गोरखनाथ की।

इस मंत्र में अमुक1 और अमुक2 आया है. इसके लिए जब आप मंत्र का उच्चारण करें तो अमुक1 की जगह वशीकरण करने वाले का नाम लें तथा अमुक2 की जगह जिसको वश में करना है उसका नाम लें. इस मंत्र को मुख्य रूप से किसी स्त्री को वश में करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि से जीवन साथी का वशीकरण करने के लिए पाने के पत्ते के डंठल को घिस कर तिलक लगायें. इसके प्रयोग से आपके जीवनसाथी या प्रेमी पर आपका आकर्षण सदैव बना रहेगा.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में बिगड़े हुए पति को रास्ते पर लाने के लिए भी मंत्र है. अगर किसी स्त्री का पति व्यभिचारी है और दूसरी स्त्रियों के पीछे पागल रहता है तो ये मंत्र उपयोगी होता है.

मंत्र: ओम काम मालिनी ठः ठः स्वाहा!

ओम र्हीं क्लीं कलिकुंड स्वामिनी अमृत वक्र अमुकं जुमभय मोहय स्वाहा!!

अगर आप एकसाथ कई लोगों को अपने वशीभूत करना चाहते हैं तो इसके लिए भी गोरखनाथ मंत्र साधना में मंत्र उपलब्ध हैं. अगर आप चाहते हैं हर कोई आपकी बात को महत्व दे और आपकी बातों की उपेक्षा न करे तो इस मन्त्र का जाप 108 बार करें.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मन रंजनी सर्वषान महातगे कुवरी के नंद नंद जिव्हे सर्व जगत वश्य मानय स्वाहा!!

गुरु गोरखनाथ के उपाय में ये मंत्र भी बहुत कारगर है. इस मंत्र का उपयोग किसी भी वशीकरण के प्रभाव को नष्ट कर देता है. वशीकरण का प्रभाव नष्ट करने के लिए सात नदी या सात कुओं से पानी ला कर वशीभूत व्यक्ति को इस मंत्र का उच्चारण करते हुए नहलाया जाता है. यह उपाय बिमारियों से भी मुक्ति दिलाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम वज्र में कोठा, वज्र में ताला, वज्र में बंध्या दस्ते द्वार,

तहां वज्र का लग्या किवाड़ा!

वज्र में कील, जहां से आया तहां से जावे,

जाने भेजा, जाकूं खाए, हमको फेर न सूरत दिखाए!

हाथ कुं, नाक कुं सिर कुं पीठ कुं कमर कुं छाती कुं!

जो जोखो पहुंचाए, तो गुरु गोरखना की आज्ञा फुरे!

मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र इवरोवाचा!

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में एक अन्य बहुत ही सिद्ध मंत्र होता है. इस मन्त्र के लिए कोई विशेष विधि करने की आवश्यता नही होती है. इस मंत्र का जाप 31 बार रात के समय करना चाहिए. यह मंत्र इस प्रकार है:

ॐ नम: महादेवी सर्वकार्य सिद्धिकर्णी जो पाती पुरे,

ब्रह्म: विष्णु महेश तीन देवतन मेरी भक्ति गुरु की,

शक्ति श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरो मंत्र ईश्वर वाचा!!

 

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि को करने के लिए आपको कुछ ज़रूरी बाते ध्यान में रखनी चाहिए. अगर आप इन बातों को ध्यान में रखकर विधिपूर्वक मंत्रो का जाप और साधना करते हैं तो आपको काफी अच्छा परिणाम बहुत ही कम समय में देखने को मिल जायेगा.

गोरखनाथ के उपाय करते समय ध्यान रहे कि आप इनका प्रयोग किसी सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए कर रहे हों. गोरखनाथ के उपायों किसी विशेष प्रकार की विधि की आवश्यता नही होती है. अपने सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए इनका प्रयोग आशाजनक परिणाम देता है साथ ही इनके प्रयोग से किसी के द्वारा किये गए वशीकरण के प्रभाव को नष्ट भी किया जा सकता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है. कोई भी व्यक्ति बिना किसी सिद्ध गुरु के बैगर इन मंत्रो के जाप से लाभ प्राप्त कर सकता है. इन मंत्रो और साधनाओं को करने के लिए लाल या सफ़ेद रंग का आसन उपयुक्त होता है. इन मंत्रो का जाप करते हुए गुरु गोरखनाथ के प्रति मन में पूर्ण श्रद्धा होनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि का प्रयोग करने पर कोई भी साधक अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है. आप अपने उद्देश्य के प्रति एकाग्र हो कर अगर गोरखनाथ के उपाय करेंगे को आपको निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी.

शिव शाबर तंत्र वशीकरण मंत्र

शिव शाबर तंत्र वशीकरण मंत्र

जय शाबर मंत्र अत्यंत शक्तिशाली एवं सिद्धि होते हैं इन मंत्रों के उच्चारण मात्र से ही व्यक्ति के सारे कार्य सिद्ध होने लगते हैं इनका प्रयोग बहुत ही प्रभावी होता है इन मंत्रों की सबसे बड़ी खासियत यह है की इनका प्रभाव किस चीज रहता है तथा इनकी कोई काट निश्चित नहीं होती ।

शिव शाबर वशीकरण मंत्र
शिव शाबर वशीकरण मंत्र

भगवान शिव को अनेक रूपों अनेक नामों से जाना जाता है तथागत देवों के देव महादेव कहलाते हैं अमावस्या के बाद हम लोग सावन का पूरा मां उन्हें समर्पित करते हैं । यह महा साधना के लिए उत्तम होता है इस मंत्र की साधना एक दुर्लभ साधना है जिसका प्रभाव साधक के जीवन में उत्पन्न होने वाली सारी समस्याओं से मुक्ति दिला देता है जो शिवभक्त है उसके लिए यह साबरमती शिवाशिष है

साधना विधि

सर्वप्रथम साधना प्रारंभ करने के पूर्व संकल्प युक्त होकर बैठे हैं एवं मंत्र जाप से पूर्व दाहिने हाथ में जल लेकर संकल्प करें मैं आमुख गोत्रीय आमुख के पिता का नाम  और  मैं अपने समस्त जी दुखों का नाश करने हेतु इस साधना का प्रयोग कर  रहा हूं जिन्हें गोत्र बताना होगा अपनी जाति का उच्चारण कर सकते हैं जिनके पिता का स्वर्गवास हो गया है वह वह अपनी मां का नाम भी ले सकते हैं या किसी साधक के मां पिता दोनों दुनिया में ना रहे हो तो वह अपने गुरु का नाम भी उच्चारण कर सकते हैं

इस शिव मानस पूजा में बाहरी वस्तु या पदार्थों का उपयोग नहीं किया जाता है इस मानक पूजा की रचना आदि गुरु शंकराचार्य की थी और इसका प्रभाव अन्य मंत्रों की अपेक्षा अधिक होता है इस पूजा की यह विशेषता है कि इसमें भक्त भगवान को बिना कुछ अर्पित किए बिना मन में अपना सब कुछ सौंप देते हैं

इस पूजा को प्रारंभ अमावस्या को करते हैं तथा पूर्णिमा तक मंत्र जाप कर उसे सिद्ध किया जाता है इस मंत्र सिद्धि में साधक को पवित्र होना अति आवश्यक है मंत्र सिद्धि होने के बाद आमुख शक्तिशाली हो जाता है एवं वह मंत्र में आमुख की जगह पर अपनी समस्याओं का  उच्चारण कर सकता है जैसे भूत बाधा, तंत्र बाधा, नौकरी प्राप्ति आने वाली बाधा, व्यवसायिक बाधा, पढ़ाई में बाधाएं, विवाह में बाधा , प्रेम में बाधाएं, अन्य बाधाएं इस मंत्र का जाप उत्तर दिशा की तरफ मुख करके करना चाहिए एवं आखिरी दिन देसी घी से निर्मित हवन सामग्री हवन करें  एव १०८ आहुति दे मंत्र पूर्ण सिद्ध हो जाएगा एवं सभी बाधाएं समाप्त हो जाएंगी

मंत्र:-

रत्नैः कल्पित मासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्यांबरं

नानारत्नविभूषितं मृगमदामोदांकितं चंदनम् ।

जाजीकचंपकबिल्वपत्ररचितं पुष्पं च धूपं तथा दीपं

देवदयनिधे पशुपते हृत्कल्पितं गृह्यताम् ॥ १ ।।

सौवर्णे मणिखंडरत्नरचिते पात्रे घृतंह पायसं भक्ष्यं

पंचविधं पयोदधियुतं रंभाफलं स्वादुदम् ।

शाकानामयुतं जलं रुचिकरं कर्पूर खंडोज्ज्वलं

तांबूलं मनसा मयय  विरचितं भक्त्या प्रभोस्वीकुरु ॥ २

करचरणकृतं वा कर्म वाक्कायजं वा

श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम् ।

विहितमविहितं वा सर्वमेतत् क्षमस्व।

शिव शाबर वशीकरण मंत्र

इस वशीकरण मंत्र का प्रयोग सोमवार के दिन अपने आवास या मंदिर में करना चाहिए इस विशेष की पूजा से किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है कथा उसके द्वारा अपने मनवांछित कार्य कराए जा सकते हैं वशीकरण अत्यंत शक्तिशाली होता है

साधना विधि

इस विधि का प्रयोग सोमवार के दिन से प्रारंभ करना चाहिए तथा पूजन से पहले ही आवश्यक सामग्री जैसे रुद्राक्ष की माला धूप दीप तंबोली आदि एकत्र करने एवं आसन लगाकर पूर्व की ओर मुख कर कर बैठ जाए तथा हाथ में गंगाजल लेकर चारों दिशाओं का शोधन करें इस विधि में शिवलिंग का पूजन करें तथा जिस को अपने वश में करना है उसका नाम लेकर शिव से प्रार्थना करें एवं रुद्राक्ष की माला से 21 माला जब करें या विधि आपको 11 सोमवार तक करनी होगी इसके उपरांत मुट्ठी में खाद्य पदार्थ या मिष्ठान लेकर किस को वश में करना है उसका नाम लेते हुए 11 बार इस मंत्र को पढ़ कर मुट्ठी में फूंक मारें तथा उस व्यक्ति को पिला दे जिसे आप अपने वश में करना चाहते हैं वह आपके वशीभूत हो जाएगा।

सावधानी

इस मंत्र का तथा इस साधना का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए ऐसा करने वाला व्यक्ति शिव के प्रकोप का पात्र बन जाता है और स्मरण रहे केवल भह्मपिशाचिनी या जिन्न नहीं है जिसे आप अपना दास बना कर आप अपना काम निकलवा सकते हैं वह शिव है जो अंतर्यामी है वह आप की आराधना का  भी जानते हैं और आपकी अंतरात्मा को भी ।

मंत्र :-

ॐ हँससोहं परमशिवाय नमः

शिव मंत्र सिद्धि

शिव तंत्र साधना अत्यंत दुर्लभ साधना है इस साधना का प्रारंभ अमावस्या मंगलवार होली या दिवाली में किया जाता है इस साधना से कार्य अत्यंत शीघ्र पूर्ण होते हैं तथा अत्यंत दुर्लभ होने के कारण अत्यंत कठिन साधना  है इस साधना में कोई भी त्रुटि नहीं होनी चाहिए।

विधि

इस साधना के लिए दीवाली या होली का दिन अत्यंत उत्पन्न होता है तथा आप यह साधना अमावस्या को भी प्रारंभ कर सकते हैं इस साधना के लिए सर्वप्रथम स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर आसन लगाकर बैठना चाहिए ध्यान रहे कि आपको काले वस्त्र तथा काला आसन प्रयोग में लाना है सर्वप्रथम मंत्रों का अनेकों बार उच्चारण कर रुद्राक्ष की माला से  जाप करके सिद्ध करना है तथा ऐसा करने से आपकी शिव पूजा सिद्ध हो जाती है एवं साधक के समक्ष तीन देवियां कृत्याय प्रकट होती हैं एक मरणकृत्या दूसरी मोहनकृत्या तीसरी उच्चाटनकृत्या इस समय आप को सावधानी बरतनी होगी तथा  अपने मस्तिष्क से भय को दूर रखना होगा ऐसा करने से आप कि यह साधना सफल होती है तथा हजारों मील दूर के कार्य मन की गति से संपन्न होते हैं सभी तरह की आत्माओं से जनित रोग बंधन समाप्त हो जाती हैं एवं उत्तम फल की प्राप्ति होती है।

मंत्र

ॐ  क्लीम क्लीम शत्रुणाम मोहये उच्चाटये मारये वचन सिद्धि मम आज्ञा पालय पालय कृत्याम सिद्धि फट ।

शिव तंत्र साधना

विधि

इस साधना के लिए स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर ईशान दिशा में मुख कर बैठना चाहिए और काले वस्त्र तथा काले आसन का प्रयोग करना चाहिए आप जिस स्थान में साधना कर रहे हो वह स्थान एकांत हो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए सर्वप्रथम शिवलिंग के समक्ष बैठकर रुद्राक्ष की माला से गणेश की पूजा करें एवं लोहे की कीलों से अपने आसन के चारों ओर एक गोल घेरा बना ले तथा  ॐ रं अग्नि प्रकाराय नमः इस मंत्र का उच्चारण करते रहे।  किलो से बना घेरा आपकी अदृश्य शक्तियों से रक्षा करेगा एवं उसके पश्चात आप महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण कर अपने मस्तक में चंदन एवं भस्म का तिलक करें तथा 11 बार मंत्र का जाप कर साधना को सिद्ध करें या साधना एक दृश्य  दिवसीय भी हो सकती है और तीन दिवसीय भी पर आप अधिक से अधिक करने का प्रयास करें जिससे आपकी समस्त इच्छाएं पूर्ण हो एवं साधना के बाद बेलपत्र दूध जल चावल वस्त्र पुष्प लड्डू का भोग लगाकर मंत्र जाप करते हुए भगवान शिव पर चढ़ाएं या कार्य करते समय आपका मुख दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए।

मंत्र

ॐ ह्ण ही हूं अघोरभ्यो सर्व सिद्धि देही देही अघोरेश्वरय हूं हीँ ह्ण ।।

लव मैरिज प्रॉब्लम सलूशन

लव मैरिज प्रॉब्लम सलूशन

लव मैरिज करने के उपाय, लव मैरिज के योग, लव मैरिज सफल होने के लिए टोटके- दुनिया की सबसे सुखद अनुभूति है प्रेम| यदि जीवनसाथी के रूप में आपको आपका प्यार मिला जाता है, तो उसके बाद बाकी सभी ख्वाहिशें खामोशी ओढ़ लेती हैं| उसके बाद फिर कुछ भी नज़र नहीं आता| प्यार योजना बनाकर अथवा रणनीति बनाकर नहीं किया जाता, इसलिए असल समस्या तब उपस्थित होती है जब प्रेमी युगल विवाह सूत्र में बंधना चाहते हैं| उस वक्त परिवार, समाज, जाति, पद प्रतिष्ठा जैसी तमाम रुकावटें दीवार की तरह बीच में खड़ी हो जातीं हैं| इन परिस्थितियों से निबटने के लिए कुछ ज्योतिषीय उपायों को आजमाया जा सकता है| किसी भी उपाय को आजमाने से पूर्व इस बात की भी पड़ताल करें, कि आपकी कुंडली में लव मैरिज के योग हैं या नहीं|

लव मैरिज प्रॉब्लम सलूशन

लव मैरिज प्रॉब्लम सलूशन

लव मैरिज के योग

ग्रह नक्षत्रों के निश्चित योग में लव मैरिज होने की स्थिति निर्मित होती है| कुछ प्रमुख स्थितियाँ निम्नलिखित हैं –

  • ज्योतिष विद्या में पंचम भाव प्रेम का तथा सप्तम भाव विवाह का माना जाता है| इसलिए यदि कुंडली में पंचम भाव का संबंध सप्तम भाव भावेश से हो|
  • यदि नवम भाव भावेश का प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष संबंध पंचम तथा सप्तम भाव के स्वामी से संबंध बने तो लव मैरिज के लिए पारिवारिक रूप से अनुकूल स्थिति निर्मित हो जाती है|
  • यदि शुक्र लग्न स्थान पर बैठा हो तथा चंद्र कुंडली में पंचम स्थान पर बैठा हो |
  • सप्तम भाव के स्वामी से राहु-केतु का संबंध हो |
  • वृष तथा तुला राशि में राहु, मंगल तथा सप्तमेश तीनों उपस्थित हों |
  • यदि लग्नेश चंद्र हो अथवा सप्तम भाव में चंद्र के साथ सप्तमेश हो |
  • यदि शुक्र सप्तम भाव के स्वामी से संबन्धित होकर पांचवे स्थान पर बैठा हो|
  • शुक्र तथा मंगल की दृष्टि आपस में मिल रही हो|
  • पंचम अथवा सप्तम भाव में यदि सूर्य एवं हर्षल की युति हो|

 

लव मैरिज करने के उपाय

जब योग सही नहीं होते, तब लव मैरिज में नाना प्रकार की समस्याएँ खड़ी हो जातीं हैं| परंतु, भारतीय ज्योतिष शास्त्र में कठिन से कठिन समस्या के लिए उपचार विद्यमान है| यदि आपकी कुंडली में उपर्युक्त योग नहीं भी है, तो आप निम्नलिखित उपाय कर सकते हैं –

  • दोषपूर्ण कुंडली के कारण लव मैरिज न हो रही हो, तो लाल किताब के अनुसार किसी भी मंदिर में पान तथा बांसुरी चढ़ाएँ|
  • शिवमंदिर में जाकर शहद से रुद्राभिषेक करें|
  • अपने प्रेमी को काली अथवा नुकीली वस्तु भेंट में न दें, इससे संबंध बिगड़ता है|
  • किसी भी धार्मिक स्थान पर श्वेत वस्त्र धारणकर लाल गुलाब व इत्र चढ़ाएँ|
  • लड़कों को पन्ना धारण करना चाहिये|
  • प्रेयस तथा प्रेयसी शुक्रवार तथा पूर्णिमा के दिन अवश्य मिलें|
  • प्रेयस तथा प्रेयसी राधा-कृष्ण मंदिर में जाकर पूजा करे| प्रेयस लाल गुलाब की माला राधा जी के गले में डालकर 14 इलायची का भोग लगाए तथा प्रेयसी गुलाब के फूलों की माला कृष्ण के गले में डाले तथा एक मुट्ठी मिश्री का भोग लगाए| राधा कृष्ण से प्रार्थना करे तथा दोनों अपना-अपना प्रसाद तथा माला आपस में अदल-बदल ले| दोनों इस प्रसाद को अपने-अपने घर के मंदिर में रख दे तथा प्रसाद परिवार के सदस्यों को खिलाकर खुद भी खा ले| इस पूजा से राधा-कृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है तथा शादी बिना किसी अड़चन के हो जाती है|
  • यदि परिवार का कोई सदस्य आपके लव मैरिज के खिलाफ है तो उसके शयन कक्ष में बिस्तर के पास तांबे से निर्मित छोटा सा कछुआ रखे दें तथा मन ही मन प्रार्थना करें कि आपकी शादी में वह अवरोध उत्पन्न न करे|
  • किसी भी शुक्रवार को एक शहद की बोतल तथा चांदी का पत्तर लें| उस पत्तर पर अपना, अपनी प्रेयस/प्रेयसी, परिवारजन का नाम लिखेँ तथा उस शहद की बोतल में डालकर ढक्कन कसकर बंद कर दें| बोतल को किसी अखबार के पन्ने में अच्छी तरह लपेटकर अपने कपड़ों की अलमारी में रख दें| इससे समस्त ग्रह दोष समाप्त होते हैं|
  • यदि मंगल दोष के कारण लव मैरिज में दिक्कतें आ रही हो, तो प्रत्येक शनिवार चंडिका स्तोत्र का पाठ करें|

 

लव मैरिज हेतु मंत्र व आराधना

कुछ विशेष मंत्र व पूजा से भी लव मैरिज में आ रही कठिनाइयों को दूर किया जा सकता है| आप अपनी सुविधा से निम्नलिखित में से किसी एक का चयन कर सकते हैं –

  • श्री कृष्ण की आराधना लव मैरिज में आ रही तमाम बाधाओं को नष्ट कर देती है| इसलिए, शुक्रवार के दिन राधा-कृष्ण मंदिर अथवा मूर्ति के समक्ष निम्नलिखित मंत्र का जाप 108 बार करें –

केशवी केशवाराध्या किशोरी केशवस्तुता,

रूद्र रूपा रूद्र मूर्ति: रूद्राणी रूद्र देवता। अथवा

ॐ क्लीं कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा:

तीन माह के भीतर समस्त बाधाएँ दूर हो जाएंगी और आप प्रेमी संग विवाह सूत्र में बंध जाएंगे|

  • स्फटिक की माला पर विष्णु-लक्ष्मी जी की मूर्ति के समक्ष ॐ लक्ष्मी नारायणाय नमः’’ मंत्र का जाप तीन बार करें|
  • शिव जी की प्रतिमा के समक्ष पाँच नारियल रखकर रुद्राक्ष की माला पर ‘‘ऊं श्रीं वर प्रदाय श्री नमः मंत्र का जाप पाँच माला करें| जाप के उपरांत नारियल किसी शिव मंदिर में चढ़ा दें| सभी अड़चनें दूर हो जाएंगी|
  • किसी शिव मंदिर में शिवलिंग पर दूध मिश्रित जल से अभिषेक करें तथा ॐ सोमेश्वराय नमः मंत्र का जाप एक माला नित्य रुद्राक्ष की माला पर करें|
  • यदि प्रेमी-प्रेमिका के मध्य मनमुटाव हो गया हो तथा विवाह की स्थिति नहीं बन रही हो, तो ॐ ज्लौम रहौं क्रोम उत्तरनाथ भैरवाय स्वाहा: मंत्र का जाप करें तथा भैरव देव को मीठी रोटी का भोग लगाएँ|

लव मैरिज सफल होने के लिए टोटके

  • शनिवार के दिन तिल अथवा सरसो के तेल का दीपक लगाकर सुंदरकांड का पाठ करें|
  • नेपाली गौरी-शंकर रुद्राक्ष स्वेत स्वर्ण में पिरोकर धारण करें|
  • पूर्णिमा के दिन वट वृक्ष की एक सौ आठ परिक्रमा करें|
  • अपनी सबसे छोटी उंगली में पुखराज, जरकिन अथवा हीरा तीन रत्ती से अधिक धारण करें|
  • प्रति माह प्रदोष तिथि में देवी पार्वती की विधिवत पूजा करें|
  • प्रेयस अथवा प्रेयसी को हीरा भेंट करें| हीरा यदि न खरीद सकें तो अमेरिकन डायमंड भी दिया जा सकता, परंतु वह नीला अथवा काला नहीं होना चाहिए|
  • प्रेयस अथवा प्रेयसी एक दूसरे को पीला, लाल गुलाब अथवा कोई भी वस्तु भेंट करे|
  • विधि-विधान से सोलह सोमवार व्रत रखें|
  • देवी दुर्गा की विधिवत पूजा अर्चना के पश्चात लाल ध्वजा चढ़ाएँ|