Tag Archives: Strong Pati Vashikaran Mantra In Hindi

लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज

लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज

 लाल किताब “ सामुद्रिक शास्त्र के ऊपर आधारित यह किताब हमारे और आपके लिए बहुत ही उपयोगी है | इस में दिए गए सिद्ध टोटके बहुत ही प्रभावशाली है | अतः आज हम आप के लिए लाल किताब के सिद्ध टोटके लेकर आए हैं |

पर ध्यान रहे – लाल किताब के सिद्ध टोटके अपनाने के पहले आपको  निम्नलिखित शर्तों को मानना पड़ेगा –

१) लाल किताब में दिए गए सभी टोटके या उपाय दिन के समय यानी सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के पहले करें |

२) जो भी उपाय आरंभ करें तो उसे बिना पूरा किए ना छोड़े |

३) सात्विकता व सदाचार का ध्यान रहे |

४)  मन में श्रद्धा रखें |

लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज
लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज

लाल किताब के सिद्ध टोटके

१) अगर आपको कोई परेशानी हो तो आप यह टोटका अपना सकते हैं – रात को सोते वक्त एक तांबे के पात्र में जल भरे और लाल चंदन अल्प मात्रा में मिला दें | अब पानी से भरे हुए इस पात्र को अपने सिरहाने रखें | प्रात काल स्नानोपरान्त इस जल से तुलसी का पौधा सीचें | धीरे-धीरे आपकी परेशानी आपसे दूर होगी |

२) आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए हर शुक्रवार के दिन पाँच बाल कन्याओं को खीर खिलाएं | साथ में मिश्री भी दें | इस विधि को लगातार २१ शुक्रवार तक करें |

३)  अगर बुखार पीछा नहीं छोड़ रहा हो और दवाईयां भी बेअसर हो रही हो तो जड़ ले  आक की | अब इसे  किसी कपड़े में बांधकर रोगी के कान से बांध दें |  बुखार पीछा छोड़ देगा |

४)  यदि आपको अपने काम धंधे में हानि का सामना करना पड़ रहा है तो आप यह करे- कच्चा कोयला  ले अपने  वजन के समान अनुपात में | अब इसे  जल में  प्रवाहित कर दें |

५) हर शनिवार के दिन शनिदेव को  सरसों का तेल अर्पित करें |

७) प्रतिदिन  हनुमान जी की पूजा करें | हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का  पाठ करें |

८)  किसी गरीब को एक बार जरूर दान करे अपनी पहनी हुई एक जोड़ी चप्पल | यह लाल किताब द्वारा बताया गया एक अत्यंत ही सरल टोटका है जो आपकी मानसिक परेशानी को दूर करेगा |

९) नौकरी टिकाने के लिए आप  हर मंगलवार को  बुदिंया( मीठे) मंदिर में चढ़ाएं | उसके बाद लड़कियों में  वितरित कर दे | इस क्रिया को आप लगातार चार मंगलवार तक करें |

१०) अपने प्रमोशन के लिए प्रत्येक दिन सुबह-सुबह  घास पर चले नंगे  पैर से |

१२) बृहस्पतिवार को  पीले रंग की वस्तु  दान करने से भी प्रमोशन संबंधी बाधाएं दूर होती है |

लाल किताब के वशीकरण टोटके

१) एक अत्यंत प्रभावशाली वशीकरण मंत्र है “शाबर मोहिनी मंत्र “ ..इस के द्वारा किया गया प्रयोग किसी को भी आपके वश में कर सकता है | मंत्र है -‘मोहिनी मोहिनी मैं करा मोहिनी मेरा नाम ,श्राजा मोहा प्रजा मोहा मोहा शहर ग्राम | त्रिंजन बैठी नार मोहा चैकि बैठी को, स्तर बहत्तर जिस गली मैं  जावा सौ मित्र सौ वैरी को | बजे मंत्र फुरे बाचा, देखा महामोहिनी इल्म का तमाशा || इस मंत्र का जाप करते वक्त लाल रंग के वस्त्र पहने |  कुश का आसन बिछाकर उसके ऊपर बैठ जाएं |अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर रखें | अपने सामने एक लाल रंग का कपड़ा बिछाएं | उसके ऊपर भैरवी देवी की स्थापना करें | देवि का सोलह श्रृंगार करें |  दीपक जलाएं तिल के तेल का | सात तरह के मिठाई का भोग लगाएं | साथ ही साथ इत्र की शीशी, मीठा पान और एक छोटी इलायची भी देवी के समीप रखें | अब ऊपर दिए गए मंत्र का जाप करें पाँच माला | जाप पूरा हो जाने के बाद बिछाए हुए लाल कपड़े में सभी सामग्रियों को बाँध कर (इलायची नहीं) बहते हुए जल की धारा में प्रभावित करें अथवा किसी सुने स्थान पर रख दें | अब इस अभिमंत्रित इलायची को आप उस व्यक्ति को खिला दे जिससे आप अपने वश में करना चाहते हैं | इलायची खिलाने के पहले भी शाबर मंत्र का उच्चारण करें सात बार | अभीष्ट फल की प्राप्ति निश्चय ही होगी |

लाल किताब के सिद्ध टोटके फॉर हस्बैं

१)  इस वर्ग का अत्यन्त सफल टोटका है – पत्नी लोहे अथवा स्टील का एक ताला खरीदें शुक्रवार के दिन | खरीदते वक्त वह ठीक तरीके से बंद हो रहा है या नहीं  इस  विषय की जांच दुकानदार को ना करने दे,खुद ही करें | अब  उसी रात  शुक्रवार को  सोते वक्त उसके उस ताले को अपने  पास रखें | दूसरे दिन शनिवार को उस  ताले  को  बिना खोले हुए किसी धार्मिक स्थल या मंदिर पर  रख दे | किसी अन्य द्वारा  जब वह ताला खोला जाएगा तो उसके खोलते ही  उस स्त्री का पति जिसने ताला रखा था, वशीकरण से प्रभावित हो जाएगा |

२) “ओम क्रीं वांछितं मे वशमनाय स्वाहा”  इस मंत्र का जाप करने से पर स्त्री – मोह में फंसे हुए पति को वापस वश में किया जा सकता है | जाप शुक्ल पक्ष वाले पहले रविवार के दिन आरंभ किया जाना चाहिए | इसके लिए सबसे पहले प्रातः स्नानोपरान्त  गणेशजी की पूजन करें | गुरु स्मरण करते हुए भैरव की पूजा करें | फिर केसर से एक थाली में स्वास्तिक बनाए | अब इसके ऊपर पवित्र कर शंख तथा मोती रखें | इसकी पूजा करें | जिसको वश में करना है उसका नाम लेकर प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करें १०८ बार | यह क्रिया बिना रुके १ महीने तक लगातार होनी चाहिए |

लाल किताब के सिद्ध टोटके फॉर लव मैरिज

१) प्रेम के प्रतीक भगवान कृष्ण की आराधना करें | प्रति शुक्रवार को राधा- कृष्ण की युगल जोड़ी के समक्ष नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें १०८ बार | तीन माह तक ऐसा करें | आपको फल की प्राप्ति निश्चय ही होगी | मंत्र है- “केशवी  केशवाराध्या किशोरी केशवस्तुता, रूद्र रूपा रूद्र मूर्ति: रूद्राणी रूद्र देवता |”

२) “कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा” .. इस मंत्र का जाप भी प्रेम विवाह में सहायक है |

३) ” ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः” .. शिव का यहां मंत्र भी प्रेम विवाह में अत्यन्त लाभदायक है | किसी भी सोमवार को रूद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करे | जाप संख्या होनी चाहिए पाँच माला | जाप पूर्ण होने के पश्चात पांच नारियल अर्पित करें भगवान शिव को |

४) ” ओम लक्ष्मी नारायणाय नमः”… शुक्ल पक्ष में आने वाले गुरुवार से इस मंत्र का जाप प्रारंभ करें | जाप हर गुरुवार को लक्ष्मी नारायण की तस्वीर के सामने करें | जाप में स्फटिक की माला व्यवहार करें | जाप संख्या होनी चाहिए १०८ बार |

भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना- एक सामान्य व्यक्ति का जीवन तमाम तरह की बिध्न-बाधाओं से भरा रहता है। कुछ आपत्तियां तो कुछ विपत्तियों का सामना करते हुए गुजरती जिंदगी में कई मौके ऐसे भी आते हैं जब मुश्किलों का हल आसानी से नहीं निकल पाता है। खासकर तब जब शत्रु के द्वारा पैदा की गई समस्याएं आफत बनकर सामने आ जाती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए किए जाने वाले उपायों में तंत्र साधना को काफी उपुक्त बताया गया है। इसका जीवन में विशिष्ट महत्व है और ये दिनचर्या को सहज-सरल बनाने में काफी मददगार साबित होते हैं। यह भैरव तंत्र साधना से संभव है, जिसमें भगवान शिव की अद्भुत और विपुल शक्ति को जागृत किया जाता है।

भैरव तंत्र साधना
भैरव तंत्र साधना

हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव सर्वव्यापि हैं और संसार सत्व, रज और तम गुणों से मिलकर बनी हुई है। इनपर शिव का नियंत्रण रहता है। शिव में अगर आनंद और उग्रता का रूप है, तो वे सात्विक गुण से भी परिपूर्ण माने गए हैं। इन तीनों गुणों की अपार शक्ति उनके भैरव अवतार में होती है। इस बारे चली आ रही मान्यता के अनुसार भगवान शिव प्रदोषकाल में काल और कलह रूपी अंधकार से संसार की रक्षा के लिए भैरव रूप में प्रकट हुए थे। शिव महापुराण में बताया गया है- ‘‘भैरवः पूर्णरूपो हृशंकरः परात्मनः,मूढ़ास्ते वै न जानन्ति मोहिता शिवमायया।’’

इसे ही रुद्रावतार कहा गया है। रुद्रायमल तंत्र में कुल 64 भैरवों की चर्चा की गई है, लेकिन तंत्र साधन में भैरव के दस रूप ही ज्यादा उल्लेखित किए हैं और कहा गया है कि कोई भी महाविद्या तभी सिद्ध हो सकती है, यदि  भैरव के दस रूपों से संबंधित भैरव की सिद्धि नहीं कर ली जाए। हालंकि रूद्र भैरव के रूपो में 1. असितांग भैरव, 2. चण्ड भैरव, 3. रु-रु भैरव, 4. क्रोधोन्मत्त भैरव, 5. भयंकर भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव और 8. संहार भैरव सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। अदि शंकराचार्य ने भी अपनी पुस्तक प्रपंञ्च-सार तंत्र में भी इन्हीं आठ भैरवों की चर्चा विशेष तौर पर की है।

इस कारण भैरव के सभी स्वरूपों की पूजा फलदायी मानी गई है। भैरव का शब्दिक अर्थ भरण-पोषण करने वाला होता है। वैसे इसे अकाल मौत से बचाने वाला भी माना गया है। इनमें मुख्य तौर पर तीन रूप इस प्रकार हैंः-

  • आनंद भैरवः यह रजो गुण अर्थात राजस्व को दर्शाता है और इनमें अर्थ, धर्म व काम की सिद्धियों के फल मिलते हैं। इनके साथ भैरवी की उपासना भी तांत्रिक साधना-सिद्धि के रूप में की जाती है।
  • काल भैरवः तम गुण वाले इस स्वरूप की साधना काल-भय, संकट, दुःख और शत्रुओं से मुक्ति के लिए की जाती है। इनकी मान्यता कल्याणकारी स्वरूप में है और इनमें काल को नियंत्रित करने की अद्भुत शक्ति होती है।
  • बटुक भैरवः- इन्हें सात्विक स्वरूप के तौर पर जाना जाता है, जिनकी उपासना से सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति निरोगी जीवन व्यतीत करते हुए सुख-ऐश्वर्य, पद-प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में वृद्धि प्राप्त करता है।

भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना के बारे में समझने से पहले तंत्र साधना के षट्कर्म के बारे में जानना जरूरी है, जिसमें शांति कर्म, वशीकरण, स्तंभन, विद्वेषण, उच्चारण और मारण प्रयोग होते हैं। इनके अतिरिक्त मोहनं, यक्षिणी साधना और रसायन क्रिया के प्रयोग भी किए जाते हैं। ये सभी कई देवी-देवताओं की उपासना, आराधना व साधना-सिद्धि से किए जाते हैं। इन्हीं में भैरव तंत्र साधना भी है, जिसे अघोरी श्मशान में विधि-विधान के साथ संपन्न करवाते हैं। हालांकि इसे कोई भी व्यक्ति सहजता के साथ कर सकता है।

ऐसे करें भैरव साधना

प्राचीन तांत्रिक ग्रंथों में भैरव की साधना के कई तरीके बताए गए हैं, लेकिन इसके श्रेष्ठ तरीके के के अनुसार आधी रात को निम्न नियमानुसार की जानी चाहिए।

  • भैरवी की पूजा के लिए आवश्यक पूजन सामग्रियों के साथ कुछ तांत्रिक भले ही शराब को नवैद्य के रूप में महत्व देते हों, लेकिन यह दिन के अनुसार बदलता रहता है। जैसे यदि रविवार को पूजा की जाए तो चावल-दूध की खीर, सोमवार को लड्डू, मंगलवार को घी-गुड़ की बनी सामग्री, बुधवार को दही-चिवड़ा, गुरुवार को बेसन के लड्डू या हलवा, शुक्रवार को भुने हुए चने और शनिवार को उड़द के बने पकौड़े या तली हुई खाने की नमकीन सामग्रियों का भोग लगाना चाहिए।
  • पूजन की तैयारी पूरी होने पर भैरव का आवाहन् के बताए गए मंत्र का उच्चारण करें और भैरवाय नमः बोलते हुए चंदन, अक्षत, फूल, सुपारी, दक्षिणा, नवैद्य आदि के साथ धूप और दीप से आरती करें। वह मंत्र हैः- आयाहि भगवान् रुद्रो भैरवः भैरवीपतेप्रसन्नोभव देवेश नमस्तुभ्यं कृपानिधि।
  • भैरव के आवहन् के बाद काल भैरव की उपासना करते हुए बताए गए शाबर मंत्र का जाप करें। मंत्र हैः- जय काली कंकाली महाकाली के पुत काल भैरव, हुक्म है- हाजिर रहे, मेरा कहा काज तुरंत करे, काला-भैरव किल-किल करके चली आई सवारी, इसी पल इसी घड़ी यही भगत रुके, ना रुके तो तो दुहाई काली माई की, दुहाई कामरू कामाक्षा की , गुरू गोरखनाथ बाबा की आण छु वाचापुरी!!
  • भैरवी साधना किसी भी रविवार, मंगलवार या कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आरंभ किया जा सकता है। परिधान लाल वस्त्र का होना चाहिए।
  • साधना की शुरुआत करने से पहले अपने आसन के ठीक सामने भैरव का चित्र या मूर्ति को स्थापित किया जाना चाहिए। उसके सामने आपका दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए। इनकी पूजा तेल का दीपक जलाकर की जाती है। इसके अतिरिक्त गुग्गल, धूप-अगरबत्ती जलाई जा सकती है।
  • भैरव पूजा के बाद अर्पित की हुई नवैद्य सामग्री को पूजा-स्थल से बाहर नहीं ले जाना चाहिए, बल्कि उसे प्रसाद के तौर पर उसी समय सेवन करना चाहिए।
  • मंत्र जाप के लिए काली हकीक के माला का प्रयोग होना चाहिए।
  • विभिन्न उपायों के कुछ मंत्र बहुत उपयोगी होते हैं, जिनका तुरंत लाभ मिलता है। इन्हीं में एक भय नाशक मंत्र इस प्रकार हैः-ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय भयं हन्! इस मंत्र का दक्षिण दिशा मुंह कर छह माला जाप करना चाहिए।
  • शत्रु नाशक मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शत्रु नाशं कुरु! इस मंत्र को नारियल को काले कपड़े में लपेटकर भैरवी को अर्पित करना चाहिए। गुग्गल धूनी जलाते हुए पांच माला का जाप करना चाहिए।
  • जादू-टोना नाशक मंत्रः ऊँ भं भैरवाय अप्द्दुदारानाय तंत्र बाधाम नाशय नाशय! इस मंत्र का सात माल जाप करना चाहिए। इससे पहले आटे के तीन दिये जलाकर कपूर से आरती करनी चाहिए।
  • प्रतियोगिता-परीक्षा में सफलता का मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय साफल्यं देहि स्वाहाः! इस मंत्र का जाप बेसन का हलवा प्रसाद के रूप में भोग लगाने के बाद अखंड दीप जलाएं और उसे पूर्व की ओर मुख कर आठ माला का जाप करें।
  • बच्चों की सुरक्षा का मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रक्ष रक्ष! इस मंत्र का छह माला जाप मीठी रोटी का भोग लगाकर पश्चिम की ओर मुंह कर किया जाना चाहिए।
  • लंबी आयु मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रु रु स्वरूपाय स्वाहाः! इस मंत्र का पांच माला जाप पूरब की ओर मुख करना चाहिए। गरीबों को भोजन करवाएं।
  • बल-वृद्धि देने वाला मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शौर्य प्रयच्छ! इस मंत्र का सात माला जाप काले कंबल पर बैठकर करना चाहिए।