Tag Archives: वशीकरण के अचूक उपाय

लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज

लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज

 लाल किताब “ सामुद्रिक शास्त्र के ऊपर आधारित यह किताब हमारे और आपके लिए बहुत ही उपयोगी है | इस में दिए गए सिद्ध टोटके बहुत ही प्रभावशाली है | अतः आज हम आप के लिए लाल किताब के सिद्ध टोटके लेकर आए हैं |

पर ध्यान रहे – लाल किताब के सिद्ध टोटके अपनाने के पहले आपको  निम्नलिखित शर्तों को मानना पड़ेगा –

१) लाल किताब में दिए गए सभी टोटके या उपाय दिन के समय यानी सूर्योदय के बाद और सूर्यास्त के पहले करें |

२) जो भी उपाय आरंभ करें तो उसे बिना पूरा किए ना छोड़े |

३) सात्विकता व सदाचार का ध्यान रहे |

४)  मन में श्रद्धा रखें |

लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज
लाल किताब के टोटके फॉर लव मैरिज

लाल किताब के सिद्ध टोटके

१) अगर आपको कोई परेशानी हो तो आप यह टोटका अपना सकते हैं – रात को सोते वक्त एक तांबे के पात्र में जल भरे और लाल चंदन अल्प मात्रा में मिला दें | अब पानी से भरे हुए इस पात्र को अपने सिरहाने रखें | प्रात काल स्नानोपरान्त इस जल से तुलसी का पौधा सीचें | धीरे-धीरे आपकी परेशानी आपसे दूर होगी |

२) आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए हर शुक्रवार के दिन पाँच बाल कन्याओं को खीर खिलाएं | साथ में मिश्री भी दें | इस विधि को लगातार २१ शुक्रवार तक करें |

३)  अगर बुखार पीछा नहीं छोड़ रहा हो और दवाईयां भी बेअसर हो रही हो तो जड़ ले  आक की | अब इसे  किसी कपड़े में बांधकर रोगी के कान से बांध दें |  बुखार पीछा छोड़ देगा |

४)  यदि आपको अपने काम धंधे में हानि का सामना करना पड़ रहा है तो आप यह करे- कच्चा कोयला  ले अपने  वजन के समान अनुपात में | अब इसे  जल में  प्रवाहित कर दें |

५) हर शनिवार के दिन शनिदेव को  सरसों का तेल अर्पित करें |

७) प्रतिदिन  हनुमान जी की पूजा करें | हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का  पाठ करें |

८)  किसी गरीब को एक बार जरूर दान करे अपनी पहनी हुई एक जोड़ी चप्पल | यह लाल किताब द्वारा बताया गया एक अत्यंत ही सरल टोटका है जो आपकी मानसिक परेशानी को दूर करेगा |

९) नौकरी टिकाने के लिए आप  हर मंगलवार को  बुदिंया( मीठे) मंदिर में चढ़ाएं | उसके बाद लड़कियों में  वितरित कर दे | इस क्रिया को आप लगातार चार मंगलवार तक करें |

१०) अपने प्रमोशन के लिए प्रत्येक दिन सुबह-सुबह  घास पर चले नंगे  पैर से |

१२) बृहस्पतिवार को  पीले रंग की वस्तु  दान करने से भी प्रमोशन संबंधी बाधाएं दूर होती है |

लाल किताब के वशीकरण टोटके

१) एक अत्यंत प्रभावशाली वशीकरण मंत्र है “शाबर मोहिनी मंत्र “ ..इस के द्वारा किया गया प्रयोग किसी को भी आपके वश में कर सकता है | मंत्र है -‘मोहिनी मोहिनी मैं करा मोहिनी मेरा नाम ,श्राजा मोहा प्रजा मोहा मोहा शहर ग्राम | त्रिंजन बैठी नार मोहा चैकि बैठी को, स्तर बहत्तर जिस गली मैं  जावा सौ मित्र सौ वैरी को | बजे मंत्र फुरे बाचा, देखा महामोहिनी इल्म का तमाशा || इस मंत्र का जाप करते वक्त लाल रंग के वस्त्र पहने |  कुश का आसन बिछाकर उसके ऊपर बैठ जाएं |अपना मुंह उत्तर दिशा की ओर रखें | अपने सामने एक लाल रंग का कपड़ा बिछाएं | उसके ऊपर भैरवी देवी की स्थापना करें | देवि का सोलह श्रृंगार करें |  दीपक जलाएं तिल के तेल का | सात तरह के मिठाई का भोग लगाएं | साथ ही साथ इत्र की शीशी, मीठा पान और एक छोटी इलायची भी देवी के समीप रखें | अब ऊपर दिए गए मंत्र का जाप करें पाँच माला | जाप पूरा हो जाने के बाद बिछाए हुए लाल कपड़े में सभी सामग्रियों को बाँध कर (इलायची नहीं) बहते हुए जल की धारा में प्रभावित करें अथवा किसी सुने स्थान पर रख दें | अब इस अभिमंत्रित इलायची को आप उस व्यक्ति को खिला दे जिससे आप अपने वश में करना चाहते हैं | इलायची खिलाने के पहले भी शाबर मंत्र का उच्चारण करें सात बार | अभीष्ट फल की प्राप्ति निश्चय ही होगी |

लाल किताब के सिद्ध टोटके फॉर हस्बैं

१)  इस वर्ग का अत्यन्त सफल टोटका है – पत्नी लोहे अथवा स्टील का एक ताला खरीदें शुक्रवार के दिन | खरीदते वक्त वह ठीक तरीके से बंद हो रहा है या नहीं  इस  विषय की जांच दुकानदार को ना करने दे,खुद ही करें | अब  उसी रात  शुक्रवार को  सोते वक्त उसके उस ताले को अपने  पास रखें | दूसरे दिन शनिवार को उस  ताले  को  बिना खोले हुए किसी धार्मिक स्थल या मंदिर पर  रख दे | किसी अन्य द्वारा  जब वह ताला खोला जाएगा तो उसके खोलते ही  उस स्त्री का पति जिसने ताला रखा था, वशीकरण से प्रभावित हो जाएगा |

२) “ओम क्रीं वांछितं मे वशमनाय स्वाहा”  इस मंत्र का जाप करने से पर स्त्री – मोह में फंसे हुए पति को वापस वश में किया जा सकता है | जाप शुक्ल पक्ष वाले पहले रविवार के दिन आरंभ किया जाना चाहिए | इसके लिए सबसे पहले प्रातः स्नानोपरान्त  गणेशजी की पूजन करें | गुरु स्मरण करते हुए भैरव की पूजा करें | फिर केसर से एक थाली में स्वास्तिक बनाए | अब इसके ऊपर पवित्र कर शंख तथा मोती रखें | इसकी पूजा करें | जिसको वश में करना है उसका नाम लेकर प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करें १०८ बार | यह क्रिया बिना रुके १ महीने तक लगातार होनी चाहिए |

लाल किताब के सिद्ध टोटके फॉर लव मैरिज

१) प्रेम के प्रतीक भगवान कृष्ण की आराधना करें | प्रति शुक्रवार को राधा- कृष्ण की युगल जोड़ी के समक्ष नीचे दिए गए मंत्र का जाप करें १०८ बार | तीन माह तक ऐसा करें | आपको फल की प्राप्ति निश्चय ही होगी | मंत्र है- “केशवी  केशवाराध्या किशोरी केशवस्तुता, रूद्र रूपा रूद्र मूर्ति: रूद्राणी रूद्र देवता |”

२) “कृष्णाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा” .. इस मंत्र का जाप भी प्रेम विवाह में सहायक है |

३) ” ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः” .. शिव का यहां मंत्र भी प्रेम विवाह में अत्यन्त लाभदायक है | किसी भी सोमवार को रूद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जाप करे | जाप संख्या होनी चाहिए पाँच माला | जाप पूर्ण होने के पश्चात पांच नारियल अर्पित करें भगवान शिव को |

४) ” ओम लक्ष्मी नारायणाय नमः”… शुक्ल पक्ष में आने वाले गुरुवार से इस मंत्र का जाप प्रारंभ करें | जाप हर गुरुवार को लक्ष्मी नारायण की तस्वीर के सामने करें | जाप में स्फटिक की माला व्यवहार करें | जाप संख्या होनी चाहिए १०८ बार |

फिटकरी से स्त्री वशीकरण

फिटकरी से स्त्री वशीकरण

अंग्रेजी में फिटकरी को ऐलम कहा जाता है| यह चतुर्फल्कीय क्रिस्टल होता है| दरअसल यह पोटेशियम सल्फेट और एलुमिनिक सल्फेट का द्विलण है| दैनिक जीवन में यह अत्यंत उपयोगी है| कई लोग इसे आफ्टर शेव की तरह इस्तेमाल करते हैं| इससे दूषित पानी को भी साफ़ किया जा सकता है| इसके फायदों की लम्बी सूची बनायी जा सकती है| सक्षेप में कुछ का विवरण इस प्रकार है –

फिटकरी से स्त्री वशीकरण
फिटकरी से स्त्री वशीकरण

-पनीर बनाने के लिए दूध फाड़ना हो तो फिटकरी इस्तेमाल करें| पनीर स्वादिष्ट और मुलायम बनेगा|

-मसूढ़ों से खून आता हो तो फिटकरी मिले पानी से कुल्ला करें|

-चेहरे पर झुर्रियां आ रही हो तो फिटकरी को पानी में भिंगोकर अपने चेहरे पर लगाएं| बाद में साफ़ पानी से धों ले| कुछ दिनों में झुर्रियां मिट जाएंगी|

-अगर कोई जहरीला कीड़ा काट ले तो फिटकरी के चूर्ण में पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं और उसे जख्म पर लगा दें| तत्काल राहत मिलती है|

-अगर सर में जूं हो गया हो तो फिटकरी मिले पानी से सर धोएं| जूएँ चली जाएंगी|

फिटकरी के अचूक टोटके

डी दैनिक जीवन की समस्या दूर करने के लिए भी फिटकरी का इस्तेमाल किया जाता है| यह बात अजीब भले ही लगे लेकिन ऐसे कई टोटके हैं जिसमें फिटकरी का उपयोग किया जाता है और वे अत्यंत प्रभावशाली माने जाते है|

  • सोते समय कई लोग डर जाते हैं, बुरे सपने आते हैं या फिर अनजाने भय के शिकार हो जाते है| ऐसी समस्या हो तो किसी काले कपडे में फिटकरी बांधकर सिरहाने रख दें| यह समस्या दूर हो जाएगी | अगर बच्चा नींद में चमकता हो या डरता हो तो किसी मंगलवार को सिरहाने में एक टुकडा फिटकरी का रख दें| उसका चमकना, रोना दूर हो जाएगा|
  • अगर व्यवसाय मंदा चल रहा हो, घाटा हो रहा हो तो दूकान या फैक्टी के मुख्यद्वार पर काले कपडे में फिटकरी बाँध कर लटका दें| व्यापार में बरकत होगी|
  • परिवार में खूब झगड़े हो रहे हों, हमेशा कलह होती हो तो गृह स्वामी रात में अपने पलंग के नीचे एक लोटा जल रखें, उस जल में एक टुकडा फिटकरी भी रखें| सुबह वह जल सूर्यदेव को अर्पित कर दें| सूर्य देव को जल चढ़ाते समय अपनी समस्या उनसे कहें| गृह कलह दूर हो जाएगी|
  • घर का वातावरण यदि अवसादपूर्ण लगता हो तो बाथरूम और शौचालय में एक कटोरी में फिटकरी रख कर छोड़ दें| थोड़े-थोड़े दिनों पर फिटकरी बदलते रहें| ऐसा करने से घर की नकारत्मक ऊर्जा दूर होती है|
  • कभी कभी घर में ऐसी जगह खिड़कियाँ खुलती है जहां से देखने पर खंडहर, विराना, बरसो से बंद मकान शमशान या कब्रिस्तान नजर आता है| ऐसे घर में हमेशा नकारात्मक वातावरण होता है| इस वास्तु दोष को दूर करने के लिए बरामदे या बालकनी में एक कांच की प्लेट में फिटकरी के कुछ दाने लेकर रख दें| ऐसा करने से दूसरी तरफ से आने वाली बुरी हवा घर में प्रवेश नहीं कर पाती| वैसे भी अगर ज्ञात हो कि घर या दफ्तर में किसी प्रकार का वास्तु दोष है तो किसी कोने में फिटकरी का टुकडा रख दें| ऐसा करने से वास्तुदोष दूर हो जाता है|
  • अगर ऐसा लगता हो कि घर का कोई सदस्य किसी बुरी नज़र आ शिकार है तो फिटकरी लेकर सात बार उसार लें और फिर जला दें| फिटकरी के जलते ही नज़र दोष उतर जाएगा|
  • अगर धन की समस्या हो तो नित्य रात फिटकरी से दांत साफ़ करें व स्नान के पानी में फिटकरी डालकर नहाएं|
  • अगर बिजनेस ठीक नहीं चल रहा हो तो फिटकरी का पांच टुकडा, छः नीले रंग का कोई भी फूल और एक बेल्ट (कमर में बाँधने वाला) देवी दुर्गा को चढ़ा दें| अगले दिन बेल्ट किसी कन्या को दान कर दें| नीला फूल बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें| और फिटकरी अपनी जेब में किसी रुमाल में बांधकर रखें| कारोबार सम्वन्धी बात करते समय जेब में रखें| यदि नौकरी के लिए साक्षात्कार देने जा रहे हो तब भी यह उपाय कर सकते हैं|
  • अगर आपके घर में कोई वाहन है और बार बार दुर्घटना हो रही हो तो लटजीरा की जड़, कोयले का एक टुकडा तथा फिटकरी का एक टुकडा नए काले कपडे में बाँध लें| अब इसे लेकर सात बार अपने वाहन का परिक्रमा करें| अंत में वह पोटली अपनी गाडी में कही रख दें| वह बार बार दुर्घटना ग्रस्त नहीं होगी न जल्दी खराब होगी|
  • कई बार लाख चाहने के बाद भी कर्ज से मुक्ति नहीं मिल पाती| इस परिस्थिति में फिटकरी का छोटा सा टुकडा और सिन्दूर लेकर किसी पान के पत्ते पर रखें और मोड़ दें| अब किसी बुधवार को पीपल के पेड़ के नीचे उसे पत्थर के नीचे दबा दें| ऐसा निरंतर तीन बुधवार करें| ऐसा करने से धन आवागमन होता है और कर्ज से मुक्ति को संभव बनाता है|

फिटकरी से वशीकरण कैसे करें

आपको जानकार हैरानी होगी कि फिटकरी से वशीकरण भी किया जा सकता है| जिसका वशीकरण करना हो उसकी एक तस्वीर हासिल करें|  अब एक सफ़ेद रुमाल लें और उसपर जिसे वश में करना हो उसका नाम काली स्याही से लिखें| अब उस रुमाल में एक फिटकरी का टुकडा बाँध दें और निम्नलिखित मंत्र का जाप करें –

ओम नमो चामुंडे जय जय वश्य माले जय जय सातवा नमः स्वाहा|

इस मंत्र का जाप १११ बार करें| इसके बाद सफ़ेद रुमाल में बंधी फिटकरी उस तस्वीर पर सात बार घुमा दें| अंत में वह पोटली कभी सुनसान स्थान पर भूमि में गाड़ दें| ऐसा करते ही वह इंसान वश  में आ जाएगा|

अब फिटकरी एक है लेकिन इसके गुण अनेक है| यह आपको तय करना है कि इसका इस्तेमाल क्या करें|

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग- प्रभु दत्तात्रेय का रूप साक्षात भगवान शंकर से मिलता है। महाराज दत्तात्रेय की आराधना बहुत ही फलदायक औरशीघ्र फल देने वाली है। महाराज दत्तात्रेय तीनो ईश्वरीय शक्तियो से समाहित आजन्म ब्रह्मचारी, अवधूत, और दिगम्बर रहे थे, वे कण–कण मेंसमाए हैं और अपने भक्तों की किसी भी प्रकार के संकट में बहुत जल्दी सुध लेते हैं, यदि मन, कर्म और वाणी से महाराज दत्तात्रेय की उपासना कीजाए तो किसी भी कठिनाई का बहुत ही सरलता से अंत हो जाता है।

दत्तात्रोय तंत्र वशीकरण प्रयोग
दत्तात्रोय तंत्र वशीकरण प्रयोग

भगवान दत्तात्रेय की उपासना विधि

श्री दत्तात्रेय जी की मूर्ति, चित्र अथवा यंत्र को लाल कपडे पर स्थापित करें और चन्दन लगाकर, फूल चढाकर, नैवेद्य चढाकर धूप की धूनी देकर, आरती उतारकर पूजा करें। पूजा करते समय पहले स्तोत्र को ध्यान से पढ़ें और फिर मन्त्र का जाप करें। उनकी उपासना का प्रभाव तुरंत ही प्रारंभ होजाता है और वे शीघ्र ही भक्त को अपनी उपस्थिति का आभास देने लगते हैं। भक्तों को प्रायः साधना के समय अचानक स्फूर्ति के आने से उनकीउपस्थिति का आभास होता है। भगवान दत्तात्रेय बड़ हीे दयालू और सरल हैं, जब भी भक्त संकट में पड़ने पर उन्हें सहायता के लिए पुकारतें हैं वे तुरंतही सहायता के लिये अपनी शक्ति को भेजते है।

भगवान दत्तात्रेय की उपासना में विनियोग विधि

पूजा की शुरूआत में भगवान श्री दत्तात्रेय का आवाहन किया जाता है। इसके लिए एक साफ बर्तन में पानी लेकर पास में रखें और बायें हाथ में एकफूल और चावल के दाने लेकर इस प्रकार से विनियोग करें –

‘‘ष्ऊँ अस्य श्री दत्तात्रेय स्तोत्र मंत्रस्य भगवान नारद ऋषिरू अनुष्टुप छन्दरू,श्री दत्त परमात्मा देवतारू, श्री दत्त प्रीत्यर्थे जपे विनोयोगरूष’’

यह उच्चारण करके दाहिने हाथ में फूल और चावल लेकर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति, चित्र या यंत्र पर सिर को झुकाकर चढ़ाएँ। इसके पश्चात हाथों कोपानी से साफ कर लें और दोनों हाथों को जोडकर उनके लिये जप स्तुति करें। जो इस प्रकार से है –

‘‘ष्जटाधरं पाण्डुरंगं शूलहस्तं कृपानिधिम। सर्व रोग हरं देव,दत्तात्रेयमहं भज’’

अपने भक्तों पर आने वाले संकटों को दत्त भगवान तुरंत दूर करते हैं और उनके जीवन में खुशहाली लाते हैं। दत्तात्रेय जयंती के दिन इन मंत्रों कास्फटिक की माला से हर रोज 108 बार मंत्र जाप करने से मनुष्य जीवन के समस्त कष्ट और संकट शीघ्र ही दूर  हो जाते हैं।

तांत्रोक्त दत्तात्रेय मंत्र–   ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नमः

यह भगवान दत्तात्रेय का प्रिय दत्त गायत्री मंत्र है –

‘‘ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दतरू प्रचोदयात’’

एक समय ऐसा था, जब वैदिक कर्मों का, धर्म का तथा वर्णव्यवस्था का लोप हो गया था। उस समय भगवान दत्तात्रेय ही थे, जिन्होंने इन सबकापुनरूद्धार किया था।

दत्तात्रेय तंत्र में यह जिक्र भी आता है कि भगवान् शिव ने स्वयं ऋषि दत्तात्रेय को वरदान दिया था कि मैं स्वयं तीन अवस्थाओ मे भक्तों  के साथरहूँगा

  • जहाँ किसी की स्त्री का हरण हुआ हो
  • जहाँ किसी का किसी ने धन चुराया या कब्ज़ा किया हो
  • किसी ने किसी दूसरे की जमीन को अनधिकृत जप्त किया हो

उस समय मैं उस भक्त के साथ उस दुष्ट के विरुद्ध स्वयं विराजमान होता हूँ परंतु जब कोई अपनी शक्ति का दुरूपयोग या अनैतिक कर्म करे, तो मैंउस साधक का विनाश भी कर सकता हूँ। इसलिए इस लिए तंत्र विद्या का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए केवल बहुत जरुरी होने पर ही इस काप्रयोग करना चाहिए।

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग –

किसी भी बुधवार की रात को पीले वस्त्र पहनकर पीले रंग के आसन पर बैठें और आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। अपने सामने एकचैकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर दत्तात्रेय यंत्र रखें और उस पर सिंदूर रखें। घी का एक दीपक जलाएँ और मूल मंत्र का रुद्राक्ष माला से 11 मालाका जप करें। जप के पूरा होने पर सिंदूर को एक चाँदी की डिबिया में संभालकर रख लें। अब जब भी आपको किसी व्यक्ति को अपनी बात मनवानी होया कोई काम करवाना हो, तो मंत्र का 11 बार जप करके चाँदी की डिबिया में रखे सिंदूर को अपने माथे पर लगाकर उस व्यक्ति के पास चले जाएँ, आपका कार्य अवश्य ही सफल होगा।

जिन महिलाओं के पति गलत संगत में पड़ गए हों, और उन्हें सुधारने के सभी उपाय विफल हो चुके हों, वे महिलाएँ इस सिंदूर को अपनी माँग में भरें याइसका टीका लगाएँ। उनका पति अवश्य ही सही मार्ग पर आ जाएगा। बस इस साधना को पूर्ण विश्वास और धैर्य के साथ सही प्रकार से विधिपूर्वककरें।

मंत्र – ‘‘ॐ श्रीं हृीं क्लीं ग्लौं द्राम दत्तात्रेयाय नमः’’

तंत्र को कामना की शीघ्रता से सिद्धि करने वाला कहा जाता है। भगवान् दत्तात्रेय को अवतार माना गया है। कलियुग में अमर और प्रत्यक्ष देवता के रूपमें भगवान् दत्तात्रेय का स्थान हमेशा प्रशंसित एवं प्रतिष्ठित रहेगा। दत्तात्रेय तंत्र देवाधिदेव महादेव शंकर के साथ महर्षि दत्तात्रेय का एक संवाद पत्रहै।

  • मोहन प्रयोग– ‘‘तुलसी–बीजचूर्ण तु सहदेव्य रसेन सह। रवौ यस्तिलकं कुर्यान्मोहयेत् सकलं जगत’’।

तुलसी के बीज के चूर्ण को सहदेवी के रस के साथ पीसकर तिलक के रूप में उसे माथे पर लगाएं। ऐसा करने पर उसको देखने वाला मोहित हो जाता है।

  • ‘‘हरितालं चाश्वगन्धां पेषयेत् कदलीरसे। गोरोचनेन संयुक्तं तिलके लोकमोहनम’’

हरताल तथा असगन्ध को केले के रस के साथ पीसकर उसमें गोरोचन मिलाएं तथा उसका मस्तक पर तिलक लगाएं तो उसको देखने से सामने वालाव्यक्ति मोहित हो जाता है।

  • ‘‘श्रृङ्गि–चन्दन–संयुक्तो वचा–कुष्ठ समन्वितः। धूपौ गेहे तथा वस्त्रे मुखे चैव विशेषतः। राजा प्रजा पशु–पक्षि दर्शनान्मोहकारकः। गृहीत्वामूलमाम्बूलं तिलकं लोकमोहनम।’’

काकडा सिंगी, चंदन, वच और कुष्ठ इनको मिलाकर चूर्ण बना लें और इससे बनी धूप से अपने शरीर तथा वस्त्रों पर धूप देने तथा इसी चूर्ण से तिलकलगाने पर राजा, प्रजा, पशु और पक्षी उसे देखने से ही मोहित हो जाते हैं। इसी प्रकार ताम्बूल की जड़ को घिस कर उसका तिलक करने से लोगों कोमोहन होता है।

  • ‘‘सिन्दूरं कुङ्कुमं चैव गोरोचन समन्वितम। धात्रीरसेन सम्पिष्टं तिलकं लोकमोहनम’’

सिन्दूर, केशर, और गोरोचन इन तीनों को आंवले के रस में पीसकर तिलक लगाने से लोग मोहित हो जाते हैं।

  • ‘‘सिन्दूरं च श्वेत वचा ताम्बूल रस पेषिता। अनेनैव तु मन्त्रेण तिलकं लोकनोहनम’’

सिन्दूर और सफेद वच को पान के रस में पीस कर नीचे दिए गए मंत्र से तिलक करें तो लोग मोहित हो जाते हैं।

  • अपामार्गों भृङ्गराजो लाजा च सहदेविका। एभिस्तु तिलकं कृत्वा त्रैलोक्यं मोहयेन्नरः।

अपामार्ग–ओंगा, भांगरा, लाजा, धान की खोल और सहदेवी इनको पीस कर उसका तिलक करने से व्यक्ति वांछित व्यक्ति को मोहित करने में सफलसहता है।

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ मंत्र साधनागोरखनाथ शाबर मंत्रगुरु गोरखनाथ के उपाय- गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि तीव्र असर करने वाली तंत्र विद्या के अंतर्गत आती है. इस विद्या को उपयोग में लाने से पहले आवश्यक दिशा-निर्देशों को जान लेना ज़रूरी है. प्राचीन तंत्र विद्या में भगवान शिव के मुख से निकले मंत्रो को भी शामिल किया गया है. इन मन्त्रों का असर तीव्र होता है. इसलिए गोरखनाथ विद्या का प्रयोग करने वाले को सावधानियां बरतनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि
गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि एक प्राचीन तंत्र विद्या है. इसका प्रयोग करके कोई भी साधक अपनी ज़िन्दगी में सफलता प्राप्त कर सकता है. इस वशीकरण साधना में किसी व्यक्ति को सम्मोहित करके उससे अपने अनुरूप काम करवाना जा सकता है.

गुरू गोरखनाथ चैरासी सिद्धियों में प्रमुख माने जाते हैं. इनका दूसरा नाम गोरक्षनाथ भी है. वे योगी, अवधूत, और सिद्ध हठयोगी पुरुष माने जाते हैं. गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में कुछ ख़ास मंत्र दिए गए हैं जिनके प्रयोग से आश्चर्यजनक से परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं. इनके द्वारा सिद्ध किया गया शाबर मंत्र अपने आप में बहुत असरदार है.

गुरु गोरखनाथ ने कई शाबर मन्त्रों की रचना की थी. नाथपंथ के अनुसार भगवान शिव को आदिनाथ भी कहा जाता है. उन्होंने तंत्र-मंत्र की विद्या भीलों को प्रदान की थी. भीलों से ये विद्या मत्स्येन्द्रनाथ तक और फिर गुरु गोरखनाथ तक पहुंची.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में शक्तिशाली शाबर मन्त्रों का प्रयोग करने से पहले गुरु गोरखनाथ को मन्त्रों से प्रसन्न करना बहुत फायदेमंद होता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

सत नमो आदेश! गुरूजी को आदेश!

ॐ गुरूजी!

डार शाबर बर्भर जागे, जागे अढ़ैया और बराट

मेरा जगाया न जाग,

 तो तेरा नरक कुंड मं वास!

दुहाई शाबरी माई की!

दुहाई शाबरनाथ की!

आदेश गुरु गोरख की!!

 

इस मंत्र के लिए एक गोबर का कंडा कर सुलगाएं. अब इस पर गुगुल डालें और इस मंत्र का उच्चारण करें. इस मंत्र को जाग्रत करने के लिए इसका 108 बार उच्चारण करें. इस विधि के अनुसार लगातार 21 दिनों तक मन्त्रों का जाप करना चाहिए.

गोरखनाथ विशिकरण सिद्धि में किसी मंत्र के द्वारा किसी को अपने वश में किया जा सकता है. वशीकरण के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

ओम एक नमक रमता माता, दूसरा नमक विरह से आता।

तीसरा नमक औरी-बौरी, चैथा नमक रहै कर जौरी।

यह नमक अमुक 1 खाए, अमुक 2 को छोड़ दूसरा नहीं जाए।

दुहाई पीर औलिया की, जो कहे सो सुने।

जो मांगे सो देय। दुहाई गौरा पर्वती की।

दुहाई कामख्या की। दुहाई गुरू गोरखनाथ की।

इस मंत्र में अमुक1 और अमुक2 आया है. इसके लिए जब आप मंत्र का उच्चारण करें तो अमुक1 की जगह वशीकरण करने वाले का नाम लें तथा अमुक2 की जगह जिसको वश में करना है उसका नाम लें. इस मंत्र को मुख्य रूप से किसी स्त्री को वश में करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि से जीवन साथी का वशीकरण करने के लिए पाने के पत्ते के डंठल को घिस कर तिलक लगायें. इसके प्रयोग से आपके जीवनसाथी या प्रेमी पर आपका आकर्षण सदैव बना रहेगा.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में बिगड़े हुए पति को रास्ते पर लाने के लिए भी मंत्र है. अगर किसी स्त्री का पति व्यभिचारी है और दूसरी स्त्रियों के पीछे पागल रहता है तो ये मंत्र उपयोगी होता है.

मंत्र: ओम काम मालिनी ठः ठः स्वाहा!

ओम र्हीं क्लीं कलिकुंड स्वामिनी अमृत वक्र अमुकं जुमभय मोहय स्वाहा!!

अगर आप एकसाथ कई लोगों को अपने वशीभूत करना चाहते हैं तो इसके लिए भी गोरखनाथ मंत्र साधना में मंत्र उपलब्ध हैं. अगर आप चाहते हैं हर कोई आपकी बात को महत्व दे और आपकी बातों की उपेक्षा न करे तो इस मन्त्र का जाप 108 बार करें.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मन रंजनी सर्वषान महातगे कुवरी के नंद नंद जिव्हे सर्व जगत वश्य मानय स्वाहा!!

गुरु गोरखनाथ के उपाय में ये मंत्र भी बहुत कारगर है. इस मंत्र का उपयोग किसी भी वशीकरण के प्रभाव को नष्ट कर देता है. वशीकरण का प्रभाव नष्ट करने के लिए सात नदी या सात कुओं से पानी ला कर वशीभूत व्यक्ति को इस मंत्र का उच्चारण करते हुए नहलाया जाता है. यह उपाय बिमारियों से भी मुक्ति दिलाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम वज्र में कोठा, वज्र में ताला, वज्र में बंध्या दस्ते द्वार,

तहां वज्र का लग्या किवाड़ा!

वज्र में कील, जहां से आया तहां से जावे,

जाने भेजा, जाकूं खाए, हमको फेर न सूरत दिखाए!

हाथ कुं, नाक कुं सिर कुं पीठ कुं कमर कुं छाती कुं!

जो जोखो पहुंचाए, तो गुरु गोरखना की आज्ञा फुरे!

मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र इवरोवाचा!

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में एक अन्य बहुत ही सिद्ध मंत्र होता है. इस मन्त्र के लिए कोई विशेष विधि करने की आवश्यता नही होती है. इस मंत्र का जाप 31 बार रात के समय करना चाहिए. यह मंत्र इस प्रकार है:

ॐ नम: महादेवी सर्वकार्य सिद्धिकर्णी जो पाती पुरे,

ब्रह्म: विष्णु महेश तीन देवतन मेरी भक्ति गुरु की,

शक्ति श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरो मंत्र ईश्वर वाचा!!

 

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि को करने के लिए आपको कुछ ज़रूरी बाते ध्यान में रखनी चाहिए. अगर आप इन बातों को ध्यान में रखकर विधिपूर्वक मंत्रो का जाप और साधना करते हैं तो आपको काफी अच्छा परिणाम बहुत ही कम समय में देखने को मिल जायेगा.

गोरखनाथ के उपाय करते समय ध्यान रहे कि आप इनका प्रयोग किसी सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए कर रहे हों. गोरखनाथ के उपायों किसी विशेष प्रकार की विधि की आवश्यता नही होती है. अपने सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए इनका प्रयोग आशाजनक परिणाम देता है साथ ही इनके प्रयोग से किसी के द्वारा किये गए वशीकरण के प्रभाव को नष्ट भी किया जा सकता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है. कोई भी व्यक्ति बिना किसी सिद्ध गुरु के बैगर इन मंत्रो के जाप से लाभ प्राप्त कर सकता है. इन मंत्रो और साधनाओं को करने के लिए लाल या सफ़ेद रंग का आसन उपयुक्त होता है. इन मंत्रो का जाप करते हुए गुरु गोरखनाथ के प्रति मन में पूर्ण श्रद्धा होनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि का प्रयोग करने पर कोई भी साधक अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है. आप अपने उद्देश्य के प्रति एकाग्र हो कर अगर गोरखनाथ के उपाय करेंगे को आपको निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी.

शिव शाबर तंत्र वशीकरण मंत्र

शिव शाबर तंत्र वशीकरण मंत्र

जय शाबर मंत्र अत्यंत शक्तिशाली एवं सिद्धि होते हैं इन मंत्रों के उच्चारण मात्र से ही व्यक्ति के सारे कार्य सिद्ध होने लगते हैं इनका प्रयोग बहुत ही प्रभावी होता है इन मंत्रों की सबसे बड़ी खासियत यह है की इनका प्रभाव किस चीज रहता है तथा इनकी कोई काट निश्चित नहीं होती ।

शिव शाबर वशीकरण मंत्र
शिव शाबर वशीकरण मंत्र

भगवान शिव को अनेक रूपों अनेक नामों से जाना जाता है तथागत देवों के देव महादेव कहलाते हैं अमावस्या के बाद हम लोग सावन का पूरा मां उन्हें समर्पित करते हैं । यह महा साधना के लिए उत्तम होता है इस मंत्र की साधना एक दुर्लभ साधना है जिसका प्रभाव साधक के जीवन में उत्पन्न होने वाली सारी समस्याओं से मुक्ति दिला देता है जो शिवभक्त है उसके लिए यह साबरमती शिवाशिष है

साधना विधि

सर्वप्रथम साधना प्रारंभ करने के पूर्व संकल्प युक्त होकर बैठे हैं एवं मंत्र जाप से पूर्व दाहिने हाथ में जल लेकर संकल्प करें मैं आमुख गोत्रीय आमुख के पिता का नाम  और  मैं अपने समस्त जी दुखों का नाश करने हेतु इस साधना का प्रयोग कर  रहा हूं जिन्हें गोत्र बताना होगा अपनी जाति का उच्चारण कर सकते हैं जिनके पिता का स्वर्गवास हो गया है वह वह अपनी मां का नाम भी ले सकते हैं या किसी साधक के मां पिता दोनों दुनिया में ना रहे हो तो वह अपने गुरु का नाम भी उच्चारण कर सकते हैं

इस शिव मानस पूजा में बाहरी वस्तु या पदार्थों का उपयोग नहीं किया जाता है इस मानक पूजा की रचना आदि गुरु शंकराचार्य की थी और इसका प्रभाव अन्य मंत्रों की अपेक्षा अधिक होता है इस पूजा की यह विशेषता है कि इसमें भक्त भगवान को बिना कुछ अर्पित किए बिना मन में अपना सब कुछ सौंप देते हैं

इस पूजा को प्रारंभ अमावस्या को करते हैं तथा पूर्णिमा तक मंत्र जाप कर उसे सिद्ध किया जाता है इस मंत्र सिद्धि में साधक को पवित्र होना अति आवश्यक है मंत्र सिद्धि होने के बाद आमुख शक्तिशाली हो जाता है एवं वह मंत्र में आमुख की जगह पर अपनी समस्याओं का  उच्चारण कर सकता है जैसे भूत बाधा, तंत्र बाधा, नौकरी प्राप्ति आने वाली बाधा, व्यवसायिक बाधा, पढ़ाई में बाधाएं, विवाह में बाधा , प्रेम में बाधाएं, अन्य बाधाएं इस मंत्र का जाप उत्तर दिशा की तरफ मुख करके करना चाहिए एवं आखिरी दिन देसी घी से निर्मित हवन सामग्री हवन करें  एव १०८ आहुति दे मंत्र पूर्ण सिद्ध हो जाएगा एवं सभी बाधाएं समाप्त हो जाएंगी

मंत्र:-

रत्नैः कल्पित मासनं हिमजलैः स्नानं च दिव्यांबरं

नानारत्नविभूषितं मृगमदामोदांकितं चंदनम् ।

जाजीकचंपकबिल्वपत्ररचितं पुष्पं च धूपं तथा दीपं

देवदयनिधे पशुपते हृत्कल्पितं गृह्यताम् ॥ १ ।।

सौवर्णे मणिखंडरत्नरचिते पात्रे घृतंह पायसं भक्ष्यं

पंचविधं पयोदधियुतं रंभाफलं स्वादुदम् ।

शाकानामयुतं जलं रुचिकरं कर्पूर खंडोज्ज्वलं

तांबूलं मनसा मयय  विरचितं भक्त्या प्रभोस्वीकुरु ॥ २

करचरणकृतं वा कर्म वाक्कायजं वा

श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम् ।

विहितमविहितं वा सर्वमेतत् क्षमस्व।

शिव शाबर वशीकरण मंत्र

इस वशीकरण मंत्र का प्रयोग सोमवार के दिन अपने आवास या मंदिर में करना चाहिए इस विशेष की पूजा से किसी को भी अपने वश में किया जा सकता है कथा उसके द्वारा अपने मनवांछित कार्य कराए जा सकते हैं वशीकरण अत्यंत शक्तिशाली होता है

साधना विधि

इस विधि का प्रयोग सोमवार के दिन से प्रारंभ करना चाहिए तथा पूजन से पहले ही आवश्यक सामग्री जैसे रुद्राक्ष की माला धूप दीप तंबोली आदि एकत्र करने एवं आसन लगाकर पूर्व की ओर मुख कर कर बैठ जाए तथा हाथ में गंगाजल लेकर चारों दिशाओं का शोधन करें इस विधि में शिवलिंग का पूजन करें तथा जिस को अपने वश में करना है उसका नाम लेकर शिव से प्रार्थना करें एवं रुद्राक्ष की माला से 21 माला जब करें या विधि आपको 11 सोमवार तक करनी होगी इसके उपरांत मुट्ठी में खाद्य पदार्थ या मिष्ठान लेकर किस को वश में करना है उसका नाम लेते हुए 11 बार इस मंत्र को पढ़ कर मुट्ठी में फूंक मारें तथा उस व्यक्ति को पिला दे जिसे आप अपने वश में करना चाहते हैं वह आपके वशीभूत हो जाएगा।

सावधानी

इस मंत्र का तथा इस साधना का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए ऐसा करने वाला व्यक्ति शिव के प्रकोप का पात्र बन जाता है और स्मरण रहे केवल भह्मपिशाचिनी या जिन्न नहीं है जिसे आप अपना दास बना कर आप अपना काम निकलवा सकते हैं वह शिव है जो अंतर्यामी है वह आप की आराधना का  भी जानते हैं और आपकी अंतरात्मा को भी ।

मंत्र :-

ॐ हँससोहं परमशिवाय नमः

शिव मंत्र सिद्धि

शिव तंत्र साधना अत्यंत दुर्लभ साधना है इस साधना का प्रारंभ अमावस्या मंगलवार होली या दिवाली में किया जाता है इस साधना से कार्य अत्यंत शीघ्र पूर्ण होते हैं तथा अत्यंत दुर्लभ होने के कारण अत्यंत कठिन साधना  है इस साधना में कोई भी त्रुटि नहीं होनी चाहिए।

विधि

इस साधना के लिए दीवाली या होली का दिन अत्यंत उत्पन्न होता है तथा आप यह साधना अमावस्या को भी प्रारंभ कर सकते हैं इस साधना के लिए सर्वप्रथम स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर आसन लगाकर बैठना चाहिए ध्यान रहे कि आपको काले वस्त्र तथा काला आसन प्रयोग में लाना है सर्वप्रथम मंत्रों का अनेकों बार उच्चारण कर रुद्राक्ष की माला से  जाप करके सिद्ध करना है तथा ऐसा करने से आपकी शिव पूजा सिद्ध हो जाती है एवं साधक के समक्ष तीन देवियां कृत्याय प्रकट होती हैं एक मरणकृत्या दूसरी मोहनकृत्या तीसरी उच्चाटनकृत्या इस समय आप को सावधानी बरतनी होगी तथा  अपने मस्तिष्क से भय को दूर रखना होगा ऐसा करने से आप कि यह साधना सफल होती है तथा हजारों मील दूर के कार्य मन की गति से संपन्न होते हैं सभी तरह की आत्माओं से जनित रोग बंधन समाप्त हो जाती हैं एवं उत्तम फल की प्राप्ति होती है।

मंत्र

ॐ  क्लीम क्लीम शत्रुणाम मोहये उच्चाटये मारये वचन सिद्धि मम आज्ञा पालय पालय कृत्याम सिद्धि फट ।

शिव तंत्र साधना

विधि

इस साधना के लिए स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण कर ईशान दिशा में मुख कर बैठना चाहिए और काले वस्त्र तथा काले आसन का प्रयोग करना चाहिए आप जिस स्थान में साधना कर रहे हो वह स्थान एकांत हो इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए सर्वप्रथम शिवलिंग के समक्ष बैठकर रुद्राक्ष की माला से गणेश की पूजा करें एवं लोहे की कीलों से अपने आसन के चारों ओर एक गोल घेरा बना ले तथा  ॐ रं अग्नि प्रकाराय नमः इस मंत्र का उच्चारण करते रहे।  किलो से बना घेरा आपकी अदृश्य शक्तियों से रक्षा करेगा एवं उसके पश्चात आप महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण कर अपने मस्तक में चंदन एवं भस्म का तिलक करें तथा 11 बार मंत्र का जाप कर साधना को सिद्ध करें या साधना एक दृश्य  दिवसीय भी हो सकती है और तीन दिवसीय भी पर आप अधिक से अधिक करने का प्रयास करें जिससे आपकी समस्त इच्छाएं पूर्ण हो एवं साधना के बाद बेलपत्र दूध जल चावल वस्त्र पुष्प लड्डू का भोग लगाकर मंत्र जाप करते हुए भगवान शिव पर चढ़ाएं या कार्य करते समय आपका मुख दक्षिण दिशा की तरफ होना चाहिए।

मंत्र

ॐ ह्ण ही हूं अघोरभ्यो सर्व सिद्धि देही देही अघोरेश्वरय हूं हीँ ह्ण ।।

बबूल के पेड़ से वशीकरण

बबूल के पेड़ से वशीकरण

बबूल के पेड़ से वशीकरण, नुकीले, सख्त व लंबे कांटों से भरी टहनियों और छोटी-छोटी महीन पत्तियों वाले बबूल के पेड़ में वैसे तो आयुर्वेदिक औषधियों के कई गुण छिपे हैं, लेकिन इसका उपयोग वशीकरण साधना के लिए भी किया जाता है।

बबूल के पेड़ से वशीकरण
बबूल के पेड़ से वशीकरण

तांत्रिक साधनाओं में बबूल की चर्चा सदियों से बनी हुई है। मंत्र जाप से इसकी जड़ में नियमित पानी डालने से अगर भूत-पिशाच को वशीभूत किया जा सकता है, तो इसकी पत्तियों, टहनियों या इसके तने से निकलने वाले गोंद का किसी व्यक्ति पर वशीकरण के लिए उपयोग किया जाता है।

बबूल की जड़ः स्त्री या पुरुष के वशीकरण और रूके हुए काम को गति देने के लिए हस्त नक्षत्र में बबूल की जड़ का एक छोटा टुकड़ा तोड़ लाएं। ध्यान रहे कि उसे तोड़ते समय आपके ऊपर किसी की नजर नहीं पड़े। मंगलवार या शनिवार की सुबह सूर्योदय से ठीक पहले स्नान के बाद उत्तर दिशा की ओर एकांत स्थान पर मुंह कर बैठ जाएं।

जड़ को गौमूत्र से शुद्ध कर लें और दाएं हाथ की हथेली पर रखें। उसके बाद ध्यान की मुद्रा में नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें। ऐसा करने से जड़ अभिमंत्रित हो जाता है। अभिमंत्रित जड़ को गंगा जल से एकबार फिर शुद्ध करें। उसके बाद उसे काले या लाल मोटे धागे से दाएं हाथ की भुजा में बांध लें। जाप का मंत्र हैः-  ऊँ सुदर्शनाय हुं फट् स्वाहा!!

दूसरी साधनाः इस मंत्र के जरिए वशीकरण साधना का एक और अचूक उपाय किया जा सकता है। धनिष्ठा नक्षत्र में शनिवार को लोगों की नजर बचाकर बबूल की जड़ लाएं। उसका चूर्ण बना लें। उसे बारीक बनाने के लिए पीसें और कपड़े से छान लें। इस चूर्ण को मंत्र के 108 जाप से अभिमंत्रित कर सुरक्षित रख लें। इसे जिस किसी के सिर पर छिड़क दिया जाएगा वह वशीभूत हो जाएगा। इस प्रयोग को स्त्री या पुरुष  दोनों कर सकते हैं।

भूत का वशीकरणः भूत-पिशाच या डायन-चुड़ैल को अपने वश में करने के लिए बबूल का पेड़ उपयोगी बताया गया है। साधारण से प्रयोग और नीचे दिए गए मंत्र जाप के जरिए भूत को सम्मोहित कर उससे मित्रता की जा सकती है। हालांकि इस उपाय में निर्भिक बनना जरूरी है। इससे अदभुत और अलौकिक शक्तियां हासिल होती है, जो सकारात्मक उपयोग के लिए महत्वपूर्ण है। मान्यता है कि बबूल की टहनियों में भूत-पिशाच उलझे हुए प्यासे रहते हैं । किसी निर्जन स्थान पर बबूल के पेड़ के पास रात्री के 11 बजे के बाद जाएं।

साथ में एक लोटा पानी रख लें। पेड़े के दक्षिण दिशा की ओर मुख कर उसकी जड़ में पानी डालें और मंत्र का 108 बार जाप करें। इस प्रक्रिया को माह की अमावस्या से शुरू करते हुए 40 दिनों तक करें। नियमित रूप से ऐसा करते हुए 41वें दिन मंत्र जाप से पहले आंखें बंदकर वशीभूत भूत से अपनी मनोकामना सिद्धी की इच्छा जाहिर करें। इस तरह से बबूल के पड़े को सींचने से भूत-प्रेत की भी प्यास बुझ जाती है। इसके प्रभाव से आपके भीतर गजब का आत्मविश्वास जागृत होगा और आप निर्भय होकर मुश्किल से मुश्किल काम करने की हिम्मत जुटा लेंगे। जाप का मंत्र:-  ऊँ भूतेश्वरी मम  वश्यं कुरू कुरू स्वाहा!!!

बबूल के गांेद से स्त्री का वशीकरणः किसी मनपसंद स्त्री का वशीकरण करने के लिए बताए गए विभिन्न तांत्रिक उपायों में बबूल के गोंद का प्रयोग किया जाता है। इसकी मदद से अपनी प्रेमिका या रूठी पत्नी को वश किया जा सकता है। जिसे भी वशीभूत करना चाहते हैं पहले उसका बिंदी हासिल कर लें। उसमें बबूल के गोंद के साथ अपना बीर्य मिलाकर लगा दें।

बिंदी को तांबे की एक डिबिया में बंद कर उसे अंधेरे में मां काली की तस्वीर के सामने जमीन में गाड़ दें या उसे छिपा दें। उसके  ऊपर सरसों के तेल का दीपक जलाएं और दिए गए मंत्र का 1188 बार जाप करें। इसे 21 दिनों को भीतर पूरा करें। उसके बाद बिंदी उस स्त्री या प्रेमिका के माथे पर प्रेम पूर्वक लगा दें। ऐसा नहीं होने की स्थिति में उसे देवी की कृपा कहते हुए भेंट कर दें। जाप का मंत्र हैः-ओम नमः कालिकाय कालरूप रक्त बीज नाशिनी मम कामना पूर्ती कुरू कुरू स्वाहा!!!

बबूल की जड़ में दूधः यदि किसी की आपके ऊपर बुरी नजर है, या फिर किसी ने अपनी ओर सम्मोहित कर लिया है, तो उससे मुक्ति के लिए बबूल की जड़ को दूध से सींचने का उपाय करना चाहिए। इसके लिए रविवार की रात को एक लोटे में दूध भरकर आपने सिर के पास रखें और बुरी नजर वाले के नाश की संकल्प लेते हुए ईश्वर का ध्यान करें। इस दौरान मन ही मन गायत्री मंत्र का 11 बार जाप भी कर सकते हैं।

गायत्री मंत्र हैः- ऊँ भुर्भुवः स्व तत्स वितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धी मही धीयो यो न प्रचोदयात! सहज निद्रा का आनंद लेते हुए प्रातः सूर्योदय से पहले उठकर नित्य क्रिया से निवृत हो लें। दूध से भरा लोटा सफेद कपड़े से ढंककर ले बबूल के पेड़ के पास जाएं और उसकी जड़ में दूध डाल दें। बबूल को प्रणाम करें और अपनी तरक्की और परिश्रम करने की क्षमता बढ़ोत्तरी की मन्नत मांगे। इस पांच रविवार की रात को करे।

बबूल का पेड़ और प्रेमिका के वस्त्रः प्रेमिका को अपने सम्मोहन में लाने के लिए उसका कोई प्रिय वस्त्र और बबूल के पेड़ के साथ एक साधारण उपाय किया जा सकता है। इसके लिए लिए प्रेमिका के पहने हुए कोई वस्त्र हासिल कर लें। उसे अपने साथ रखकर उसकी अच्छी बातंे और आचरण का स्मरण करते हुए रात को सो जाएं।

इससे पहले प्रातः सूर्योदय से पहले जागने का संकल्प लें। सुबह नहा-धोकर साफ और धुले कपड़े पहनें और प्रमिका के कपड़े की पोटली बनाकर निर्जन स्थान पर स्थिति बबूल के पेड़े के पास जाएं। उसकी जड़ के बिल्कुल पास में एक गड्ढा खोदें और उसमें कपड़े को मिट्टी के नीेचे दबा दें। उसके ऊपर पत्थर रख दें और पास में सरसो या घी का दीपक जलाएं। दीपक जलाने का काम लगातार पांच दिनों तक करें। इस अचूक असर अगले दिन से ही मिलने लगेगा, जिसका अंदाजा प्रेमिका के व्यवहार मंे बदलाव से मिल जाएगा।