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भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना- एक सामान्य व्यक्ति का जीवन तमाम तरह की बिध्न-बाधाओं से भरा रहता है। कुछ आपत्तियां तो कुछ विपत्तियों का सामना करते हुए गुजरती जिंदगी में कई मौके ऐसे भी आते हैं जब मुश्किलों का हल आसानी से नहीं निकल पाता है। खासकर तब जब शत्रु के द्वारा पैदा की गई समस्याएं आफत बनकर सामने आ जाती हैं। इनसे छुटकारा पाने के लिए किए जाने वाले उपायों में तंत्र साधना को काफी उपुक्त बताया गया है। इसका जीवन में विशिष्ट महत्व है और ये दिनचर्या को सहज-सरल बनाने में काफी मददगार साबित होते हैं। यह भैरव तंत्र साधना से संभव है, जिसमें भगवान शिव की अद्भुत और विपुल शक्ति को जागृत किया जाता है।

भैरव तंत्र साधना
भैरव तंत्र साधना

हिंदू शास्त्रों के अनुसार भगवान शिव सर्वव्यापि हैं और संसार सत्व, रज और तम गुणों से मिलकर बनी हुई है। इनपर शिव का नियंत्रण रहता है। शिव में अगर आनंद और उग्रता का रूप है, तो वे सात्विक गुण से भी परिपूर्ण माने गए हैं। इन तीनों गुणों की अपार शक्ति उनके भैरव अवतार में होती है। इस बारे चली आ रही मान्यता के अनुसार भगवान शिव प्रदोषकाल में काल और कलह रूपी अंधकार से संसार की रक्षा के लिए भैरव रूप में प्रकट हुए थे। शिव महापुराण में बताया गया है- ‘‘भैरवः पूर्णरूपो हृशंकरः परात्मनः,मूढ़ास्ते वै न जानन्ति मोहिता शिवमायया।’’

इसे ही रुद्रावतार कहा गया है। रुद्रायमल तंत्र में कुल 64 भैरवों की चर्चा की गई है, लेकिन तंत्र साधन में भैरव के दस रूप ही ज्यादा उल्लेखित किए हैं और कहा गया है कि कोई भी महाविद्या तभी सिद्ध हो सकती है, यदि  भैरव के दस रूपों से संबंधित भैरव की सिद्धि नहीं कर ली जाए। हालंकि रूद्र भैरव के रूपो में 1. असितांग भैरव, 2. चण्ड भैरव, 3. रु-रु भैरव, 4. क्रोधोन्मत्त भैरव, 5. भयंकर भैरव, 6. कपाली भैरव, 7. भीषण भैरव और 8. संहार भैरव सर्वाधिक लोकप्रिय हैं। अदि शंकराचार्य ने भी अपनी पुस्तक प्रपंञ्च-सार तंत्र में भी इन्हीं आठ भैरवों की चर्चा विशेष तौर पर की है।

इस कारण भैरव के सभी स्वरूपों की पूजा फलदायी मानी गई है। भैरव का शब्दिक अर्थ भरण-पोषण करने वाला होता है। वैसे इसे अकाल मौत से बचाने वाला भी माना गया है। इनमें मुख्य तौर पर तीन रूप इस प्रकार हैंः-

  • आनंद भैरवः यह रजो गुण अर्थात राजस्व को दर्शाता है और इनमें अर्थ, धर्म व काम की सिद्धियों के फल मिलते हैं। इनके साथ भैरवी की उपासना भी तांत्रिक साधना-सिद्धि के रूप में की जाती है।
  • काल भैरवः तम गुण वाले इस स्वरूप की साधना काल-भय, संकट, दुःख और शत्रुओं से मुक्ति के लिए की जाती है। इनकी मान्यता कल्याणकारी स्वरूप में है और इनमें काल को नियंत्रित करने की अद्भुत शक्ति होती है।
  • बटुक भैरवः- इन्हें सात्विक स्वरूप के तौर पर जाना जाता है, जिनकी उपासना से सभी तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति निरोगी जीवन व्यतीत करते हुए सुख-ऐश्वर्य, पद-प्रतिष्ठा और मान-सम्मान में वृद्धि प्राप्त करता है।

भैरव तंत्र साधना

भैरव तंत्र साधना के बारे में समझने से पहले तंत्र साधना के षट्कर्म के बारे में जानना जरूरी है, जिसमें शांति कर्म, वशीकरण, स्तंभन, विद्वेषण, उच्चारण और मारण प्रयोग होते हैं। इनके अतिरिक्त मोहनं, यक्षिणी साधना और रसायन क्रिया के प्रयोग भी किए जाते हैं। ये सभी कई देवी-देवताओं की उपासना, आराधना व साधना-सिद्धि से किए जाते हैं। इन्हीं में भैरव तंत्र साधना भी है, जिसे अघोरी श्मशान में विधि-विधान के साथ संपन्न करवाते हैं। हालांकि इसे कोई भी व्यक्ति सहजता के साथ कर सकता है।

ऐसे करें भैरव साधना

प्राचीन तांत्रिक ग्रंथों में भैरव की साधना के कई तरीके बताए गए हैं, लेकिन इसके श्रेष्ठ तरीके के के अनुसार आधी रात को निम्न नियमानुसार की जानी चाहिए।

  • भैरवी की पूजा के लिए आवश्यक पूजन सामग्रियों के साथ कुछ तांत्रिक भले ही शराब को नवैद्य के रूप में महत्व देते हों, लेकिन यह दिन के अनुसार बदलता रहता है। जैसे यदि रविवार को पूजा की जाए तो चावल-दूध की खीर, सोमवार को लड्डू, मंगलवार को घी-गुड़ की बनी सामग्री, बुधवार को दही-चिवड़ा, गुरुवार को बेसन के लड्डू या हलवा, शुक्रवार को भुने हुए चने और शनिवार को उड़द के बने पकौड़े या तली हुई खाने की नमकीन सामग्रियों का भोग लगाना चाहिए।
  • पूजन की तैयारी पूरी होने पर भैरव का आवाहन् के बताए गए मंत्र का उच्चारण करें और भैरवाय नमः बोलते हुए चंदन, अक्षत, फूल, सुपारी, दक्षिणा, नवैद्य आदि के साथ धूप और दीप से आरती करें। वह मंत्र हैः- आयाहि भगवान् रुद्रो भैरवः भैरवीपतेप्रसन्नोभव देवेश नमस्तुभ्यं कृपानिधि।
  • भैरव के आवहन् के बाद काल भैरव की उपासना करते हुए बताए गए शाबर मंत्र का जाप करें। मंत्र हैः- जय काली कंकाली महाकाली के पुत काल भैरव, हुक्म है- हाजिर रहे, मेरा कहा काज तुरंत करे, काला-भैरव किल-किल करके चली आई सवारी, इसी पल इसी घड़ी यही भगत रुके, ना रुके तो तो दुहाई काली माई की, दुहाई कामरू कामाक्षा की , गुरू गोरखनाथ बाबा की आण छु वाचापुरी!!
  • भैरवी साधना किसी भी रविवार, मंगलवार या कृष्ण पक्ष की अष्टमी को आरंभ किया जा सकता है। परिधान लाल वस्त्र का होना चाहिए।
  • साधना की शुरुआत करने से पहले अपने आसन के ठीक सामने भैरव का चित्र या मूर्ति को स्थापित किया जाना चाहिए। उसके सामने आपका दक्षिण दिशा की ओर होनी चाहिए। इनकी पूजा तेल का दीपक जलाकर की जाती है। इसके अतिरिक्त गुग्गल, धूप-अगरबत्ती जलाई जा सकती है।
  • भैरव पूजा के बाद अर्पित की हुई नवैद्य सामग्री को पूजा-स्थल से बाहर नहीं ले जाना चाहिए, बल्कि उसे प्रसाद के तौर पर उसी समय सेवन करना चाहिए।
  • मंत्र जाप के लिए काली हकीक के माला का प्रयोग होना चाहिए।
  • विभिन्न उपायों के कुछ मंत्र बहुत उपयोगी होते हैं, जिनका तुरंत लाभ मिलता है। इन्हीं में एक भय नाशक मंत्र इस प्रकार हैः-ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय भयं हन्! इस मंत्र का दक्षिण दिशा मुंह कर छह माला जाप करना चाहिए।
  • शत्रु नाशक मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शत्रु नाशं कुरु! इस मंत्र को नारियल को काले कपड़े में लपेटकर भैरवी को अर्पित करना चाहिए। गुग्गल धूनी जलाते हुए पांच माला का जाप करना चाहिए।
  • जादू-टोना नाशक मंत्रः ऊँ भं भैरवाय अप्द्दुदारानाय तंत्र बाधाम नाशय नाशय! इस मंत्र का सात माल जाप करना चाहिए। इससे पहले आटे के तीन दिये जलाकर कपूर से आरती करनी चाहिए।
  • प्रतियोगिता-परीक्षा में सफलता का मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय साफल्यं देहि स्वाहाः! इस मंत्र का जाप बेसन का हलवा प्रसाद के रूप में भोग लगाने के बाद अखंड दीप जलाएं और उसे पूर्व की ओर मुख कर आठ माला का जाप करें।
  • बच्चों की सुरक्षा का मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रक्ष रक्ष! इस मंत्र का छह माला जाप मीठी रोटी का भोग लगाकर पश्चिम की ओर मुंह कर किया जाना चाहिए।
  • लंबी आयु मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय कुमारं रु रु स्वरूपाय स्वाहाः! इस मंत्र का पांच माला जाप पूरब की ओर मुख करना चाहिए। गरीबों को भोजन करवाएं।
  • बल-वृद्धि देने वाला मंत्रः ऊँ भं भैरवाय आप्द्दुदारानाय शौर्य प्रयच्छ! इस मंत्र का सात माला जाप काले कंबल पर बैठकर करना चाहिए।

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग- प्रभु दत्तात्रेय का रूप साक्षात भगवान शंकर से मिलता है। महाराज दत्तात्रेय की आराधना बहुत ही फलदायक औरशीघ्र फल देने वाली है। महाराज दत्तात्रेय तीनो ईश्वरीय शक्तियो से समाहित आजन्म ब्रह्मचारी, अवधूत, और दिगम्बर रहे थे, वे कण–कण मेंसमाए हैं और अपने भक्तों की किसी भी प्रकार के संकट में बहुत जल्दी सुध लेते हैं, यदि मन, कर्म और वाणी से महाराज दत्तात्रेय की उपासना कीजाए तो किसी भी कठिनाई का बहुत ही सरलता से अंत हो जाता है।

दत्तात्रोय तंत्र वशीकरण प्रयोग
दत्तात्रोय तंत्र वशीकरण प्रयोग

भगवान दत्तात्रेय की उपासना विधि

श्री दत्तात्रेय जी की मूर्ति, चित्र अथवा यंत्र को लाल कपडे पर स्थापित करें और चन्दन लगाकर, फूल चढाकर, नैवेद्य चढाकर धूप की धूनी देकर, आरती उतारकर पूजा करें। पूजा करते समय पहले स्तोत्र को ध्यान से पढ़ें और फिर मन्त्र का जाप करें। उनकी उपासना का प्रभाव तुरंत ही प्रारंभ होजाता है और वे शीघ्र ही भक्त को अपनी उपस्थिति का आभास देने लगते हैं। भक्तों को प्रायः साधना के समय अचानक स्फूर्ति के आने से उनकीउपस्थिति का आभास होता है। भगवान दत्तात्रेय बड़ हीे दयालू और सरल हैं, जब भी भक्त संकट में पड़ने पर उन्हें सहायता के लिए पुकारतें हैं वे तुरंतही सहायता के लिये अपनी शक्ति को भेजते है।

भगवान दत्तात्रेय की उपासना में विनियोग विधि

पूजा की शुरूआत में भगवान श्री दत्तात्रेय का आवाहन किया जाता है। इसके लिए एक साफ बर्तन में पानी लेकर पास में रखें और बायें हाथ में एकफूल और चावल के दाने लेकर इस प्रकार से विनियोग करें –

‘‘ष्ऊँ अस्य श्री दत्तात्रेय स्तोत्र मंत्रस्य भगवान नारद ऋषिरू अनुष्टुप छन्दरू,श्री दत्त परमात्मा देवतारू, श्री दत्त प्रीत्यर्थे जपे विनोयोगरूष’’

यह उच्चारण करके दाहिने हाथ में फूल और चावल लेकर भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति, चित्र या यंत्र पर सिर को झुकाकर चढ़ाएँ। इसके पश्चात हाथों कोपानी से साफ कर लें और दोनों हाथों को जोडकर उनके लिये जप स्तुति करें। जो इस प्रकार से है –

‘‘ष्जटाधरं पाण्डुरंगं शूलहस्तं कृपानिधिम। सर्व रोग हरं देव,दत्तात्रेयमहं भज’’

अपने भक्तों पर आने वाले संकटों को दत्त भगवान तुरंत दूर करते हैं और उनके जीवन में खुशहाली लाते हैं। दत्तात्रेय जयंती के दिन इन मंत्रों कास्फटिक की माला से हर रोज 108 बार मंत्र जाप करने से मनुष्य जीवन के समस्त कष्ट और संकट शीघ्र ही दूर  हो जाते हैं।

तांत्रोक्त दत्तात्रेय मंत्र–   ॐ द्रां दत्तात्रेयाय नमः

यह भगवान दत्तात्रेय का प्रिय दत्त गायत्री मंत्र है –

‘‘ॐ दिगंबराय विद्महे योगीश्रारय् धीमही तन्नो दतरू प्रचोदयात’’

एक समय ऐसा था, जब वैदिक कर्मों का, धर्म का तथा वर्णव्यवस्था का लोप हो गया था। उस समय भगवान दत्तात्रेय ही थे, जिन्होंने इन सबकापुनरूद्धार किया था।

दत्तात्रेय तंत्र में यह जिक्र भी आता है कि भगवान् शिव ने स्वयं ऋषि दत्तात्रेय को वरदान दिया था कि मैं स्वयं तीन अवस्थाओ मे भक्तों  के साथरहूँगा

  • जहाँ किसी की स्त्री का हरण हुआ हो
  • जहाँ किसी का किसी ने धन चुराया या कब्ज़ा किया हो
  • किसी ने किसी दूसरे की जमीन को अनधिकृत जप्त किया हो

उस समय मैं उस भक्त के साथ उस दुष्ट के विरुद्ध स्वयं विराजमान होता हूँ परंतु जब कोई अपनी शक्ति का दुरूपयोग या अनैतिक कर्म करे, तो मैंउस साधक का विनाश भी कर सकता हूँ। इसलिए इस लिए तंत्र विद्या का कभी दुरूपयोग नहीं करना चाहिए केवल बहुत जरुरी होने पर ही इस काप्रयोग करना चाहिए।

दत्तात्रेय तंत्र वशीकरण प्रयोग –

किसी भी बुधवार की रात को पीले वस्त्र पहनकर पीले रंग के आसन पर बैठें और आपका मुख उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए। अपने सामने एकचैकी पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर दत्तात्रेय यंत्र रखें और उस पर सिंदूर रखें। घी का एक दीपक जलाएँ और मूल मंत्र का रुद्राक्ष माला से 11 मालाका जप करें। जप के पूरा होने पर सिंदूर को एक चाँदी की डिबिया में संभालकर रख लें। अब जब भी आपको किसी व्यक्ति को अपनी बात मनवानी होया कोई काम करवाना हो, तो मंत्र का 11 बार जप करके चाँदी की डिबिया में रखे सिंदूर को अपने माथे पर लगाकर उस व्यक्ति के पास चले जाएँ, आपका कार्य अवश्य ही सफल होगा।

जिन महिलाओं के पति गलत संगत में पड़ गए हों, और उन्हें सुधारने के सभी उपाय विफल हो चुके हों, वे महिलाएँ इस सिंदूर को अपनी माँग में भरें याइसका टीका लगाएँ। उनका पति अवश्य ही सही मार्ग पर आ जाएगा। बस इस साधना को पूर्ण विश्वास और धैर्य के साथ सही प्रकार से विधिपूर्वककरें।

मंत्र – ‘‘ॐ श्रीं हृीं क्लीं ग्लौं द्राम दत्तात्रेयाय नमः’’

तंत्र को कामना की शीघ्रता से सिद्धि करने वाला कहा जाता है। भगवान् दत्तात्रेय को अवतार माना गया है। कलियुग में अमर और प्रत्यक्ष देवता के रूपमें भगवान् दत्तात्रेय का स्थान हमेशा प्रशंसित एवं प्रतिष्ठित रहेगा। दत्तात्रेय तंत्र देवाधिदेव महादेव शंकर के साथ महर्षि दत्तात्रेय का एक संवाद पत्रहै।

  • मोहन प्रयोग– ‘‘तुलसी–बीजचूर्ण तु सहदेव्य रसेन सह। रवौ यस्तिलकं कुर्यान्मोहयेत् सकलं जगत’’।

तुलसी के बीज के चूर्ण को सहदेवी के रस के साथ पीसकर तिलक के रूप में उसे माथे पर लगाएं। ऐसा करने पर उसको देखने वाला मोहित हो जाता है।

  • ‘‘हरितालं चाश्वगन्धां पेषयेत् कदलीरसे। गोरोचनेन संयुक्तं तिलके लोकमोहनम’’

हरताल तथा असगन्ध को केले के रस के साथ पीसकर उसमें गोरोचन मिलाएं तथा उसका मस्तक पर तिलक लगाएं तो उसको देखने से सामने वालाव्यक्ति मोहित हो जाता है।

  • ‘‘श्रृङ्गि–चन्दन–संयुक्तो वचा–कुष्ठ समन्वितः। धूपौ गेहे तथा वस्त्रे मुखे चैव विशेषतः। राजा प्रजा पशु–पक्षि दर्शनान्मोहकारकः। गृहीत्वामूलमाम्बूलं तिलकं लोकमोहनम।’’

काकडा सिंगी, चंदन, वच और कुष्ठ इनको मिलाकर चूर्ण बना लें और इससे बनी धूप से अपने शरीर तथा वस्त्रों पर धूप देने तथा इसी चूर्ण से तिलकलगाने पर राजा, प्रजा, पशु और पक्षी उसे देखने से ही मोहित हो जाते हैं। इसी प्रकार ताम्बूल की जड़ को घिस कर उसका तिलक करने से लोगों कोमोहन होता है।

  • ‘‘सिन्दूरं कुङ्कुमं चैव गोरोचन समन्वितम। धात्रीरसेन सम्पिष्टं तिलकं लोकमोहनम’’

सिन्दूर, केशर, और गोरोचन इन तीनों को आंवले के रस में पीसकर तिलक लगाने से लोग मोहित हो जाते हैं।

  • ‘‘सिन्दूरं च श्वेत वचा ताम्बूल रस पेषिता। अनेनैव तु मन्त्रेण तिलकं लोकनोहनम’’

सिन्दूर और सफेद वच को पान के रस में पीस कर नीचे दिए गए मंत्र से तिलक करें तो लोग मोहित हो जाते हैं।

  • अपामार्गों भृङ्गराजो लाजा च सहदेविका। एभिस्तु तिलकं कृत्वा त्रैलोक्यं मोहयेन्नरः।

अपामार्ग–ओंगा, भांगरा, लाजा, धान की खोल और सहदेवी इनको पीस कर उसका तिलक करने से व्यक्ति वांछित व्यक्ति को मोहित करने में सफलसहता है।

बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण टोटकेबॉस को वश में करनाबॉस को इम्प्रेस कैसे करे- किसी भी नौकरी में अगर बॉस अच्छा मिल जाए तो फिर ऑफिस की 90 प्रतिशत समस्याएँ अपने आप ही हल हो जाती हैं. लेकिन अच्छा बॉस मिलना एक बहुत ही कठिन काम होता है. हर बॉस चाहता है कि वह आपने ऑफिस के कर्मचारियों से ज़्यादा से ज़्यादा काम ले. एक बॉस को अपने कर्मचारी से बहुत ज़्यादा उम्मीदें होती है. ऐसे में एक बॉस से हमेशा अच्छा व्यवहार और सहयोग मिले ये ज़रूरी नही है. अगर आपके ऑफिस में भी आपको अपने बॉस के साथ तालमेल बिठाने में या उनका सहयोग पाने में परेशानी हो रही है तो आप बॉस वशीकरण का सहारा ले सकते हैं|

बॉस वशीकरण
बॉस वशीकरण

बॉस वशीकरण की सहायता से आप बहुत ही आसानी से अपने बॉस का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं और नौकरी में उन्नति और वेतन, छुट्टी, बोनस आदि में विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं. बॉस का सहयोग और समर्थन आपको अपनी नौकरी में उच्चपद प्राप्त करने में बहुत उपयोगी होता है. आप यहाँ दिए गए बॉस वशीकरण उपायों से अपने काम आसन कर सकते हैं|

अगर आप चाहते हैं कि आपका बॉस आपके वश में रहे तब होली के एक दिन बाद ये टोटका करें. होली के अगले दिन बॉस की एक फ़ोटो लेकर उसे पर थोड़ा सा शहद और घी लगा दें. अब एक कुल्लड़ लेकर इसमे थोड़ा दही डाल दें और थोड़ी सी मात्रा में होलिका की राख को भी इसमें डाल दें. अब इस कुल्लड़ को फ़ोटो के ऊपर रख दें. इसके बाद इसे किसी लाल रंग के कपड़े में बांधकर किसी ऊँचे स्थान पर रख दें. इस टोटके के प्रयोग से आपके बॉस पर आपका वशीकरण हो जायेगा और बॉस का व्यवहार आपके प्रति काफी बेहतर हो जायेगा|

आप बॉस वशीकरण के लिए ये एक छोटा सा टोटका ज़रूर करें. आपको अपने बॉस का हस्ताक्षर किया हुआ कोई भी कागज लेना होगा. जहाँ पर आपके बॉस ने हस्ताक्षर किया है वहां पर काले या लाल रंग की स्याही वाले पेन से गोल-लोग घेरा बनाते जाएँ और कल्पना करें कि बॉस को आप मोटे रस्सों से जकड़ रहे हैं. अब इस कागज को कहीं कीचड़ में गाड़ दें या फिर कहीं गड्डा करके उसके अंदर दबा दें. कुछ ही दिनों में आप अपने बॉस के व्यवहार में आश्चर्यजनक बदलाव देखेंगे|

बॉस को इम्प्रेस कैसे करे?

कौन नही चाहता कि बॉस उसकी बात को महत्व दे और उसकी बात से सहमत हो. आप एक छोटा का बॉस वशीकरण का उपाय करें. जब भी बॉस से आपकी मीटिंग हो आप घर से कुछ सरसों या राई के दाने लायें और बॉस जिस कुर्सी पर बैठते हो उसके ऊपर डाल दें. इस छोटे से उपाय से आपका बॉस आपसे सहमत होगा और आपके पक्ष में निर्णय लेने लगेगा| अगर आपके ऑफिस में कोई काम बिगड़ जाता है तो बॉस का गुस्सा होना एकदम स्वाभाविक है. कई बार किसी न किसी को बॉस के कोप का भाजन बनना पड़ता है. अगर आप चाहते हैं कि आप बॉस के गुस्से बचे रहें तो ये प्रयोग करें. आप पांच लौंग और एक नींबू लेकर उसे अपने रुमाल में बाँध लें और ऑफिस जाते समय इसे आपने जेब के अंदर रख लें. इस प्रयोग से आपकी गलती होने पर भी बॉस आपको ज़्यादा कुछ नही कह पाएंगे और माफ़ कर देंगे|

बॉस वशीकरण टोटके

आप शुक्ल पक्ष में रविवार के दिन बॉस वशीकरण का ये प्रयोग करें. इस दिन सवेरे स्नान आदि से निपट कर 5 लौंग लेकर अपने शरीर पर ऐसी जगह रखें जहाँ पर आपको पसीना अधिक आता है. अब इन लौंग को धूप में सूखा लें और पीसकर पाउडर बना लें. इस पाउडर को चाय, पानी, दूध या शरबत में मिलाकर अपने बॉस को पिला दें. इस छोटे से टोकते से बॉस को वश में करने का उपाय पूरा हो जाएगा. इसके प्रयोग के बाद आपका बॉस हर तरह से नौकरी में आपकी मदद के लिए प्रयास करने लगेगा|

अगर आपकी ये चाहत है कि आप अपने ऑफिस में चर्चित और बॉस के विश्वास पात्र बन जाएँ तो ये प्रयोग 21 दिन तक लगातार करें. आप हल्दी, गौमूत्र, पान का रस, सरसों, गौ-घृत, को एकसाथ मिलाएं और उसका अपने मस्तक पर तिलक करने के बाद ही ऑफिस जाएँ. इस प्रयोग को प्रतिदिन 21 दिन तक दोहराने पर बॉस और पूरे ऑफिस पर आपका वशीकरण हो जायेगा और आपकी तरक्की और उन्नति ने नए रास्ते खुलने लगेंगे|

आप बॉस को किसी दिन घर पर आने के लिए निमंत्रण दें. जब आपका बॉस आने के हाँ कर दें तो एक रात पहले गाय के दूध लेकर इसमें 5 इलायची, 5 लौंग और पांच सुपारी भिगो दें. जब बॉस आपके घर आये तो उन्हें खीर बनायें और उसमे ये लौंग, इलायची और सुपारी को दांत से चबाकर डाल दें. जब आपका बॉस इसे खायेगा तो उस पर आपका पूर्ण वशीकरण हो जायेगा| अगर आप शीघ्र प्रमोशन चाहते हैं तो उसके लिए ये उपाय करें. आप लगातार 40 दिनों तक हर रोज अपने बॉस का नाम लेकर एक लौंग लें और उसे जलाएं. इस टोटके को करने से आप देखेंगे कि आपका बॉस आपकी हर बात में सहमति दिखाने लगा है. इस प्रयोग से आपके प्रमोशन के अवसर बढ़ जायेंगे|

बॉस को वश में करना

अगर आपकी कुंडली में वृहष्पति कमजोर है तब आपको इसको मज़बूत करने का उपाय करना चाहिए. वृहष्पति को मज़बूत करने पर आपके अपने बॉस से संबंध सकारात्मक हो जाते हैं. आप प्रतिदिन स्नान आदि करने के बाद केसर से तिलक करें. इसके अलावा केले के सेवन से भी वृहष्पति की स्थिति मज़बूत होती है| अगर आपका बॉस कोई स्त्री है तो आपको उसे अपने पक्ष में करने हेतु इस बॉस वशीकरण टोटके को करना चाहिए. स्त्री बॉस के वशीकरण के लिए एक चांदी गिलास में थोड़ा सा पानी लेकर पी लें. इसके बाद अपनी स्त्री बॉस का नाम लेकर थोड़ा सा कपूर जला दें. इस आसान से प्रयोग से आपकी महिला बॉस पर आपके वशीकरण का प्रभाव हो जायेगा|

अब जानते हैं कि बूढ़े बॉस को इम्प्रेस कैसे करे. अगर आपका बॉस बूढ़ा है तो आपको ये आसन सा बॉस वशीकरण का टोटका करना होगा. आप एक शनि यंत्र लेकर इसकी धुप-दीप से पूजा करें और इसे अपने गले में पहन लें. इस आसन से उपाय से आपका बूढ़ा बॉस आपके वश में हो जायेगा. आप बूढ़े बॉस के वशीकरण के लिए शनि को प्रसन्न करने का हर संभव प्रयास करें. शनिवार के दिन मदिरा मांस से दूर रहें| कार्यालय में बॉस का सहयोग आपकी तरक्की के लिए बहुत ज़रूरी होता है. एक सहयोगी बॉस आपके लिए सुनहरा भविष्य और प्रसिद्धि के द्वार खोल सकता है. इसलिए यहाँ दिए गए बॉस वशीकरण के टोटके और उपायों को अवश्य आजमायें|

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ मंत्र साधनागोरखनाथ शाबर मंत्रगुरु गोरखनाथ के उपाय- गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि तीव्र असर करने वाली तंत्र विद्या के अंतर्गत आती है. इस विद्या को उपयोग में लाने से पहले आवश्यक दिशा-निर्देशों को जान लेना ज़रूरी है. प्राचीन तंत्र विद्या में भगवान शिव के मुख से निकले मंत्रो को भी शामिल किया गया है. इन मन्त्रों का असर तीव्र होता है. इसलिए गोरखनाथ विद्या का प्रयोग करने वाले को सावधानियां बरतनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि
गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि एक प्राचीन तंत्र विद्या है. इसका प्रयोग करके कोई भी साधक अपनी ज़िन्दगी में सफलता प्राप्त कर सकता है. इस वशीकरण साधना में किसी व्यक्ति को सम्मोहित करके उससे अपने अनुरूप काम करवाना जा सकता है.

गुरू गोरखनाथ चैरासी सिद्धियों में प्रमुख माने जाते हैं. इनका दूसरा नाम गोरक्षनाथ भी है. वे योगी, अवधूत, और सिद्ध हठयोगी पुरुष माने जाते हैं. गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में कुछ ख़ास मंत्र दिए गए हैं जिनके प्रयोग से आश्चर्यजनक से परिणाम प्राप्त किये जा सकते हैं. इनके द्वारा सिद्ध किया गया शाबर मंत्र अपने आप में बहुत असरदार है.

गुरु गोरखनाथ ने कई शाबर मन्त्रों की रचना की थी. नाथपंथ के अनुसार भगवान शिव को आदिनाथ भी कहा जाता है. उन्होंने तंत्र-मंत्र की विद्या भीलों को प्रदान की थी. भीलों से ये विद्या मत्स्येन्द्रनाथ तक और फिर गुरु गोरखनाथ तक पहुंची.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में शक्तिशाली शाबर मन्त्रों का प्रयोग करने से पहले गुरु गोरखनाथ को मन्त्रों से प्रसन्न करना बहुत फायदेमंद होता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

सत नमो आदेश! गुरूजी को आदेश!

ॐ गुरूजी!

डार शाबर बर्भर जागे, जागे अढ़ैया और बराट

मेरा जगाया न जाग,

 तो तेरा नरक कुंड मं वास!

दुहाई शाबरी माई की!

दुहाई शाबरनाथ की!

आदेश गुरु गोरख की!!

 

इस मंत्र के लिए एक गोबर का कंडा कर सुलगाएं. अब इस पर गुगुल डालें और इस मंत्र का उच्चारण करें. इस मंत्र को जाग्रत करने के लिए इसका 108 बार उच्चारण करें. इस विधि के अनुसार लगातार 21 दिनों तक मन्त्रों का जाप करना चाहिए.

गोरखनाथ विशिकरण सिद्धि में किसी मंत्र के द्वारा किसी को अपने वश में किया जा सकता है. वशीकरण के लिए इस मंत्र का प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र:

ओम एक नमक रमता माता, दूसरा नमक विरह से आता।

तीसरा नमक औरी-बौरी, चैथा नमक रहै कर जौरी।

यह नमक अमुक 1 खाए, अमुक 2 को छोड़ दूसरा नहीं जाए।

दुहाई पीर औलिया की, जो कहे सो सुने।

जो मांगे सो देय। दुहाई गौरा पर्वती की।

दुहाई कामख्या की। दुहाई गुरू गोरखनाथ की।

इस मंत्र में अमुक1 और अमुक2 आया है. इसके लिए जब आप मंत्र का उच्चारण करें तो अमुक1 की जगह वशीकरण करने वाले का नाम लें तथा अमुक2 की जगह जिसको वश में करना है उसका नाम लें. इस मंत्र को मुख्य रूप से किसी स्त्री को वश में करने के लिए प्रयोग किया जाता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि से जीवन साथी का वशीकरण करने के लिए पाने के पत्ते के डंठल को घिस कर तिलक लगायें. इसके प्रयोग से आपके जीवनसाथी या प्रेमी पर आपका आकर्षण सदैव बना रहेगा.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में बिगड़े हुए पति को रास्ते पर लाने के लिए भी मंत्र है. अगर किसी स्त्री का पति व्यभिचारी है और दूसरी स्त्रियों के पीछे पागल रहता है तो ये मंत्र उपयोगी होता है.

मंत्र: ओम काम मालिनी ठः ठः स्वाहा!

ओम र्हीं क्लीं कलिकुंड स्वामिनी अमृत वक्र अमुकं जुमभय मोहय स्वाहा!!

अगर आप एकसाथ कई लोगों को अपने वशीभूत करना चाहते हैं तो इसके लिए भी गोरखनाथ मंत्र साधना में मंत्र उपलब्ध हैं. अगर आप चाहते हैं हर कोई आपकी बात को महत्व दे और आपकी बातों की उपेक्षा न करे तो इस मन्त्र का जाप 108 बार करें.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम नमो भगवती मातंगेश्वरी सर्व मन रंजनी सर्वषान महातगे कुवरी के नंद नंद जिव्हे सर्व जगत वश्य मानय स्वाहा!!

गुरु गोरखनाथ के उपाय में ये मंत्र भी बहुत कारगर है. इस मंत्र का उपयोग किसी भी वशीकरण के प्रभाव को नष्ट कर देता है. वशीकरण का प्रभाव नष्ट करने के लिए सात नदी या सात कुओं से पानी ला कर वशीभूत व्यक्ति को इस मंत्र का उच्चारण करते हुए नहलाया जाता है. यह उपाय बिमारियों से भी मुक्ति दिलाता है.

गोरखनाथ वशीकरण मंत्र –

ओम वज्र में कोठा, वज्र में ताला, वज्र में बंध्या दस्ते द्वार,

तहां वज्र का लग्या किवाड़ा!

वज्र में कील, जहां से आया तहां से जावे,

जाने भेजा, जाकूं खाए, हमको फेर न सूरत दिखाए!

हाथ कुं, नाक कुं सिर कुं पीठ कुं कमर कुं छाती कुं!

जो जोखो पहुंचाए, तो गुरु गोरखना की आज्ञा फुरे!

मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र इवरोवाचा!

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि में एक अन्य बहुत ही सिद्ध मंत्र होता है. इस मन्त्र के लिए कोई विशेष विधि करने की आवश्यता नही होती है. इस मंत्र का जाप 31 बार रात के समय करना चाहिए. यह मंत्र इस प्रकार है:

ॐ नम: महादेवी सर्वकार्य सिद्धिकर्णी जो पाती पुरे,

ब्रह्म: विष्णु महेश तीन देवतन मेरी भक्ति गुरु की,

शक्ति श्री गुरु गोरखनाथ की दुहाई फुरो मंत्र ईश्वर वाचा!!

 

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि को करने के लिए आपको कुछ ज़रूरी बाते ध्यान में रखनी चाहिए. अगर आप इन बातों को ध्यान में रखकर विधिपूर्वक मंत्रो का जाप और साधना करते हैं तो आपको काफी अच्छा परिणाम बहुत ही कम समय में देखने को मिल जायेगा.

गोरखनाथ के उपाय करते समय ध्यान रहे कि आप इनका प्रयोग किसी सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए कर रहे हों. गोरखनाथ के उपायों किसी विशेष प्रकार की विधि की आवश्यता नही होती है. अपने सकारात्मक उद्देश्य की पूर्ति के लिए इनका प्रयोग आशाजनक परिणाम देता है साथ ही इनके प्रयोग से किसी के द्वारा किये गए वशीकरण के प्रभाव को नष्ट भी किया जा सकता है.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि किसी भी उम्र का व्यक्ति कर सकता है. कोई भी व्यक्ति बिना किसी सिद्ध गुरु के बैगर इन मंत्रो के जाप से लाभ प्राप्त कर सकता है. इन मंत्रो और साधनाओं को करने के लिए लाल या सफ़ेद रंग का आसन उपयुक्त होता है. इन मंत्रो का जाप करते हुए गुरु गोरखनाथ के प्रति मन में पूर्ण श्रद्धा होनी चाहिए.

गोरखनाथ वशीकरण सिद्धि का प्रयोग करने पर कोई भी साधक अपने जीवन में सफलता प्राप्त कर सकता है. आप अपने उद्देश्य के प्रति एकाग्र हो कर अगर गोरखनाथ के उपाय करेंगे को आपको निश्चित तौर पर सफलता मिलेगी.

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण, दोस्तों आज तक हमने आपको वशीकरण के बहुत सारे उपाय बताए हैं। आज हम जिस उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, उसका शीर्षक है हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण यानी कि हाथ पर नाम लिखकर कैसे किसी को वशीकरण करेंगे इस बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसके लिए आपको इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ना होगा।

अब आपको लग रहा होगा कि कैसे हाथ पर नाम लिखकर हम किसी को भी वशीकरण कर सकते हैं क्या यह संभव है तो हम आपको बता दें कि जी हां, यह बिल्कुल संभव है आप किसी को भी वशीकरण कर सकते वह भी अपने हाथ पर नाम लिखकर कैसे आइए जानते हैं-

हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण
हाथ पर नाम लिखकर वशीकरण

यह उपाय  है तो बहुत छोटा सा लेकिन है बहुत लाभकारी अगर आप बिना किसी परेशानी के इस टोटके को अपना सकते हैं तो  हम आपको दावे के साथ कह सकते कि  दुनिया में किसी भी  शख्स को आप अपने हाथ से ही वशीकरण कर सकते हैं वह भी हथेली पर उस शख्स का नाम लिखकर।

इस वशीकरण के टोटके में सिद्धि पाने के लिए आपको 2 चीजों का जुगाड़ करना पड़ेगा– पहला है इलायची और लाल स्याही वाला पेन।

इलायची और लालपेन सबसे पहले आप बाजार से जाकर खरीद कर लेकर आइए। खरीदने का कोई निश्चित समय ,निश्चित दिन नहीं है आप किसी भी दिन खरीद कर ला सकते हैं।

यदि आप बहुत गुस्से वाले प्रकृति के मानव है और आप से हमेशा कोई ना कोई रूठ जाता है तो यह टोटका आपके लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता है वह भी टोटकों  के माध्यम से आप आपके ऊपर रूठे हुए लोगों को मना सकते हैं।

इस टोटके में ऐसी शक्ति है जो आपसे रूठ कर दूर बैठे हुए व्यक्ति को भी मना सकता है और आपसे बातचीत करवा सकता है इतना ही नहीं ये टोटका आपके व्यवहार में भी बदलाव ला सकता है आप के गुस्से को भी वशीभूत कर सकता है।

हम आपको पहले भी बहुत बार बता चुके हैं कि वशीकरण एक ऐसा उपाय है जिससे किसी को भी कहीं भी कहीं से भी रहकर ही वशीकरण कर सकते हैं बस आपका उद्देश्य सही हो अगर गलत करने के लिए यह टोटका करेंगे तो आप सफल नहीं होंगे।

ज्योतिष शास्त्र के ज्योतिष आचार्यों का भी यही मानना होता है कि अगर वशीकरण के टोटके आप अच्छा करने के लिए करते हैं तो ठीक है वरना आपको उचित परिणाम भोग करना हो सकता है। आप को रात के 12:00 बजे के बजे के बाद उपाय करने से उसमें सफलता बहुत जल्दी मिलती है। वशीकरण के उपायों को इसीलिए आधे रात में ही किया जाता है क्योंकि उस वक्त परिवेश भी शांत होता है और शांत परिवेश में तो टोटका करना बहुत अच्छा होता है।

ध्यान रखे हाथ से वशीकरण के टोटके को करते वक्त आपको कोई भी ना देखे यदि आपको यह टोटका करते हुए कोई भी देख लेता है तो आपको इस टोटके में बिल्कुल भी सफलता नहीं मिलेगी इसलिए हम आपको बार-बार इसी बात पर जोर दे रहे हैं कि इस टोटके को आप को  आधी रात को ही करना है जिस वक्त सब लोग सोए हुए हो और कोई भी आपको यह टोटका करते हुए न देखे जिससे आपको आसानी से सफलता मिल सके।

अब हम आपको बता दें कि किसी भी शनिवार के दिन रात के 12:00 बजे के बाद आप दो इलायची एवं लाल पेन लेकर अपने   बाए हथेली पर उस व्यक्ति का नाम लिखिए जिस व्यक्ति को आप वशीभूत करना चाहते हैं, उस व्यक्ति का नाम लिखिए जो आप से नाराज होकर कहीं दूर चला गया और आप हमेशा के लिए चाहते कि वह व्यक्ति आपके जिंदगी में वापस आ जाए और कभी भी आपसे ना रूठे।

अब आप अपने बाए हथेली पर अपने दाहिने हथेली से उस व्यक्ति का नाम लिखे जो व्यक्ति आपसे नाराज है और उसी व्यक्ति को आप मनाने के लिए यह टोटका कर रहे हैं जैसे  रोहन ध्यान रखे आप रोहन को मनाने के लिए है यह टोटका करें जिससे वह आपसे पहले जैसा ही बात करें आप दोनों के बीच में जो भी अन- बन हुई है ,वह पूरा खत्म हो जाए इसलिए आप इस टोटके को अपना रहे हैं इसलिए नाम लिखते वक्त आपको प्रार्थना करनी है ईश्वर से की है उस पर रोहन मुझसे वशीभूत हो जाए।

उपाय को करने के बाद आपको बाए हथेली के पर नाम लिखने वाले स्थान पर उन दो इलायची को रखना है और अपने हाथ की मुट्ठी को कसकर बांध कर रखना है। मुट्ठी आपको तब तक बांध कर रखना है जब तक कि आपके हाथ से पसीना नहीं निकल जाता। ध्यान रखें जब भी आप की हाथ की मुट्ठी बंद हो तो वह इस तरीके से बंद हो जिससे उसके अंदर हवा भी ना जा पाए वरना पसीना नहीं आएगा और आप का टोटका असफल हो जाएगा।

  वशीकरण  कुरु  कुरु  स्वः

फिर इस मंत्र का जाप आपको करना पड़ेगा उपाय करने के बाद और जैसे ही आप 51 बार इस मंत्र को पढ़ ले वैसे ही आप उन दो इलायची को किसी ऐसे स्थान पर रख दीजिए जहां पर कोई ना जाए या फिर जहां पर कोई उस इलायची को ना देख सके किसी ऐसे गुप्त स्थान पर आपको इलायची को छुपा कर रखना है।

जब इलायची सूख जाए तब आप इलायची का पाउडर करके उस व्यक्ति को खिला दीजिए जो आप से रूठा हुआ है अगर वह व्यक्ति के समक्ष हुई है उसके तस्वीर में ही खिला दीजिए उससे वह व्यक्ति जल्दी-जल्दी वशीभूत हो जाएगा और आपके समक्ष वापस लौट आएगा । आप की जिंदगी में फिर से रौनक होगी, फिर से खुशियां होगी फिर से शांति होगी।

हम आशा करते हैं आपको यह उपाय समझ में आया होगा इस उपाय को करने में आपको कोई भी कठिनाई  नहीं होगी। हम दावे के साथ यह भी कह सकते हैं कि अगर आप इस उपाय को सफलतापूर्वक करेंगे और सारे विधि को ध्यान पूर्वक मानकर करेंगे तो आपको इसमें अवश्य सफलता मिलेगी।

ईश्वर से प्रार्थना करते हैं हम कि आप की जिंदगी में खुशियों की बहार हो और आप हमेशा खुश रहे हैं यह हमारी दुआ है।